[इस व्याख्यान की छवियाँ विचलित कर सकती हैं दर्शक अपने विवेक से काम लें] मैं चीज़ें इकट्ठी करता हूँ। लोहे की छड़ें इकट्ठी करता हूँ जिनका उपयोग गुलामों को चिह्नित करने के लिए होता था। मैं हथकड़ियाँ इकट्ठी करता हूँ और बेड़ियाँ भी जिनसे बड़ों और बच्चों को बाँधा जाता था। मैं हत्याओं से जुड़े पोस्टकार्ड इकट्ठे करता हूँ। उनमें फाँसी दर्शायी जाती थी। उनमें भीड़ का भी चित्रण होता है जो फाँसी देते देखती थी, और इन पोस्टकार्डों को पत्राचार के लिए भी काम में लाया जाता था। मैं दसिता का पक्ष लेने वाली पुस्तकें इकट्ठा करता हूँ जो अश्वेतों को अपराधी या आत्माहीन जानवर दर्शाती हैं। मैं आपके लिए कुछ लाया हूँ। यह जहाज पर काम में ली गई छड़ है। इसका इस्तेमाल गुलामों पर निशान लगाने के लिए किया जाता था। जब उन पर निशान लगाया गया था तब वे असल में ग़ुलाम नहीं थे। वे अफ़्रीका में रहते थे। उन पर अंग्रेज़ी का "एस" अक्षर दागा गया यह दर्शाने के लिए कि वे ग़ुलाम बनने वाले हैं अमेरिका पहुँचने के बाद या यूरोप पहुँचने के बाद। जब मैं छोटा था, उस वक़्त एक चीज़ ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा वह चीज़ थी, क्लान रोब (लबादा)। दक्षिण कैरोलिना में बड़ा होने की वजह से, कभी-कभी कू क्लक्स क्लान रैली देखी, असल में कभी-कभी से कहीं ज़्यादा ही, और उस रैली की यादें मेरे जहन से कभी नहीं निकलीं। असल में मैंने 25 साल पहले तक उन यादों के साथ कुछ भी नहीं किया। कुछ साल पहले, मैंने क्लान पर शोध करना शुरू किया, क्लान की तीन अलग शाखाएँ थीं, दूसरी वाली विशेष थी। क्लान की दूसरी शाखा के पांच मिलियन से अधिक सक्रिय सदस्य थे, जो उस समय की जनसंख्या का पांच प्रतिशत था, जो उस समय न्यूयॉर्क शहर की भी कुल जनसंख्या थी। बकहेड में क्लान के लबादे का कारखाना था जो जॉर्जिया के पड़ोस में था यह 24 घंटे चलने वाला कारखाना बन गया था जिसके पास ऑर्डर आते रहते थे। माँग की पूर्ति करने के लिए उन्हें हर वक़्त 20,000 लबादे तैयार रखने पड़ते थे। कलाकृतियों का संग्रहकर्ता और एक कलाकार होने के नाते, मैं क्लान रोब को अपने संग्रह का हिस्सा बनाना चाहता था, क्योंकि कलाकृतियाँ और वस्तुएँ कहानियाँ बताती हैं, पर मुझे एक भी ऐसा लबादा नहीं मिला जो अच्छी हालत में हो। अमेरिका में एक अश्वेत आदमी क्या करता जब वह एक अच्छी हालत वाला क्लान रोब न ढूँढ पा रहा हो? (हँसने की आवाज़) मेरे पास कोई और चारा नहीं बचा। मैंने तय किया कि मैं अमेरिका में सर्वश्रेष्ठ क्लान रोब बनाऊँगा। ये पारंपरिक क्लान रोब नहीं हैं जिन्हें आप किसी केकेके रैली में देख पाएँ। मैंने बुने हुए कपड़े का इस्तेमाल लिया, सैनिकों की वर्दी वाले कपड़े का इस्तेमाल किया, स्पैनडेक्स, टाट, रेशम, साटिन और अलग-अलग नमूने इस्तेमाल किए। मैं इन्हें विभिन्न आयु वर्गों के लिए बनाता हूँ; बच्चों के लिए और छोटे बच्चों के लिए बनाता हूँ। यहाँ तक कि मैंने नवजात शिशु के लिए भी बनाया। इतने सारे लबादे बनाने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि जिन नीतियों को क्लान ने लागू किया या एक सौ साल पहले लागू करना चाहता था आज लागू हो चुकी हैं। हमने स्कूलों, पड़ोस, कार्यस्थलों को अलग रखा, क्योंकि ये हुड पहने हुए लोग नहीं हैं जो इन नीतियों को लागू करते हैं। मेरा काम दासता का दीर्घकालिक प्रभाव है। हम मात्र व्यवस्थित नस्लवाद के अवशेष का सामना नहीं कर रहे हैं। हम जो भी काम करते हैं यह उसका आधार है। हमने जानबूझकर एक बार फिर से पड़ोस,कार्यस्थलों और स्कूलों को अलग रखा है। हमारे मतदाता हताश किये जाते है। हमारे यहाँ उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों का असमान प्रतिनिधित्व है। हमारे वातावरण में नस्लवाद है। हमारे यहाँ पुलिस की क्रूरता है। आज मैं आपके लिए कुछ चीज़ें लाया हूँ। नस्लवाद के छिपे हुए पहलू इसकी शक्ति का अंश हैं। कभी-कभी जब आपसे भेदभाव होता है, तब आप यह साबित नहीं कर सकते कि आपके साथ भेदभाव हो रहा है। नस्लवाद में छिपने की शक्ति होती है, और जब यह छुपता है, तो सुरक्षित रहता है चूँकि यह घुलमिल जाता है। मैंने यही दिखाने के लिए यह लबादा बनाया है। अमेरिका के पूंजीवाद का आधार दासता है। दासता ही पूंजीवाद की पूंजी थी। 1868 में पहला ग्रैंड विज़ार्ड, नाथन बेडफोर्ड फोरेस्ट, एक संघीय सैनिक और एक करोड़पति दास व्यापारी था। उसने दासता से जितना धन बनाया था-- जिसमें दास उसकी सम्पति थे-- आपका दिमाग चकरा जायेगा। 1860 में सिर्फ़ कपास की बिक्री लगभग 200 मिलियन डॉलर के बराबर थी। यह आज के समय के पांच अरब डॉलर के बराबर होगा। उस धन आज भी पुश्तैनी धन के रूप में उपलब्ध है। ओह, मैं दूसरी फसलों को तो भूल ही गया। जैसे कि नील, चावल और तम्बाकू। 2015 में, मैंने पूरे साल एक सप्ताह में एक लबादा बनाया। 75 वस्त्र बनाने के बाद, मुझे एक बात समझ आई। मुझे अहसास हुआ कि श्वेत लोगों का वर्चस्व बना हुआ है, पर श्वेत लोगों के वर्चस्व की सबसे बड़ी ताकत केकेके नहीं है, यह व्यवस्थित नस्लवाद का सामान्यीकरण है। मुझे एक और बात का एहसास हुआ। मुझमें लबादे का आकर्षण बिल्कुल नहीं रहा। लेकिन अगर हम लोग एक साथ इन चीज़ों की तरफ देखें-- दागने वाली छड़ें, जंजीरें, लबादे-- और महसूस करें कि ये हमारे इतिहास का हिस्सा हैं, हम उन रास्तों कि खोज कर सकते हैं जिनसे ये हम पर हावी होना छोड़ दें। अगर हम व्यवस्थित नस्लवाद को देखें और स्वीकार करें कि एक देश के रूप में यह हमारे कण-कण में बसा हुआ है, तभी हम वास्तव में नस्लावाद को जानबूझकर अलग रख पाएँगे अपने स्कूलों, पड़ोस और कार्यालयों से। तभी और सिर्फ़ तभी हम असल में दासता को सम्बोधित कर पाएँगे और दासता की भद्दी परम्परा को तोड़ पाएँगे। बहुत-बहुत शुक्रिया। (तालियों की आवाज़)