0:00:00.763,0:00:05.737 आपके सामने एक ऐसी औरत खडी है [br]जो सार्वजनिक तौर पर दस साल से ख़ामोश रही। 0:00:06.711,0:00:08.537 ज़ाहिर है, वो ख़ामोशी टूट रही है, 0:00:08.967,0:00:10.381 और ये हाल में ही शुरु हुआ है। 0:00:11.051,0:00:12.629 तब से कुछ महीने बीत चुके हैं 0:00:12.629,0:00:15.602 जब मैने पहली बार सार्वजनिक रूप से कुछ बोला 0:00:15.602,0:00:18.217 फ़ोर्ब्स थर्टी अंडर थर्टी सम्मेलन में: 0:00:18.217,0:00:22.431 ३० साल से कम उम्र के १५००[br]प्रतिभाशाली लोगों के सामने 0:00:23.101,0:00:25.865 अंदाज़ा लगाइये कि १९९८ में 0:00:25.865,0:00:29.452 इन में से सब से बडे लोग भी [br]बमुश्किल 14 साल के रहे होंगे, 0:00:29.452,0:00:32.299 और सब से छोटे तो बस चार बरस के। 0:00:33.039,0:00:36.628 मैने मज़ाक में उन से कहा कि [br]आप मे कुछ ने तो मेरा नाम सुना भी होगा 0:00:36.628,0:00:38.580 तो सिर्फ़ र्रैप गानों में। 0:00:38.580,0:00:41.727 जी हाँ-मैं रैप गानों में बकायदा मौज़ूद हूँ। 0:00:41.727,0:00:45.424 लगभग ४० रैप गानों में । (हँसी) 0:00:46.614,0:00:50.109 पर जिस रात मैनें वो भाषण दिया, [br]एक अचरच भरी बात हुई। 0:00:50.109,0:00:56.355 ४१ साल की उमर में मेरे करीब आने की कोशिश [br]की २७ साल के एक लडके नें । 0:00:57.155,0:00:59.331 बाप रे! है न? 0:01:00.301,0:01:02.914 वो बहुत अच्छा था और [br]मैं काफ़ी खुश महसूस कर रही थी, 0:01:02.914,0:01:04.687 मगर मैने बात वहीं खत्म कर दी। 0:01:05.387,0:01:08.331 पर पता है उसने मुझसे क्या कहा? 0:01:09.141,0:01:12.461 कि वो मुझे फिर से 22 जैसा महसूस करवाएगा। 0:01:12.461,0:01:17.407 (ठहाका) (अभिवादन) 0:01:18.637,0:01:23.908 मैने उस रात बाद में सोचा, कि शायद [br]मैं ऐसी अकेली ४० साल के व्यक्ति हूँ 0:01:23.908,0:01:26.509 जो फिर से कभी २२ की नहीं होना चाहती। 0:01:26.509,0:01:29.109 (ठहाका) 0:01:29.109,0:01:32.969 (अभिवादन) 0:01:35.269,0:01:40.294 २२ साल की उम्र में, [br]मुझे अपने बॉस से प्यार हो गया, 0:01:40.294,0:01:43.115 और २४ की उम्र में, 0:01:43.115,0:01:46.547 मैने उसके भयानक नतीज़े झेले। 0:01:47.667,0:01:50.848 क्या यहाँ बैठे लोगों में से [br]वो शख्स हाथ उठायेंगे 0:01:50.848,0:01:55.361 जिनसे २२ की उम्र में कोई गल्ती नहीं हुई[br]या ऐसा कुछ जिसका उन्हें पछतावा नही है? 0:01:57.151,0:01:59.718 बिलकुल। मैने ठीक सोचा था कि [br]ऐसा कोई नहीं होगा। 0:02:00.648,0:02:06.428 तो मेरी ही तरह, २२ साल में, [br]आप में कुछ लोग गलत मोडों पर मुडे होंगे 0:02:06.428,0:02:09.466 और गलत लोगों के प्यार में पडे होंगे, 0:02:09.466,0:02:11.428 हो सकता अपने बॉस के प्यार में। 0:02:12.378,0:02:14.973 लेकिन मेरी तरह शायद आपके बॉस 0:02:14.973,0:02:19.052 अमरीका के राष्ट्रपति नहीं रहे होंगे। 0:02:19.802,0:02:24.098 सच है कि ज़िंदगी अजूबों से भरी पडी है। 0:02:24.098,0:02:29.021 एक दिन भी ऐसा नहीं जाता जब मुझे [br]अपनी गलती याद नहीं करायी जाती, 0:02:29.021,0:02:31.294 और मुझे अपनी गलती का भरपूर पश्चाताप भी है। 0:02:33.404,0:02:40.026 १९९८ में पहले मैं ऐसे रोमांस के भँवर में [br]फ़ँसी जिसका अंत होना ही नहीं था, 0:02:40.026,0:02:45.488 और फिर ऐसे भयानक राजनीतिक, [br]कानूनी और मीडिया के भँवर में फ़ँसी 0:02:45.488,0:02:49.535 जैसा मैने कभी न देखा था न सोचा था। 0:02:49.535,0:02:51.877 याद कीजिये, कि १९८८ से [br]सिर्फ़ कुछ साल पहले तक ही, 0:02:51.877,0:02:54.879 समाचार सिर्फ़ तीन जगहों से मिलते थी: 0:02:54.879,0:02:57.551 अखबार या मैगज़ीन पढ कर, 0:02:57.551,0:02:59.386 रेडियो सुन कर, 0:02:59.386,0:03:01.004 या टीवी देख कर। 0:03:01.004,0:03:02.304 बस। 0:03:02.304,0:03:06.259 मगर मेरे भाग्य में कुछ और था। 0:03:06.259,0:03:09.881 इस स्कैंडल की खबर आप तक 0:03:09.881,0:03:11.916 डिजिटल क्रांति के ज़रिये आई। 0:03:12.961,0:03:15.988 इसका अर्थ ये था कि हम [br]जानकारी पा सकते थे 0:03:15.988,0:03:20.283 जब हम चाहें, जहाँ हम चाहें, 0:03:20.283,0:03:24.973 और जब जनवरी १९९८ में ये खबर निकली, 0:03:24.973,0:03:27.759 तो वो ऑनलाइन निकली। 0:03:27.759,0:03:30.760 पहली बार ऐसा हुआ कि पारंपरिक मीडिया को 0:03:30.760,0:03:35.283 इंटरनेट ने पछाड दिया था [br]एक बडी खबर को ले कर 0:03:35.283,0:03:39.964 एक क्लिक जो सारी दुनिया में गूँज उठी थी। 0:03:39.974,0:03:43.972 निज़ी तौर पर मेरे लिये इसका मतलब था 0:03:43.972,0:03:48.965 कि रातोंरात मैं पूरी तरह से [br]गुमनाम व्यक्ति से 0:03:48.970,0:03:53.487 सारी दुनिया में बदनाम व्यक्ति में बदल गयी। 0:03:53.487,0:03:57.782 मैं पहली शिकार थी; अपनी सारी प्रतिष्ठा 0:03:57.782,0:04:02.338 सारे विश्व में एक क्षण में गँवा देने[br]की इस नयी बीमारी की। 0:04:03.588,0:04:05.927 फ़ैसला सुनाने की इस दौड को टेक्नॉलजी[br]ने और हवा दी। 0:04:05.927,0:04:10.042 वर्चुअल पथराव करने वालों की तो[br]मानो भीड इकट्ठा हो गयी थी। 0:04:10.042,0:04:13.101 हालांकि तब तक सोशल मीडिया [br]का ज़माना नहीं आया था, 0:04:13.101,0:04:16.653 मगर तब भी लोग ऑन्लाइन[br]कमेंट कर सकते थे, 0:04:16.653,0:04:22.881 ईमेल में जानकारी और भद्दे कमेंट[br]भेज सकते थे। 0:04:22.881,0:04:25.970 समाचार मीडिया नें मेरी तस्वीरों को[br]हर जगह चिपका डाला 0:04:25.970,0:04:29.754 अखबार और ऑनलाइन बैनर[br]विज्ञापन बेचने के लिये, 0:04:29.754,0:04:32.293 और लोगों को टीवी से चिपकाने के लिये। 0:04:33.913,0:04:37.462 आपको मेरी कोई ख़ास तस्वीर याद आती है, 0:04:37.462,0:04:39.924 वो बेरेट टोपी पहनी हुई? 0:04:41.224,0:04:44.219 देखिये, मैं अपनी गलती मानती हूँ 0:04:44.219,0:04:47.087 ख़ासकर उस टोपी को पहनने की। 0:04:48.267,0:04:52.556 मगर जो छीेछालेदर मेरी की गयी, [br]इस खबर की नही, 0:04:52.556,0:04:56.920 बल्कि व्यक्तिगत तौर पर मेरी,[br]वो सच में ऐतिहासिक थी। 0:04:56.920,0:05:00.079 मेरी ब्रांडिग कर दी गयी - बदचलन, 0:05:00.079,0:05:06.627 आवारा, वेश्या, स्लट, वेबकूफ़, 0:05:06.627,0:05:09.405 और, ज़ाहिर है, "उस टाइप की औरत"। 0:05:10.455,0:05:13.220 बहुत लोगों ने मुझे देखा, 0:05:13.220,0:05:16.608 मगर बहुत कम ने मुझे जाना। 0:05:16.608,0:05:20.186 और मैं समझ सकती हूँ: बहुत आसान है [br]ये भूलना कि 0:05:20.186,0:05:22.787 "उस टाइप की औरत" का एक वज़ूद था, 0:05:22.787,0:05:26.755 उसकी भी अत्मा थी, और एक ज़माने में[br]वो ऐसी टूटी हुई बिखरी हुई नहीं थी। 0:05:29.505,0:05:34.404 जब १७ साल पहले मेरे साथ ये हुआ, [br]इस के लिये कोई नाम नहीं था। 0:05:34.404,0:05:38.801 अब हम इसे साइबर-बुलीइंग और [br]ऑन्लाइन उत्पीडन कहते हैं। 0:05:40.421,0:05:43.917 आज मैं आप के साथ अपने कुछ[br]अनुभव बाँटना चाहती हूँ, 0:05:43.917,0:05:48.351 और उन अनुभवो की रोशनी में अपने [br]कल्चर पर कुछ टिप्पणियाँ करना चाहती हूँ, 0:05:48.351,0:05:53.203 और बताना चाहती हूँ कि मैं कितनी आशा रखती[br]हूँ कि इस के ज़रिये ऐसा बदलाव आयेगा जिस से 0:05:53.203,0:05:55.641 कुछ और लोगों के जीवन में कुछ[br]परेशानी कम होगी। 0:05:58.221,0:06:03.494 १९९८ मे, मैने अपनी प्रतिष्ठा और[br]आत्म-सम्मान खो दिया। 0:06:03.494,0:06:06.994 मेरा लगभग सब कुछ लुट गया था 0:06:06.994,0:06:10.105 और मैने अपनी जीवन भी लगभग खो ही दिया था। 0:06:12.905,0:06:15.299 मैं आप के लिये एक दृश्य रचती हूँ। 0:06:17.319,0:06:20.866 सितंबर १९९८ है। 0:06:20.866,0:06:23.552 मैं बिना किसी खिडकी वाले [br]दफ़्तरनुमा कमरे में बैठी हूँ 0:06:23.552,0:06:26.616 इन्डिपेंडेट काउंसल के ऑफ़िस मे, 0:06:26.616,0:06:31.051 बजबजाती हुई ट्यूबलाइटों की रोशनी में 0:06:31.051,0:06:34.882 मैं अपनी ही आवाज़ सुन रही हूँ, 0:06:34.882,0:06:38.620 उन फ़ोन कॉल से आती मेरी आवाज़[br]जो गुप्त रूप से टेप किये गये थे 0:06:38.620,0:06:41.756 मेरे एक तथाकथित दोस्त के द्वारा - [br]लगभग एक साल पहले। 0:06:41.756,0:06:45.331 मैं वो सुन रही हूँ क्योंकि[br]कानूनन मुझे उन्हें सुनना ही पडेगा 0:06:45.331,0:06:51.194 निजी रूप से २० घंटे लंबे उन टेपों की[br]वैधता सुनिश्चित क्ररने के लिये। 0:06:53.194,0:06:57.181 पिछले आठ महीनों से[br]इन टेपों में जमा सामग्री 0:06:57.181,0:07:01.129 मेरे ऊपर तलवार की तरह [br]उल्टी लटक रही थी। 0:07:01.129,0:07:05.215 मतलब, कौन याद रख सकता है[br]कि एक साल पहले उस ने क्या कहा था? 0:07:05.215,0:07:09.303 सहमी हुई और बेज्ज्त, मै सुन रही हूँ, 0:07:11.013,0:07:15.555 सुन रही हूँ उस दिन की आपाधापी; 0:07:15.555,0:07:19.426 सुन रही हूँ खुद को, राष्ट्रपति के प्रति [br]अपने प्यार का इज़हार करते हुए, 0:07:19.426,0:07:22.805 और फिर अपने दिल टूट्ने का जिक्र करते हुए; 0:07:22.805,0:07:27.623 कभी कभी तेज-तर्रार, कभी बस नासमझी भरी 0:07:27.623,0:07:32.342 कभी खराब बर्ताव करती, कभी असभ्य; 0:07:33.262,0:07:36.121 सुन रही हूँ, अंदर तक, गहरे भीतर तक शर्मिंदा, 0:07:36.121,0:07:38.805 अपने सबसे खराब स्वरूप का सामना करती, 0:07:38.805,0:07:42.317 ऐसा रूप जिसे मैं पहचान तक नहीं पाती। 0:07:44.537,0:07:48.659 कुछ दिन बाद, संसद में स्टार्र रिपोर्ट पेश होती है, 0:07:48.659,0:07:53.770 और वो सारे टेप, वो चुराये गयी बातचीत, [br]उसमें सम्मिलित हैं । 0:07:54.790,0:07:58.961 ये डरावना है कि लोग उन सब बातों को[br]पढ सकते हैं, 0:07:58.961,0:08:01.708 और कुछ हफ़्तों बाद, , 0:08:01.708,0:08:05.005 वो ऑडियो टेप टीवी पर सुनाये जाते हैं, 0:08:05.005,0:08:08.591 और उस में ज्यादातार हिस्सा ऑनलाइन रिलीज़ होता है। 0:08:10.661,0:08:15.245 पब्लिक में होने वाला अपमान दर्दनाक था। 0:08:15.245,0:08:18.708 जीवन ढोया नहीं जाता था। 0:08:20.938,0:08:26.054 और १९९८ में ऐसे किस्से हरदिन नहीं होते थे, 0:08:26.054,0:08:31.836 और ऐसे किस्से का अर्थ है चोरी से - लोगों[br]के निज़ी वार्तालाप और निज़ी क्रियाकलापो की 0:08:31.836,0:08:34.459 और फ़ोटो की, 0:08:34.459,0:08:37.038 और फ़िर उन्हें सार्वजनिक करने से -- 0:08:37.038,0:08:39.475 बिना इजाज़त के सार्वजनिक करने से -- 0:08:39.475,0:08:41.937 बिना किसी संदर्भ के सार्वजनिक करने से -- 0:08:41.937,0:08:44.531 और बिना किसी संवेदना के सार्वजनिक करने से। 0:08:46.091,0:08:49.181 12 साल आगे चलते है 2010 में, 0:08:49.181,0:08:52.338 और एक नया सोशल मीडिया जन्म ले चुका है। 0:08:53.158,0:08:58.190 दुर्भाग्य से, मेरे साथ जो हुआ, वो आम[br]बात हो चुकी है, 0:08:58.190,0:09:01.208 भले ही किसी ने कोई गल्ती की हो या नहीं, 0:09:01.208,0:09:06.920 भले ही ये पब्लिक फ़िगर हो या आम आदमी। 0:09:06.920,0:09:11.849 कुछ लोगो के लिये इस के नतीज़े बहुत[br]ही ज्यादा बुरे साबित हुए हैं। 0:09:13.799,0:09:16.347 मैं अपनी माँ से फ़ोन पर बात क्रर रही था 0:09:16.347,0:09:19.064 सितंबर २०१० में, 0:09:19.064,0:09:20.921 और हम उस ख़बर का ज़िक्र कर रहे थे 0:09:20.921,0:09:23.713 रुट्गर यूनिवर्सिटी के [br]फ़र्स्ट इयर के युवा छात्र, 0:09:23.713,0:09:25.866 टाइलर क्लेमेंटी के बारे में। 0:09:26.656,0:09:29.804 प्यारा, संवेदनशील और रचनात्मक टाइलर 0:09:29.804,0:09:32.183 का एक ऐसा वि्डियो उसके रूम मेट ने बना लिया 0:09:32.183,0:09:34.956 जिसमें वो एक और आदमी के साथ अंतरंग होता दिखता था। 0:09:36.826,0:09:39.264 जब ऑनलाइन दुनिया को इस वाकये की[br]खबर लगी, 0:09:39.264,0:09:42.399 तो भद्दी बेज्जती और साइबर-बु्लींग [br]का विस्फ़ोट हो गया। 0:09:44.079,0:09:45.998 कुछ दिन बाद, 0:09:45.998,0:09:49.714 टाइलर ने जार्ज वाशिंगटन पुल से[br]छलांग लगा कर 0:09:49.714,0:09:51.247 जान दे दी। 0:09:51.247,0:09:53.194 वो महज़ 18 साल का था। 0:09:55.644,0:10:00.347 मेरी माँ अपना आपा खो बैठी थीं[br]टाइलर और उसके परिवार के बारे में सोच कर। 0:10:00.347,0:10:02.902 और असहनीय दुःख से भर गयी थीं, 0:10:02.902,0:10:06.570 और पहलेपहल मुझे ये समझ नही आया 0:10:06.570,0:10:08.940 लेकिन धीरे धीर्रे मैने महसूस किया कि 0:10:08.940,0:10:11.921 वो १९९८ को फिर से जी रही थीं, 0:10:11.921,0:10:15.954 वो समय जब वो हर रात[br]मेरे सिरहाने बैठ कर बिताती थीं, 0:10:18.824,0:10:24.797 वो समय जब वो मुझे बाथरूम[br]का दरवाज़ा बंद नहीं करने देती थीं 0:10:24.797,0:10:28.907 और वो समय जब मेरे माता -पिता [br]को हरदम डर लगता था कि 0:10:28.907,0:10:31.857 इतनी बदनामी मेरी जान ले कर रहेगी, 0:10:31.857,0:10:34.169 सचमुच। 0:10:36.339,0:10:39.286 आज, बहुत सारे माता-पिता 0:10:39.286,0:10:42.628 को ये मौका ही नहीं मिल पाता है कि[br]वो अपने बच्चों को बचा पाये। 0:10:42.628,0:10:46.809 बहुत लोगों को अपने बच्चों[br]की परेशानी का पता तब लगता है 0:10:46.809,0:10:49.374 जब बहुत देर हो चुकी होती है। 0:10:49.944,0:10:54.541 टाइलर की दुख्द, बेमतलब मौत [br]मेरे लिये बहुत बडा क्षण बनी। 0:10:54.541,0:10:58.582 उस घटना ने मेरे अनुभवों[br]को एक नया संदर्भ दिया, 0:10:58.582,0:11:02.877 और मैने अपने आसपास फ़ैले शोषण और [br]ज़ोर-जबरदर्स्ती को महसूस किया, 0:11:02.877,0:11:06.360 और नए सिरे से देखना शुरु किया। 0:11:06.360,0:11:11.584 १९९८ में हमारे पास ये जानने का [br]कोई तरीका नहीं था कि ये नयी तकनीक 0:11:11.584,0:11:14.254 जिसे हम इंटरनेट कहते थे,[br]हमें कहाँ ले जायेगी ? 0:11:14.254,0:11:18.462 तब से, इंटरनेट ने लोगों को[br]नये तरीकों से जोडा है, 0:11:18.462,0:11:20.379 बिछडे भाई-बहनों को मिलवाया है, 0:11:20.379,0:11:24.450 जाने बचायी है, आंदोलन शुरु करवाये हैं, 0:11:24.450,0:11:29.300 मगर जो अँधेरा, साइबर-बुलींग, और स्लट बता[br]की गयी शमिंदगी मैने देखी, 0:11:29.300,0:11:31.805 वो कई गुना बढी है। 0:11:33.145,0:11:37.845 हर दिन, ऑनलाइन, खास तौर पर कम उम्र के लोग, 0:11:37.845,0:11:40.772 जो कि इस से निपटने के लिये[br]तैयार तक नहीं हैं, 0:11:40.772,0:11:43.304 इतने शोषित और प्रताडित होते हैं 0:11:43.304,0:11:45.996 कि वो अगले दिन तक जीना भी नहीं चाहते, 0:11:45.996,0:11:49.145 और कुछ तो, सच में, जीते भी नहीं, 0:11:49.145,0:11:51.901 और ये ऑन्लाइन नहीं, [br]असली दुनिया में होता है 0:11:53.551,0:11:59.628 यू.के. की एक संस्था जो कि कई तरह से[br]युवाओं की मदद करती है, चाइल्डलाइन 0:11:59.628,0:12:03.309 ने पिछले साल एक तथ्य ज़ारी किया था: 0:12:03.309,0:12:06.930 २०१२ से २०१३ के बीच, 0:12:06.930,0:12:10.204 ८७ प्रतिशत बढत देखी गयी है 0:12:10.204,0:12:15.080 साइबर-बुलींग से जुडी ईमेल और फ़ोन कॉल में। 0:12:15.080,0:12:17.262 नीदरलैंड में की गयी एक जाँच में 0:12:17.262,0:12:19.257 पहली बार ये पता लगा 0:12:19.257,0:12:24.299 कि साइबर-बुलींग खुद्कुशी की बडी [br]वजह बन रहा है, 0:12:24.299,0:12:28.199 ऑफ़्लाइन बुलींग के मुकाबले। 0:12:28.199,0:12:31.960 हालांकि इस में अचरच की बात नहीं हैं, [br]लेकिन मुझे ये जान कर बडा झटका लगा कि 0:12:31.960,0:12:35.897 एक और जाँच ने पता लगाया कि[br]प्रताडित किए जाने की भावना 0:12:35.897,0:12:38.895 को लोग ज्यादा महसूस कर रहे हैं 0:12:38.895,0:12:42.955 बजाये खुशी के, और बजाय गुस्से के। 0:12:44.305,0:12:47.490 दूसरों के प्रति निष्ठुरता [br]कोई नयी बात नहीं है, 0:12:47.490,0:12:53.870 मगर ऑन्लाइन, तकनीकी तरीकों से[br]करे जाने पर ये कई गुना बढ जाती है, 0:12:53.870,0:12:59.187 बेकाबू हो जाती है, और[br]हर समय होती रहती है। 0:12:59.187,0:13:04.877 पहले तो शर्मिंदगी [br]सिर्फ़ आस-पासपरिवार, गाँव, 0:13:04.877,0:13:07.221 स्कूल या नजदीकी समाज तक सीमित थी, 0:13:07.221,0:13:11.099 मगर अब ये ऑनलाइन भी होती है। 0:13:11.099,0:13:13.941 लाखों लोग, बिन जान-पहचान के, 0:13:13.941,0:13:17.934 आपको अपने शब्दों से छलनी करते हैं,[br]और ये बहुत पीडादायी होता है, 0:13:17.934,0:13:21.070 और इसकी कोई बाउंडरी नही है कि[br]कितने लोग 0:13:21.070,0:13:23.158 आपको देख सकते हैं, 0:13:23.158,0:13:26.577 और आप पर सार्वजनिक रूप से[br]कमेंट कर सकते हैं। 0:13:27.717,0:13:30.186 बहुत निजी तौर चुकानी होती है 0:13:30.186,0:13:32.300 सार्वजनिक शर्मिंदगी की, 0:13:33.130,0:13:38.901 और इंटरनेट के चलते चुकाई गयी [br]कीमत कई गुना बढ चुकी है। 0:13:39.841,0:13:42.268 लगभग पिछले दो दशकों से, 0:13:42.268,0:13:46.386 हम धीरे धीरे शमिंदगी और सार्वजनिक बेज्जती [br]के बीज बोते आ रहे हैं 0:13:46.386,0:13:52.207 अपनी संस्कृति की ज़मीन मे[br]ऑन्लाइन और ऑफ़्लाइन दोनो तरह से। 0:13:52.207,0:13:57.105 गप्प-गॉसिप वेबसाइट, पापारात्ज़ी कैमरा, [br]रियलटी टीवी, राजनीति 0:13:57.105,0:14:02.941 समाचार मीडिया और कभी कभी हैकर भी, [br]इस प्रताडना का हिस्सा बनते हैं। 0:14:02.941,0:14:07.159 संवेदन हीनता की इज़ाजत सी मिल गयी है [br]ऑनलाइन दुनिया में 0:14:07.159,0:14:13.521 जिस से, दादागिरी, निजता के हनन, और [br]साइबर-बुलींग को बढावा मिल रहा है। 0:14:13.521,0:14:17.306 इस से कुछ ऐसा पैदा हुआ है [br]जिसे प्रोफ़ेसर निकोलस मिल्स 0:14:17.306,0:14:21.090 प्रताडना के कल्चर का नाम देते हैं। 0:14:21.090,0:14:26.269 पिछले छः महीनों के कुछ बडे[br]उदाहरण ले कर देखिये। 0:14:26.269,0:14:31.353 स्नैप-चैट, एक ऑन्लाइन सर्विस [br]जो ज्यादातर युवा इस्तेमाल करते हैं, 0:14:31.353,0:14:34.048 और जो संदेशों को मिटाने का दावा करती है 0:14:34.048,0:14:35.751 कुछ ही क्षणॊं में। 0:14:35.751,0:14:39.161 आप समझ सकते है कि [br]किस तरह के संदेश वहाँ चलते होंगे। 0:14:39.161,0:14:43.294 एक तीसरी कंपनी जो स्नैप-चैटर के यूज़र [br]को मैसेज सेव करने देती थी 0:14:43.294,0:14:45.988 हैक की गयी 0:14:45.988,0:14:52.838 और एक लाख निज़ी बातचीतें और फ़ोटो[br]और विडियो ऑन्लाइन लीक हो गये 0:14:52.838,0:14:57.095 और अब वो सदा सदा के लिये [br]सार्वजनिक हो गये हैं। 0:14:57.095,0:15:01.251 जेनिफ़र लारेंस और कई और फ़िल्म[br]कलाकारों का आई-क्लाउड हैक हो गया, 0:15:01.251,0:15:05.198 और उनके निजी, नग्न फ़ोटो[br]सारी इंटरनेट पर पब्लिक हो गये 0:15:05.198,0:15:07.080 बिना उनकी इजाजत के। 0:15:07.080,0:15:11.212 एक ग्प्प-गॉसिप वेबसाइट पर[br]50 लाख बार हिट हुआ 0:15:11.212,0:15:13.787 सिर्फ़ इस एक खबर के लिये। 0:15:15.027,0:15:18.526 और सोनी पिक्चर की हैकिंग? 0:15:18.526,0:15:21.523 जिन दस्तावेजों को सबसे अधिक देख गया 0:15:21.523,0:15:27.559 वो निजी ईमेल था जिनमे सबसे [br]ज्यादा शमिंदा करने की क्षमता थी। 0:15:27.559,0:15:30.809 मगर प्रताडना के इस कल्चर में, 0:15:30.809,0:15:34.899 सार्वजनिक शमिंदगी से प्राइस-टैग भी जुडे है 0:15:35.639,0:15:38.797 और ये प्राइस-टैग पीडित द्वारा चुकाई [br]गयी कीमत को नही नापते, 0:15:38.797,0:15:41.050 जो टाइलर और कई और लोगों को, 0:15:41.050,0:15:43.024 खासकर, औरतो और अल्प-संख्यकोंको [br]चुकानी पडती है। 0:15:43.024,0:15:47.202 और एल.जी.बी.टी.क्यू लोगों ने चुकाई है, 0:15:47.202,0:15:51.758 मगर ये प्राइस-टैग बखूबी नापता है [br]इस से पैदा होने वाले मुनाफ़े को। 0:15:52.868,0:15:56.931 दूसरों पर किया गया हमला जैसे कच्चा माल है, 0:15:56.931,0:16:02.921 हमला जो क्रूर्ता और दक्षता से होता है,[br]और पैकेज कर के मुनाफ़े में बेचा जाता है 0:16:02.921,0:16:08.703 एक बाज़ार विकसित हुआ है[br]जहाँ सार्वजनिक शमिंदगी बिकती है 0:16:08.703,0:16:12.047 और प्रताडना एक इंडस्ट्री बन गयी है। 0:16:12.047,0:16:15.739 और पैसा बनता कैसे है? 0:16:15.739,0:16:17.573 क्लिक्स से। 0:16:17.573,0:16:20.104 जितनी शर्मिंदगी, उतने क्लिक्स। 0:16:20.104,0:16:23.958 जितने क्लिक्स, उतने विज्ञापनी डॉलर। 0:16:25.428,0:16:27.633 हम खतरनाक भँवरजाल में हैं। 0:16:27.633,0:16:30.558 जितना ही हम इस तरह की चीजों[br]को क्लिक करेंगे, 0:16:30.558,0:16:34.279 उतना हे संवेदनशील हम होंगे,[br]उन खबरों के पीछे छुपे इंसानों के प्रति, 0:16:34.279,0:16:39.735 और जितन हम संवेदना हीन हेगे,[br]उतना ही हम क्लिक करेंगे। 0:16:39.735,0:16:42.658 और पूरे समय, कोई इस से पैसा कमा रहा होगा 0:16:42.658,0:16:45.541 किसी और के दुख परेशानी और[br]उत्पीडन के ज़रिये। 0:16:46.871,0:16:49.674 हर क्लिक के ज़रिये हम एक विकल्प चुनते हैं 0:16:49.674,0:16:53.086 जितना ही हम अपने क्लचर को[br]सार्वजनिक शमिंदगी से भरेंगे, 0:16:53.086,0:16:54.945 उतना ही स्वीकार्य ये होती जायेगी, 0:16:54.945,0:16:58.148 और उतनी ही साइबर-बुलींग हम देखेंगे, 0:16:58.148,0:17:00.795 उतनी ही हैकिंग, और धमकीगर्दी। 0:17:00.795,0:17:03.721 और ऑनलाइन उत्पीडन। 0:17:03.721,0:17:11.429 क्यों? क्योंकि इन सबके जडोंमें शर्मिंदगी है। 0:17:11.429,0:17:15.725 ये बर्ताव उस कल्चर का लक्षण है जो [br]हमने रचा है 0:17:15.725,0:17:18.032 थोडा सोच कर देखिये। 0:17:19.232,0:17:22.644 बर्ताव में बदलाव शुरु होता है[br]बदलते मूलोंसे। 0:17:22.644,0:17:26.150 हमने ये होते देखा है रेसिस्म, होमोफ़ोबिया, 0:17:26.150,0:17:30.100 और ऐसे ही कई और चीज़ोंमें , आज[br]और इतिहास में। 0:17:30.910,0:17:34.068 और हमारे नज़्ररियों मे बदलाव आया है - [br]सम-लैंगिक शादियों को ले कर। 0:17:34.068,0:17:38.550 ज्यादा से ज्यादा लोगों को [br]बराबरी मिली है। 0:17:38.550,0:17:40.733 जब हम निरंतरता को तवज्जो देने लगते है, 0:17:40.733,0:17:43.681 ज्यादा से ज्यादा लोग कूडे को रिसाइकिल करने लगते हैं। 0:17:43.681,0:17:46.956 तो जहाँ तक हमारे कल्चर के प्रताड्ना वाले[br]हिस्से का सवाल है, 0:17:46.956,0:17:50.601 हमे एक सांस्कृतिक आंदोलन की ज़रूरत है। 0:17:50.601,0:17:54.524 सार्वजनिक शमिर्द्गी का ये [br]खूनी खेल बंद करना ही पडेगा। 0:17:54.524,0:17:59.401 और समय आ गया है कि इंटरनेट के [br]कल्चर में हस्तक्षेप करने का। 0:17:59.401,0:18:03.077 शुरुवात किसी छोटी चीज़ से होगी, और ये [br]आसान नहीं होगा। 0:18:04.137,0:18:10.772 हमें संवेदनशीलता और सहानुभूति की [br]ओर वापस जाना होगा। 0:18:10.772,0:18:13.959 ऑन्लाइन दुनिया में, सहानुभूति और[br]संवेद्ना की गहरी कमी है, 0:18:13.959,0:18:16.021 लगभग अकाल है। 0:18:17.091,0:18:20.995 शोधकर्ता ब्रेन ब्राउन का कहना है, 0:18:20.995,0:18:24.571 "प्रताड्ना संहानुभूति के सामने [br]नहीं ठहर सकती।" 0:18:24.571,0:18:29.015 प्रताडना सहानुभूति के सामने नहीं ठहर सकती। 0:18:30.515,0:18:34.136 मैने अपने जीवन में कुछ बहुत खराब [br]अँधेरे से पटे दिन देखे हैं 0:18:34.136,0:18:40.197 और ये मेरे परिवार, दोस्तों और साथियों की [br]सहानुभूति और संवेदना ही थी, 0:18:40.197,0:18:44.273 और कभी कभी, अजनबियों की भी - कि मै बच सकी। 0:18:45.583,0:18:49.128 एक इंसान से आती सहानुभूति भी बडा[br]फ़र्क ला सकती है। 0:18:50.318,0:18:52.991 माइनर्टी इन्फ़्लुएंस की थियरी, 0:18:52.991,0:18:56.195 सामजिक मनोविज्ञानी सेर्गे मोस्कोविसी द्वारा दी गयी है, 0:18:56.195,0:18:58.981 और कहती है कि बहुत कम संख्या में ही सही, 0:18:58.981,0:19:01.233 जब लम्बे समय तक कुछ चले, 0:19:01.233,0:19:03.834 तो बडा फ़र्क आ सकता है। 0:19:03.834,0:19:07.061 ऑन्लाइन दुनिया मे, हम [br]इस माइनर्टी इन्फ़्लुएंस को ला सकते हैं 0:19:07.061,0:19:09.488 खिलाफ़त क्रर के। 0:19:09.488,0:19:13.214 खिलाफ़त करने का मतलब है[br]चुपचाप खडे नहीं रह जाना। 0:19:13.214,0:19:18.452 हम किसी के लिये सकारत्मक कमेंट कर सकते है,[br]साइबर बुलींग होती देख कर शिकायत दर्ज़ कर सकते हैं। 0:19:18.452,0:19:22.605 मेरा यकीन मानिये, सकारात्मक कमेंट[br]से नकारात्मक्ता ख्त्म होती है। 0:19:23.385,0:19:27.193 हम एक खिलाफ़त का कल्चर भी ला सक्ते है[br]उन संस्थाओं को सहारा दे कर 0:19:27.193,0:19:29.469 जो इन मुद्दो पर काम कर रही हैं, 0:19:29.469,0:19:32.277 जैसे कि यू.एस. की टाइलर क्लेमेंटी फ़ाउंडेशन 0:19:32.277,0:19:35.088 यू. के. में एंटी-बुलींग प्रो है, 0:19:35.088,0:19:38.680 आस्ट्रेलिया में, प्रोजेक्ट रोकिटहै। 0:19:40.350,0:19:46.157 हम अपने फ़्रीडम ओफ़ एक्स्प्रेश्न के बारे [br]में अत्यधिक सचेत हो कर बात करते हैं 0:19:46.157,0:19:48.182 मगर हमें ये भी बात करनी होगी कि 0:19:48.182,0:19:51.736 फ़्रीडम ऑफ़ एक्स्प्रेशन के प्रति हमारे[br]कर्त्व्य क्या हैं 0:19:51.736,0:19:54.475 हम सब चाहते हैं कि हमें सुना जाये 0:19:54.475,0:19:59.258 मगर उद्देश्य से बोलने में और 0:19:59.258,0:20:02.374 ध्यान आकर्षित करने के लिये [br]बोलने में फ़र्क है 0:20:03.684,0:20:07.222 इंटरनेट अभिव्यक्ति का सुपर हाई-वे है, 0:20:07.222,0:20:10.380 मगर ऑन्लाइन, दूसरों के प्रति संवेदनशील होने से 0:20:10.380,0:20:15.930 हम सबका भला होगा, और [br]एक बेहतर, सुरक्षित दुनिया कायम होगी। 0:20:15.930,0:20:19.134 हमें ऑन्लाइन बर्ताव में[br]सहानुभूति लानी होगी, 0:20:19.134,0:20:21.595 समाचारों को संवेदना के साथ[br]कनस्यूम करना होगा, 0:20:21.595,0:20:24.289 और सोच-समझ कर क्लिक करना होगा। 0:20:24.289,0:20:28.923 फ़र्ज़ कीजिये कि आप किसी[br]और के हेड-लाइन में एक मील चल रहे हैं। 0:20:31.476,0:20:34.461 मै दिल की बात कह कर जाना चाहूँगी 0:20:35.561,0:20:37.651 पिछले नौ महीनों मे, 0:20:37.651,0:20:41.175 मुझ्से जो प्रश्न सबसे ज्यादा पूछा गया है [br]वो है , "क्यो?" 0:20:41.175,0:20:45.193 अब क्यो? अब मैं अपना सर इतने[br]साल के बाद क्यो उठा रही हूँ? 0:20:45.193,0:20:47.710 इन प्रश्नों में निहित बातों को [br]आप समझ सकते है। 0:20:47.710,0:20:51.559 और मेरे जवाब का राजनीति से[br]कोई लेना देना नहीं है। 0:20:51.559,0:20:57.166 मेरा एक ही जवाब है, और वो है[br]कि - अब समय आ गया है। 0:20:57.166,0:20:59.873 समय आ गया है कि मैं अपने अतीत [br]से छुप छुप कर भागना बंद करूँ: 0:20:59.873,0:21:03.115 अपमानित हो कर जीने का समय ख्तम हो गया है; 0:21:03.115,0:21:06.349 और समय आ गया है कि मैं[br]अपनी कहानी पर वापस अपना अधिकार पाऊँ 0:21:06.349,0:21:11.194 और ये सिर्फ़ मेरे अकेले के बारे में नहीं है। 0:21:11.194,0:21:14.607 कोई भी जो शर्म और सार्वजनिक[br]रूप से उत्पीडित है, 0:21:14.607,0:21:17.394 ये एक बात जान ले: 0:21:17.394,0:21:20.111 कि वो उस से लड सकता है[br]और आगे बढ सकता है। 0:21:20.111,0:21:22.874 मुझे पता है कि [br]ये बहुत मुश्किल है। 0:21:22.874,0:21:26.505 बहुत दर्द भरा, आसान [br]बिल्कुल भी नहीं, और लम्बा सफ़र। 0:21:26.505,0:21:31.181 मगर आप अपनी कहानी[br]को एक अलग अंत दे सकते हैं। 0:21:31.181,0:21:34.548 अपने प्रति सहानुभूति और संवेदना रख के। 0:21:34.548,0:21:37.636 हम सब संवेदना के पात्र हैं, 0:21:37.636,0:21:43.835 और ऑन्लाइन और ऑफ़्लाइन,[br]संवेदनाशील दुनिया में रहने के हकदार हैं। 0:21:43.835,0:21:46.435 मेरी बात सुनने के लिये धन्यवाद। 0:21:46.435,0:21:56.815 (अभिवादन और तालियाँ)