[Script Info] Title: [Events] Format: Layer, Start, End, Style, Name, MarginL, MarginR, MarginV, Effect, Text Dialogue: 0,0:00:19.28,0:00:33.01,Default,,0000,0000,0000,,रविवार सत्संग \N Dialogue: 0,0:00:33.01,0:00:39.02,Default,,0000,0000,0000,,अहम् ब्रह्मास्मि!\N19 जून, 2016 Dialogue: 0,0:00:39.02,0:00:41.98,Default,,0000,0000,0000,,तुम जवाब के लिए बाहर देख रहे हो ,\N Dialogue: 0,0:00:41.98,0:00:46.71,Default,,0000,0000,0000,,और मैं जवाब के तौर पर तुम्हें देख रहा हूँ।\N[हँसी] Dialogue: 0,0:00:46.71,0:00:49.44,Default,,0000,0000,0000,,तुम जवाब के लिए बाहर देख रहे हो। Dialogue: 0,0:00:49.44,0:00:53.38,Default,,0000,0000,0000,,'हाँ', तुम कहते हो,\N'लेकिन कभी कभी दृष्टि धुंधली हो जाती है'।\N Dialogue: 0,0:00:53.38,0:00:58.07,Default,,0000,0000,0000,,मुझे पता है, जो भी तुम देखना चाहते हो \Nऔर जो धुंधला हो जाता है, वो वह नहीं है।\N Dialogue: 0,0:00:58.07,0:01:04.34,Default,,0000,0000,0000,,तुम, जो धुंधलेपन और साफ़ का साक्षी है,\Nतुम वह हो। Dialogue: 0,0:01:04.34,0:01:06.22,Default,,0000,0000,0000,,यही बात है!\N Dialogue: 0,0:01:06.22,0:01:10.83,Default,,0000,0000,0000,,यही चैतन्य का मोड़ है \Nजिसे अनुभव करना हर किसी के लिए ज़रूरी है । Dialogue: 0,0:01:10.83,0:01:13.22,Default,,0000,0000,0000,,हम बहुत वक़्त ज़ाया कर रहे हैं Dialogue: 0,0:01:13.22,0:01:15.90,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि कुछ जानने का परम्परागत तरीक़ा है Dialogue: 0,0:01:15.90,0:01:18.68,Default,,0000,0000,0000,,कि एक चीज़ दूसरी चीज़ को जान रही है। Dialogue: 0,0:01:18.68,0:01:21.16,Default,,0000,0000,0000,,और मैं तुम्हें कह रहा हूँ, \Nनहीं ,नहीं, नहीं! Dialogue: 0,0:01:21.16,0:01:27.61,Default,,0000,0000,0000,,ये दो चीज़ें नहीं हैं। \Nयह एक चीज़ भी नहीं है। Dialogue: 0,0:01:27.61,0:01:33.04,Default,,0000,0000,0000,,[म:] क्या तुम इस से उलझन में पड़ गए? Dialogue: 0,0:01:33.04,0:01:35.47,Default,,0000,0000,0000,,[म:] क्या तुम?\N[प्र:] नहीं।\N Dialogue: 0,0:01:35.47,0:01:45.17,Default,,0000,0000,0000,,[म:] हाँ, तुम पड़ गए हो।\N[हँसी] Dialogue: 0,0:01:45.18,0:01:50.37,Default,,0000,0000,0000,,[म:] अब मैं कह सकता हूँ, सब कुछ छोड़ दो,\Nक्योंकि यह ठीक समय है । Dialogue: 0,0:01:50.37,0:01:59.33,Default,,0000,0000,0000,,मैं कहता हूँ ये सभी विचार छोड़ दो,\Nछोड़ो, छोड़ो, छोड़ो! Dialogue: 0,0:01:59.33,0:02:03.87,Default,,0000,0000,0000,,हम कभी अनुभव के तौर पर एक नहीं होंगे\N Dialogue: 0,0:02:03.87,0:02:07.52,Default,,0000,0000,0000,,जब तक तुम खुद को व्यक्ति मानते रहोगे\N Dialogue: 0,0:02:07.52,0:02:10.13,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि हर व्यक्ति अनुकूलित है । Dialogue: 0,0:02:10.13,0:02:12.49,Default,,0000,0000,0000,,हर व्यक्ति किसी पार्टी का होता है,\N Dialogue: 0,0:02:12.49,0:02:18.14,Default,,0000,0000,0000,,किसी धर्म का, किसी फ़लसफ़े का,\Nकिसी राजनीतिक संगठन का,\N Dialogue: 0,0:02:18.14,0:02:23.30,Default,,0000,0000,0000,,किसी तरह की सामाजिक संस्था का ;\Nकुछ न कुछ पहचान तुमने ओढ़ी हुई है । Dialogue: 0,0:02:23.30,0:02:28.86,Default,,0000,0000,0000,,और हर पहचान अपना नज़रिया \Nबनाये रखने के लिए लड़ती है। ठीक है? Dialogue: 0,0:02:28.86,0:02:32.75,Default,,0000,0000,0000,,हम कभी भी, कभी भी सहमत नहीं होंगे, Dialogue: 0,0:02:32.75,0:02:35.41,Default,,0000,0000,0000,,जब तक तुम व्यक्ति-भाव में हो!\N Dialogue: 0,0:02:35.41,0:02:37.13,Default,,0000,0000,0000,,यह मौलिक बात है। Dialogue: 0,0:02:37.13,0:02:40.74,Default,,0000,0000,0000,,मैं तुम्हें रमन महर्षि का सन्देश\Nला कर दूंगा, Dialogue: 0,0:02:40.74,0:02:43.62,Default,,0000,0000,0000,,मैं तुम्हें शंकर का सन्देश दूंगा, Dialogue: 0,0:02:43.62,0:02:45.82,Default,,0000,0000,0000,,जो सिर्फ सन्देश नहीं है,\N Dialogue: 0,0:02:45.82,0:02:52.36,Default,,0000,0000,0000,,मैं ही उनका सन्देश हूँ, इसी क्षण में।\Nऔर मैं यह कहने से डरता नहीं हूँ। Dialogue: 0,0:02:52.36,0:02:55.24,Default,,0000,0000,0000,,यह अभिमान नहीं है, \Nमैं इसे अभिमान से नहीं कहता। Dialogue: 0,0:02:55.24,0:02:58.04,Default,,0000,0000,0000,,पर किसी में तो यह कहने का साहस होना चाहिए। Dialogue: 0,0:02:58.04,0:03:01.72,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि किसी ने मुझसे पूछा,\N'आपके गुरु का सर्वोच्च उपदेश क्या है?' Dialogue: 0,0:03:01.72,0:03:04.39,Default,,0000,0000,0000,,मैंने कहा, \Nमैं अपने गुरु का सर्वोच्च उपदेश हूँ। Dialogue: 0,0:03:04.39,0:03:06.78,Default,,0000,0000,0000,,मुझे यह कहना पड़ेगा !\Nयह अक्खड़पन लगता है, Dialogue: 0,0:03:06.78,0:03:11.23,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन यह अक्खड़पन नहीं है, क्योंकि \Nमुझमें साहस है यह कहने का कि मैं क्या हूँ। Dialogue: 0,0:03:11.23,0:03:15.88,Default,,0000,0000,0000,,[म:] तो मुझे तुम्हारी ओर से यह कहना पड़ेगा।\N[संघ] जी!\N Dialogue: 0,0:03:15.88,0:03:18.40,Default,,0000,0000,0000,,[म:] क्योंकि तुम यह कहने से डरते हो। Dialogue: 0,0:03:18.40,0:03:21.55,Default,,0000,0000,0000,,और यह इसलिए नहीं क्योंकि \Nतुम कहते हो कि तुम वह हो। Dialogue: 0,0:03:21.55,0:03:24.35,Default,,0000,0000,0000,,ऐसा नहीं है। इसे अनुभव करना पड़ेगा। Dialogue: 0,0:03:24.35,0:03:30.13,Default,,0000,0000,0000,,और मैं बहुत देर तुम्हारा इंतज़ार करता हूँ।\Nतुम बहुत धीमे हो। तुम इतने शर्मिंदा हो। Dialogue: 0,0:03:30.13,0:03:35.50,Default,,0000,0000,0000,,तो इसलिए कभी कभी मुझे कहना पड़ता है: \Nमैं वह हूँ! /अहम् ब्रह्मास्मि! Dialogue: 0,0:03:35.50,0:03:37.78,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हारी तरफ़ से Dialogue: 0,0:03:37.78,0:03:43.32,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें यह कहने का साहस देने के लिए, \Nकि हर बात मानने का एक उचित समय होता है... Dialogue: 0,0:03:43.32,0:03:48.07,Default,,0000,0000,0000,,यह ईश्वर निन्दा नहीं है\Nऔर यह कहना उद्दंडता नहीं है। Dialogue: 0,0:03:48.07,0:03:50.39,Default,,0000,0000,0000,,[प्र:] धन्यवाद।\N[म:] तुम समझे?\N Dialogue: 0,0:03:50.39,0:03:56.34,Default,,0000,0000,0000,,हम एक मानवता के तौर पर \Nइस तक नहीं पहुँच पाएंगे Dialogue: 0,0:03:56.34,0:04:02.32,Default,,0000,0000,0000,,जब तक हम यह मानते रहेंगे कि\Nऔर तुम अपने गुट के लिए वफ़ादार रहोगे! Dialogue: 0,0:04:02.32,0:04:04.64,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि यह तुम्हें सिखाएगा, Dialogue: 0,0:04:04.64,0:04:09.18,Default,,0000,0000,0000,,'तुम मुसलमान हो, तुम ईसाई हो, तुम\Nहिन्दू हो - हम कभी नहीं मिल सकते!' Dialogue: 0,0:04:09.18,0:04:14.26,Default,,0000,0000,0000,,किसी गुट में जो सबसे उदार विचार के \Nभी होते हैं वे भी नहीं मिल पाते Dialogue: 0,0:04:14.26,0:04:18.26,Default,,0000,0000,0000,,मैं कई बार कुछ गुटों को मिला हूँ \Nऔर गुट के सबसे उदार लोग भी \N Dialogue: 0,0:04:18.26,0:04:21.12,Default,,0000,0000,0000,,उस गुट का ही थोड़ा कमज़ोर रूप होते हैं।\N Dialogue: 0,0:04:21.12,0:04:23.32,Default,,0000,0000,0000,,यह एक जीवित सत्य होना चाहिए! Dialogue: 0,0:04:23.32,0:04:27.01,Default,,0000,0000,0000,,और सिर्फ़ एक रास्ता जिससे तुम \Nइस जीवंत सत्य तक पहुँच सकते हो Dialogue: 0,0:04:27.01,0:04:30.54,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें उस गाय की तरह होना पड़ेगा \Nजो चाँद को पार कर गयी थी। Dialogue: 0,0:04:30.54,0:04:34.34,Default,,0000,0000,0000,,और यह चाँद तुम्हारा अपना दिमाग है !\Nतुम्हें इसे पार करना होगा। Dialogue: 0,0:04:34.34,0:04:36.67,Default,,0000,0000,0000,,जब तक तुम इस व्यक्ति के तौर पर रहोगे , Dialogue: 0,0:04:36.67,0:04:40.73,Default,,0000,0000,0000,,तुम व्यक्ति की तरह बहस करोगे,\Nव्यक्ति की तरह बचाव करोगे।\N\N Dialogue: 0,0:04:40.73,0:04:43.45,Default,,0000,0000,0000,,और मैं तुम्हें सबसे\Nसुन्दर मार्ग दिखा रहा हूँ। Dialogue: 0,0:04:43.45,0:04:46.76,Default,,0000,0000,0000,,सबसे सुन्दर मार्ग है होने का मार्ग। Dialogue: 0,0:04:46.76,0:04:50.81,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें उसमें से बाहर आना होगा।\Nमैं दिखाता हूँ, मैं दिखाता हूँ। Dialogue: 0,0:04:50.81,0:04:53.94,Default,,0000,0000,0000,,मैं ये नहीं कहता, जाओ! मैं कहता हूँ, \Nआओ, मेरे साथ देखो। Dialogue: 0,0:04:53.94,0:04:58.43,Default,,0000,0000,0000,,और मेरे साथ प्रमाण दो \Nअपने असली स्वरुप का । Dialogue: 0,0:04:58.43,0:05:01.82,Default,,0000,0000,0000,,यह कल्पना नहीं है, यह कोई आध्यात्मिक\Nकल्पना नहीं है। Dialogue: 0,0:05:01.82,0:05:04.66,Default,,0000,0000,0000,,यह पलायनवाद नहीं है, यह सबसे सच्चा है। Dialogue: 0,0:05:04.66,0:05:07.46,Default,,0000,0000,0000,,और सब कुछ इस धरती पर से गायब हो जायेगा Dialogue: 0,0:05:07.46,0:05:10.84,Default,,0000,0000,0000,,सिवाय इसके जो मैं तुमसे कह रहा हूँ,\Nउसके सत्य के सिवा।\N Dialogue: 0,0:05:10.84,0:05:12.98,Default,,0000,0000,0000,,और मैं तुम्हें सिर्फ यह बताने की \Nकोशिश कर रहा हूँ Dialogue: 0,0:05:12.98,0:05:16.78,Default,,0000,0000,0000,,कि तुम्हें इसका इलाज करवाना होगा\Nइस गलती का जो तुम कर रहे हो\N Dialogue: 0,0:05:16.78,0:05:21.10,Default,,0000,0000,0000,,इस पहचान को पकड़े रहने की\Nकि तुम सिर्फ हाड़ मांस का पुतला हो। Dialogue: 0,0:05:21.10,0:05:24.99,Default,,0000,0000,0000,,तुम वह भी हो, \Nपर अधिकतर तुम वैसे नहीं रहते। Dialogue: 0,0:05:24.99,0:05:28.50,Default,,0000,0000,0000,,अब समय है बड़े होने का, \Nसिर्फ़ बूढ़े होने का नहीं। Dialogue: 0,0:05:28.50,0:05:31.57,Default,,0000,0000,0000,,बड़े हो जाओ! और उन आँखों से देखो\Nजिनसे मैं देख रहा हूँ। Dialogue: 0,0:05:31.57,0:05:33.78,Default,,0000,0000,0000,,जब मैं तुम्हें देखता हूँ, तो मैं \Nब्रह्म: देखता हूँ; Dialogue: 0,0:05:33.78,0:05:36.95,Default,,0000,0000,0000,,जब तुम बोलते हो, \Nतुम ब्रह्म: के रूप में नहीं बोलते। Dialogue: 0,0:05:36.95,0:05:40.27,Default,,0000,0000,0000,,तुम किसी ऐसी चीज़ के रूप में बोलते हो\Nजो काल से पैदा हुआ है, Dialogue: 0,0:05:40.27,0:05:46.04,Default,,0000,0000,0000,,जो कुछ मौसमों के बाद यहाँ नहीं होगा। Dialogue: 0,0:05:46.04,0:05:48.19,Default,,0000,0000,0000,,तो हिम्मत करो।\N Dialogue: 0,0:05:48.19,0:05:52.20,Default,,0000,0000,0000,,और जो मैं कहता हूँ उसे दिल से सुनो,\Nमेरे संकेत का अनुसरण करो। Dialogue: 0,0:05:52.20,0:05:56.79,Default,,0000,0000,0000,,जो इस समय मैं इतने विश्वास के साथ \Nकह रहा हूँ, तुम खुद कह पाओगे Dialogue: 0,0:05:56.79,0:05:59.65,Default,,0000,0000,0000,,अपने खुद के अनुभव के आधार पर। Dialogue: 0,0:05:59.65,0:06:02.06,Default,,0000,0000,0000,,मैं तुम्हें यकीन करने को नहीं कह रहा हूँ।\N Dialogue: 0,0:06:02.06,0:06:07.09,Default,,0000,0000,0000,,विश्वास, आस्था- ये सब ठीक हैं।\Nलेकिन यह साबित होना चाहिए! Dialogue: 0,0:06:07.09,0:06:11.86,Default,,0000,0000,0000,,मैं बता रहा हूँ, मैं यहाँ इसे साबित करने\Nआया हूँ। और तुम्हारे तौर पे साबित करने!\N Dialogue: 0,0:06:11.86,0:06:15.07,Default,,0000,0000,0000,,[संघ:] जी!\N[म:] और तुम तंग दिल हुए बैठे हो, Dialogue: 0,0:06:15.07,0:06:19.47,Default,,0000,0000,0000,,जब तुम कहते हो कि तुम दुनिया कि सबसे \Nमहत्वपूर्ण चीज़ महसूस करना चाहते हो, Dialogue: 0,0:06:19.47,0:06:21.70,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन तुम खुद को इतना कम प्रस्तुत करते हो। Dialogue: 0,0:06:21.70,0:06:24.46,Default,,0000,0000,0000,,तुममें साहस होना चाहिए खड़े हो कर कहने का Dialogue: 0,0:06:24.46,0:06:27.55,Default,,0000,0000,0000,,मूजी मैं इसके लिए पूरी तरह से यहाँ हूं।'\N[संघ:] जी हाँ!\N Dialogue: 0,0:06:27.55,0:06:30.06,Default,,0000,0000,0000,,'[प्र:] मैं यहाँ हूं। धन्यवाद।\N[म:] धन्यवाद।\N Dialogue: 0,0:06:30.06,0:06:33.01,Default,,0000,0000,0000,,[म:] धन्यवाद्। ऐसे। देखा तुमने? Dialogue: 0,0:06:33.01,0:06:36.30,Default,,0000,0000,0000,,क्यूंकि पूरी दुनिया तुम्हें देख रही है,\Nऔर कह रही है, Dialogue: 0,0:06:36.30,0:06:39.73,Default,,0000,0000,0000,,'अगर वे वहां हो सकते हैं\Nउनके सामने, उन्हें सुनते हुए, Dialogue: 0,0:06:39.73,0:06:43.26,Default,,0000,0000,0000,,और वे पीछे पीछे हट रहे हैं, \Nडरे हुए बच्चों की तरह....' Dialogue: 0,0:06:43.26,0:06:45.93,Default,,0000,0000,0000,,और मैं कह रहा हूं, देखो, पीछे चलो और देखो। Dialogue: 0,0:06:45.93,0:06:48.79,Default,,0000,0000,0000,,मैं कोई जादुई मसाला नहीं फेंक रहा\Nतुम्हारे चेहरे पर, Dialogue: 0,0:06:48.79,0:06:52.01,Default,,0000,0000,0000,,मैं तुमसे बहुत सीधी सादी \Nभाषा में बात कर रहा हूं। Dialogue: 0,0:06:52.01,0:06:54.97,Default,,0000,0000,0000,,और फिर भी मुझे कोई प्रतिक्रिया\Nनहीं मिल रही। कि मुझे लगे Dialogue: 0,0:06:54.97,0:06:58.53,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें तो इतना खुश होना चाहिए, \Nकि इस ज़माने में Dialogue: 0,0:06:58.53,0:07:04.11,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हारे पास यह अवसर है\Nइस सब बकवास से सच में मुक्त होने का ! Dialogue: 0,0:07:04.11,0:07:08.08,Default,,0000,0000,0000,,[हंसी]\N[संघ] हाँ! जी हाँ! Dialogue: 0,0:07:08.08,0:07:16.87,Default,,0000,0000,0000,,[म:] ठीक है! तो हम फिर बैठ सकते,\Nऔर चलते हैं। [हंसी] Dialogue: 0,0:07:16.87,0:07:20.51,Default,,0000,0000,0000,,धन्यवाद्। Dialogue: 0,0:07:20.51,0:07:27.42,Default,,0000,0000,0000,,यह बहुत अद्भुत बात है, क्योंकि हमारे समय\Nमें यह उपदेश अभी भी जीवंत है। Dialogue: 0,0:07:27.42,0:07:29.64,Default,,0000,0000,0000,,यह कभी भी पुराना नहीं होगा। Dialogue: 0,0:07:29.64,0:07:35.100,Default,,0000,0000,0000,,और कई पीढ़ियों बाद, जब हम \Nशारीरिक रूप से यहाँ से चले गए होंगे Dialogue: 0,0:07:35.100,0:07:38.40,Default,,0000,0000,0000,,वे प्राणी जो अभी अजन्मे हैं, वे आएंगे Dialogue: 0,0:07:38.40,0:07:43.54,Default,,0000,0000,0000,,और इस से सीखेंगे जो मैं आज कह रहा हूं। Dialogue: 0,0:07:43.54,0:07:47.91,Default,,0000,0000,0000,,येसु मसीह के कुछ सबसे बड़े अनुयायी\N Dialogue: 0,0:07:47.91,0:07:51.99,Default,,0000,0000,0000,,ज़रूरी नहीं कि उन बारह अनुयायियों \Nमें से थे जो उनके साथ चले थे। Dialogue: 0,0:07:51.99,0:07:58.27,Default,,0000,0000,0000,,शायद उनके सबसे बड़े अनुयायी अभी अजन्मे थे। Dialogue: 0,0:07:58.27,0:08:00.67,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें शारीरिक रूप से वहां होना ज़रूरी नहीं, Dialogue: 0,0:08:00.67,0:08:04.89,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन तुम्हारे पास ऐसा दिल होना चाहिए\Nजिसमें प्रेम और विश्वास की शक्ति हो , Dialogue: 0,0:08:04.89,0:08:12.76,Default,,0000,0000,0000,,और इन शब्दों का अनुसरण करो ! Dialogue: 0,0:08:12.77,0:08:15.30,Default,,0000,0000,0000,,ऐसे ही।\N Dialogue: 0,0:08:15.30,0:08:18.16,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें मुक्ति के कोई 17 चरण \Nनहीं दिए जा रहे। Dialogue: 0,0:08:18.16,0:08:20.78,Default,,0000,0000,0000,,यह आसान है, मैं आसान सा इशारा कर रहा हूं,\N Dialogue: 0,0:08:20.78,0:08:24.19,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन अगर तुम अपने व्यक्ति के तौर पर\Nबहस करते रहोगे, Dialogue: 0,0:08:24.19,0:08:26.59,Default,,0000,0000,0000,,तो तुम छोटे छोटे कदम लोगे।\N Dialogue: 0,0:08:26.59,0:08:29.63,Default,,0000,0000,0000,,ये छोटे कदम, ये ठीक हैं। Dialogue: 0,0:08:29.63,0:08:34.60,Default,,0000,0000,0000,,पर तुम ऐसे व्यवहार करते हो जैसे तुम्हारे\Nपास यह करने के लिए करोड़ों जन्म पड़े हैं । Dialogue: 0,0:08:34.60,0:08:39.56,Default,,0000,0000,0000,,मैंने कहा, आज तुम यहां से कुछ देख सकते हो।\N Dialogue: 0,0:08:39.56,0:08:43.46,Default,,0000,0000,0000,,चैतन्य की नज़रों से देखो।\Nतुम पहले ही वह हो। Dialogue: 0,0:08:43.46,0:08:46.65,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें कहीं बाहर जा कर इसके लिए \Nकोई साधन नहीं ढूंढने हैं। Dialogue: 0,0:08:46.65,0:08:48.80,Default,,0000,0000,0000,,तुम पहले ही यहाँ हो, ना? Dialogue: 0,0:08:48.80,0:08:54.63,Default,,0000,0000,0000,,यह समय धन्य है, और इस वक़्त \Nहमारी दुनिया में ऎसी स्थिति है Dialogue: 0,0:08:54.63,0:09:00.83,Default,,0000,0000,0000,,कि मुझे लगता है, कि हम मजबूर हों,\Nअपने बच्चों के लिए भी, \N Dialogue: 0,0:09:00.83,0:09:04.70,Default,,0000,0000,0000,,पर पहले अपने लिए भी,\Nकि हमें उसे पाना ही है । Dialogue: 0,0:09:04.70,0:09:08.75,Default,,0000,0000,0000,,कभी कभी जब हम हवाई जहाज़ में जाते हैं\Nतो मैं देखता हूं Dialogue: 0,0:09:08.75,0:09:11.92,Default,,0000,0000,0000,,कि वे आपको बताते हैं,\Nविधि दिखाते हैं Dialogue: 0,0:09:11.92,0:09:15.57,Default,,0000,0000,0000,,कि आपातकालीन स्थिति में \Nक्या करना चाहिए। Dialogue: 0,0:09:15.57,0:09:20.79,Default,,0000,0000,0000,,वे कहते हैं अगर हवा का दबाव कम हो रहा हो,\Nतो वे ये मास्क नीचे उतारते हैं। Dialogue: 0,0:09:20.79,0:09:22.82,Default,,0000,0000,0000,,क्या कहा उन्होंने?\N Dialogue: 0,0:09:22.82,0:09:29.64,Default,,0000,0000,0000,,उन्होंने कहा, 'पहले अपना पहनो!\Nऔर फिर अपने बच्चों को पहनाओ।' Dialogue: 0,0:09:29.64,0:09:31.46,Default,,0000,0000,0000,,'पहले ख़ुद पहनो।' Dialogue: 0,0:09:31.46,0:09:35.61,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि यदि तुमने ख़ुद पहनने का \Nमौका गवां दिया, तो वे गए! Dialogue: 0,0:09:35.61,0:09:43.52,Default,,0000,0000,0000,,पहले ख़ुद पहनो। पहले अपनी ज़िन्दगी बचाओ।\Nयह स्वार्थ नहीं है। Dialogue: 0,0:09:43.52,0:09:49.81,Default,,0000,0000,0000,,यदि तुम लोगों को संसार सागर में \Nडूबते हुए देखो, Dialogue: 0,0:09:49.81,0:09:54.01,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें करुणा महसूस हो, तुम उन्हें \Nबचाना चाहते हो,और तुम भाग रहे हो, Dialogue: 0,0:09:54.01,0:10:00.17,Default,,0000,0000,0000,,'आओ आओ, मेरे पास आ जाओ!'\Nपर तुम ख़ुद तैर नहीं सकते। Dialogue: 0,0:10:00.17,0:10:06.45,Default,,0000,0000,0000,,तो तुम्हें वह सत्य पाना होगा \Nजो तुम्हारे सामने ख़ुद पेश हो रहा है। Dialogue: 0,0:10:06.45,0:10:09.42,Default,,0000,0000,0000,,यह सरल सा संकेत है।\N Dialogue: 0,0:10:09.42,0:10:13.52,Default,,0000,0000,0000,,कई लोग आये और उन्होंने ये बातें कीं,\Nअलग अलग बातें, Dialogue: 0,0:10:13.52,0:10:16.51,Default,,0000,0000,0000,,पर अब यह इतना स्पष्ट दिख रहा है, Dialogue: 0,0:10:16.51,0:10:20.52,Default,,0000,0000,0000,,कि जैसे यह हमें उपहार स्वरूप मिला है,\Nमनुष्यों को, Dialogue: 0,0:10:20.52,0:10:23.00,Default,,0000,0000,0000,,इस तरह आसानी से देखने का। Dialogue: 0,0:10:23.00,0:10:26.92,Default,,0000,0000,0000,,ब्रह्माण्ड की नज़रों से देखने का।\Nब्रह्माण्ड की नज़रों से कौन देख सकता है?\N Dialogue: 0,0:10:26.92,0:10:31.83,Default,,0000,0000,0000,,तुम्हें अपने अनुकूलन से मुक्त होने की \Nज़रूरत नहीं,लेकिन तुम उसके पार जा सकते हो। Dialogue: 0,0:10:31.83,0:10:35.96,Default,,0000,0000,0000,,मैं कहता हूँ, पार जाओ।\Nउस पार नहीं, इस पार। Dialogue: 0,0:10:35.96,0:10:39.43,Default,,0000,0000,0000,,उस मूल में वापस आ जाओ जहाँ से देखना \N Dialogue: 0,0:10:39.43,0:10:43.31,Default,,0000,0000,0000,,और दृष्टि का होना,\Nख़ुद भी देखा जा सकता है। Dialogue: 0,0:10:43.31,0:10:49.62,Default,,0000,0000,0000,,और तुम सब जानते हो। तुम यह जानते हो।\Nइस जगह पर खड़े हो, वहां पर एक हो जाओ।\N Dialogue: 0,0:10:49.62,0:10:52.76,Default,,0000,0000,0000,,कुछ भी बनाओ नहीं, कोई नए विचार मत उठाओ। Dialogue: 0,0:10:52.76,0:10:58.77,Default,,0000,0000,0000,,खड़े हो कर पुष्टि करो कि तुम यहाँ हो।\Nतुम ही इस जगह की दृष्टि हो।\N Dialogue: 0,0:10:58.77,0:11:03.86,Default,,0000,0000,0000,,कितना सुन्दर, हमें कितना \Nकृतज्ञ होना चाहिए, इंसानी तौर पर Dialogue: 0,0:11:03.86,0:11:07.70,Default,,0000,0000,0000,,कि इतने वर्षों तक जो शिक्षा बहुत ऊँची\Nऔर बहुत मुश्क़िल मानी गयी, Dialogue: 0,0:11:07.70,0:11:12.38,Default,,0000,0000,0000,,कि जिसे प्राप्त करने में \Nजन्मों लग जायेंगे, Dialogue: 0,0:11:12.38,0:11:15.60,Default,,0000,0000,0000,,वह तुम्हें बच्चों के खाने की तरह\Nदी जा रही है। Dialogue: 0,0:11:15.60,0:11:19.09,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि जैसे जैसे वक़्त निकलता गया, Dialogue: 0,0:11:19.09,0:11:23.91,Default,,0000,0000,0000,,हम अब वे लोग नहीं रहे \Nजिनमें ज़्यादा ध्यान देने की क्षमता हो। Dialogue: 0,0:11:23.91,0:11:31.51,Default,,0000,0000,0000,,जगत के परमात्मा ने \Nएक नया, सरल तरीका प्रस्तुत किया है,\N Dialogue: 0,0:11:31.51,0:11:35.82,Default,,0000,0000,0000,,'ऐसे देखो'।\Nऔर यह सबसे सुन्दर तरीका भी है। Dialogue: 0,0:11:35.82,0:11:39.36,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि जब तुम सत्य के प्रति जागृत हुए हो, Dialogue: 0,0:11:39.36,0:11:43.57,Default,,0000,0000,0000,,तुम सिर्फ ईसाई या मुसलमान या हिन्दू \Nके तौर पर जागृत नहीं हुए। Dialogue: 0,0:11:43.57,0:11:48.69,Default,,0000,0000,0000,,तुम अस्तित्व के तौर पर जागृत हुए हो,\Nजो सर्वव्यापी है। Dialogue: 0,0:11:48.69,0:11:53.66,Default,,0000,0000,0000,,ये है जो मैं कहना चाह रहा हूँ।\N Dialogue: 0,0:11:53.66,0:11:57.99,Default,,0000,0000,0000,,इस वक़्त दूसरे देशों में और लोग हैं \Nजो अलग अलग गुटों में देख रहे हैं। Dialogue: 0,0:11:57.99,0:12:01.86,Default,,0000,0000,0000,,वे इसके साथ शायद इसमें \Nतुमसे भी ज़्यादा मौजूद हैं। Dialogue: 0,0:12:01.86,0:12:09.01,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि वे इसे जानते हैं।\Nवे इसके लिए तरसते हैं।\N Dialogue: 0,0:12:09.01,0:12:11.84,Default,,0000,0000,0000,,इसीलिए मैंने यह तुम्हारे \Nसामने ऐसे प्रस्तुत किया, Dialogue: 0,0:12:11.84,0:12:15.10,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि मैं तुम्हारे भ्रमों को\Nबढ़ावा नहीं दे सकता। Dialogue: 0,0:12:15.10,0:12:18.14,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन देखना, क्योंकि तुममें वह शक्ति है! Dialogue: 0,0:12:18.14,0:12:23.34,Default,,0000,0000,0000,,किसी को तुम्हें यह बताने न दो कि \Nतुममें सर्वोच्च को जानने की ताकत नहीं है। Dialogue: 0,0:12:23.34,0:12:26.55,Default,,0000,0000,0000,,छोटी चीज़ें करने की ताकत शायद तुममें न हो, Dialogue: 0,0:12:26.55,0:12:29.13,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि शायद वे तुम्हारी नहीं हैं। Dialogue: 0,0:12:29.13,0:12:31.46,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन सभी के लिए, वे ब्रह्म हैं।\N Dialogue: 0,0:12:31.46,0:12:35.92,Default,,0000,0000,0000,,किसी न किसी पड़ाव पर यह \Nतुम्हारी आकांक्षा जगायेगा इसे ढूंढने के लिए। Dialogue: 0,0:12:35.92,0:12:39.25,Default,,0000,0000,0000,,तुम आये हो। मैं नहीं जानता तुममें से\Nबहुत से लोग कहाँ कहाँ से आये हैं , Dialogue: 0,0:12:39.25,0:12:43.38,Default,,0000,0000,0000,,पर मैं जानता हूँ कि पूरी दुनिया से लोग \Nइस कमरे में हैं। Dialogue: 0,0:12:43.38,0:12:51.78,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि यह सर्वयापी आवाज़ है\Nजो तुम्हें बुलाती है। Dialogue: 0,0:12:51.78,0:12:56.05,Default,,0000,0000,0000,,मैं तुम्हें केवल यह याद दिला रहा हूँ कि \Nतुममें क्षमता है, ताकत है, Dialogue: 0,0:12:56.05,0:12:58.37,Default,,0000,0000,0000,,जो कुछ भी तुम्हें चाहिए पार जाने के लिए,\N Dialogue: 0,0:12:58.37,0:13:05.05,Default,,0000,0000,0000,,उस जीवन को छोड़ने के लिए जो इतना अस्थिर\Nहै, जो केवल दिमाग के द्वारा जिया जाता है, Dialogue: 0,0:13:05.05,0:13:08.06,Default,,0000,0000,0000,,केवल परंपरा और आदत के द्वारा। Dialogue: 0,0:13:08.06,0:13:14.02,Default,,0000,0000,0000,,और उस जीवन में वापस आने की\Nजो गहरे अंतर्ज्ञान और नयेपन से भरा हुआ है।\N Dialogue: 0,0:13:14.02,0:13:18.82,Default,,0000,0000,0000,,मैं तुम्हें सिर्फ़ यही संकेत देना चाहता हूँ। Dialogue: 0,0:13:18.82,0:13:20.57,Default,,0000,0000,0000,,देखा? Dialogue: 0,0:13:20.57,0:13:23.59,Default,,0000,0000,0000,,[प्र:] धन्यवाद!\N[म:] मैं और तुम कहते हो, ' धन्यवाद', Dialogue: 0,0:13:23.59,0:13:27.16,Default,,0000,0000,0000,,और मैं कहता हूँ, जगत के परमात्मा को\Nधन्यवाद, Dialogue: 0,0:13:27.16,0:13:38.83,Default,,0000,0000,0000,,और श्री शंकर को,\Nऔर श्री रमन महर्षि,और श्री पूंजाजी ,\N Dialogue: 0,0:13:38.83,0:13:44.31,Default,,0000,0000,0000,,श्री निसर्गदत्ता महाराज,\Nश्री योगी रामसुरतकुमार, श्री आनंदमयी माँ, Dialogue: 0,0:13:44.31,0:13:49.31,Default,,0000,0000,0000,,और ये सभी प्राणी जो आये,\Nऔर जो हमारे समय में आये Dialogue: 0,0:13:49.31,0:13:54.16,Default,,0000,0000,0000,,यह याद दिलाने के लिए..... Dialogue: 0,0:13:54.16,0:13:58.38,Default,,0000,0000,0000,,शायद यह कभी बहुत धार्मिक मायने नहीं लेगा,\Nमुझे नहीं पता। Dialogue: 0,0:13:58.38,0:14:01.78,Default,,0000,0000,0000,,यह बहुत ही क्रन्तिकारी रूप से सरल है।\N Dialogue: 0,0:14:01.78,0:14:07.35,Default,,0000,0000,0000,,सत्य सरल है,\Nलेकिन सत्य को खोजने वाले जटिल हैं,\N Dialogue: 0,0:14:07.35,0:14:11.56,Default,,0000,0000,0000,,और हम हमेशा अपनी जटिलताओं से\Nआसक्त रहते हैं। Dialogue: 0,0:14:11.56,0:14:14.46,Default,,0000,0000,0000,,हम हर समय ख़ुद से ही लड़खड़ाते रहते हैं Dialogue: 0,0:14:14.46,0:14:16.72,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि हम इतने स्थिर नहीं हैं\Nकी हम देख सकें Dialogue: 0,0:14:16.72,0:14:20.08,Default,,0000,0000,0000,,हमें कुछ ज़्यादा नहीं करना है, Dialogue: 0,0:14:20.08,0:14:26.34,Default,,0000,0000,0000,,बस चुप रहना है और देखना है,\Nजो निर्देश तुम्हें दिया गया है उसके साथ,\N Dialogue: 0,0:14:26.34,0:14:31.95,Default,,0000,0000,0000,,वह सत्य पाने के लिए जिसके लिए \Nतुम्हारा दिल इतना तरसता है। Dialogue: 0,0:14:31.95,0:14:36.47,Default,,0000,0000,0000,,मैं तुमसे कोई कविता नहीं कह रहा हूँ। Dialogue: 0,0:14:36.47,0:14:37.69,Default,,0000,0000,0000,,[प्र:] आपको प्यार!\N Dialogue: 0,0:14:37.69,0:14:40.71,Default,,0000,0000,0000,,[म:] तुम्हें भी प्यार।\N[प्र:] प्यार, प्यार।\N Dialogue: 0,0:14:40.71,0:14:42.77,Default,,0000,0000,0000,,[म:] बहुत अच्छा। Dialogue: 0,0:14:42.77,0:14:50.73,Default,,0000,0000,0000,,कॉपीराइट © 2017 मूजी मीडिया \Nलिमिटेड सर्वाधिकार आरक्षित Dialogue: 0,0:14:50.73,0:14:55.72,Default,,0000,0000,0000,,इस रिकॉर्डिंग का कोई भाग मूजी मीडिया लि की\Nसहमति बिना पुन:प्रस्तुत नहीं किया जा सकता