♪ [संगीत] ♪ अर्थशास्त्र के तत्व नोमिनल वि. वास्तविक जीडीपी [अलेक्स] क्या अर्थव्यवस्था विकसित हो रही है? क्या चार साल पहले की तुलना में लोग आज बेहतर हाल में हैं? 40 साल पहले की तुलना में? जीडीपी के आँकड़े इन सवालों का जवाब देने में हमारी मदद कर सकते हैं। मगर पहले, हमें कुछ सुधार करने होंगे। जैसा कि हमने अपने पहले वीडियो में कहा था, जीडीपी में सभी तैयार सामान और सेवाओं के मूल्यों का योग होता है। इसका मतलब है जीडीपी बढने के दो संभावित तरीके हैं। पहला, मूल्य बढ़ सकता है। इस स्थिति में, जीडीपी की संख्या बढ़ती है, मगर अर्थव्यवस्था में दरअसल अधिक माल और सेवाओं का उत्पादन नहीं हो रहा है। मुद्रास्फीति है जो जीडीपी को बढ़ा रही है। जीडीपी की वृद्धि... काग़ज़ पर अच्छी लग सकती है... मगर यह एक मरीचिका है, मात्र एक नोमिनल वृद्धि। दूसरा तरीका जिससे जीडीपी बढ़ सकता है वह है कि अधिक मूल्यवान माल और सेवाओं का उत्पादन किया जाये। इसका मतलब होगा अधिक माल और सेवाएँ, या बेहतर माल और सेवाएँ, शायद उच्चतर मूल्य के माल और सेवाएँ। हम जीडीपी में दूसरी प्रकार की वृद्धि चाहते हैं। यह मरीचिका नहीं है, यह जीडीपी में वास्तविक वृद्धि है। वास्तविक जीडीपी दूसरे प्रकार की वृद्धि का आकलन करती है। और वास्तविक जीडीपी आंकड़े... वह मुद्रास्फीति को नियंत्रित करता है किसी भी अर्थव्यवस्था में सभी माल और सेवाओं को जोड़ कर सारे समय मूल्य के एक ही सेट का इस्तेमाल करते हुये। मूल्य का एक ही सेट। वास्तविक जीडीपी बताता है... कि यदि माल और सेवाओं के मूल्य बदले नहीं होते, तब जीडीपी कितना बढ़ा, या घटा होता? आम तौर पर हमें वास्तविक जीडीपी की चिंता होती है। एक उदाहरण देते हैं। हम एक शानदार टूल का इस्तेमाल करेंगे जिसे कहते हैं सेंट लुई फेडरल रिज़र्व इकोनोमिक डेटाबेस, या फ़्रेड। फ़्रेड हर अर्थशास्त्री का घनिष्ठ मित्र है। तो गूगल करके देखते हैं "US nominal GDP Fred." हमें यह मिलेगा। हम देख सकते हैं कि हम 1950 में 32 करोड़ डॉलर की जीडीपी से बढ़ कर 2015 में 17 अरब डॉलर की जीडीपी हो गए। वाह! इससे पता चलता है कि हमारी अर्थव्यवस्था 55 गुना बढ़ गई। मगर ठहरिए, एक पल रुकिए, शायद आप कहेंगे। मेरी दादी ने बताया था कि एक पावरोटी का दाम एक डाइम हुआ करता था। और अब उसके दो डॉलर देने होते हैं। यह सही है। अगर हम समय के साथ अपनी अर्थव्यवस्था की तुलना करना चाहेंगे, हमें मूल्य में परिवर्तन को नियंत्रित करना होगा। इसलिए हम नोमिनल जीडीपी को नहीं देखना चाहते। हमारी अधिक दिलचस्पी है वास्तविक जीडीपी में। तो फिर गूगल पर देखते हैं "वास्तविक यूएस जीडीपी फ़्रेड।" हमें यह मिलता है। इस वक्र में 2009 डॉलर्स में वास्तविक जीडीपी मापा गया है। इसका अर्थ है 2009 के मूल्यों का इस्तेमाल करके। यह वक्र दिखाता है कि लगातार 2009 के मूल्यों का इस्तेमाल करके, 1950 में, उस समय उत्पादित सभी माल और सेवाओं का मूल्य लगभग 2 अरब डॉलर था। 2015 की तुलना में, उस समय उत्पादित सभी माल और सेवाओं का मूल्य लगभग 16 अरब डॉलर था। तो नोमिनल जीडीपी बताती है कि 1950 की तुलना में 2015 की अर्थव्यवस्था 55 गुना बड़ी थी, वास्तविक जीडीपी दिखाती है कि वह 8 गुना बड़ी थी। यह भी अच्छा है, मगर इतना बड़ा अंतर नोमिनल जीडीपी और वास्तविक जीडीपी में। ठीक है। अब मूल्य के लिए नियंत्रित कर लिया, मगर एक और बड़ा अंतर है आज के तुलना में 1950 की यूएस अर्थव्यवस्था में। सही - अभी लोग बहुत अधिक हैं। हम जनसंख्या के आकार पर भी नियंत्रित कर सकते हैं वास्तविक जीडीपी का प्रति व्यक्ति इस्तेमाल करके। वास्तविक जीडीपी में देश की जनसंख्या का भाग दे कर, हमें एक अच्छा, तथापि दोषयुक्त, माप मिलता है देश के जीवन-स्तर का। तो एक बार फिर, गूगल करते हैं, "वास्तविक जीडीपी प्रति व्यक्ति फ़्रेड।" हमें यह मिलता है। 1950 में, स्थिर मूल्यों में मापी गई प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी लगभग $14,000 थी। 2015 में, प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी थी लगभग $50,000। तो मोटे तौर पर, 2015 में लोगों का जीवन स्तर 1950 में लोगों के स्तर से चार गुना है। यह जीवन स्तर में एक बड़ी और उल्लेखनीय वृद्धि है। वैसे, चूंकि वास्तविक जीडीपी में आठ गुनी वृद्धि हुई है, और प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी चार गुना बढ़ा है, हम तुरंत जान जाते हैं कि 1950 से 2015 के बीच जनसंख्या लगभग दोगुनी हो गई है। अब इस वक्र को निकट से देखते हैं। हम एक और कारण देख सकते हैं कि हमारी जीडीपी के आंकड़ों में रुचि क्यों है। आर्थिक मंदी के दौर में प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी कम होता है। दरअसल, वास्तविक जीडीपी में कमी ही आर्थिक मंदी की परिभाषा का एक हिस्सा है। वास्तविक जीडीपी में कमी के साथ सामान्यतः बेरोज़गारी भी बढ़ती है। आप यहाँ देख सकते हैं कि जब वास्तविक जीडीपी में कमी आती है बेरोज़गारी बढ़ती है। यह फ़्रेड डेटाबेस की एक और बढ़िया विशिष्टता है। प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी वक्र पर, "डेटा शृंखला संपादित करें" पर क्लिक करिए और फिर प्रतिशत वार्षिक परिवर्तनों पर चले जाइए। तो अब हम तुरंत वास्तविक जीडीपी में वार्षिक परिवर्तन देख सकते हैं। आप देख सकते हैं, उदाहरण के लिए, 2008 और 2009 की बड़ी मंदी। जैसे कि, 2009 में, अर्थव्यवस्था 3.6% सिकुड़ गई पिछले वर्ष की तुलना में। यह बहुत बड़ी और अप्रिय गिरावट है। ठीक है। अब आपके हाथ में है वास्तविक जीडीपी अपनी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को मापने के एक तरीके के रूप में। मैंने कहा था प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी एक अच्छा, अलबत्ता दोषपूर्ण माप है किसी देश के जीवन स्तर का। मगर क्या यह वास्तव में सत्य है? क्या प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी में वृद्धि का अर्थ है कि हमारी हालत बेहतर है? इसी विचार की अभिरक्षा मैं अगले वीडियो में करूंगा। [वाचक] अगर आप परीक्षण करना चाहते हैं "अभ्यास प्रश्नों" पर क्लिक करें। या, अगर आप आगे बढ्ने को तैयार हैं तब आप "अगले वीडियो पर जाएँ" पर क्लिक करें। आप MRUniversity.com पर भी विज़िट कर सकते हैं वीडियो और संसाधनों की हमारी लाइब्रेरी देखने के लिए। ♪ [संगीत] ♪