4 अगस्त को लेबनान के बेरूत में बंदरगाह पर एक बड़ा विस्फोट हुआ था। (विस्फोट) सेलफोन ने विस्फोट को लगभग हर ऐंगल से दिखाया। वीडियो सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगभग तुरंत फैल गए। कुछ असली थे, कुछ में हेरफेर किया गया था। कुछ विस्फोट से ठीक पहले एक मिसाइल दिखाई दिए। (विस्फोट) इन वीडियो से छेड़छाड़ की गई थी। जब खोजी रिपोर्टर इमैनुएल सलीबा को उन वीडियो में से एक बेरूत के स्रोत से प्राप्त हुआ, वह जानती थी कि उसे इस पर काम करना होगा। एक खोजी पत्रकार के रूप में, मेरी भूमिका यह जानने की कोशिश करना है कि विस्फोट किस कारण से हुआ। मैं ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आयी जो बेरूत के बंदरगाह पर व्यवसाय का मालिक है। उनका परिवार ४० साल से वहां काम कर रहा है। हमारी बातों में उन्होंने कहा: "मैं आपको एक वीडियो भेजता हूं।" "मुझे लगता है कि एक मिसाइल इस विस्फोट का कारण है।" मैं पहले से ही काफी संशय में थी क्योंकि मैंने वहां कुछ काफी आसानी से खारिज करने योग्य वीडियो देखे थे। तो हम यहां जो देख रहे हैं वह पहला वीडियो है जो कि छेड़छाड़ की गई थी। इस मामले में क्या दिलचस्प है - यह एक मूल गवाह वीडियो है, तो हम विडीओ देख रहे हैं, लेकिन उस व्यक्ति ने इसमें एक मिसाइल जोड़ दिया। और मैं आपको मूल वीडियो दिखाऊंगी, जो कि यह है। (कार का हॉर्न बजाना) (विस्फोट) ऑनलाइन में क्या हो रहा है, इसके बारे में अब क्या बढ़िया है कि जैसे ही कोई हेर-फेर वाला वीडियो सामने आता है, बहुत सारे पत्रकार हैं जो ऐसा करने के लिए प्रशिक्षित हैं, बहुत जल्दी उन्हें खारिज किया जा रहा है। बीबीसी के एक सहयोगी जो दुष्प्रचार पर ध्यान देते हैं, इसे खारिज कर दिया। और भी कई लोग हैं, जो भले ही कई जगह काम करते हैं, एक दूसरे के काम देख रहे हैं और एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। मैं अपने स्रोत से बात कर रही थी तो मेरे दिमाग में यह बात थी, मैंने सोचा, "हमने पहले ही एक वीडियो को खारिज कर दिया है। मैं इसे लेकर काफी संशय में हूं।" "मुझे भेज दो।" उसने मुझे व्हाट्सएप से भेजा और कहा कि उसे यह दोस्तों और परिवारों से मिला है। कल्पना कीजिए कि उनका व्यवसाय नष्ट हो गया है, वे जवाब चाहते हैं। वे जानना चाहते हैं कि विस्फोट किस कारण से हुआ। मैंने वीडियो देखा और यह एक इंफ्रारेड वीडियो है। मैं आपको एक ऐसा संस्करण दिखाती हूँ जो अभी भी ट्विटर पर मौजूद है। मैं इसे आपके लिए चलाती हूँ ताकि आप देख सकें। (विस्फोट) आप देख सकते हैं कि ये दो वीडियो हैं जिन्हें एक साथ एडिट किया गया है ऐसा दिखाने के लिए कि यह एक ही शॉट है। लेकिन इसे देखने मात्र से कोई भी यह देख सकता है कि वे दो अलग-अलग कोणों से लिए गए हैं। यह थर्मल इमेजिंग परत भी है जो थोड़ी अजीब है, यह देखते हुए कि वीडियो कैमरा नीचे गिर जाता है और आप देख सकते हैं कि इसे एक आम आदमी ने खिंचा था। इन्फ्रारेड कैमरा किस आम आदमी के पास के पास है? यह एक महंगा कैमरा है। बिलकुल। वीडियो हिल रहा है। इतनी जल्दी कोई सुरक्षा फ़ुटेज सामने नहीं आता विस्फोट की ताकत को देखते हुए। तो आप बस इन चीजों को एक साथ जोड़ना शुरू करें, जैसे, मैंने इस पहले शॉट को पहचान लिया और मुझे पता था कि यह एक सोशल मीडिया संपादक द्वारा लिया गया था जो असल में वहाँ पर था, जो सीएनएन के लिए काम करता है। और ये है असली वीडियो है। आप देखिए, इसमें वह फ़िल्टर नहीं है। और जब आप इसे प्ले करते हैं, (विस्फोट) आप देख सकते हैं कि कोई मिसाइल नहीं है जो आसमान से आती है और हिट करती है। तो इसे जोड़ा गया। मैंने उससे बात की और कहा, इस वीडियो में हेरफेर किया गया। और मुझे अपने वीडियो में कथित मिसाइल के बारे में ये कई ईमेल मिलते रहे" जो आप देख सकते हैं ऐसा कुछ नहीं है। और इसके तुरंत बाद, ट्विटर ने में एक कार्यक्रम रखा यह दिखाने के लिए कि तथ्य जांचकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला बेरूत विस्फोट वीडियो से छेड़छाड़ की गई और इसमें एक नकली मिसाइल शामिल थी। और उन्होंने मेरे ट्वीट और मेरे लिंक को ऑनलाइन दिखाया, और उन्होंने कुछ अन्य पत्रकारों को भी जोड़ा गया जो इसी तरह के डिबंकिंग का काम भी कर रहे थे। इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इन्हें खारिज करने में देरी ना करें और सच को सामने रखें और लोगों को ये बताए कि हम इसे कैसे करते हैं, है ना? यह कहना आसान है कि यह वास्तविक नहीं है, लेकिन लोगों को ये समझाने की जरूरत है कि यह वास्तविक क्यों और कैसे नहीं है। इसलिए मैंने उसे वापस लिखा और मैंने खुद ही आगे बड़कर कहा, " कि मैं कैसे जानती हूं कि यह वास्तविक नहीं है।" और उसने लिखा, "ठीक है, यह जानना बहुत अच्छा है। मैं अपने दोस्तों और परिवार को बताऊंगा।" यह सच में मददगार होगा, यदि आप सूची बनाए इन सभी विभिन्न पत्रकारों के साथ, ताकि आप ब्रेकिंग न्यूज के दौरान उन पर नजर रख सकें। और जिन विशेषज्ञों पर आप भरोसा करते हैं, उनके साथ एक मज़बूत सम्बंध बनाए, और इस तरह आप देख सकते हैं कि आप क्या शेयर करने जा रहे हैं वास्तव में यहाँ कुछ ऐसा दिखा जो आपको नहीं करना चाहिए। बिल्कुल। बेरुत में ४ अगस्त को हुआ विस्फोट विनाशकारी था। जान चली गई। हजारों घायल हो गए। अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। हम सब जानना चाहते थे कि ऐसा कैसे हुआ। हमें तुरंत स्पष्टीकरण मिला। लेकिन विश्वसनीय खबरों में समय लगता है। तो हम क्या करते हैं जब सूचना तथ्यों की तुलना में तेजी से फैलती है? इमैनुएल की सिफारिश की तरह एक सूची बनाएं। पत्रकारों को खोजें जिन पर भरोसा करते हैं और उनका अनुसरण करें। फिर जब बड़ी खबर आती है - और अगर २०२० ने हमें कुछ सिखाया है, यह निश्चित रूप से ख़त्म हो जाएगा - आपको पहले से ही पता होगा कि किसके पास जाना है। अगली बार तक। इसे असली बनाए रखें। फेक न्यूज न फैलाएं। मैं हूं हरि श्रीनिवासन और यह टेक ऑन फेक है। देखने के लिए धन्यवाद। इस तरह की और गहन जांच के लिए, इमैनुएल सलीबा को ट्विटर पर फ़ॉलो करें। आप विवरण में एक लिंक पा सकते हैं। आप क्या सोचते हैं हमें कमेंट में बताएं और सब्सक्राइब करना न भूलें, ये जानने के लिए कि TakeOnFake का अगला एपिसोड क्या होगा।