1 00:00:00,000 --> 00:00:02,000 तो सुरक्षा दो अलग बातें हैं : 2 00:00:02,000 --> 00:00:04,000 ये एक तरफ एहसास है और दूसरी तरफ सच्चाई 3 00:00:04,000 --> 00:00:06,000 और वो अलग अलग हैं 4 00:00:06,000 --> 00:00:08,000 आप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं 5 00:00:08,000 --> 00:00:10,000 भले ही आप ना हो 6 00:00:10,000 --> 00:00:12,000 और आप सुरक्षित हो सकते हैं 7 00:00:12,000 --> 00:00:14,000 भले ही आप ऐसा महसूस ना करें 8 00:00:14,000 --> 00:00:16,000 सच में हमारे पास दो अलग धारणाये हैं 9 00:00:16,000 --> 00:00:18,000 जो कि एक ही शब्द से जुड़े हैं 10 00:00:18,000 --> 00:00:20,000 और मैं इस व्याख्यान में इन्हें 11 00:00:20,000 --> 00:00:22,000 अलग अलग करना चाहता हूँ 12 00:00:22,000 --> 00:00:24,000 ये पता लगाऊं कि वो कब अलग अलग होते हैं 13 00:00:24,000 --> 00:00:26,000 और कैसे मिल जाते हैं 14 00:00:26,000 --> 00:00:28,000 और भाषा यहाँ पे एक समस्या है| 15 00:00:28,000 --> 00:00:30,000 बहुत सारे शब्द उपलब्ध नहीं हैं उन धारणाओ 16 00:00:30,000 --> 00:00:33,000 के लिए जिनके बारे में हम बातें करने वाले है| 17 00:00:33,000 --> 00:00:35,000 तो अगर आप सुरक्षा के बारे में सोचें 18 00:00:35,000 --> 00:00:37,000 आर्थिक रूप में 19 00:00:37,000 --> 00:00:39,000 यह चीज़ो को चुनने की दुविधा हैं 20 00:00:39,000 --> 00:00:41,000 हर बार जब आपको सुरक्षा मिलेगी, 21 00:00:41,000 --> 00:00:43,000 उसके बदले में आप कुछ और दे रहे होंगे 22 00:00:43,000 --> 00:00:45,000 चाहे ये आपका व्यक्तिगत निर्णय हो 23 00:00:45,000 --> 00:00:47,000 चाहे आप अपने घर में चोरी से बचने वाला अलार्म लगवाने वाले हो, 24 00:00:47,000 --> 00:00:50,000 या फिर राष्ट्रीय फैसला जहाँ आप दुसरे देश पे आक्रमण करने वाले हो, 25 00:00:50,000 --> 00:00:52,000 उसके बदले में आप कुछ न कुछ दे रहे होंगे | 26 00:00:52,000 --> 00:00:55,000 चाहे पैसा हो, समय हो, सहूलियत हो या योग्यता हो 27 00:00:55,000 --> 00:00:58,000 या शायद आधारभूत स्वतंत्रता 28 00:00:58,000 --> 00:01:01,000 और जो सवाल हमे पूछना चाहिए जब हम सुरक्षा के बारे में सोचते हैं, 29 00:01:01,000 --> 00:01:04,000 ये नहीं कि ये हमे सुरक्षित बनाएगा, 30 00:01:04,000 --> 00:01:07,000 पर ये कि क्या ये इस लायक हैं कि हम इसके बदले किसी दूसरी चीज़ को दे दे | 31 00:01:07,000 --> 00:01:09,000 आपने सुना होगा पिछले कई सालो में, 32 00:01:09,000 --> 00:01:11,000 दुनिया सुरक्षित हो गई है क्यूंकि सद्दाम हुस्सेन सत्ता में नहीं हैं 33 00:01:11,000 --> 00:01:14,000 ये सच हो सकता है लेकिन पूरी तरह से तर्क संगत नहीं है| 34 00:01:14,000 --> 00:01:17,000 सवाल यह कि क्या यह इस योग्य था? 35 00:01:17,000 --> 00:01:20,000 और आप खुद के निर्णय ले सकते हैं, 36 00:01:20,000 --> 00:01:22,000 और उसके बाद फैसला कर सकते हैं कि क्या ये आक्रमण सही था 37 00:01:22,000 --> 00:01:24,000 आप सुरक्षा के बारे में ऐसे सोचते हैं 38 00:01:24,000 --> 00:01:26,000 व्यापारिक लेन देन के रूप में 39 00:01:26,000 --> 00:01:29,000 अब यहाँ सामान्यत: कोई सही या गलत नहीं होता 40 00:01:29,000 --> 00:01:31,000 हमसे कुछ लोगों के यहाँ चोर अलार्म होता हैं 41 00:01:31,000 --> 00:01:33,000 कुछ के यहाँ पर नहीं| 42 00:01:33,000 --> 00:01:35,000 और ये निर्भर करता है हम कहाँ रहते हैं, 43 00:01:35,000 --> 00:01:37,000 क्या हम अकेले रहते हैं या फिर परिवार के साथ, 44 00:01:37,000 --> 00:01:39,000 हमारे पास कितने अच्छे अच्छे सामान हैं, 45 00:01:39,000 --> 00:01:41,000 हम किस हद तक तैयार हैं 46 00:01:41,000 --> 00:01:43,000 चोरी का खतरा उठाने को 47 00:01:43,000 --> 00:01:45,000 राजनीति में भी 48 00:01:45,000 --> 00:01:47,000 अलग अलग विचार हैं, 49 00:01:47,000 --> 00:01:49,000 ज्यादातर समय विनिमय की ये दुविधा 50 00:01:49,000 --> 00:01:51,000 सुरक्षा के अलावा दुसरे कारणों से होते हैं, 51 00:01:51,000 --> 00:01:53,000 और मैं ये सोचता हूँ कि ये बहुत जरुरी हैं| 52 00:01:53,000 --> 00:01:55,000 अब लोगों के पास पाकृतिक ज्ञान हैं 53 00:01:55,000 --> 00:01:57,000 इस विनिमय का, 54 00:01:57,000 --> 00:01:59,000 हम ये हर दिन करते हैं जैसे कि, 55 00:01:59,000 --> 00:02:01,000 कल रात जब मैंने अपने होटल रूम 56 00:02:01,000 --> 00:02:03,000 के दरवाजे को दुबारा बंद किया, 57 00:02:03,000 --> 00:02:05,000 या आपने अपनी कार में किया जब आप यहाँ पर पहुंचे, 58 00:02:05,000 --> 00:02:07,000 या जब हम खाना खाने जाते हैं 59 00:02:07,000 --> 00:02:10,000 और सोचते हैं की खाना अच्छा है तो हम खा लेंगे | 60 00:02:10,000 --> 00:02:12,000 हम ये विनिमय बार बार करते हैं 61 00:02:12,000 --> 00:02:14,000 दिन में कई बार| 62 00:02:14,000 --> 00:02:16,000 हम कई बार इन पर ध्यान भी नहीं देते हैं| 63 00:02:16,000 --> 00:02:18,000 ये तो बस एक हिस्सा है जीवित होने का, हम सब करते हैं| 64 00:02:18,000 --> 00:02:21,000 हर प्रजाति करती हैं| 65 00:02:21,000 --> 00:02:23,000 कल्पना कीजिये एक खरगोश मैदान में घास खा रहा हैं, 66 00:02:23,000 --> 00:02:26,000 अब अगर खरगोश लोमड़ी को देखता है| 67 00:02:26,000 --> 00:02:28,000 तो वो तुरंत एक सुरक्षा विनिमय करेगा, 68 00:02:28,000 --> 00:02:30,000 "मैं यहाँ रुकूं?" या "मै यहाँ से भाग जाऊ?" 69 00:02:30,000 --> 00:02:32,000 और अगर आप इस बारें में सोचे 70 00:02:32,000 --> 00:02:35,000 तो वो खरगोश जो अच्छे होते हैं इस तरह के विनिमय में वो 71 00:02:35,000 --> 00:02:37,000 ज्यादा समय तक जिन्दा रहते हैं और प्रजनन करते हैं| 72 00:02:37,000 --> 00:02:39,000 और वो खरगोश जो अच्छे नहीं होते हैं वो 73 00:02:39,000 --> 00:02:41,000 या तो शिकार बन जाते हैं या भूख से मर जाते हैं| 74 00:02:41,000 --> 00:02:43,000 तो अब आप सोचेंगे, 75 00:02:43,000 --> 00:02:46,000 कि हम, सफल प्रजाति होने के नाते, 76 00:02:46,000 --> 00:02:48,000 आप, मैं, हम सब 77 00:02:48,000 --> 00:02:51,000 इस तरह के विनिमय में बहुत अच्छे हैं | 78 00:02:51,000 --> 00:02:53,000 ऐसा होने पर भी बार बार प्रतीत होता है, 79 00:02:53,000 --> 00:02:56,000 कि हम लोग निराशापूर्ण रूप से अच्छे नहीं हैं| 80 00:02:56,000 --> 00:02:59,000 और मैं ये सोचता हूँ कि ये एक आधारभूत रोचक सवाल है| 81 00:02:59,000 --> 00:03:01,000 मैं आपको बहुत ही छोटा सा जवाब दूंगा| 82 00:03:01,000 --> 00:03:03,000 जवाब यह है कि हम लोग प्रतिक्रिया करते है सुरक्षा की भावना पर 83 00:03:03,000 --> 00:03:06,000 ना कि सुरक्षा की सच्चाई पर | 84 00:03:06,000 --> 00:03:09,000 हाँ ज्यादातर समय ये काम करती हैं | 85 00:03:10,000 --> 00:03:12,000 क्यूंकि ज्यादातर समय 86 00:03:12,000 --> 00:03:15,000 सुरक्षा की भावना और सुरक्षा की सच्चाई एक सी ही होती हैं | 87 00:03:15,000 --> 00:03:17,000 निश्चित तौर पे ये सच हैं 88 00:03:17,000 --> 00:03:20,000 ज्यादातर प्रागतिहासिक मानव के लिए | 89 00:03:20,000 --> 00:03:23,000 हमने ये योग्यता विकसित की हैं 90 00:03:23,000 --> 00:03:25,000 क्यूंकि ये हमारे विकसित होने से जुड़ी हुई है | 91 00:03:25,000 --> 00:03:27,000 एक तरीका ऐसे सोचने का हैं 92 00:03:27,000 --> 00:03:29,000 कि हम लोग बहुत ही ज्यादा परिष्कृत हैं 93 00:03:29,000 --> 00:03:31,000 ऐसे खतरों से भरे निर्णय लेने में 94 00:03:31,000 --> 00:03:34,000 जो छोटे परिवारों में रहने वालो के लिए रोजमर्रा की बात होती थी 95 00:03:34,000 --> 00:03:37,000 १०००० इ पूर्व, पूर्वी अफ्रीकन मैदोनो में -- 96 00:03:37,000 --> 00:03:40,000 २०१० में न्यू योर्क इस तरह का नहीं हैं | 97 00:03:41,000 --> 00:03:44,000 अब खतरे को समझना बहुत तरह से पक्षपात पूर्ण है | 98 00:03:44,000 --> 00:03:46,000 बहुत सारे अच्छे प्रयोग हुए हैं| 99 00:03:46,000 --> 00:03:49,000 और आप देख सकते हैं इस पक्षपात ( झुकाव ) को बार बार आते हुए | 100 00:03:49,000 --> 00:03:51,000 तो मैं आपको चार प्रयोग बताऊंगा | 101 00:03:51,000 --> 00:03:54,000 हमारा झुकाव होता हैं असाधारण और विरले खतरों को बढ़ा चढ़ा कर बताने की ओर 102 00:03:54,000 --> 00:03:56,000 और सामान्य खतरों की अहमियत कम करने की ओर, 103 00:03:56,000 --> 00:03:59,000 जैसे हवाई जहाज की अपेक्षा कार का सफ़र | 104 00:03:59,000 --> 00:04:01,000 अनजाने खतरों को हम परिचित खतरों से 105 00:04:01,000 --> 00:04:04,000 ज्यादा खतरनाक समझते हैं 106 00:04:05,000 --> 00:04:07,000 एक उदाहरण हो सकता है 107 00:04:07,000 --> 00:04:10,000 कि लोग अनजान लोगो के द्वारा अपहरण से डरते हैं, 108 00:04:10,000 --> 00:04:13,000 जबकि आंकड़े बतलाते हैं कि रिश्तेदारों के द्वारा अपहरण होना ज्यादा सामान्य है | 109 00:04:13,000 --> 00:04:15,000 यह आंकड़े बच्चो के लिए हैं| 110 00:04:15,000 --> 00:04:18,000 तीसरा, खतरे जिन्हें चेहरे दिए गए हो 111 00:04:18,000 --> 00:04:21,000 गुमनाम खतरे की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक लगते हैं 112 00:04:21,000 --> 00:04:24,000 तो बिन लादेन डरावना है क्यूंकि उसका नाम है| 113 00:04:24,000 --> 00:04:26,000 और चौथा, 114 00:04:26,000 --> 00:04:28,000 लोग खतरों को कम कर के आंकते हैं 115 00:04:28,000 --> 00:04:30,000 उन परिस्थितिओ में जिनको वो नियंत्रित कर सकते हैं 116 00:04:30,000 --> 00:04:34,000 और बढ़ा चढ़ा कर आंकते है उन परिस्थितिओ में जिनको वो नियंत्रित नहीं कर सकते हैं | 117 00:04:34,000 --> 00:04:37,000 तो जब आप स्काय डाइविंग या धुम्रपान के लिए जाते हैं 118 00:04:37,000 --> 00:04:39,000 आप खतरों को कम कर के आंकते हैं | 119 00:04:39,000 --> 00:04:42,000 अगर आप पर कोई खतरा थोपा जाता हैं जैसे कि आतंकवाद एक अच्छा उदहारण हैं 120 00:04:42,000 --> 00:04:45,000 तो आप बढ़ा चढ़ा कर प्रतिक्रिया देते हैं, क्युकि आपको ये आपके नियंत्रण में नहीं लगता हैं | 121 00:04:47,000 --> 00:04:50,000 ऐसे ही बहुत सारे पक्षपात करते हैं विशेषतः दिमागी पक्षपात 122 00:04:50,000 --> 00:04:53,000 जो हमारे खतरों से जुड़े निर्णयों पर प्रभाव डालते हैं | 123 00:04:53,000 --> 00:04:55,000 हमारे पास अपने अनुभव की उपलब्धता हैं 124 00:04:55,000 --> 00:04:57,000 जिसका असल में मतलब हैं कि, 125 00:04:57,000 --> 00:05:00,000 हम किसी चीज़ के होने की प्रायिकता का अनुमान 126 00:05:00,000 --> 00:05:04,000 इस बात से लगाते हैं कि उससे जुड़ी घटनाओ को कितनी सरलता से हम सोच सकते हैं 127 00:05:04,000 --> 00:05:06,000 तो आप ये कल्पना कर सकते हैं कि ये कैसे काम करती हैं, 128 00:05:06,000 --> 00:05:09,000 जैसे कि अगर आपने बाघों के आक्रमण के बारे में बहुत सुना हैं तो बहुत सारे बाघ आस पास ही होंगे 129 00:05:09,000 --> 00:05:12,000 अगर आपने शेरो के आक्रमण के बारे में नहीं सुना है तो बहुत सारे शेर आस पास नही होंगे | 130 00:05:12,000 --> 00:05:15,000 यह काम करता हैं जब तक समाचार पत्र इजाद नहीं हुए थे | 131 00:05:15,000 --> 00:05:17,000 क्यूंकि समाचार् पत्र जो करते हैं वो ये 132 00:05:17,000 --> 00:05:19,000 कि वो बार बार दुहराते हैं 133 00:05:19,000 --> 00:05:21,000 विरले खतरों को| 134 00:05:21,000 --> 00:05:23,000 मैं लोगो से कहता हूँ कि अगर ये समाचार हैं तो इससे डरने की जरुरत नहीं 135 00:05:23,000 --> 00:05:25,000 क्यूंकि परिभाषा से 136 00:05:25,000 --> 00:05:28,000 समाचार वो हैं जो ज्यादातर कभी भी घटित नहीं होता| 137 00:05:28,000 --> 00:05:30,000 ( हंसी ) 138 00:05:30,000 --> 00:05:33,000 जब चीज़े इतनी सामान्य हो जाये तो वो समाचार नहीं रह जाती, 139 00:05:33,000 --> 00:05:35,000 कार का टकराना, घरेलु हिंसा 140 00:05:35,000 --> 00:05:38,000 ये सारे खतरें हैं जिनकी आपको चिंता करनी चाहिए | 141 00:05:38,000 --> 00:05:40,000 हम भी कहानी बताने वालों की प्रजाति हैं, 142 00:05:40,000 --> 00:05:43,000 हम आंकड़ो की अपेक्षा कहनियों पर ज्यादा प्रतिक्रिया देते हैं 143 00:05:43,000 --> 00:05:45,000 और कुछ मूलभूत अज्ञानता अभी भी चल रही हैं | 144 00:05:45,000 --> 00:05:48,000 मेरा मतलब हैं कि चुटकुला "एक, दो, तीन और कई" कुछ हद तक सही हैं 145 00:05:48,000 --> 00:05:51,000 हम छोटे संख्याओ पर बहुत अच्छे हैं, 146 00:05:51,000 --> 00:05:53,000 एक आम, दो आम, तीन आम, 147 00:05:53,000 --> 00:05:55,000 १०००० आम, १००००० आम, 148 00:05:55,000 --> 00:05:58,000 अभी भी बहुत से आम हैं जिन्हें ख़राब होने के पहले खाया जा सकता है 149 00:05:58,000 --> 00:06:01,000 तो १/२ , १/४, १/५ हम इनमे अच्छे हैं | 150 00:06:01,000 --> 00:06:03,000 लाखो में एक, करोड़ो में एक 151 00:06:03,000 --> 00:06:06,000 ये दोनों लगभग कभी नहीं होते | 152 00:06:06,000 --> 00:06:08,000 तो हमे उन खतरों से परेशानी होती हैं 153 00:06:08,000 --> 00:06:10,000 जो इतने सामान्य नहीं हैं | 154 00:06:10,000 --> 00:06:12,000 और ये दिमागी पक्षपात हमारे और सच्चाई के 155 00:06:12,000 --> 00:06:15,000 बीच में छलनी की तरह कार्य करता हैं | 156 00:06:15,000 --> 00:06:17,000 और परिणाम ये कि 157 00:06:17,000 --> 00:06:19,000 जब अचानक अहसास और सच्चाई बाहर आते हैं 158 00:06:19,000 --> 00:06:22,000 तो वो अलग अलग होते हैं| 159 00:06:22,000 --> 00:06:25,000 तो अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होने का अहसास हो सकता हैं 160 00:06:25,000 --> 00:06:27,000 सुरक्षित होने का एक झूठा भाव 161 00:06:27,000 --> 00:06:29,000 या फिर दूसरी तरफ 162 00:06:29,000 --> 00:06:31,000 असुरक्षित होने का एक झूठा भाव 163 00:06:31,000 --> 00:06:34,000 मैंने "सुरक्षित थेअटर" के बारे में बहुत लिखा है 164 00:06:34,000 --> 00:06:37,000 जो ऐसे उत्पाद हैं जो लोगों को महसूस कराते हैं कि वो सुरक्षित हैं, 165 00:06:37,000 --> 00:06:39,000 जबकि वास्तविकता में वो कुछ नहीं करते | 166 00:06:39,000 --> 00:06:41,000 ऐसी चीज़ के लिए कोई भी शब्द नहीं हैं जो हमे सुरक्षित तो करे 167 00:06:41,000 --> 00:06:43,000 लेकिन सुरक्षित होने का अहसास ना कराये | 168 00:06:43,000 --> 00:06:46,000 शायद हमारे लिए सी. आई. ऐ. का यही काम हैं 169 00:06:48,000 --> 00:06:50,000 तो वापस चलते हैं अर्थशास्त्र की तरफ 170 00:06:50,000 --> 00:06:54,000 यदि अर्थशास्त्र, यदि बाज़ार, चलाते हैं सुरक्षा को 171 00:06:54,000 --> 00:06:56,000 और यदि लोग विनिमय करते हैं 172 00:06:56,000 --> 00:06:59,000 अपने सुरक्षित होने के अहसास के आधार पर, 173 00:06:59,000 --> 00:07:01,000 तब जो समझदारी भरा काम जो कंपनियां कर सकती हैं, 174 00:07:01,000 --> 00:07:03,000 आर्थिक फायदों के लिए 175 00:07:03,000 --> 00:07:06,000 वो ये कि वो लोगों को सुरक्षित महसूस कराये | 176 00:07:06,000 --> 00:07:09,000 और ये करने के दो तरीके हैं 177 00:07:09,000 --> 00:07:11,000 पहला कि आप लोगों को असलियत में सुरक्षित रखे 178 00:07:11,000 --> 00:07:13,000 और उम्मीद रखे कि उन्हें पता चले | 179 00:07:13,000 --> 00:07:16,000 या दूसरा कि आप लोगों को बस सुरक्षित महसूस कराये 180 00:07:16,000 --> 00:07:19,000 और ये उम्मीद रखे कि उन्हें पता नहीं चले | 181 00:07:20,000 --> 00:07:23,000 तो ऐसा क्या हैं जिससे लोग को पता चलता हैं? 182 00:07:23,000 --> 00:07:25,000 कई चीज़ों से : 183 00:07:25,000 --> 00:07:27,000 सुरक्षा की समझ, 184 00:07:27,000 --> 00:07:29,000 खतरों की समझ, आतंक की समझ, 185 00:07:29,000 --> 00:07:32,000 और उपायों की, वो कैसे काम करते हैं| 186 00:07:32,000 --> 00:07:34,000 लेकिन अगर आप चीज़ों को समझते हैं 187 00:07:34,000 --> 00:07:37,000 तब ज्यादा सम्भावना हैं कि आपके अहसास सच्चाई के जैसे ही होंगे | 188 00:07:37,000 --> 00:07:40,000 पर्याप्त वास्तविक उदहारण मदद करेंगे| 189 00:07:40,000 --> 00:07:43,000 अभी हम सब अपने आस पड़ोस में जुर्म की दर जानते हैं, 190 00:07:43,000 --> 00:07:46,000 क्यूंकि हम वहां रहते हैं और हमे वहां का अहसास है 191 00:07:46,000 --> 00:07:49,000 जो सच्चाई के साथ बिलकुल सही बैठता है | 192 00:07:49,000 --> 00:07:52,000 तो सुरक्षा के थेअटर का तब पर्दाफाश हो जाता हैं 193 00:07:52,000 --> 00:07:55,000 जब ये साफ़ हो जाये कि ये ठीक से काम नहीं कर रहा | 194 00:07:55,000 --> 00:07:59,000 अच्छा तो ऐसा क्या हैं जिससे लोगों को पता नहीं चलता, 195 00:07:59,000 --> 00:08:01,000 तंत्र की कम समझ 196 00:08:01,000 --> 00:08:04,000 यदि आप खतरों को नहीं समझेंगे तो आप कीमत नहीं समझेंगे 197 00:08:04,000 --> 00:08:06,000 और संभवत: गलत विनिमय करेंगे | 198 00:08:06,000 --> 00:08:09,000 और आपका अहसास सच्चाई के जैसा नहीं होगा | 199 00:08:09,000 --> 00:08:11,000 ज्यादा पर्याप्त उदहारण नहीं हैं | 200 00:08:11,000 --> 00:08:13,000 ये कम प्रायिकता वाली घटनायो के साथ 201 00:08:13,000 --> 00:08:15,000 एक अंदरूनी समस्या हैं | 202 00:08:15,000 --> 00:08:17,000 उदहारण के लिए, 203 00:08:17,000 --> 00:08:19,000 आतंकवाद लग भग नहीं के बराबर ही घटित होता है, 204 00:08:19,000 --> 00:08:21,000 तो आतंकवाद विरोधी उपायों 205 00:08:21,000 --> 00:08:24,000 के प्रभाविकता का आंकलन करना बहुत ही कठिन है | 206 00:08:25,000 --> 00:08:28,000 इसीलिए तो आप virgins का बलिदान देते आ रहे हैं 207 00:08:28,000 --> 00:08:31,000 और इसीलिए तो आपका unicorn पे आधारित बचाव बहुत अच्छा काम कर रहा है | 208 00:08:31,000 --> 00:08:34,000 यहाँ असफलता के बहुत पर्याप्त उदहारण नहीं हैं| 209 00:08:35,000 --> 00:08:38,000 साथ ही साथ भावनाए जो धुंधला कर रही हैं, जैसे की , 210 00:08:38,000 --> 00:08:40,000 दिमागी पक्षपात, जिसके बारे में मैंने पहले बात की, 211 00:08:40,000 --> 00:08:43,000 डर, स्थानीय विश्वास, 212 00:08:43,000 --> 00:08:46,000 वो असल में सच्चाई का एक अपर्याप्त नमूना है | 213 00:08:47,000 --> 00:08:50,000 तो मुझे चीज़ों को जटिल बनाने दे | 214 00:08:50,000 --> 00:08:52,000 मेरे पास अहसास और सच्चाई हैं | 215 00:08:52,000 --> 00:08:55,000 अब मैं एक तीसरा अवयव जोड़ना चाहता हूँ | मैं "नमूना" जोड़ना चाहूँगा | 216 00:08:55,000 --> 00:08:57,000 अहसास और नमूना हमारे दिमाग में और 217 00:08:57,000 --> 00:08:59,000 सच्चाई बाहर दुनिया में | 218 00:08:59,000 --> 00:09:02,000 ये नहीं बदलती हैं, ये सच हैं | 219 00:09:02,000 --> 00:09:04,000 तो अहसास हमारे सहज ज्ञान पर आधारित हैं| 220 00:09:04,000 --> 00:09:06,000 नमूना तर्क पर आधारित हैं | 221 00:09:06,000 --> 00:09:09,000 इन दोनों के बीच में यही मूल भिन्नता हैं | 222 00:09:09,000 --> 00:09:11,000 आदिम और सरल दुनिया में 223 00:09:11,000 --> 00:09:14,000 नमूने के लिए वास्तविकता में कोई तर्क नहीं है | 224 00:09:14,000 --> 00:09:17,000 क्यूंकि अहसास सच्चाई के बहुत करीब है | 225 00:09:17,000 --> 00:09:19,000 तो आपको नमूने की जरुरत नहीं है | 226 00:09:19,000 --> 00:09:21,000 लेकिन एक नए और जटिल दुनिया में 227 00:09:21,000 --> 00:09:23,000 आपको नमूनों की जरुरत हैं - 228 00:09:23,000 --> 00:09:26,000 उन खतरों को समझने के लिए जिनका हम सामना करते हैं | 229 00:09:27,000 --> 00:09:29,000 जीवाणुओं के लिए हममे कोई अहसास नहीं होता | 230 00:09:29,000 --> 00:09:32,000 आपको एक नमूने की जरुरत होगी उन्हें समझने के लिए | 231 00:09:32,000 --> 00:09:34,000 तो ये नमूना 232 00:09:34,000 --> 00:09:37,000 सच्चाई का एक समझदारी भरा प्रस्तुतीकरण है | 233 00:09:37,000 --> 00:09:40,000 ये, बिलकुल बंधा हुआ है विज्ञान से, 234 00:09:40,000 --> 00:09:42,000 तकनीक से | 235 00:09:42,000 --> 00:09:45,000 जीवाणुओं को देखने के लिए, माइक्रोस्कोप का इजाद होने से पहले 236 00:09:45,000 --> 00:09:48,000 हमारे पास बीमारियों के लिए जीवाणु का सिद्धांत नहीं हो सकता था 237 00:09:49,000 --> 00:09:52,000 ये बंधा हुआ है हमारे दिमागी पक्षपात से | 238 00:09:52,000 --> 00:09:54,000 लेकिन इसके पास योग्यता है कि 239 00:09:54,000 --> 00:09:56,000 ये हमारे अहसासों को रद्द कर सकता है | 240 00:09:56,000 --> 00:09:59,000 तो ये नमूने हमको कहाँ से मिलेंगे? हमको ये दूसरो से मिलते हैं | 241 00:09:59,000 --> 00:10:02,000 हमे धर्मं, संस्कृति, शिक्षक और बड़े बुजुर्गो 242 00:10:02,000 --> 00:10:04,000 से ये नमूने मिलते हैं | 243 00:10:04,000 --> 00:10:06,000 कुछ साल पहले 244 00:10:06,000 --> 00:10:08,000 मैं द. अफ्रीका में जंगल की सैर पर था, 245 00:10:08,000 --> 00:10:11,000 मैं जिस शिकारी के साथ था वो क्रूगर राष्ट्रीय पार्क में बड़ा हुआ था, 246 00:10:11,000 --> 00:10:14,000 उसके पास जंगल में जीवन को बचाने के बहुत ही जटिल नमूने थे 247 00:10:14,000 --> 00:10:16,000 और ये निर्भर करते हैं कि अगर आप पर हमला 248 00:10:16,000 --> 00:10:18,000 किसी शेर ने या तेंदुआ ने या गेंडे ने या एक हाथी ने किया हैं -- 249 00:10:18,000 --> 00:10:21,000 और कब आपको भागना होगा और कब आपको किसी पेड़ पे चढ़ना होगा | 250 00:10:21,000 --> 00:10:23,000 जब आप पेड़ पर कभी चढ़ ही नहीं सकते 251 00:10:23,000 --> 00:10:26,000 तो मैं वहां एक दिन में मर गया होता, 252 00:10:26,000 --> 00:10:28,000 लेकिन वो वहां पैदा हुआ था 253 00:10:28,000 --> 00:10:30,000 और वो समझता था कि कैसे जीवित रहा जाए 254 00:10:30,000 --> 00:10:32,000 मै न्यू योर्क शहर में पैदा हुआ था, 255 00:10:32,000 --> 00:10:35,000 अगर मै उसे अपने साथ यहाँ ले आया होता और वो यहाँ एक दिन में मर गया होता | 256 00:10:35,000 --> 00:10:37,000 (हंसी) 257 00:10:37,000 --> 00:10:39,000 क्यूंकि हमारे नमूने अलग अलग हैं, 258 00:10:39,000 --> 00:10:42,000 जो हमारे अलग अलग अनुभवों पर आधारित है | 259 00:10:43,000 --> 00:10:45,000 नमूने संचार के माध्यम से आ सकते हैं 260 00:10:45,000 --> 00:10:48,000 हमारे चुने हुए अधिकारीयों से | 261 00:10:48,000 --> 00:10:51,000 सोचें जरा आतंकवाद के नमूने को, 262 00:10:51,000 --> 00:10:54,000 बच्चो के अपहरण के नमूने को, 263 00:10:54,000 --> 00:10:56,000 हवाई जहाज सुरक्षा, कार सुरक्षा, 264 00:10:56,000 --> 00:10:59,000 नमूने आ सकते हैं उद्योग से | 265 00:10:59,000 --> 00:11:01,000 जो दो मै सोच रहा हूँ वो हैं निगरानी कैमरा 266 00:11:01,000 --> 00:11:03,000 और आई. डी. कार्ड्स , 267 00:11:03,000 --> 00:11:06,000 बहुत सारे कंप्यूटर सुरक्षा के नमूने यही से आये हुए हैं | 268 00:11:06,000 --> 00:11:09,000 कई नमूने विज्ञान से आये हुए हैं | 269 00:11:09,000 --> 00:11:11,000 स्वास्थ्य के नमूने अच्छे उदाहरण हैं | 270 00:11:11,000 --> 00:11:14,000 कैंसर, बर्ड फ्लू, स्वीन फ्लू, स.अ.र.स. के बारे में सोचिए | 271 00:11:14,000 --> 00:11:17,000 इन बीमारियों के बारे में हमारे 272 00:11:17,000 --> 00:11:19,000 सुरक्षा के सारे अहसास 273 00:11:19,000 --> 00:11:21,000 उन नमूनों से आते हैं, 274 00:11:21,000 --> 00:11:24,000 जो हमे दिए जाते हैं, असल में संचार माध्यम के द्वारा छान हुए विज्ञान से | 275 00:11:25,000 --> 00:11:28,000 तो नमूने बदल सकते हैं | 276 00:11:28,000 --> 00:11:30,000 नमूने स्थायी नहीं है 277 00:11:30,000 --> 00:11:33,000 जैसे जैसे हम अपने वातावरण में ज्यादा आरामदायक महसूस करते हैं, 278 00:11:33,000 --> 00:11:37,000 हमारा नमूना हमारे अहसासों के और करीब होता जाता है | 279 00:11:38,000 --> 00:11:40,000 तो एक उदहारण हो सकता है, 280 00:11:40,000 --> 00:11:42,000 अगर आप १०० साल पीछे जाएँ 281 00:11:42,000 --> 00:11:45,000 जब पहली बार बिजली सामान्य हो रही थी, 282 00:11:45,000 --> 00:11:47,000 तब इसके बारे में कई डर थे | 283 00:11:47,000 --> 00:11:49,000 मेरा मतलब, कई लोग डरते थे दरवाजे की घंटी बजाने से 284 00:11:49,000 --> 00:11:52,000 क्यूंकि उसमे बिजली थी और उनके लिए वो खतरनाक थी 285 00:11:52,000 --> 00:11:55,000 हमारे लिए बिजली से जुड़ी चीजे बहुत आसान हैं 286 00:11:55,000 --> 00:11:57,000 हम बिजली के बल्ब बदलते हैं 287 00:11:57,000 --> 00:11:59,000 बिजली के बारे में बिना सोचे हुए | 288 00:11:59,000 --> 00:12:03,000 बिजली के लिए हमारा सुरक्षा नमूना 289 00:12:03,000 --> 00:12:06,000 कुछ ऐसा है जिसमे हम पैदा हुए हैं | 290 00:12:06,000 --> 00:12:09,000 हमारे बड़े होने के साथ यह बदला नहीं है 291 00:12:09,000 --> 00:12:12,000 और हम इसमें अच्छे हैं| 292 00:12:12,000 --> 00:12:14,000 या सोचिये इन्टरनेट के 293 00:12:14,000 --> 00:12:16,000 विभिन्न पीढियों के लिए खतरे के बारे में -- 294 00:12:16,000 --> 00:12:18,000 आपके परेंट्स इन्टरनेट सुरक्षा के बारे में कैसे सोचते हैं, 295 00:12:18,000 --> 00:12:20,000 और आप कैसे सोचते हैं 296 00:12:20,000 --> 00:12:23,000 और आपके बच्चे कैसे सोचेंगे | 297 00:12:23,000 --> 00:12:26,000 पृष्टभूमि में नमूने आख़िरकार गायब हो जायंगे 298 00:12:27,000 --> 00:12:30,000 सहज ज्ञान का दूसरा नाम परिचित होना है| 299 00:12:30,000 --> 00:12:32,000 तो अगर नमूना सच्चाई के करीब है 300 00:12:32,000 --> 00:12:34,000 और ये हमारे अहसासों से मिल जायेंगे, 301 00:12:34,000 --> 00:12:37,000 और जयादातर समय आपको पता भी नहीं चलेगा | 302 00:12:37,000 --> 00:12:39,000 तो एक अच्छा उदहारण इसका आता है 303 00:12:39,000 --> 00:12:42,000 पिछले साल स्वीन फ्लू से | 304 00:12:42,000 --> 00:12:44,000 जब स्वेन फ्लू पहली बार आया 305 00:12:44,000 --> 00:12:48,000 तब पहले पहले समाचार ने जरुरत से ज्यादा प्रतिक्रिया पैदा की | 306 00:12:48,000 --> 00:12:50,000 अब इसका नाम है 307 00:12:50,000 --> 00:12:52,000 जिसने इसको और डरावना बना दिया 308 00:12:52,000 --> 00:12:54,000 सामान्य फ्लू से भले ही ये ज्यादा घातक था | 309 00:12:54,000 --> 00:12:58,000 और लोगों ने सोचा डाक्टर्स इस लायक है कि वो इसका उपाय ढूंढ़ लेंगे| 310 00:12:58,000 --> 00:13:00,000 तो यहाँ पे एक अहसास था की स्थिति नियंत्रण से बाहर है | 311 00:13:00,000 --> 00:13:02,000 और इन दोनों चीज़ों 312 00:13:02,000 --> 00:13:04,000 ने खतरों को वास्तविकता से बड़ा बना दिया | 313 00:13:04,000 --> 00:13:07,000 जैसे जैसे अनूठापन गया, महीने बीतें, 314 00:13:07,000 --> 00:13:09,000 सहन करने की क्षमता बढ़ी, 315 00:13:09,000 --> 00:13:11,000 और लोगों को इसकी आदत हो गयी 316 00:13:11,000 --> 00:13:14,000 अब कोई नए आंकड़े नहीं थे, लेकिन फिर भी डर कम था | 317 00:13:14,000 --> 00:13:16,000 शरद ऋतू के आते 318 00:13:16,000 --> 00:13:18,000 तक लोंगो ने सोचा कि 319 00:13:18,000 --> 00:13:20,000 डाक्टर्स ने इसे सुलझा लिया होगा | 320 00:13:20,000 --> 00:13:22,000 और यहाँ एक प्रकार का द्वि विभाजन है, 321 00:13:22,000 --> 00:13:24,000 लोगों को चुनना था 322 00:13:24,000 --> 00:13:28,000 डर और सच को स्वीकार करने में 323 00:13:28,000 --> 00:13:30,000 असल में डर और उदासीनता के बीच में, 324 00:13:30,000 --> 00:13:33,000 उन्होंने एक प्रकार से संदेह चुना | 325 00:13:33,000 --> 00:13:36,000 और जब पिछले ठण्ड में टीका आया, 326 00:13:36,000 --> 00:13:39,000 बहुत से लोग ऐसे थे - बहुत ज्यादा - 327 00:13:39,000 --> 00:13:42,000 जिन्होंने टीका लेने से मना कर दिया -- 328 00:13:43,000 --> 00:13:45,000 एक अच्छा उदहारण 329 00:13:45,000 --> 00:13:48,000 लोगों के अहसास कैसे बदलते हैं, नमूने कैसे बदलते हैं, 330 00:13:48,000 --> 00:13:50,000 अजीबोगरीब रूप से, 331 00:13:50,000 --> 00:13:52,000 कोई नयी सूचना ना होने के बाद भी, 332 00:13:52,000 --> 00:13:54,000 कोई नयी सूचना नहीं, 333 00:13:54,000 --> 00:13:57,000 ये अक्सर होता है | 334 00:13:57,000 --> 00:14:00,000 मैं एक नयी जटिलता देने वाला हूँ, 335 00:14:00,000 --> 00:14:03,000 हमारे पास अहसास है, नमूने हैं, सच्चाई हैं | 336 00:14:03,000 --> 00:14:05,000 मेरे पास सुरक्षा का परस्पर दृश्य है | 337 00:14:05,000 --> 00:14:08,000 मैं सोचता हूँ ये देखने वाले पर निर्भर करता है | 338 00:14:08,000 --> 00:14:10,000 और जयादा सुरक्षा निर्णयों में 339 00:14:10,000 --> 00:14:14,000 बहुत से लोग शामिल रहते हैं | 340 00:14:14,000 --> 00:14:16,000 और भागीदार 341 00:14:16,000 --> 00:14:19,000 जिनकी अपनी विनिमय शर्ते हैं 342 00:14:19,000 --> 00:14:21,000 निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश करते है | 343 00:14:21,000 --> 00:14:23,000 और मैं इसके उनका अजेंडा कहता हूँ | 344 00:14:23,000 --> 00:14:25,000 और आप देख सकते हैं कि उनका अजेंडा , 345 00:14:25,000 --> 00:14:28,000 ये दुकानदारी, ये राजनीति 346 00:14:28,000 --> 00:14:31,000 कोशिश करती रहती है कि आप एक नमूने के ऊपर दुसरे को चुने | 347 00:14:31,000 --> 00:14:33,000 कोशिश करते है कि आप एक नमूने को नजर अंदाज करें 348 00:14:33,000 --> 00:14:36,000 और अपनी भावनाओं का भरोसा करें, 349 00:14:36,000 --> 00:14:39,000 उन लोगों प्रभावहीन करना जो उस नमूने का समर्थन करते हैं जिनको आप नहीं पसंद करते | 350 00:14:39,000 --> 00:14:42,000 ये बहुत अनोखा नहीं है | 351 00:14:42,000 --> 00:14:45,000 एक उदाहरण, एक बहुत बढ़िया उदाहरण है, धुम्रपान का खतरा | 352 00:14:46,000 --> 00:14:49,000 पिछले ५० सालों के इतिहास में, धुम्रपान का खतरा 353 00:14:49,000 --> 00:14:51,000 बतलाता है एक नमूना कैसे बदलता है , 354 00:14:51,000 --> 00:14:54,000 और ये भी कि एक उद्योग कैसे लड़ता है 355 00:14:54,000 --> 00:14:56,000 एक नमूने से जिसको वो पसंद नहीं करता | 356 00:14:56,000 --> 00:14:59,000 उसी पुरानी धूम्रपान की बहस की तुलना में -- 357 00:14:59,000 --> 00:15:02,000 शायद लगभग २० साल पहले | 358 00:15:02,000 --> 00:15:04,000 सीट बेल्ट के बारे में सोचें | 359 00:15:04,000 --> 00:15:06,000 जब मैं बच्चा था तब कोई भी सीट बेल्ट नहीं पहनता था | 360 00:15:06,000 --> 00:15:08,000 आज कल कोई बच्चा आपको गाडी चलाने नहीं देगा 361 00:15:08,000 --> 00:15:10,000 अगर आपने सीट बेल्ट ना लगायी हो तो | 362 00:15:11,000 --> 00:15:13,000 एयर बैग की बहस की तुलना में -- 363 00:15:13,000 --> 00:15:16,000 शायद लग भग ३० साल पहले | 364 00:15:16,000 --> 00:15:19,000 सारे उदाहरण नमूनों के बदल रहे है | 365 00:15:21,000 --> 00:15:24,000 हमने ये सीखा कि नमूनों को बदलना कठिन है | 366 00:15:24,000 --> 00:15:26,000 नमूनों को शक्ति से हटाना कठिन है | 367 00:15:26,000 --> 00:15:28,000 अगर वो आपकी भावनाओं के करीब है तो 368 00:15:28,000 --> 00:15:31,000 आपको पता भी नहीं चलेगा की आपके पास एक नमूना है| 369 00:15:31,000 --> 00:15:33,000 और यहाँ पे एक और दिमागी पक्षपात है, 370 00:15:33,000 --> 00:15:35,000 जिसे मैं कहूँगा " सुनिश्चित पक्षपात " 371 00:15:35,000 --> 00:15:38,000 जहाँ हम उन आंकड़ो को स्वीकार करते हैं 372 00:15:38,000 --> 00:15:40,000 जो हमारे विशवास से मिलते हैं 373 00:15:40,000 --> 00:15:43,000 और उन आंकड़ों को अस्वीकार कर देते हैं 374 00:15:44,000 --> 00:15:46,000 जो हमारे विश्वासों के खिलाफ होते हैं | 375 00:15:46,000 --> 00:15:49,000 संभवत: हम इन्हें नज़र अंदाज़ कर देंगे भले ही वो बहुत सही हो 376 00:15:49,000 --> 00:15:52,000 इसको बहुत ही जयादा अकाट्य होना पड़ेगा इसके पहले की हम ध्यान देना शुरू करें | 377 00:15:53,000 --> 00:15:55,000 नए नमूने जो इतने लम्बे समय तक चलते हैं वो कठिन होते हैं | 378 00:15:55,000 --> 00:15:57,000 ग्लोबल वार्मिंग एक अच्छा उदाहरण है | 379 00:15:57,000 --> 00:15:59,000 हम लोग बहुत ही भयानक है 380 00:15:59,000 --> 00:16:01,000 ऐसे नमूने में जो ८० साल का है | 381 00:16:01,000 --> 00:16:03,000 हम लोग अगली फसल तक ये कर सकते है | 382 00:16:03,000 --> 00:16:06,000 हम तब तक ये कर सकते है जब तक हमारे बच्चे बड़े नहीं होते | 383 00:16:06,000 --> 00:16:09,000 लेकिन फिर भी ८० सालों के बाद भी हम लोग इसमें अच्छे नहीं है | 384 00:16:09,000 --> 00:16:12,000 तो स्वीकार करने के लिए ये एक बहुत ही कठिन नमूना है | 385 00:16:12,000 --> 00:16:16,000 हम दोनों नमूनों को अपने दिमाग में एक साथ रख सकते हैं, 386 00:16:16,000 --> 00:16:19,000 या उस समस्या को 387 00:16:19,000 --> 00:16:22,000 जहाँ हम अपने विश्वास या दिमागी असंगति को 388 00:16:22,000 --> 00:16:24,000 एक साथ रख रहे हैं, 389 00:16:24,000 --> 00:16:26,000 आखिरकार, 390 00:16:26,000 --> 00:16:29,000 नया नमूना पुराने की जगह ले लेगा | 391 00:16:29,000 --> 00:16:32,000 मजबूत अहसास एक नमूना बना सकते है | 392 00:16:32,000 --> 00:16:35,000 सितम्बर ११ ने एक सुरक्षा नमूना बनाया 393 00:16:35,000 --> 00:16:37,000 बहुत सारे लोगों के दिमाग में | 394 00:16:37,000 --> 00:16:40,000 जुर्म के साथ खुद के अनुभव भी ये काम कर सकते हैं | 395 00:16:40,000 --> 00:16:42,000 खुद के स्वास्थ्य का डर , 396 00:16:42,000 --> 00:16:44,000 समाचारों में स्वास्थ्य का डर | 397 00:16:44,000 --> 00:16:46,000 आप देखेंगे की ये "फ्लेश बल्ब " घटनाये कहलाती हैं 398 00:16:46,000 --> 00:16:48,000 मनोचिक्त्सिक की भाषा में | 399 00:16:48,000 --> 00:16:51,000 वे तुरंत नमूने बना सकते है 400 00:16:51,000 --> 00:16:54,000 क्यूंकि वे बहुत ही भावोत्तेजक होते है 401 00:16:54,000 --> 00:16:56,000 तो इन तकनिकी दुनिया में 402 00:16:56,000 --> 00:16:58,000 हमारे पास अनुभव नहीं होते 403 00:16:58,000 --> 00:17:00,000 ताकि हम नमूनों का आंकलन कर सके | 404 00:17:00,000 --> 00:17:02,000 और हम दूसरों पे निर्भर रहते हैं | हम प्रतिनिधि पे भरोसा करते हैं | 405 00:17:02,000 --> 00:17:06,000 मेरा मतलब ये तब तक काम करता है जब तक ये दूसरो को ठीक करे | 406 00:17:06,000 --> 00:17:08,000 हम शासकीय संस्थाओ पे भरोसा करते हैं 407 00:17:08,000 --> 00:17:13,000 ये बताने के लिए कि pharmaceuticals सुरक्षित है | 408 00:17:13,000 --> 00:17:15,000 मैं कल ही यहाँ हवाई जहाज से आया, 409 00:17:15,000 --> 00:17:17,000 मैंने हवाई अड्डे पे जांच नहीं की, 410 00:17:17,000 --> 00:17:19,000 मैंने दुसरे समूह पे भरोसा किया, 411 00:17:19,000 --> 00:17:22,000 ये पता लगाने के लिए की क्या मेरा जहाज उड़ने के लिए सुरक्षित है | 412 00:17:22,000 --> 00:17:25,000 हम लोग यहाँ है, हम में से किसी को भी डर नहीं है कि ये छत हमपे गिर सकती है | 413 00:17:25,000 --> 00:17:28,000 इसलिए नहीं की हमने जांच की है 414 00:17:28,000 --> 00:17:30,000 लेकिन हम लोग बिलकुल ये जानते है 415 00:17:30,000 --> 00:17:33,000 की इमारतों के मानक यहाँ अच्छे है 416 00:17:33,000 --> 00:17:35,000 ये एक नमूना है जो हम स्वीकार करते हैं 417 00:17:35,000 --> 00:17:37,000 बहुत कुछ बस अपने विश्वास से | 418 00:17:37,000 --> 00:17:40,000 और ये सही है | 419 00:17:42,000 --> 00:17:44,000 अब हम जो चाहते है 420 00:17:44,000 --> 00:17:46,000 वो ये की लोग परिचित हो जाए 421 00:17:46,000 --> 00:17:48,000 अच्छे नमूनों से 422 00:17:48,000 --> 00:17:50,000 और ऐसे की वो प्रतिबिम्बित हो उनके अहसासों में 423 00:17:50,000 --> 00:17:54,000 ताकि वो सुरक्षा के विनिमय कर सके | 424 00:17:54,000 --> 00:17:56,000 और जब ऐसा होता है 425 00:17:56,000 --> 00:17:58,000 तब आपके पास दो विकल्प होते हैं 426 00:17:58,000 --> 00:18:00,000 पहला, आप लोगों के अहसासों को ठीक करें , 427 00:18:00,000 --> 00:18:02,000 सीधे उनके अहसासों पर काम करें | 428 00:18:02,000 --> 00:18:05,000 ये हेराफेरी है लेकिन ये काम करती है 429 00:18:05,000 --> 00:18:07,000 दूसरी, ज्यादा इमानदार तरीका, 430 00:18:07,000 --> 00:18:10,000 ये की आप अपना नमूना ठीक करें | 431 00:18:11,000 --> 00:18:13,000 बदलाव धीरे धीरे होता है | 432 00:18:13,000 --> 00:18:16,000 धुम्रपान की बहस ने ४० साल लिए 433 00:18:16,000 --> 00:18:19,000 और जबकि वो आसान थी | 434 00:18:19,000 --> 00:18:21,000 इसमें से कुछ चीज़ें कठिन हैं, 435 00:18:21,000 --> 00:18:23,000 मेरा मतलब सच में कठिन, 436 00:18:23,000 --> 00:18:25,000 ऐसा लगता है कि सूचना हमारी सबसे बढ़िया उम्मीद है | 437 00:18:25,000 --> 00:18:27,000 और मैंने झूठ बोला | 438 00:18:27,000 --> 00:18:29,000 याद है जब मैंने कहा भावनाएं, नमूने, सच्चाई | 439 00:18:29,000 --> 00:18:32,000 और मैंने कहा था सच्चाई नहीं बदलती है| असल में ये बदलती है | 440 00:18:32,000 --> 00:18:34,000 हम तकनिकी दुनिया में रहते हैं ; 441 00:18:34,000 --> 00:18:37,000 सच्चाई हर समय बदलती रहती है | 442 00:18:37,000 --> 00:18:40,000 तो हम शायद -- पहली बार इस प्रजाति में -- 443 00:18:40,000 --> 00:18:43,000 भावनाए पीछा करती हैं नमूने का, नमूने पीछा करते हैं सच्चाई का, और सच्चाई भाग रही है -- 444 00:18:43,000 --> 00:18:46,000 तो वो कभी ना मिल पायें | 445 00:18:47,000 --> 00:18:49,000 हम नहीं जानते | 446 00:18:49,000 --> 00:18:51,000 लेकिन लम्बे समय में 447 00:18:51,000 --> 00:18:54,000 दोनों अहसास और सच्चाई महत्वपूर्ण है | 448 00:18:54,000 --> 00:18:57,000 और मैं दो छोटी कहानियों के साथ इसे समाप्त करना चाहूँगा | 449 00:18:57,000 --> 00:18:59,000 १९८२ - मैं नहीं जनता लोगों को ये याद भी है या नहीं -- 450 00:18:59,000 --> 00:19:02,000 एक tylenol विष की छोटी महामारी 451 00:19:02,000 --> 00:19:04,000 अमेरिका में फैली थी 452 00:19:04,000 --> 00:19:07,000 ये एक भयानक कहानी है| किसी ने एक बोतल ली tylenol 453 00:19:07,000 --> 00:19:10,000 की उसमे विष भर दिया, उसे बंद किया, और उसे दराज में वापस रख दिया | 454 00:19:10,000 --> 00:19:12,000 किसी और ने उसे खरीदा और मर गया | 455 00:19:12,000 --> 00:19:14,000 इसने लोगों को डरा दिया | 456 00:19:14,000 --> 00:19:16,000 उसके बाद कई नक़ल हमले हुए | 457 00:19:16,000 --> 00:19:19,000 उसमे कोई भी असली खतरा नहीं था लेकिन लोग डरे हुए थे 458 00:19:19,000 --> 00:19:21,000 और इस तरह 459 00:19:21,000 --> 00:19:23,000 छेड़ छाड़ सुरक्षित drug उद्योग इजाद हुई | 460 00:19:23,000 --> 00:19:25,000 छेड़ छाड़ सुरक्षित ढक्कन इसी से आये | 461 00:19:25,000 --> 00:19:27,000 ये एक सम्पूर्ण सुरक्षा थेअटर है | 462 00:19:27,000 --> 00:19:29,000 गृहकार्य के रूप में इसको हराने के १० तरीके सोचिये | 463 00:19:29,000 --> 00:19:32,000 मैंने आपको एक बताता हूँ, एक सुई 464 00:19:32,000 --> 00:19:35,000 लेकिन इसने लोगों को सुरक्षित महसूस कराया | 465 00:19:35,000 --> 00:19:37,000 इसने उनके सुरक्षित होने के अहसास को 466 00:19:37,000 --> 00:19:39,000 और करीब लाया सच्चाई के | 467 00:19:39,000 --> 00:19:42,000 आखिरी कहानी, कुछ साल पहले, मेरी एक दोस्त ने बच्चे को जन्म दिया | 468 00:19:42,000 --> 00:19:44,000 मैं उससे मिलने हॉस्पिटल गया, 469 00:19:44,000 --> 00:19:46,000 मुझे पता चला कि जब बच्ची का जन्म हो गया है तो, 470 00:19:46,000 --> 00:19:48,000 उन्होंने एक आर. अफ. आई. दी. कंगन पहना दिया बच्ची को, 471 00:19:48,000 --> 00:19:50,000 और एक वैसा ही बच्ची की माँ को 472 00:19:50,000 --> 00:19:52,000 ताकि उसको माँ को छोड़कर और कोई बच्ची को बाहर ले जाये तो 473 00:19:52,000 --> 00:19:54,000 एक अलार्म बज जायेगा | 474 00:19:54,000 --> 00:19:56,000 मैंने कहा अच्छा, ये बढ़िया है | 475 00:19:56,000 --> 00:19:58,000 मैं सोचा बच्ची को चुराना नियंत्रण से कितना बाहर है 476 00:19:58,000 --> 00:20:00,000 हास्पिटल के बाहर ? 477 00:20:00,000 --> 00:20:02,000 मैं घर गया और देखा इसके बारे में | 478 00:20:02,000 --> 00:20:04,000 ये असल में कभी हुआ ही नहीं | 479 00:20:04,000 --> 00:20:06,000 लेकिन अगर आप इसके बारे में सोचें , 480 00:20:06,000 --> 00:20:08,000 आप हास्पिटल में हैं 481 00:20:08,000 --> 00:20:10,000 और आपको बच्ची को माँ से दूर ले जाना हैं 482 00:20:10,000 --> 00:20:12,000 दुसरे कमरे में ताकि आप कोई परिक्षण कर सके तो 483 00:20:12,000 --> 00:20:14,000 या तो आपके पास कोई अच्छा बेहतर सुरक्षा थेअटर होना चाहिए 484 00:20:14,000 --> 00:20:16,000 नहीं तो उसे आपका हाथ काटना पड़ेगा | 485 00:20:16,000 --> 00:20:18,000 (हंसी ) 486 00:20:18,000 --> 00:20:20,000 तो ये हमारे लिए जरुरी हैं, 487 00:20:20,000 --> 00:20:22,000 उन लोगों के लिए जो सुरक्षा की रचना करते हैं, 488 00:20:22,000 --> 00:20:25,000 जो सुरक्षा के नियमो को देखते हैं , 489 00:20:25,000 --> 00:20:27,000 या बल्कि जो जनता के नियमो को देखते हैं 490 00:20:27,000 --> 00:20:29,000 उन तरीको से जिससे ये सुरक्षा पर प्रभाव डालते हैं | 491 00:20:29,000 --> 00:20:32,000 ये केवल सच्चाई नहीं हैं ये अहसास और सच्चाई हैं | 492 00:20:32,000 --> 00:20:34,000 जो जरुरी हैं वो ये 493 00:20:34,000 --> 00:20:36,000 वे एक से रहे | 494 00:20:36,000 --> 00:20:38,000 ये जरुरी है अगर हमारे अहसास सच्चाई से मिले 495 00:20:38,000 --> 00:20:40,000 तो हम अच्छे सुरक्षा विनिमय कर सकते हैं | 496 00:20:40,000 --> 00:20:42,000 धन्यवाद 497 00:20:42,000 --> 00:20:44,000 (अभिवादन)