WEBVTT 00:00:00.000 --> 00:00:04.000 चलिये आपको एक दूसरी ही दुनिया में ले चलूँ। 00:00:04.000 --> 00:00:06.000 और आपको सुनाऊँ एक 00:00:06.000 --> 00:00:10.000 ४५ साल पुरानी प्रेम-कथा 00:00:10.000 --> 00:00:13.000 गरीब लोगों से प्रेम की कथा, 00:00:13.000 --> 00:00:16.000 जो कि प्रतिदिन एक डॉलर से भी कम कमाते हैं। 00:00:18.000 --> 00:00:22.000 मैं एक बेहद संभ्रांत, खडूस, 00:00:22.000 --> 00:00:26.000 महँगे कॉलेज में पढा, भारत में, 00:00:26.000 --> 00:00:29.000 और उसने मुझे लगभग पूर्णतः बरबाद कर ही दिया था। 00:00:31.000 --> 00:00:33.000 सब फ़िक्स था - 00:00:33.000 --> 00:00:36.000 मैं डिप्लोमेट, शिक्षक, या डॉक्टर बनता -- 00:00:36.000 --> 00:00:40.000 सब जैसे प्लेट में परोसा पडा था। 00:00:40.000 --> 00:00:43.000 साथ ही, मुझे देख कर ऐसा नहीं लगेगा, मैं स्क्वैश के खेल में भारत का राष्ट्रीय चैंपियन था 00:00:43.000 --> 00:00:45.000 तीन साल तक लगातार। 00:00:45.000 --> 00:00:47.000 (हँसी) 00:00:47.000 --> 00:00:50.000 सारी दुनिया के अवसर मेरे सामने थे। 00:00:50.000 --> 00:00:52.000 सब जैसे मेरे कदमों में पडा हो। 00:00:52.000 --> 00:00:55.000 मैं कुछ गडबड कर ही नहीं सकता था। 00:00:55.000 --> 00:00:57.000 और तब, यूँही, जिज्ञासावश मैने सोचा कि 00:00:57.000 --> 00:00:59.000 मैं गाँव जाकर, रहना और काम करना चाहता था 00:00:59.000 --> 00:01:01.000 बस समझने के लिये कि गाँव कैसा होता है। NOTE Paragraph 00:01:01.000 --> 00:01:03.000 इसलिये १९६५ में, 00:01:03.000 --> 00:01:07.000 मैं बिहार गया - वहाँ अब तक का सबसे भीषण अकाल पडा था, 00:01:07.000 --> 00:01:10.000 और मैनें भूख और मौत का नंगा नाच देखा, 00:01:10.000 --> 00:01:13.000 पहली बार ठीक मेरे सामने लोग भूख से मर रहे थे। 00:01:13.000 --> 00:01:16.000 उस अनुभव ने मेरा जीवन बदल डाला। 00:01:16.000 --> 00:01:18.000 मैं वापस आया, 00:01:18.000 --> 00:01:20.000 और मैने अपनी माँ से कहा, 00:01:20.000 --> 00:01:23.000 "मैं एक गाँव में रहना और काम करना चाहता हूँ।" 00:01:23.000 --> 00:01:25.000 माँ कोमा में चली गयी। 00:01:25.000 --> 00:01:28.000 (हँसी) 00:01:28.000 --> 00:01:30.000 "ये क्या कह रहा है? 00:01:30.000 --> 00:01:33.000 सारी दुनिया के अवसर तेरे सामने हैं, और भरी थाली में लात मार कर तू 00:01:33.000 --> 00:01:35.000 एक गाँव में रहना और काम करना चाहता है? 00:01:35.000 --> 00:01:37.000 मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर तुझे हुआ क्या है?" 00:01:37.000 --> 00:01:39.000 मैनें कहा, "नहीं, मुझे सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मिली है। 00:01:39.000 --> 00:01:41.000 उसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया है। 00:01:41.000 --> 00:01:44.000 और मैं कुछ वापस देना चाहता हूँ 00:01:44.000 --> 00:01:46.000 अपने ही तरीके से।" 00:01:46.000 --> 00:01:48.000 "पर तू आखिर एक गाँव में करेगा क्या? 00:01:48.000 --> 00:01:50.000 न रोजगार है, न पैसा है, 00:01:50.000 --> 00:01:52.000 न सुरक्षा, न ही कोई भविष्य।" 00:01:52.000 --> 00:01:54.000 मैने कहा, "मै गाँव में रह कर 00:01:54.000 --> 00:01:57.000 पाँच साल तक कुँए खोदना चाहता हूँ।" 00:01:57.000 --> 00:01:59.000 "पाँच साल तक कुँए खोदेगा? 00:01:59.000 --> 00:02:02.000 तू भारत के सबसे महँगे स्कूल और कॉलेज में पढा है, 00:02:02.000 --> 00:02:04.000 और अब पाँच साल तक कुँए खोदना चाहता है?" 00:02:04.000 --> 00:02:08.000 उन्होंने मुझसे बहुत लम्बे समय तक बात तक नही की, 00:02:08.000 --> 00:02:11.000 क्योंकि उन्हें लगा कि मैंने अपने खानदान की नाक कटवा दी है। NOTE Paragraph 00:02:13.000 --> 00:02:15.000 लेकिन इसके साथ ही, 00:02:15.000 --> 00:02:18.000 मुझे सीखने को मिला दुनिया के सबसे बेहतरीन ज्ञान और कौशल 00:02:18.000 --> 00:02:20.000 जो बहुत गरीब लोगों के पास होते हैं, 00:02:20.000 --> 00:02:23.000 मगर कभी भी हमारे सामने नहीं लाये जाते -- 00:02:23.000 --> 00:02:25.000 जो परिचय और सम्मान तक को मोहताज़ रहते हैं, 00:02:25.000 --> 00:02:27.000 और जिन्हें कभी बडे रूप में इस्तेमाल ही नहीं किया जाता। 00:02:27.000 --> 00:02:29.000 और मैनें सोचा कि मैं बेयरफ़ुट कॉलेज की शुरुवात करूँगा -- 00:02:29.000 --> 00:02:31.000 एक कॉलेज केवल गरीबों के लिये। 00:02:31.000 --> 00:02:33.000 गरीब लोग क्या सोचते है, ये मुख्य मसला था, 00:02:33.000 --> 00:02:36.000 यही इस कॉलेज की नीव भी थी। 00:02:37.000 --> 00:02:39.000 इस गाँव में यह मेरा पहला दिन था। 00:02:39.000 --> 00:02:41.000 बडे-बूढे मेरे पास आये 00:02:41.000 --> 00:02:43.000 और पूछा, "क्या पुलिस से भाग कर छुपे हो?" 00:02:43.000 --> 00:02:45.000 मैने कहा, "नहीं।" 00:02:45.000 --> 00:02:48.000 (हँसी) 00:02:49.000 --> 00:02:51.000 "परीक्षा में फ़ेल हो गये हो?" 00:02:51.000 --> 00:02:53.000 मैने कहा, "नहीं।" 00:02:53.000 --> 00:02:56.000 "तो सरकारी नौकरी नहीं मिल पायी होगी?" मैनें कहा, "वो भी नहीं।" 00:02:56.000 --> 00:02:58.000 "तब यहाँ क्या कर रहे हो? 00:02:58.000 --> 00:03:00.000 यहाँ क्यों आये हो? 00:03:00.000 --> 00:03:02.000 भारत की शिक्षा व्यवस्था 00:03:02.000 --> 00:03:05.000 तो आपको पेरिस और नई-दिल्ली और ज़ुरिख़ के ख़्वाब दिखाती है; 00:03:05.000 --> 00:03:07.000 तुम इस गाँव में क्या कर रहे हो? 00:03:07.000 --> 00:03:10.000 तुम कुछ तो ज़रूर छिपा रहे हो हमसे?" 00:03:10.000 --> 00:03:13.000 मैने कहा, "नहीं, मैं तो एक कॉलेज खोलने आया हूँ, 00:03:13.000 --> 00:03:15.000 केवल गरीबों के लिये। 00:03:15.000 --> 00:03:18.000 गरीब लोगों को जो ज़रूरी लगता है, वही इस कॉलेज में होगा।" NOTE Paragraph 00:03:18.000 --> 00:03:22.000 तो बुज़ुर्गों नें मुझे बहुत नेक और सार्थक सलाह दी। 00:03:22.000 --> 00:03:24.000 उन्होंने कहा, "कृपा करके, 00:03:24.000 --> 00:03:27.000 किसी भी डिग्री-होल्डर या मान्यता-प्राप्त प्रशिक्षित व्यक्ति को 00:03:27.000 --> 00:03:29.000 अपने कॉलेज में मत लाना।" 00:03:29.000 --> 00:03:32.000 लिहाज़ा, ये भारत का इकलौता कॉलेज है 00:03:32.000 --> 00:03:35.000 जहाँ, यदि आप पी.एच.डी. या मास्टर हैं, 00:03:35.000 --> 00:03:37.000 तो आपको नाकारा माना जायेगा। 00:03:37.000 --> 00:03:42.000 आपको या तो पढाई-छोड, या भगोडा, या निलंबित होना होगा 00:03:42.000 --> 00:03:45.000 हमारे कॉलेज में आने के लिये। 00:03:45.000 --> 00:03:47.000 आपको अपने हाथों से काम करना होगा। 00:03:47.000 --> 00:03:49.000 आप को मेहनत की इज़्जत सीखनी होगी। 00:03:49.000 --> 00:03:52.000 आपको ये दिखाना होगा कि आपके पास ऐसा हुनर है जिस से कि लोगों का भला हो सकता है 00:03:52.000 --> 00:03:55.000 और आप समाज को कोई सेवा प्रदान कर सकते हैं। 00:03:55.000 --> 00:03:58.000 तो हमने बेयरफ़ुट कॉलेज की स्थापना की, 00:03:58.000 --> 00:04:00.000 और हमने पेशेवर होने की नई परिभाषा गढी। NOTE Paragraph 00:04:00.000 --> 00:04:02.000 आख़िर पेशेवर किसको कहा जाये? 00:04:02.000 --> 00:04:04.000 एक पेशेवर व्यक्ति वो है 00:04:04.000 --> 00:04:06.000 जिसके पास हुनर हो, 00:04:06.000 --> 00:04:09.000 आत्म-विश्वास हो, और भरोसा हो। 00:04:09.000 --> 00:04:12.000 ज़मीन-तले पानी का पता लगाने वाला पेशेवर है। 00:04:12.000 --> 00:04:14.000 एक पारंपरिक दाई 00:04:14.000 --> 00:04:16.000 एक पेशेवर है। 00:04:16.000 --> 00:04:19.000 एक कढाई गढने वाला पेशेवर है। 00:04:19.000 --> 00:04:21.000 सारी दुनिया में ऐसे पेशेवर भरे पडे हैं। 00:04:21.000 --> 00:04:25.000 ये आपको दुनिया के किसी भी दूर-दराज़ गाँव में मिल जायेंगे। 00:04:25.000 --> 00:04:28.000 और हमें लगा कि इन लोगों को मुख्यधारा में आना चाहिये 00:04:28.000 --> 00:04:31.000 और दिखाना चाहिये कि इनका ज्ञान और इनकी दक्षता 00:04:31.000 --> 00:04:33.000 विश्व-स्तर की है। 00:04:33.000 --> 00:04:35.000 इसका इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी है, 00:04:35.000 --> 00:04:37.000 और इसे बाहरी दुनिया के सामने लाना ज़रूरी है -- 00:04:37.000 --> 00:04:39.000 कि ये ज्ञान और कारीगरी 00:04:39.000 --> 00:04:43.000 आज भी काम की है। NOTE Paragraph 00:04:43.000 --> 00:04:45.000 तो कॉलेज में 00:04:45.000 --> 00:04:49.000 महात्मा गाँधी की जीवन-शैली और काम के तरीके का पालन होता है। 00:04:49.000 --> 00:04:53.000 आप ज़मीन पर खाते हैं, ज़मीन पर सोते हैं, ज़मीन पर ही चलते हैं। 00:04:53.000 --> 00:04:55.000 कोई समझौता, लिखित दस्तावेज़ नहीं है। 00:04:55.000 --> 00:04:58.000 आप मेरे साथ २० साल रह सकते है, और कल जा भी सकते हैं। 00:04:58.000 --> 00:05:01.000 और किसी को भी $१०० महीने से ज्यादा नहीं मिलता है। 00:05:01.000 --> 00:05:04.000 यदि आप पैसा चाहते हैं, आप बेयरफ़ुट कॉलेज मत आइये। 00:05:04.000 --> 00:05:06.000 आप काम और चुनौती के लिये आना चाहते हैं, 00:05:06.000 --> 00:05:08.000 आप बेयरफ़ुट आ सकते हैं। 00:05:08.000 --> 00:05:11.000 यहाँ हम चाहते हैं कि आप आयें और अपने आइडिया पर काम करें। 00:05:11.000 --> 00:05:13.000 चाहे जो भी आपका आइडिया हो, आ कर उस पर काम कीजिये। 00:05:13.000 --> 00:05:15.000 कोई फ़र्क नहीं पडता यदि आप फ़ेल हो गये तो। 00:05:15.000 --> 00:05:18.000 गिर कर, चोट खा कर, आप फ़िर शुरुवात कीजिये। 00:05:18.000 --> 00:05:21.000 ये शायद अकेला ऐसा कॉलेज हैं जहाँ गुरु शिष्य है 00:05:21.000 --> 00:05:24.000 और शिष्य गुरु है। 00:05:24.000 --> 00:05:27.000 और अकेला ऐसा कॉलेज जहाँ हम सर्टिफ़िकेट नहीं देते हैं। 00:05:27.000 --> 00:05:30.000 जिस समुदाय की आप सेवा करते हैं, वो ही आपको मान्यता देता है। 00:05:30.000 --> 00:05:32.000 आपको दीवार पर काग़ज़ का टुकडा लटकाने की ज़रूरत नहीं है, 00:05:32.000 --> 00:05:35.000 ये दिखाने के लिये कि आप इंजीनियर हैं। NOTE Paragraph 00:05:37.000 --> 00:05:39.000 तो जब मैंने ये सब कहा, 00:05:39.000 --> 00:05:42.000 तो उन्होंने पूछा, "ठीक है, बताओ क्या संभव है. तुम क्या कर रहे हो? 00:05:42.000 --> 00:05:46.000 ये सिर्फ़ बतकही है जब तक तुम कुछ कर के नहीं दिखाते।" 00:05:46.000 --> 00:05:49.000 तो हमने पहला बेयरफ़ुट कॉलेज बनाया 00:05:49.000 --> 00:05:52.000 सन १९८६ में। 00:05:52.000 --> 00:05:54.000 इसे १२ बेयरफ़ुट आर्किटेक्टों ने बनाया था, 00:05:54.000 --> 00:05:56.000 जो कि अनपढ थे, 00:05:56.000 --> 00:05:59.000 $1.5 प्रति वर्ग फ़ुट की कीमत में। 00:05:59.000 --> 00:06:03.000 १५० लोग यहाँ रहते थे, और काम करते थे। 00:06:03.000 --> 00:06:06.000 उन्हें २००२ में आर्किटेक्चर का आगा ख़ान पुरस्कार मिला। 00:06:06.000 --> 00:06:09.000 पर उन्हें लगता था, कि इस के पीछे किसे मान्यता प्राप्त आर्किटेक्ट का हाथ ज़रूर होगा। 00:06:09.000 --> 00:06:11.000 मैने कहा, "हाँ, उन्होंने नक्शे बनाये थे, 00:06:11.000 --> 00:06:15.000 मगर बेयरफ़ुट आर्किटेक्टों ने असल में कॉलेज का निर्माण किया।" 00:06:16.000 --> 00:06:19.000 शायद हम ही ऐसे लोग होंगे जिन्होंने $50,000 का पुरस्कार लौटा दिया, 00:06:19.000 --> 00:06:21.000 क्योंकि उन्हें हम पर विश्वास नहीं हुआ, 00:06:21.000 --> 00:06:25.000 और हमें लगा जैसे वो लोग कलंक लगा रहे हैं, 00:06:25.000 --> 00:06:28.000 तिलोनिया के बेयरफ़ुट आर्किटेक्टों के नाम पर। NOTE Paragraph 00:06:28.000 --> 00:06:30.000 मैनें एक जंगल-अफ़सर से पूछा -- 00:06:30.000 --> 00:06:33.000 मान्यता प्राप्त, पढे-लिखे अफ़सर से -- 00:06:33.000 --> 00:06:36.000 मैने कहा, "इस जगह पर क्या बनाया जा सकता है? 00:06:36.000 --> 00:06:38.000 उसने मिट्टी पर एक नज़र डाली और कहा, "यहाँ कुछ नहीं हो सकता। 00:06:38.000 --> 00:06:40.000 जगह इस लायक नहीं है। 00:06:40.000 --> 00:06:42.000 न पानी है, मिट्टी पथरीली है।" 00:06:42.000 --> 00:06:44.000 मैं कठिन परिस्थिति में था। 00:06:44.000 --> 00:06:46.000 और मैने कहा, "ठीक है, मैं गाँव के बूढे के पास जा कर 00:06:46.000 --> 00:06:49.000 पूछूँगा कि, 'यहाँ क्या उगाना चाहिये?'" 00:06:49.000 --> 00:06:51.000 उसने मेरी ओर देखा और कहा, 00:06:51.000 --> 00:06:53.000 "तुम ये बनाओ, वो बनाओ, ये लगाओ, और काम हो जायेगा।" 00:06:53.000 --> 00:06:56.000 और वो जगह आज ऐसी दिखती है। NOTE Paragraph 00:06:57.000 --> 00:06:59.000 मैं छत पर गया, 00:06:59.000 --> 00:07:01.000 और सारी औरतों ने कहा, "यहाँ से जाओ। 00:07:01.000 --> 00:07:04.000 आदमी नहीं चाहिये क्योंकि हम इस तरकीब को आदमियों को नहीं बताना चाहते। 00:07:04.000 --> 00:07:06.000 ये छत को वाटरप्रूफ़ करने की तकनीक है।" 00:07:06.000 --> 00:07:08.000 (हँसी) 00:07:08.000 --> 00:07:11.000 इसमें थोडा गुड है, थोडी पेशाब है 00:07:11.000 --> 00:07:13.000 और ऐसी कई चीजें जो मुझे नहीं पता है। 00:07:13.000 --> 00:07:15.000 लेकिन इसमें पानी नहीं चूता है। 00:07:15.000 --> 00:07:18.000 १९८६ से आज तक, पानी नहीं चुआ है। 00:07:18.000 --> 00:07:21.000 इस तकनीक को, औरतें मर्दों को नहीं बताती हैं। NOTE Paragraph 00:07:21.000 --> 00:07:24.000 (हँसी) NOTE Paragraph 00:07:24.000 --> 00:07:26.000 ये अकेला ऐसा कॉलेज है 00:07:26.000 --> 00:07:30.000 जो पूर्णतः सौर-ऊर्जा पर चलता है। 00:07:30.000 --> 00:07:32.000 सूरज से ही सारी बिजली आती है। 00:07:32.000 --> 00:07:34.000 छत पर ४५ किलोवाट के पैनल लगे हैं। 00:07:34.000 --> 00:07:36.000 और सब कुछ अगले २५ सालों तक सिर्फ़ सौर-ऊर्जा से चल सकता है। 00:07:36.000 --> 00:07:38.000 तो जब तक दुनिया में सूरज है, 00:07:38.000 --> 00:07:40.000 हमें बिजली की कोई समस्या नहीं होगी। 00:07:40.000 --> 00:07:42.000 मगर सबसे बढिया बात ये है कि 00:07:42.000 --> 00:07:45.000 इसे स्थापित किया था 00:07:45.000 --> 00:07:48.000 एक पुजारी ने, एक हिंदु पुजारी ने, 00:07:48.000 --> 00:07:51.000 जो सिर्फ़ आठवीं कक्षा तक पढे हैं -- 00:07:51.000 --> 00:07:54.000 कभी स्कूल नहीं गये, कभी कॉलेज नहीं गये। 00:07:54.000 --> 00:07:56.000 इन्हें सौर-तकनीकों के बारे में ज्यादा जानकारी है 00:07:56.000 --> 00:08:00.000 विश्व के किसी भी और व्यक्ति के मुकाबले, ये मेरी गारंटी है। NOTE Paragraph 00:08:02.000 --> 00:08:04.000 भोजन, यदि आप बेयरफ़ुट कॉलेज में आयेंगे, 00:08:04.000 --> 00:08:07.000 आपको सौर-ऊर्जा से बना मिलेगा। 00:08:07.000 --> 00:08:10.000 मगर जिन लोगों ने उस सौर-चूल्हे को बनाया है, 00:08:10.000 --> 00:08:13.000 वो स्त्रियाँ हैं, 00:08:13.000 --> 00:08:15.000 अनपढ स्त्रियाँ, 00:08:15.000 --> 00:08:17.000 जो अपने हाथ से 00:08:17.000 --> 00:08:19.000 अत्यंत जटिल सौर-चूल्हा बनाती हैं। 00:08:19.000 --> 00:08:22.000 ये परवलय (पैराबोला) आकारा का बिना रसोइये का चूल्हा है। 00:08:25.000 --> 00:08:29.000 दुर्भाग्य से, ये आधी जरमन हैं, 00:08:29.000 --> 00:08:31.000 वो इतनी सूक्ष्मता से नाप-झोक करती हैं। 00:08:31.000 --> 00:08:33.000 (हँसी) 00:08:33.000 --> 00:08:36.000 आपको भारतीय महिलायें इतनी सूक्ष्म नाप-तोल करती नहीं मिलेंगी। 00:08:37.000 --> 00:08:39.000 बिलकुल आखिरी इंच तक, 00:08:39.000 --> 00:08:41.000 वो उस चूल्हे को बना सकती हैं। 00:08:41.000 --> 00:08:43.000 और यहाँ साठ व्यक्ति दिन में दो बार 00:08:43.000 --> 00:08:45.000 सौर-चूल्हे का खाना खाते हैं। NOTE Paragraph 00:08:45.000 --> 00:08:47.000 हमारे यहाँ एक दंत-चिकित्सक हैं -- 00:08:47.000 --> 00:08:50.000 वो दादी-माँ है, अनपढ है, और दाँतों की डाक्टर हैं। 00:08:50.000 --> 00:08:52.000 वो दाँतों की देखभाल करती हैं 00:08:52.000 --> 00:08:55.000 करीब ७००० बच्चों के। 00:08:56.000 --> 00:08:58.000 बेयरफ़ुट टेक्नॉलाजी: 00:08:58.000 --> 00:09:01.000 ये १९८६ है - किसी इंजीनियर, या आर्किटेक्ट इस बारें में नहीं सोचा -- 00:09:01.000 --> 00:09:04.000 मगर हम बारिश के पानी को छत से इकट्ठा कर रहे थे। 00:09:04.000 --> 00:09:06.000 बहुत ही कम पानी बर्बाद होता है। 00:09:06.000 --> 00:09:08.000 सारी छतों को ज़मीन के नीचे बने 00:09:08.000 --> 00:09:10.000 ४००,००० लीटर के टैंक से जोडा हुआ है। 00:09:10.000 --> 00:09:12.000 और पानी बर्बाद नहीं होता। 00:09:12.000 --> 00:09:15.000 यदि हमें चार साल लगातार भी सूखे का सामना करना पडे, तो भी हमारे पास पानी होगा, 00:09:15.000 --> 00:09:17.000 क्योंकि हम बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं। NOTE Paragraph 00:09:17.000 --> 00:09:20.000 ६० % बच्चे स्कूल इसलिये नहीं जा पाते, 00:09:20.000 --> 00:09:22.000 क्योंकि उन्हें जानवरों की देखभाल करनी होती है -- 00:09:22.000 --> 00:09:24.000 भेड, बकरी -- 00:09:24.000 --> 00:09:26.000 घर के काम। 00:09:26.000 --> 00:09:29.000 तो हमने सोचा कि एक स्कूल खोला जाये 00:09:29.000 --> 00:09:31.000 रात में, बच्चो को पढाने के लिये। 00:09:31.000 --> 00:09:33.000 क्योंकि तिलोनिया के रात के स्कूलों में 00:09:33.000 --> 00:09:36.000 ७५,००० बच्चों से ज्यादा रात को पढ चुके है, 00:09:36.000 --> 00:09:38.000 क्योंकि ये बच्चों की सहूलियत के लिये है; 00:09:38.000 --> 00:09:40.000 ये शिक्षकों की सहूलियत के लिये नही है। 00:09:40.000 --> 00:09:42.000 और हम यहाँ क्या पढाते हैं? 00:09:42.000 --> 00:09:44.000 प्रजातंत्र, नागरिकता, 00:09:44.000 --> 00:09:47.000 अपनी ज़मीनों की नाप कैसे करें, 00:09:47.000 --> 00:09:49.000 अगर आपको पुलिस पकड ले, तो क्या करें, 00:09:49.000 --> 00:09:53.000 यदि आपका जानवर बीमार हो जाये, तो क्या करें। 00:09:53.000 --> 00:09:55.000 यही हम रात के स्कूलों में पढाते हैं। 00:09:55.000 --> 00:09:58.000 क्योंकि सारे स्कूल मे सौर-ऊर्जा है। NOTE Paragraph 00:09:58.000 --> 00:10:00.000 हर पाँच साल में, 00:10:00.000 --> 00:10:02.000 हम चुनाव करते हैं। 00:10:02.000 --> 00:10:06.000 ६ से ले कर १४ साल तक के बच्चे 00:10:06.000 --> 00:10:09.000 इस प्रजातांत्रिक प्रणाली में हिस्सा लेते हैं, 00:10:09.000 --> 00:10:13.000 और वो एक प्रधानमंत्री चुनते हैं। 00:10:13.000 --> 00:10:16.000 प्रधानमंत्री की उम्र है १२ वर्ष। 00:10:17.000 --> 00:10:19.000 वो सुबह २० बकरियों की देखभाल करती है, 00:10:19.000 --> 00:10:22.000 मगर शाम को वो प्रधानमंत्री हो जाती है। 00:10:22.000 --> 00:10:24.000 उसका अपना मंत्रिमंडल है, 00:10:24.000 --> 00:10:27.000 शिक्षा मंत्री, बिजली मंत्री, स्वास्थ-मंत्री। 00:10:27.000 --> 00:10:29.000 और वो असल में देखभाल करते है 00:10:29.000 --> 00:10:32.000 करीब १५० स्कूलों के ७००० बच्चों की। 00:10:34.000 --> 00:10:36.000 पाँच साल पहले उसे विश्व बालक पुरस्कार से नवाजा गया था, 00:10:36.000 --> 00:10:38.000 और वो स्वीडन गयी थी। 00:10:38.000 --> 00:10:40.000 पहली बार गाँव से बाहर निकली थी। 00:10:40.000 --> 00:10:43.000 कभी स्वीडन देखा नहीं। 00:10:43.000 --> 00:10:45.000 लेकिन आसपास की चीज़ों से ज़रा भी प्रभावित नहीं। 00:10:45.000 --> 00:10:47.000 और स्वीडन की रानी, जो वहीं थीं, 00:10:47.000 --> 00:10:50.000 मेरी ओर मुडी, और कहा, "क्या आप इस बच्ची से पूछेंगे कि इतना आत्म-विश्वास कहाँ से आता है? 00:10:50.000 --> 00:10:52.000 ये केवल १२ साल की है, 00:10:52.000 --> 00:10:55.000 और किसी से प्रभावित नहीं होती।" 00:10:55.000 --> 00:10:58.000 और वो लडकी, जो उनके बायें ओर है, 00:10:58.000 --> 00:11:01.000 मेरी ओर मुडी, और रानी की आँखों में आँखे डाल कर 00:11:01.000 --> 00:11:04.000 बोली, "कृप्या इन्हें बता दीजिये कि मैं प्रधानमंत्री हूँ।" NOTE Paragraph 00:11:04.000 --> 00:11:06.000 (हँसी) NOTE Paragraph 00:11:06.000 --> 00:11:14.000 (अभिवादन) NOTE Paragraph 00:11:14.000 --> 00:11:18.000 जहाँ साक्षरता बहुत कम है, 00:11:18.000 --> 00:11:21.000 हम कठपुतलियों का इस्तेमाल करते हैं। 00:11:21.000 --> 00:11:24.000 कठपुतिलियों के सहारे हम अपनी बात रखते हैं। 00:11:30.000 --> 00:11:33.000 हमारे पास जोखिम चाचा है, 00:11:33.000 --> 00:11:37.000 जो करीब ३०० साल के हैं। 00:11:37.000 --> 00:11:40.000 ये मेरे मनोवैज्ञानिक हैं। ये ही मेरे शिक्षक हैं। 00:11:40.000 --> 00:11:42.000 यही मेरे चिकित्सक हैं। यही मेरे वकील हैं। 00:11:42.000 --> 00:11:44.000 यही मुझे दान देते हैं। 00:11:44.000 --> 00:11:46.000 यही धन भी जुटाते हैं, 00:11:46.000 --> 00:11:49.000 मेरे झगडे भी सुलझाते हैं। 00:11:49.000 --> 00:11:52.000 ये मेरे गाँव की समस्या का समाधान करते हैं। 00:11:52.000 --> 00:11:54.000 यदि गाँव में तनाव हो, 00:11:54.000 --> 00:11:56.000 या फ़िर स्कूलों में हाज़िरी कम हो रही हो 00:11:56.000 --> 00:11:58.000 और अध्यापकों और अभिभावकों के बीच मनमुटाव हो, 00:11:58.000 --> 00:12:01.000 तो ये कठपुतली अध्यापकों और अभिभावकों को सारे गाँव के सामने बुलाती है 00:12:01.000 --> 00:12:03.000 और कहती है, "हाथ मिलाइये। 00:12:03.000 --> 00:12:05.000 हाज़िरी कम नहीं होनी चाहिये।" 00:12:07.000 --> 00:12:09.000 ये कठपुतलियाँ 00:12:09.000 --> 00:12:11.000 विश्व-बैंक की बेकार पडी रिपोर्टों से बनी हैं। NOTE Paragraph 00:12:11.000 --> 00:12:13.000 (हँसी) NOTE Paragraph 00:12:13.000 --> 00:12:20.000 (अभिवादन) NOTE Paragraph 00:12:20.000 --> 00:12:24.000 तो इस विकेंद्रित, और पारदर्शी तरीके से, 00:12:24.000 --> 00:12:26.000 गाँवों को सौर-ऊर्जा देने के तरीके से, 00:12:26.000 --> 00:12:28.000 हमने सारे भारत में काम किया है 00:12:28.000 --> 00:12:31.000 लद्दाख से ले कर भूटान तक -- 00:12:33.000 --> 00:12:35.000 सब जगहों पर सौर-ऊर्जा 00:12:35.000 --> 00:12:38.000 उन लोगों द्वारा लायी जिन्हें प्रशिक्षण दिया गया। 00:12:39.000 --> 00:12:41.000 और हम लद्दाख गये, 00:12:41.000 --> 00:12:43.000 और हमने एक महिला से पूछा -- 00:12:43.000 --> 00:12:46.000 कि आप, -४० डिग्री सेंटिग्रेट पर, छत से बाहर आयी हैं, 00:12:46.000 --> 00:12:49.000 क्योंकि बर्फ़ से आजू-बाजू के रास्ते बंद है -- 00:12:49.000 --> 00:12:51.000 और हमने इस से पूछा, 00:12:51.000 --> 00:12:53.000 "आपको क्या लाभ हुआ 00:12:53.000 --> 00:12:55.000 सौर ऊर्जा से?" 00:12:55.000 --> 00:12:57.000 और एक मिनट तक सोचने के बाद, उसने कहा, 00:12:57.000 --> 00:13:01.000 "ये पहली बार है कि मैं सर्दियों में अपने पति का चेहरा देख पायी।" NOTE Paragraph 00:13:01.000 --> 00:13:04.000 (हँसी) NOTE Paragraph 00:13:04.000 --> 00:13:06.000 हम अफ़्गानिस्तान गये। 00:13:06.000 --> 00:13:11.000 भारत में हमेने एक बात ये सीखी कि 00:13:11.000 --> 00:13:15.000 मर्दों को आप कुछ नही सिखा सकते। 00:13:15.000 --> 00:13:19.000 (हँसी) 00:13:19.000 --> 00:13:21.000 आदमी उछ्छंखल होते हैं, 00:13:21.000 --> 00:13:23.000 आदमी महत्वाकांक्षी होते हैं, 00:13:23.000 --> 00:13:26.000 वो एक जगह टिक कर बैठना नहीं पाते, 00:13:26.000 --> 00:13:28.000 और उन सबको एक प्रमाण-पत्र चाहिये होता है। 00:13:28.000 --> 00:13:30.000 (हँसी) 00:13:30.000 --> 00:13:33.000 दुनिया भर में, यही चाहत है 00:13:33.000 --> 00:13:35.000 आदमियों की, एक प्रमाण-पत्र चाहिये। 00:13:35.000 --> 00:13:38.000 क्यों? क्योंकि वो गाँव छोडना चाहते हैं, 00:13:38.000 --> 00:13:41.000 और शहर जाना चाहते हैं, नौकरी करने के लिये। 00:13:41.000 --> 00:13:44.000 तो हमने इस का एक बेहतरीन तरीका निकाला" 00:13:44.000 --> 00:13:46.000 बूढी दादियों को प्रशिक्षण देने का। 00:13:48.000 --> 00:13:50.000 अपनी बात दूर दूर तक फ़ैलाने का 00:13:50.000 --> 00:13:52.000 आज की दुनिया में क्या तरीका है? 00:13:52.000 --> 00:13:54.000 टेलीविजन? नहीं। 00:13:54.000 --> 00:13:56.000 टेलीग्राफ़? नहीं। 00:13:56.000 --> 00:13:58.000 टेलीफ़ोन? नहीं। 00:13:58.000 --> 00:14:00.000 एक स्त्री को बता दीजिये बस! NOTE Paragraph 00:14:00.000 --> 00:14:03.000 (हँसी) NOTE Paragraph 00:14:03.000 --> 00:14:07.000 (अभिवादन) NOTE Paragraph 00:14:07.000 --> 00:14:09.000 तो हम पहली बार अफ़्गानिस्तान गयी, 00:14:09.000 --> 00:14:11.000 और हमने तीन स्त्रियों को चुना 00:14:11.000 --> 00:14:13.000 और कहा, "हम इन्हें भारत ले जाना चाहते हैं।" 00:14:13.000 --> 00:14:15.000 उन्होंने कहा, "असंभव। ये तो अपने कमरे तक से बाहर नही निकलती हैं, 00:14:15.000 --> 00:14:17.000 और तुम भारत ले जाने की बात करते हो।" 00:14:17.000 --> 00:14:19.000 मैने कहा, "मैं एक छूट दे सकता हूँ। मैं उनके पतियों को भी साथ ले जाऊँगा।" 00:14:19.000 --> 00:14:21.000 तो मैं उनके पतियों को भी ली आया। 00:14:21.000 --> 00:14:24.000 ज़ाहिर है, औरतें आदमियों से कहीं ज्यादा बुद्धिमान होती हैं। 00:14:24.000 --> 00:14:26.000 छः महीने के भीतर, 00:14:26.000 --> 00:14:29.000 हम इन औरतों को कैसे बदल दें? 00:14:29.000 --> 00:14:31.000 इशारों की भाषा से। 00:14:31.000 --> 00:14:34.000 तब आपक लिखित चीज़ों पर भरोसा नहीं करते। 00:14:34.000 --> 00:14:36.000 बोलचाल की भाषा से भी काम नहीं बनता। 00:14:36.000 --> 00:14:39.000 आप इशारों की भाषा इस्तेमाल करते हैं। 00:14:39.000 --> 00:14:41.000 और छः महीनों में, 00:14:41.000 --> 00:14:45.000 वो सौर-इंजीनियर बन गयीं। 00:14:45.000 --> 00:14:48.000 वो वापस जा कर अपने गाँव में सौर-बिजली ले आयीं। NOTE Paragraph 00:14:48.000 --> 00:14:50.000 इस स्त्री ने वापस जा कर, 00:14:50.000 --> 00:14:53.000 पहली बार किसी गाँव में सौर-बिजली लगायी, 00:14:53.000 --> 00:14:55.000 एक कारखाना लगाया -- 00:14:55.000 --> 00:14:58.000 अफ़्गानिस्तान का पहला गाँव जहाँ सौर-बिजली आयी 00:14:58.000 --> 00:15:01.000 तीन औरतों द्वारा किया गया था। 00:15:01.000 --> 00:15:03.000 ये स्त्री 00:15:03.000 --> 00:15:05.000 एक महान दादी माँ है। 00:15:05.000 --> 00:15:10.000 ५५ साल की उम्र में इसने अफ़गानिस्तान में २०० घरों को सौर-बिजली दी है। 00:15:10.000 --> 00:15:13.000 और ये खराब भी नहीं हुई है। 00:15:13.000 --> 00:15:16.000 ये असल में अफ़्गानिस्तान के इंजीनियरिंग विभाग गयी, 00:15:16.000 --> 00:15:18.000 और वहाँ के मुख्य-अधिकारी को बता कर आयी 00:15:18.000 --> 00:15:20.000 कि ए.सी. और डी.सी. में फ़र्क क्या होता है। 00:15:20.000 --> 00:15:22.000 उसे नहीं पता था। 00:15:22.000 --> 00:15:25.000 इन तीन औरतो ने २७ और औरतों को प्रशिक्षण दिया है, 00:15:25.000 --> 00:15:28.000 और अफ़्गानिस्तान के १०० गाँवों में सौर-बिजली लगवा दी है। NOTE Paragraph 00:15:28.000 --> 00:15:31.000 हम अफ़्रीका गये, 00:15:31.000 --> 00:15:33.000 और हमने यहे किया। 00:15:33.000 --> 00:15:36.000 ये सारी औरतें जो एक मेज पर बैठी हैं, अलग अलग आठ देशों की हैं, 00:15:36.000 --> 00:15:39.000 सब बतिया रही हैं, मगर बिना एक भी शब्द समझे, 00:15:39.000 --> 00:15:41.000 क्योंकि वो सब अलग अलग भाषा बोल रही हैं। 00:15:41.000 --> 00:15:43.000 मगर इनकी भाव-भंगिमायें गजब की हैं। 00:15:43.000 --> 00:15:45.000 ये एक दूसरे से बतिया भी रही है, 00:15:45.000 --> 00:15:47.000 और सौर-इंजीनियर बन रही हैं। 00:15:47.000 --> 00:15:50.000 मैं सियरा ल्योन ग्याअ, 00:15:50.000 --> 00:15:53.000 और वहाँ एक मंत्री से मिला जो रात के घनघोर अँधेरे में ड्राइविंग कर रहे थे -- 00:15:53.000 --> 00:15:55.000 एक गाँव पहुँचा। 00:15:55.000 --> 00:15:58.000 वापस आया, गाँव पहुँचा, और कहा, "इस की क्या कहानी है?" 00:15:58.000 --> 00:16:00.000 उन्होंने कहा, "इन दो दादी-मांओं ने..." 00:16:00.000 --> 00:16:03.000 "दादियों ने?" मंत्री साहब को भरोसा ही नहीं हुआ। 00:16:03.000 --> 00:16:06.000 "वो कहाँ गयी थी?" " भारत से लौट कर आयी हैं।" 00:16:06.000 --> 00:16:08.000 वो सीखे राष्ट्रपति के पास गया। 00:16:08.000 --> 00:16:10.000 उसने कहा, "आपको पता है कि सियरा ल्योन में एक सौर-बिजली युक्त गाँव है?" 00:16:10.000 --> 00:16:13.000 जवाब मिला, "नहीं।" अगले दिन आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल इन औरतों से मिलने आ गया। 00:16:13.000 --> 00:16:15.000 "कहानी क्या है?" 00:16:15.000 --> 00:16:19.000 तो उन्होंने मुझे बुलाया और कहा, "क्या आप मेरे लिये १५० दादियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं?" 00:16:19.000 --> 00:16:21.000 मैने कहा, "जी नहीं, महामहिम। 00:16:21.000 --> 00:16:23.000 मगर ये दे सकती हैं। ये दादियाँ।" 00:16:23.000 --> 00:16:26.000 तो उन्होंने सियरा ल्योन में मेरे लिये पहला बेयरफ़ुट ट्रेनिंग सेंटर बनवाया। 00:16:26.000 --> 00:16:30.000 और १५० दादियं को सियरा ल्योन में प्रशिक्षण मिल चुका है। NOTE Paragraph 00:16:30.000 --> 00:16:32.000 गाम्बिया: 00:16:32.000 --> 00:16:35.000 हम गाम्बिया में एक दादी माँ को चुनने के लिये गये। 00:16:35.000 --> 00:16:37.000 एक गाँव में पहुँचे। 00:16:37.000 --> 00:16:39.000 मुझे पता था कि मैं किस स्त्री को चुनना चाहता हूँ। 00:16:39.000 --> 00:16:42.000 सब लोग साथ जुटे और उन्होंने कहा, " इन दो स्त्रियों को ले जायें।" 00:16:42.000 --> 00:16:44.000 मैने कहा, "नहीं, मैं तो उसे ले जाना चाहता हूँ।" 00:16:44.000 --> 00:16:46.000 उन्होंने कहा, "क्यों? उसे तो भाषा भी नहीं आती। आप उसे जानते नहीं हैं।" 00:16:46.000 --> 00:16:49.000 मैने कहा, "मुझे उसकी भाव-भंगिमायें और बात करने का तरीका अच्छा लगता है।" 00:16:49.000 --> 00:16:51.000 "उसका पति नहीं मानेगा: नहीं होगा।" 00:16:51.000 --> 00:16:53.000 तो पति को बुलाया गया, वो आया, 00:16:53.000 --> 00:16:56.000 अकड से चलता हुआ, नेताओं की तरह, मोबाइल लहराता हुआ। "नही होगा।" 00:16:56.000 --> 00:16:59.000 "क्यों नहीं? "उसे देखो, वो कितनी सुंदर है।" 00:16:59.000 --> 00:17:01.000 मैने कहा, "हाँ, बहुत सुंदर है।" 00:17:01.000 --> 00:17:03.000 "अगर किसी भारतीय आदमी के साथ भाग गयी तो?" 00:17:03.000 --> 00:17:05.000 ये उसका सबसे बडा डर था। 00:17:05.000 --> 00:17:08.000 मैने कहा, "वो खुश रहेगी, और तुम्हें मोबाइल पर कॉल करेगी।" 00:17:08.000 --> 00:17:11.000 वो दादी माँ की तरह गयी 00:17:11.000 --> 00:17:13.000 और एक शेरनी बन कर वापस लौटी। 00:17:13.000 --> 00:17:15.000 वो हवाई-जहाज से बाहर निकली और 00:17:15.000 --> 00:17:18.000 प्रेस से ऐसे बतियाने लगी जैसे सदा से यही करती रही हो। 00:17:18.000 --> 00:17:21.000 उसने राष्ट्रीय प्रेस को सम्हाला, 00:17:21.000 --> 00:17:23.000 और वो प्रसिद्ध हो गयी। 00:17:23.000 --> 00:17:26.000 और जब मैं छः महीने बाद उस से मिला, मैने कहा, "तुम्हारा पति कहाँ है?" 00:17:26.000 --> 00:17:28.000 "अरे, कहीं होगा, उस से क्या फ़र्क पडता है।" 00:17:28.000 --> 00:17:30.000 (हँसी) 00:17:30.000 --> 00:17:32.000 सफ़लता की कहानी। NOTE Paragraph 00:17:32.000 --> 00:17:34.000 (हँसी) NOTE Paragraph 00:17:34.000 --> 00:17:37.000 (अभिवादन) NOTE Paragraph 00:17:37.000 --> 00:17:43.000 मैं अपनी बात ये कह कर ख्त्म करना चाहूँगा 00:17:43.000 --> 00:17:47.000 कि मुझे लगता है कि समाधान आपके अंदर ही होता है। 00:17:47.000 --> 00:17:49.000 समस्या का हल अपने अंदर ढूँढिये। 00:17:49.000 --> 00:17:52.000 और उन लोगों की बात सुनिये जो आप से पहले समाधान कर चुके हैं 00:17:52.000 --> 00:17:54.000 सारी दुनिया में ऐसे लोग मौजूद हैं। 00:17:54.000 --> 00:17:56.000 चिंता ही मत करिये। 00:17:56.000 --> 00:17:59.000 विश्व बैंक की बात सुनने से बेहतर है कि आप ज़मीनी लोगों की बातें सुनें। 00:17:59.000 --> 00:18:02.000 उनके पास दुनिया भर के हल हैं। NOTE Paragraph 00:18:02.000 --> 00:18:05.000 मैं अंत में महात्मा गाँधी की कही बात दोहराना चाहता हूँ। 00:18:05.000 --> 00:18:07.000 "पहली वो आपको अनसुना कर देते हैं, 00:18:07.000 --> 00:18:09.000 फ़िर वो आप पर हँसते हैं, 00:18:09.000 --> 00:18:11.000 फ़िर वो आपसे लडते हैं, 00:18:11.000 --> 00:18:13.000 और फ़िर आप जीते जाते हैं।" NOTE Paragraph 00:18:13.000 --> 00:18:15.000 धन्यवाद। NOTE Paragraph 00:18:15.000 --> 00:18:46.000 (अभिवादन)