[Script Info] Title: [Events] Format: Layer, Start, End, Style, Name, MarginL, MarginR, MarginV, Effect, Text Dialogue: 0,0:00:06.91,0:00:09.39,Default,,0000,0000,0000,,भाषा अन्तहीन रूप में परिवर्तनीय है। Dialogue: 0,0:00:09.39,0:00:10.76,Default,,0000,0000,0000,,हर कोई अपनी मातृभाषा में Dialogue: 0,0:00:10.76,0:00:14.13,Default,,0000,0000,0000,,अनन्त वाक्य बना सकता है Dialogue: 0,0:00:14.13,0:00:16.92,Default,,0000,0000,0000,,और वह भी बहुत ही छोटी उम्र से-- Dialogue: 0,0:00:16.92,0:00:20.38,Default,,0000,0000,0000,,लगभग जैसे ही\Nवह वाक्यों में संवाद करने लगे। Dialogue: 0,0:00:20.38,0:00:22.16,Default,,0000,0000,0000,,यह कैसे सम्भव है? Dialogue: 0,0:00:22.16,0:00:26.16,Default,,0000,0000,0000,,1950 के दशक के आरम्भ में नोअम चॉम्स्की ने\Nएक सिद्धान्त का प्रस्ताव रखा Dialogue: 0,0:00:26.16,0:00:29.40,Default,,0000,0000,0000,,जो इस पर्यवेक्षण पर आधारित था\Nकि इस बहुविज्ञता का कारण Dialogue: 0,0:00:29.40,0:00:31.46,Default,,0000,0000,0000,,व्याकरण प्रतीत होती है: Dialogue: 0,0:00:31.46,0:00:35.05,Default,,0000,0000,0000,,एक अनजाने वाक्य की\Nजानी पहचानी व्याकरण संरचना Dialogue: 0,0:00:35.05,0:00:37.36,Default,,0000,0000,0000,,हमें उसका अर्थ समझा देती है। Dialogue: 0,0:00:37.36,0:00:39.68,Default,,0000,0000,0000,,उन्होंने प्रस्तावित किया\Nकि व्याकरण के नियम Dialogue: 0,0:00:39.68,0:00:44.60,Default,,0000,0000,0000,,सब भाषाओं के लिए लागू होते हैं\Nऔर यह नियम अन्तर्जात होते हैं -- Dialogue: 0,0:00:44.60,0:00:49.79,Default,,0000,0000,0000,,मनुष्य का मस्तिष्क इन नियमों के अनुसार\Nभाषा को संसाधित करने के लिए यंत्रस्थ है। Dialogue: 0,0:00:49.79,0:00:53.17,Default,,0000,0000,0000,,उन्होंने इस आन्तरिक शक्ति को\Nसार्वभौमिक व्याकरण का नाम दिया Dialogue: 0,0:00:53.17,0:00:55.84,Default,,0000,0000,0000,,और इससे ऐसे अनुसन्धानों की शुरुआत हुई\Nजिनसे भाषा विज्ञान Dialogue: 0,0:00:55.84,0:00:59.79,Default,,0000,0000,0000,,और संज्ञानात्मक विज्ञान के\Nउभरते हुए क्षेत्र Dialogue: 0,0:00:59.79,0:01:02.06,Default,,0000,0000,0000,,दोनों को आगे आने वाले\Nकई दशकों के लिए आकार मिला। Dialogue: 0,0:01:02.06,0:01:04.70,Default,,0000,0000,0000,,चॉम्स्की और बाकी शोधकर्ताओं ने\Nसार्वभौमिक व्याकरण के Dialogue: 0,0:01:04.70,0:01:07.68,Default,,0000,0000,0000,,दो मुख्य अंगों की जाँच आरम्भ की: Dialogue: 0,0:01:07.68,0:01:10.72,Default,,0000,0000,0000,,पहला, कि क्या वास्तव में\Nव्याकरण के ऐसे नियम होते हैं Dialogue: 0,0:01:10.72,0:01:13.28,Default,,0000,0000,0000,,जो सभी भाषाओँ में समान हैं, Dialogue: 0,0:01:13.28,0:01:17.96,Default,,0000,0000,0000,,और दूसरा, कि क्या यह नियम\Nहमारे मस्तिष्क में अन्तर्जात हैं। Dialogue: 0,0:01:17.96,0:01:21.10,Default,,0000,0000,0000,,व्याकरण के सार्वभौमिक नियमों को\Nस्थापित करने के प्रयास में Dialogue: 0,0:01:21.10,0:01:23.79,Default,,0000,0000,0000,,चॉम्स्की ने एक विश्लेषणात्मक उपकरण\Nविकसित किया Dialogue: 0,0:01:23.79,0:01:26.20,Default,,0000,0000,0000,,जिसे उत्पादक वाक्य-रचना कहते हैं Dialogue: 0,0:01:26.20,0:01:29.16,Default,,0000,0000,0000,,जो किसी वाक्य में शब्दों के क्रम का वर्णन Dialogue: 0,0:01:29.16,0:01:31.56,Default,,0000,0000,0000,,उन श्रेणीबद्ध वाक्य-रचना पेड़ों में\Nकरता है Dialogue: 0,0:01:31.56,0:01:34.29,Default,,0000,0000,0000,,जो यह दिखाते हैं\Nकि कैसी संरचनाएँ सम्भव हैं। Dialogue: 0,0:01:34.29,0:01:37.93,Default,,0000,0000,0000,,इस पेड़ के आधार पर\Nहम व्याकरण का यह नियम बता सकते थे Dialogue: 0,0:01:37.93,0:01:41.03,Default,,0000,0000,0000,,कि क्रिया वाक्यांश में\Nक्रिया विशेषण होते हैं। Dialogue: 0,0:01:41.03,0:01:43.91,Default,,0000,0000,0000,,परन्तु ज़्यादा आधार-सामग्री से\Nयह शीघ्र ही स्पष्ट हो जाता है Dialogue: 0,0:01:43.91,0:01:47.22,Default,,0000,0000,0000,,कि क्रिया विशेषण, क्रिया वाक्यांशों के\Nबिना भी प्रयोग हो सकते हैं। Dialogue: 0,0:01:47.22,0:01:50.85,Default,,0000,0000,0000,,यह सहज उदाहरण\Nएक बड़ी समस्या को दर्शाता है: Dialogue: 0,0:01:50.85,0:01:54.54,Default,,0000,0000,0000,,एक भाषा की व्याकरण के\Nनियम स्थापित करने के लिए Dialogue: 0,0:01:54.54,0:01:57.08,Default,,0000,0000,0000,,उस भाषा से बहुत सारी\Nआधार-सामग्री की आवश्यकता होती है Dialogue: 0,0:01:57.08,0:01:59.61,Default,,0000,0000,0000,,इससे पहले कि हम यह निर्धारित करने की\Nशुरुआत तक कर सकें Dialogue: 0,0:01:59.61,0:02:02.70,Default,,0000,0000,0000,,कि वह कौन से नियम हैं\Nजो सब भाषाओं में समान हो सकते हैं। Dialogue: 0,0:02:02.70,0:02:05.14,Default,,0000,0000,0000,,जब चॉम्स्की ने एक\Nसार्वभौमिक व्याकरण का प्रस्ताव रखा Dialogue: 0,0:02:05.14,0:02:07.82,Default,,0000,0000,0000,,तब अधिकतर भाषाओं के\Nअभिलिखित नमूनों की संख्या Dialogue: 0,0:02:07.82,0:02:09.78,Default,,0000,0000,0000,,उत्पादक वाक्य-रचना का प्रयोग कर Dialogue: 0,0:02:09.78,0:02:12.42,Default,,0000,0000,0000,,उनका विश्लेषण करने के लिए\Nज़रूरी संख्या से बहुत कम थी। Dialogue: 0,0:02:12.42,0:02:14.02,Default,,0000,0000,0000,,बहुत सारी आधार-सामग्री होने पर भी Dialogue: 0,0:02:14.02,0:02:17.67,Default,,0000,0000,0000,,किसी भाषा की संरचना का\Nमानचित्र बनाना अत्यधिक जटिल है। Dialogue: 0,0:02:17.67,0:02:20.16,Default,,0000,0000,0000,,50 वर्षों के विश्लेषण के बाद Dialogue: 0,0:02:20.16,0:02:23.07,Default,,0000,0000,0000,,हम आज तक भी अंग्रेज़ी को\Nपूरी तरह समझ नहीं पाए हैं। Dialogue: 0,0:02:23.07,0:02:26.81,Default,,0000,0000,0000,,जैसे-जैसे ज़्यादा भाषाविद आधार-सामग्री को\Nएकत्रित कर उसका विश्लेषण किया गया Dialogue: 0,0:02:26.81,0:02:31.27,Default,,0000,0000,0000,,यह साफ़ हो गया कि दुनिया भर की\Nभाषाएँ बहुत भिन्न हैं, Dialogue: 0,0:02:31.27,0:02:35.42,Default,,0000,0000,0000,,जिसने इस सिद्धान्त को चुनौती दी\Nकि व्याकरण के नियम सार्वभौमिक होते हैं। Dialogue: 0,0:02:35.42,0:02:38.76,Default,,0000,0000,0000,,1980 के दशक में, चॉम्स्की ने\Nइस भिन्नता को समायोजित करने के प्रयास में Dialogue: 0,0:02:38.76,0:02:41.24,Default,,0000,0000,0000,,इस सिद्धान्त में संशोधन किया। Dialogue: 0,0:02:41.24,0:02:45.74,Default,,0000,0000,0000,,सिद्धान्तों और मापदण्डों की\Nउनकी नई परिकल्पना के अनुसार Dialogue: 0,0:02:45.74,0:02:48.65,Default,,0000,0000,0000,,सभी भाषाओं में\Nकुछ व्याकरण के सिद्धान्त समान थे Dialogue: 0,0:02:48.65,0:02:50.89,Default,,0000,0000,0000,,परन्तु वह अपने मापदण्डों में Dialogue: 0,0:02:50.89,0:02:53.50,Default,,0000,0000,0000,,या इन सिद्धान्तों के प्रयोग में\Nभिन्न हो सकते थे। Dialogue: 0,0:02:53.50,0:02:57.58,Default,,0000,0000,0000,,उदाहरण के लिए, एक सिद्धान्त है\N"हर वाक्य का एक कर्ता होना चाहिए," Dialogue: 0,0:02:57.58,0:03:01.92,Default,,0000,0000,0000,,पर उस कर्ता को स्पष्ट रूप से\Nबताए जाने का मापदण्ड Dialogue: 0,0:03:01.92,0:03:03.84,Default,,0000,0000,0000,,अलग-अलग भाषाओं में भिन्न हो सकता था। Dialogue: 0,0:03:03.84,0:03:06.36,Default,,0000,0000,0000,,सिद्धान्तों और मापदण्डों की परिकल्पना ने Dialogue: 0,0:03:06.36,0:03:08.28,Default,,0000,0000,0000,,फिर भी इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया Dialogue: 0,0:03:08.28,0:03:11.32,Default,,0000,0000,0000,,कि कौनसे व्याकरण के नियम\Nसार्वभौमिक होते हैं। Dialogue: 0,0:03:11.32,0:03:13.01,Default,,0000,0000,0000,,2000वीं सदी की शुरुआत में Dialogue: 0,0:03:13.01,0:03:16.40,Default,,0000,0000,0000,,चॉम्स्की ने सुझाव दिया\Nकि केवल एक ही सिद्धान्त समान है Dialogue: 0,0:03:16.40,0:03:17.98,Default,,0000,0000,0000,,जिसे प्रत्यावर्तन कहते हैं Dialogue: 0,0:03:17.98,0:03:21.57,Default,,0000,0000,0000,,जिसका अर्थ है कि संरचनाएँ\Nएक दूसरे के अन्दर समाई हो सकती हैं। Dialogue: 0,0:03:21.57,0:03:23.12,Default,,0000,0000,0000,,इस वाक्य को देखिए, Dialogue: 0,0:03:23.12,0:03:26.76,Default,,0000,0000,0000,,जो एक वाक्य को दूसरे,\Nऔर दूसरे वाक्य को तीसरे में समाए हुए है। Dialogue: 0,0:03:26.76,0:03:30.65,Default,,0000,0000,0000,,या यह वाक्य,\Nजो एक संज्ञा वाक्यांश को दूसरे, Dialogue: 0,0:03:30.65,0:03:32.41,Default,,0000,0000,0000,,और दूसरे को तीसरे में समाए हुए है। Dialogue: 0,0:03:32.41,0:03:34.55,Default,,0000,0000,0000,,प्रत्यावर्तन एक\Nसार्वभौमिक व्याकरण नियम के लिए Dialogue: 0,0:03:34.55,0:03:35.66,Default,,0000,0000,0000,,अच्छा उम्मीदवार था Dialogue: 0,0:03:35.66,0:03:38.43,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि यह बहुत से रूप धारण कर सकता है। Dialogue: 0,0:03:38.43,0:03:42.35,Default,,0000,0000,0000,,परन्तु, 2005 में भाषविदों ने\Nएक अमेजन की पिराहा नामक भाषा पर Dialogue: 0,0:03:42.35,0:03:45.18,Default,,0000,0000,0000,,निष्कर्ष प्रकाशित किए Dialogue: 0,0:03:45.18,0:03:49.18,Default,,0000,0000,0000,,जिसमें कोई प्रत्यावर्तन संरचनाएँ\Nनहीं दीखती थीं। Dialogue: 0,0:03:49.18,0:03:51.99,Default,,0000,0000,0000,,तो चॉम्स्की के सिद्धान्त के\Nदूसरे भाग का क्या Dialogue: 0,0:03:51.99,0:03:54.69,Default,,0000,0000,0000,,जो कहता था कि हमारी भाषा शक्ति\Nअन्तर्जात है? Dialogue: 0,0:03:54.69,0:03:57.70,Default,,0000,0000,0000,,जब उन्होंने पहली बार\Nसार्वभौमिक व्याकरण का सुझाव दिया था Dialogue: 0,0:03:57.70,0:04:02.42,Default,,0000,0000,0000,,तब भाषा अधिग्रहण का आनुवांशिक रूप से\Nएक निर्धारित पहलू होने के विचार का Dialogue: 0,0:04:02.42,0:04:05.38,Default,,0000,0000,0000,,एक गहरा, क्रान्तिकारी प्रभाव हुआ था। Dialogue: 0,0:04:05.38,0:04:09.68,Default,,0000,0000,0000,,इसने उस प्रमुख प्रतिमान को चुनौती दी,\Nजिसे व्यवहारवाद कहते हैं। Dialogue: 0,0:04:09.68,0:04:15.17,Default,,0000,0000,0000,,व्यवहारवादियों का तर्क था कि सभी जानवरों\Nऔर मनुष्यों के व्यवहार, और उनकी भाषा भी, Dialogue: 0,0:04:15.17,0:04:18.36,Default,,0000,0000,0000,,उनका मस्तिष्क, जिसकी शुरुआत\Nएक खाली तख़्ति के रूप में होती है, Dialogue: 0,0:04:18.36,0:04:20.93,Default,,0000,0000,0000,,बाहर से अधिग्रहण करता है। Dialogue: 0,0:04:20.93,0:04:24.54,Default,,0000,0000,0000,,आज, वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं\Nकि व्यवहारवाद ग़लत था Dialogue: 0,0:04:24.54,0:04:25.97,Default,,0000,0000,0000,,और मानते हैं कि भाषा सीखने का Dialogue: 0,0:04:25.97,0:04:28.47,Default,,0000,0000,0000,,एक अंतर्निहित,\Nआनुवंशिक रूप से सांकेतिक बना Dialogue: 0,0:04:28.47,0:04:29.93,Default,,0000,0000,0000,,जैविक तन्त्र होता है। Dialogue: 0,0:04:29.93,0:04:33.01,Default,,0000,0000,0000,,बहुत से लोग मानते हैं कि जो जीवविज्ञान\Nभाषा के लिए उत्तरदायी है Dialogue: 0,0:04:33.01,0:04:37.01,Default,,0000,0000,0000,,वही अनुभूति के पहलूओं के लिए भी। Dialogue: 0,0:04:37.01,0:04:39.50,Default,,0000,0000,0000,,तो वह चॉम्स्की के विचारों से\Nसहमत नहीं हैं Dialogue: 0,0:04:39.50,0:04:45.02,Default,,0000,0000,0000,,कि मस्तिष्क में एक विशिष्ट, पृथक,\Nसहज भाषा शक्ति होती है। Dialogue: 0,0:04:45.02,0:04:49.14,Default,,0000,0000,0000,,सार्वभौमिक व्याकरण के सिद्धान्त के कारण\Nऐसी कई भाषाओं का प्रलेखन और अध्ययन हुआ Dialogue: 0,0:04:49.14,0:04:52.24,Default,,0000,0000,0000,,जिन पर पहले कभी शोध नहीं हुआ था। Dialogue: 0,0:04:52.24,0:04:53.94,Default,,0000,0000,0000,,इसके कारण एक पुराने विचार का Dialogue: 0,0:04:53.94,0:04:57.15,Default,,0000,0000,0000,,पुनर्मूल्यांकन कर\Nउसे अंततः उखाड़ फेंका गया Dialogue: 0,0:04:57.15,0:05:01.55,Default,,0000,0000,0000,,जिससे हम मनुष्य के मस्तिष्क के बारे में\Nअपनी समझ को बढ़ाने के योग्य बन पाए।