बहुत से शक्‍त‍ि-संबधों में आपके पास एक पीड़‍ित व्‍यक्‍त‍ि होता है जो हालात को ठीक करने का प्रयास करता है। मैं उत्‍पीड़न की कथाएं नहीं बनाना चाहती। बल्‍क‍ि मैं इसे उलटना चाहती हूं। मैं जो आजादी प्रत्येक च‍ि‍त्र में देती हूं वह परि‍वर्तनशील देह में है। शरीरों को निरंतर पर‍िवर्तन में रखने से दर्शक शक्‍त‍ि के व‍िचार को स्थानांतरित करने में सक्षम हो जाता है। इस प्रक‍िया में आप अपने आस-पास के संसार को स्थानांतरित करते हो। यही वह जगह है जहां सौंदर्य विध्वंसक हो सकता है। ["फायरली बेज़: एन ओपन होराइज़न (या) स्टिलनेस ऑफ़ ए वूंड "] यद‍ि यह मेरे वश में होता तो, मैं क‍िसी पहाड़ समुद्र के दृश्‍य में एक साध्‍वी होती [हंसती है] और मेरे पास खुली खिड़कियों के साथ मेरा विशाल स्थान होगा, और यद‍ि वर्षा आती है तो भाड़ में जाए। वह सपना है। [समवेत गायन] [फायरले’स स्टूडियो, द ब्रोंक्स] लेकिन मुझे याद हमेशा बनाते रहना। एक बार शायद जब मैं छह साल की थी, दूसरे बच्चों ने अपने लि‍ए मुझसे बहुत काल्‍पन‍िक " सोनपंखी" बनवाई।