बहुत से शक्‍त‍ि-संबधों में आपके पास एक पीड़‍ित व्‍यक्‍त‍ि होता है जो हालात को ठीक करने का प्रयास करता है। मैं उत्‍पीड़न की कथाएं नहीं बनाना चाहती। बल्‍क‍ि मैं इसे उलटना चाहती हूं। मैं जो आजादी प्रत्येक च‍ि‍त्र में देती हूं वह परि‍वर्तनशील देह में है। शरीरों को निरंतर पर‍िवर्तन में रखने से दर्शक शक्‍त‍ि के व‍िचार को स्थानांतरित करने में सक्षम हो जाता है। इस प्रक‍िया में आप अपने आस-पास के संसार को स्थानांतरित करते हो। यही वह जगह है जहां सौंदर्य विध्वंसक हो सकता है। ["फायरली बेज़: एन ओपन होराइज़न (या) स्टिलनेस ऑफ़ ए वूंड "] यद‍ि यह मेरे वश में होता तो, मैं क‍िसी पहाड़ समुद्र के दृश्‍य में एक साध्‍वी होती [हंसती है] और मेरे पास खुली खिड़कियों के साथ मेरा विशाल स्थान होगा, और यद‍ि वर्षा आती है तो भाड़ में जाए। वह सपना है। [समवेत गायन] [फायरले’स स्टूडियो, द ब्रोंक्स] लेकिन मुझे याद हमेशा बनाते रहना। एक बार शायद जब मैं छह साल की थी, दूसरे बच्चों ने अपने लि‍ए मुझसे बहुत काल्‍पन‍िक " सोनपंखी" बनवाई। मेरे पास बॉल के बड़े गाउन होते । उनके बाल हमेशा घने होते । मैं हमेशा शरीर के व‍िषय में बात करती थी। मेरा प्रारंभ‍िक बचपन लोना दे काबरेरा में गुजरा जो क‍ि डोम‍िन‍िश‍ियन गणराज्‍य और हेती की सीमा पर है पुरालेख संबधी पार्श्व स्वर यद‍ि आप क्‍यूबा के दक्ष‍िणी पूर्वी सिरे की ओर सीधा जाओगे तो आप रोमान‍ियन द्वीपसमूह के बगल में आ जाओगे। हम तरह तरह की धारणाएं बनाते क‍ि कैरेब‍ियन से होने के क्‍या मायने हैं और जब आप वहां से बाहर न‍िकल आते हो तो आपको कुछ अच्‍छा हास‍िल हो सकता है। पहला कारण जो मैं चाहती थी कि इन चित्रों पर काम करें पहले के वैज्ञानिक च‍ित्रों को देखना था वनस्पतियों और जीवों की नई दुनिया से कार्ल लिनियस को देखते हुए यह वो आदमी है जो आधुनिक वैज्ञानिक तरीके की नींव था । अवलोकन और वर्गीकरण लेकिन उनका इतना काम सरासर बकवास था। इसने न्यू वर्ल्ड ब्लैक एंड ब्राउन बॉडी की बराबरी की पाश्‍व‍िकता के साथ। नई दुनिया के लोग क्या थे यह बताने में आप नरभक्षी और रक्‍त प‍िपासु पिशाच के बगल में होंगे इसलिए, उनकी पहले से ही दोषक्षम दृष्टि में झुकाव और कुछ नया बनाना। "सिगुआपस" के मेरे चित्रों को पढ़ने में, मैं दर्शकों को एक महिला के शरीर के इर्द ग‍िर्द अपनी भावनाओं के साथ सहमत होने के लिए कह रही हूं। [सिगुआपा: एक डोमिनिकन लोकगीत का म‍िथकीय प्राणी] सिगुआपा एक चालबाज़ व्यक्ति है। वह एक मोह‍िनी है। कोई उसके द्वारा मोह ल‍िया जाएगा और फिर पूरी तरह से खो जाएगा और फिर कभी नहीं द‍िखेगा। यह वर्णन बहुत अस्पष्ट है। यह एक नेवले से लेकर सबसे सुंदर महिला तक कुछ भी हो सकता है सबसे कुरूप महिला तक। एक निश्चित बात यह है कि उसके पैर पीछे की ओर हैं - यदि आप उनके पदच‍िन्‍हों पर चलते हैं, तो आप गलत दिशा में जा रहे थे-- और यह कि उसके पास बालों की चमकदार अयाल है। वह कुछ होना चाहती थी ज‍िसने हमें इतना भयभीत कर दिया ताक‍ि हम पर्याप्‍त लंबे समय तक शांत रह कर सभ्‍य बनाएं जा सकें। कहानी का सामान्‍य स्वर यह है क‍ि यह कामुक मादा प्राणी हैं। वे अत‍िकामुक हैं और वे संस्कृति का अवपथन करते हैं। अंर्तकथा यह है कि वे अत्यधिक स्वतंत्र हैं वे शांतच‍ित्‍त हैं, और वे गहराई से महसूस करते हैं। तो कौन वह बनना चाहेगा? उस छवि का उपयोग करने में यह रोमांचक था क‍ि मैं उन सभी चीजों को शामिल करने में सक्षम थी ज‍िन्‍हें नि‍रा चस्‍पा कर द‍िया था ज‍िन्‍हें अवांछनीय सा माना गया और उन्हें क‍िसी सुंदर रूप में फिर से गढें और इच्‍छा की एक दृष्‍ट‍ि के साथ ["सिगापा एंटेलाना," 2018, हार्लेम] मैं हाल ही में अपनी चाची के पास गया, और, उन्‍होंने कहा "पता है, मैंने कभी नहीं सोचा कि तुम एक कलाकार होगी। जब मैं सात साल की थी, तबसे वही हमें पाल रही थी। उनके लिए यह थोड़ा परेशान करने वाली बात थी। क्योंकि वह मैं ही थी जो कागजों को सिलने के प्रयास में अपनी उंगली में सुई चुभो देती थी। जैसे क‍ि मैंने अपनी उंगली ही स‍िल दी हो लेकिन मैं कहती, "मैं अपनी पुस्तक की ज‍िल्‍द बांधना चाहती हूं।" मैं इसे ठीक कर दूंगा।” वे मुझे "द डेमोल‍िशर" या "द हेलियन" पता नहीं क्‍या क्‍या बुलाते थे [हंसी] जब भी मैं किसी चित्रकार की कल्पना करती हूं यह कोई है जो "महिला चित्रकार।" की तरह बहुत प्रकृतिस्थ है क‍िंतु मैं एक कार मैकेनिक की तरह महसूस करती हूं। मेरी माँ एक कुशल दर्जी हैं। वे सचमुच सुंदर चीजें बना सकती हैं। लेकिन वह सप्ताह में 100 घंटे के काम में इतनी फंस गई थी क‍ि वह हमेशा काम करते रहने के लिए काम करती है। इससे बहुत अधिक अनिश्चितता हो जाती है। तो आपकी बनाई चीजों में से कोई भी अंत तक बच नहीं पाती है। मैं उस चक्र को तोड़ने की कोशिश कर रही हूं और अपने भतीजों और भतीज‍ियों को खुद को अपने पीछे क‍िसी लंबे चक्र और उनसे पहले लंबे चक्र के हिस्से के के रूप में सोचना स‍िखाती हूं