1 00:00:00,000 --> 00:00:04,000 चलिये आपको एक दूसरी ही दुनिया में ले चलूँ। 2 00:00:04,000 --> 00:00:06,000 और आपको सुनाऊँ एक 3 00:00:06,000 --> 00:00:10,000 ४५ साल पुरानी प्रेम-कथा 4 00:00:10,000 --> 00:00:13,000 गरीब लोगों से प्रेम की कथा, 5 00:00:13,000 --> 00:00:16,000 जो कि प्रतिदिन एक डॉलर से भी कम कमाते हैं। 6 00:00:18,000 --> 00:00:22,000 मैं एक बेहद संभ्रांत, खडूस, 7 00:00:22,000 --> 00:00:26,000 महँगे कॉलेज में पढा, भारत में, 8 00:00:26,000 --> 00:00:29,000 और उसने मुझे लगभग पूर्णतः बरबाद कर ही दिया था। 9 00:00:31,000 --> 00:00:33,000 सब फ़िक्स था - 10 00:00:33,000 --> 00:00:36,000 मैं डिप्लोमेट, शिक्षक, या डॉक्टर बनता -- 11 00:00:36,000 --> 00:00:40,000 सब जैसे प्लेट में परोसा पडा था। 12 00:00:40,000 --> 00:00:43,000 साथ ही, मुझे देख कर ऐसा नहीं लगेगा, मैं स्क्वैश के खेल में भारत का राष्ट्रीय चैंपियन था 13 00:00:43,000 --> 00:00:45,000 तीन साल तक लगातार। 14 00:00:45,000 --> 00:00:47,000 (हँसी) 15 00:00:47,000 --> 00:00:50,000 सारी दुनिया के अवसर मेरे सामने थे। 16 00:00:50,000 --> 00:00:52,000 सब जैसे मेरे कदमों में पडा हो। 17 00:00:52,000 --> 00:00:55,000 मैं कुछ गडबड कर ही नहीं सकता था। 18 00:00:55,000 --> 00:00:57,000 और तब, यूँही, जिज्ञासावश मैने सोचा कि 19 00:00:57,000 --> 00:00:59,000 मैं गाँव जाकर, रहना और काम करना चाहता था 20 00:00:59,000 --> 00:01:01,000 बस समझने के लिये कि गाँव कैसा होता है। 21 00:01:01,000 --> 00:01:03,000 इसलिये १९६५ में, 22 00:01:03,000 --> 00:01:07,000 मैं बिहार गया - वहाँ अब तक का सबसे भीषण अकाल पडा था, 23 00:01:07,000 --> 00:01:10,000 और मैनें भूख और मौत का नंगा नाच देखा, 24 00:01:10,000 --> 00:01:13,000 पहली बार ठीक मेरे सामने लोग भूख से मर रहे थे। 25 00:01:13,000 --> 00:01:16,000 उस अनुभव ने मेरा जीवन बदल डाला। 26 00:01:16,000 --> 00:01:18,000 मैं वापस आया, 27 00:01:18,000 --> 00:01:20,000 और मैने अपनी माँ से कहा, 28 00:01:20,000 --> 00:01:23,000 "मैं एक गाँव में रहना और काम करना चाहता हूँ।" 29 00:01:23,000 --> 00:01:25,000 माँ कोमा में चली गयी। 30 00:01:25,000 --> 00:01:28,000 (हँसी) 31 00:01:28,000 --> 00:01:30,000 "ये क्या कह रहा है? 32 00:01:30,000 --> 00:01:33,000 सारी दुनिया के अवसर तेरे सामने हैं, और भरी थाली में लात मार कर तू 33 00:01:33,000 --> 00:01:35,000 एक गाँव में रहना और काम करना चाहता है? 34 00:01:35,000 --> 00:01:37,000 मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर तुझे हुआ क्या है?" 35 00:01:37,000 --> 00:01:39,000 मैनें कहा, "नहीं, मुझे सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मिली है। 36 00:01:39,000 --> 00:01:41,000 उसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया है। 37 00:01:41,000 --> 00:01:44,000 और मैं कुछ वापस देना चाहता हूँ 38 00:01:44,000 --> 00:01:46,000 अपने ही तरीके से।" 39 00:01:46,000 --> 00:01:48,000 "पर तू आखिर एक गाँव में करेगा क्या? 40 00:01:48,000 --> 00:01:50,000 न रोजगार है, न पैसा है, 41 00:01:50,000 --> 00:01:52,000 न सुरक्षा, न ही कोई भविष्य।" 42 00:01:52,000 --> 00:01:54,000 मैने कहा, "मै गाँव में रह कर 43 00:01:54,000 --> 00:01:57,000 पाँच साल तक कुँए खोदना चाहता हूँ।" 44 00:01:57,000 --> 00:01:59,000 "पाँच साल तक कुँए खोदेगा? 45 00:01:59,000 --> 00:02:02,000 तू भारत के सबसे महँगे स्कूल और कॉलेज में पढा है, 46 00:02:02,000 --> 00:02:04,000 और अब पाँच साल तक कुँए खोदना चाहता है?" 47 00:02:04,000 --> 00:02:08,000 उन्होंने मुझसे बहुत लम्बे समय तक बात तक नही की, 48 00:02:08,000 --> 00:02:11,000 क्योंकि उन्हें लगा कि मैंने अपने खानदान की नाक कटवा दी है। 49 00:02:13,000 --> 00:02:15,000 लेकिन इसके साथ ही, 50 00:02:15,000 --> 00:02:18,000 मुझे सीखने को मिला दुनिया के सबसे बेहतरीन ज्ञान और कौशल 51 00:02:18,000 --> 00:02:20,000 जो बहुत गरीब लोगों के पास होते हैं, 52 00:02:20,000 --> 00:02:23,000 मगर कभी भी हमारे सामने नहीं लाये जाते -- 53 00:02:23,000 --> 00:02:25,000 जो परिचय और सम्मान तक को मोहताज़ रहते हैं, 54 00:02:25,000 --> 00:02:27,000 और जिन्हें कभी बडे रूप में इस्तेमाल ही नहीं किया जाता। 55 00:02:27,000 --> 00:02:29,000 और मैनें सोचा कि मैं बेयरफ़ुट कॉलेज की शुरुवात करूँगा -- 56 00:02:29,000 --> 00:02:31,000 एक कॉलेज केवल गरीबों के लिये। 57 00:02:31,000 --> 00:02:33,000 गरीब लोग क्या सोचते है, ये मुख्य मसला था, 58 00:02:33,000 --> 00:02:36,000 यही इस कॉलेज की नीव भी थी। 59 00:02:37,000 --> 00:02:39,000 इस गाँव में यह मेरा पहला दिन था। 60 00:02:39,000 --> 00:02:41,000 बडे-बूढे मेरे पास आये 61 00:02:41,000 --> 00:02:43,000 और पूछा, "क्या पुलिस से भाग कर छुपे हो?" 62 00:02:43,000 --> 00:02:45,000 मैने कहा, "नहीं।" 63 00:02:45,000 --> 00:02:48,000 (हँसी) 64 00:02:49,000 --> 00:02:51,000 "परीक्षा में फ़ेल हो गये हो?" 65 00:02:51,000 --> 00:02:53,000 मैने कहा, "नहीं।" 66 00:02:53,000 --> 00:02:56,000 "तो सरकारी नौकरी नहीं मिल पायी होगी?" मैनें कहा, "वो भी नहीं।" 67 00:02:56,000 --> 00:02:58,000 "तब यहाँ क्या कर रहे हो? 68 00:02:58,000 --> 00:03:00,000 यहाँ क्यों आये हो? 69 00:03:00,000 --> 00:03:02,000 भारत की शिक्षा व्यवस्था 70 00:03:02,000 --> 00:03:05,000 तो आपको पेरिस और नई-दिल्ली और ज़ुरिख़ के ख़्वाब दिखाती है; 71 00:03:05,000 --> 00:03:07,000 तुम इस गाँव में क्या कर रहे हो? 72 00:03:07,000 --> 00:03:10,000 तुम कुछ तो ज़रूर छिपा रहे हो हमसे?" 73 00:03:10,000 --> 00:03:13,000 मैने कहा, "नहीं, मैं तो एक कॉलेज खोलने आया हूँ, 74 00:03:13,000 --> 00:03:15,000 केवल गरीबों के लिये। 75 00:03:15,000 --> 00:03:18,000 गरीब लोगों को जो ज़रूरी लगता है, वही इस कॉलेज में होगा।" 76 00:03:18,000 --> 00:03:22,000 तो बुज़ुर्गों नें मुझे बहुत नेक और सार्थक सलाह दी। 77 00:03:22,000 --> 00:03:24,000 उन्होंने कहा, "कृपा करके, 78 00:03:24,000 --> 00:03:27,000 किसी भी डिग्री-होल्डर या मान्यता-प्राप्त प्रशिक्षित व्यक्ति को 79 00:03:27,000 --> 00:03:29,000 अपने कॉलेज में मत लाना।" 80 00:03:29,000 --> 00:03:32,000 लिहाज़ा, ये भारत का इकलौता कॉलेज है 81 00:03:32,000 --> 00:03:35,000 जहाँ, यदि आप पी.एच.डी. या मास्टर हैं, 82 00:03:35,000 --> 00:03:37,000 तो आपको नाकारा माना जायेगा। 83 00:03:37,000 --> 00:03:42,000 आपको या तो पढाई-छोड, या भगोडा, या निलंबित होना होगा 84 00:03:42,000 --> 00:03:45,000 हमारे कॉलेज में आने के लिये। 85 00:03:45,000 --> 00:03:47,000 आपको अपने हाथों से काम करना होगा। 86 00:03:47,000 --> 00:03:49,000 आप को मेहनत की इज़्जत सीखनी होगी। 87 00:03:49,000 --> 00:03:52,000 आपको ये दिखाना होगा कि आपके पास ऐसा हुनर है जिस से कि लोगों का भला हो सकता है 88 00:03:52,000 --> 00:03:55,000 और आप समाज को कोई सेवा प्रदान कर सकते हैं। 89 00:03:55,000 --> 00:03:58,000 तो हमने बेयरफ़ुट कॉलेज की स्थापना की, 90 00:03:58,000 --> 00:04:00,000 और हमने पेशेवर होने की नई परिभाषा गढी। 91 00:04:00,000 --> 00:04:02,000 आख़िर पेशेवर किसको कहा जाये? 92 00:04:02,000 --> 00:04:04,000 एक पेशेवर व्यक्ति वो है 93 00:04:04,000 --> 00:04:06,000 जिसके पास हुनर हो, 94 00:04:06,000 --> 00:04:09,000 आत्म-विश्वास हो, और भरोसा हो। 95 00:04:09,000 --> 00:04:12,000 ज़मीन-तले पानी का पता लगाने वाला पेशेवर है। 96 00:04:12,000 --> 00:04:14,000 एक पारंपरिक दाई 97 00:04:14,000 --> 00:04:16,000 एक पेशेवर है। 98 00:04:16,000 --> 00:04:19,000 एक कढाई गढने वाला पेशेवर है। 99 00:04:19,000 --> 00:04:21,000 सारी दुनिया में ऐसे पेशेवर भरे पडे हैं। 100 00:04:21,000 --> 00:04:25,000 ये आपको दुनिया के किसी भी दूर-दराज़ गाँव में मिल जायेंगे। 101 00:04:25,000 --> 00:04:28,000 और हमें लगा कि इन लोगों को मुख्यधारा में आना चाहिये 102 00:04:28,000 --> 00:04:31,000 और दिखाना चाहिये कि इनका ज्ञान और इनकी दक्षता 103 00:04:31,000 --> 00:04:33,000 विश्व-स्तर की है। 104 00:04:33,000 --> 00:04:35,000 इसका इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी है, 105 00:04:35,000 --> 00:04:37,000 और इसे बाहरी दुनिया के सामने लाना ज़रूरी है -- 106 00:04:37,000 --> 00:04:39,000 कि ये ज्ञान और कारीगरी 107 00:04:39,000 --> 00:04:43,000 आज भी काम की है। 108 00:04:43,000 --> 00:04:45,000 तो कॉलेज में 109 00:04:45,000 --> 00:04:49,000 महात्मा गाँधी की जीवन-शैली और काम के तरीके का पालन होता है। 110 00:04:49,000 --> 00:04:53,000 आप ज़मीन पर खाते हैं, ज़मीन पर सोते हैं, ज़मीन पर ही चलते हैं। 111 00:04:53,000 --> 00:04:55,000 कोई समझौता, लिखित दस्तावेज़ नहीं है। 112 00:04:55,000 --> 00:04:58,000 आप मेरे साथ २० साल रह सकते है, और कल जा भी सकते हैं। 113 00:04:58,000 --> 00:05:01,000 और किसी को भी $१०० महीने से ज्यादा नहीं मिलता है। 114 00:05:01,000 --> 00:05:04,000 यदि आप पैसा चाहते हैं, आप बेयरफ़ुट कॉलेज मत आइये। 115 00:05:04,000 --> 00:05:06,000 आप काम और चुनौती के लिये आना चाहते हैं, 116 00:05:06,000 --> 00:05:08,000 आप बेयरफ़ुट आ सकते हैं। 117 00:05:08,000 --> 00:05:11,000 यहाँ हम चाहते हैं कि आप आयें और अपने आइडिया पर काम करें। 118 00:05:11,000 --> 00:05:13,000 चाहे जो भी आपका आइडिया हो, आ कर उस पर काम कीजिये। 119 00:05:13,000 --> 00:05:15,000 कोई फ़र्क नहीं पडता यदि आप फ़ेल हो गये तो। 120 00:05:15,000 --> 00:05:18,000 गिर कर, चोट खा कर, आप फ़िर शुरुवात कीजिये। 121 00:05:18,000 --> 00:05:21,000 ये शायद अकेला ऐसा कॉलेज हैं जहाँ गुरु शिष्य है 122 00:05:21,000 --> 00:05:24,000 और शिष्य गुरु है। 123 00:05:24,000 --> 00:05:27,000 और अकेला ऐसा कॉलेज जहाँ हम सर्टिफ़िकेट नहीं देते हैं। 124 00:05:27,000 --> 00:05:30,000 जिस समुदाय की आप सेवा करते हैं, वो ही आपको मान्यता देता है। 125 00:05:30,000 --> 00:05:32,000 आपको दीवार पर काग़ज़ का टुकडा लटकाने की ज़रूरत नहीं है, 126 00:05:32,000 --> 00:05:35,000 ये दिखाने के लिये कि आप इंजीनियर हैं। 127 00:05:37,000 --> 00:05:39,000 तो जब मैंने ये सब कहा, 128 00:05:39,000 --> 00:05:42,000 तो उन्होंने पूछा, "ठीक है, बताओ क्या संभव है. तुम क्या कर रहे हो? 129 00:05:42,000 --> 00:05:46,000 ये सिर्फ़ बतकही है जब तक तुम कुछ कर के नहीं दिखाते।" 130 00:05:46,000 --> 00:05:49,000 तो हमने पहला बेयरफ़ुट कॉलेज बनाया 131 00:05:49,000 --> 00:05:52,000 सन १९८६ में। 132 00:05:52,000 --> 00:05:54,000 इसे १२ बेयरफ़ुट आर्किटेक्टों ने बनाया था, 133 00:05:54,000 --> 00:05:56,000 जो कि अनपढ थे, 134 00:05:56,000 --> 00:05:59,000 $1.5 प्रति वर्ग फ़ुट की कीमत में। 135 00:05:59,000 --> 00:06:03,000 १५० लोग यहाँ रहते थे, और काम करते थे। 136 00:06:03,000 --> 00:06:06,000 उन्हें २००२ में आर्किटेक्चर का आगा ख़ान पुरस्कार मिला। 137 00:06:06,000 --> 00:06:09,000 पर उन्हें लगता था, कि इस के पीछे किसे मान्यता प्राप्त आर्किटेक्ट का हाथ ज़रूर होगा। 138 00:06:09,000 --> 00:06:11,000 मैने कहा, "हाँ, उन्होंने नक्शे बनाये थे, 139 00:06:11,000 --> 00:06:15,000 मगर बेयरफ़ुट आर्किटेक्टों ने असल में कॉलेज का निर्माण किया।" 140 00:06:16,000 --> 00:06:19,000 शायद हम ही ऐसे लोग होंगे जिन्होंने $50,000 का पुरस्कार लौटा दिया, 141 00:06:19,000 --> 00:06:21,000 क्योंकि उन्हें हम पर विश्वास नहीं हुआ, 142 00:06:21,000 --> 00:06:25,000 और हमें लगा जैसे वो लोग कलंक लगा रहे हैं, 143 00:06:25,000 --> 00:06:28,000 तिलोनिया के बेयरफ़ुट आर्किटेक्टों के नाम पर। 144 00:06:28,000 --> 00:06:30,000 मैनें एक जंगल-अफ़सर से पूछा -- 145 00:06:30,000 --> 00:06:33,000 मान्यता प्राप्त, पढे-लिखे अफ़सर से -- 146 00:06:33,000 --> 00:06:36,000 मैने कहा, "इस जगह पर क्या बनाया जा सकता है? 147 00:06:36,000 --> 00:06:38,000 उसने मिट्टी पर एक नज़र डाली और कहा, "यहाँ कुछ नहीं हो सकता। 148 00:06:38,000 --> 00:06:40,000 जगह इस लायक नहीं है। 149 00:06:40,000 --> 00:06:42,000 न पानी है, मिट्टी पथरीली है।" 150 00:06:42,000 --> 00:06:44,000 मैं कठिन परिस्थिति में था। 151 00:06:44,000 --> 00:06:46,000 और मैने कहा, "ठीक है, मैं गाँव के बूढे के पास जा कर 152 00:06:46,000 --> 00:06:49,000 पूछूँगा कि, 'यहाँ क्या उगाना चाहिये?'" 153 00:06:49,000 --> 00:06:51,000 उसने मेरी ओर देखा और कहा, 154 00:06:51,000 --> 00:06:53,000 "तुम ये बनाओ, वो बनाओ, ये लगाओ, और काम हो जायेगा।" 155 00:06:53,000 --> 00:06:56,000 और वो जगह आज ऐसी दिखती है। 156 00:06:57,000 --> 00:06:59,000 मैं छत पर गया, 157 00:06:59,000 --> 00:07:01,000 और सारी औरतों ने कहा, "यहाँ से जाओ। 158 00:07:01,000 --> 00:07:04,000 आदमी नहीं चाहिये क्योंकि हम इस तरकीब को आदमियों को नहीं बताना चाहते। 159 00:07:04,000 --> 00:07:06,000 ये छत को वाटरप्रूफ़ करने की तकनीक है।" 160 00:07:06,000 --> 00:07:08,000 (हँसी) 161 00:07:08,000 --> 00:07:11,000 इसमें थोडा गुड है, थोडी पेशाब है 162 00:07:11,000 --> 00:07:13,000 और ऐसी कई चीजें जो मुझे नहीं पता है। 163 00:07:13,000 --> 00:07:15,000 लेकिन इसमें पानी नहीं चूता है। 164 00:07:15,000 --> 00:07:18,000 १९८६ से आज तक, पानी नहीं चुआ है। 165 00:07:18,000 --> 00:07:21,000 इस तकनीक को, औरतें मर्दों को नहीं बताती हैं। 166 00:07:21,000 --> 00:07:24,000 (हँसी) 167 00:07:24,000 --> 00:07:26,000 ये अकेला ऐसा कॉलेज है 168 00:07:26,000 --> 00:07:30,000 जो पूर्णतः सौर-ऊर्जा पर चलता है। 169 00:07:30,000 --> 00:07:32,000 सूरज से ही सारी बिजली आती है। 170 00:07:32,000 --> 00:07:34,000 छत पर ४५ किलोवाट के पैनल लगे हैं। 171 00:07:34,000 --> 00:07:36,000 और सब कुछ अगले २५ सालों तक सिर्फ़ सौर-ऊर्जा से चल सकता है। 172 00:07:36,000 --> 00:07:38,000 तो जब तक दुनिया में सूरज है, 173 00:07:38,000 --> 00:07:40,000 हमें बिजली की कोई समस्या नहीं होगी। 174 00:07:40,000 --> 00:07:42,000 मगर सबसे बढिया बात ये है कि 175 00:07:42,000 --> 00:07:45,000 इसे स्थापित किया था 176 00:07:45,000 --> 00:07:48,000 एक पुजारी ने, एक हिंदु पुजारी ने, 177 00:07:48,000 --> 00:07:51,000 जो सिर्फ़ आठवीं कक्षा तक पढे हैं -- 178 00:07:51,000 --> 00:07:54,000 कभी स्कूल नहीं गये, कभी कॉलेज नहीं गये। 179 00:07:54,000 --> 00:07:56,000 इन्हें सौर-तकनीकों के बारे में ज्यादा जानकारी है 180 00:07:56,000 --> 00:08:00,000 विश्व के किसी भी और व्यक्ति के मुकाबले, ये मेरी गारंटी है। 181 00:08:02,000 --> 00:08:04,000 भोजन, यदि आप बेयरफ़ुट कॉलेज में आयेंगे, 182 00:08:04,000 --> 00:08:07,000 आपको सौर-ऊर्जा से बना मिलेगा। 183 00:08:07,000 --> 00:08:10,000 मगर जिन लोगों ने उस सौर-चूल्हे को बनाया है, 184 00:08:10,000 --> 00:08:13,000 वो स्त्रियाँ हैं, 185 00:08:13,000 --> 00:08:15,000 अनपढ स्त्रियाँ, 186 00:08:15,000 --> 00:08:17,000 जो अपने हाथ से 187 00:08:17,000 --> 00:08:19,000 अत्यंत जटिल सौर-चूल्हा बनाती हैं। 188 00:08:19,000 --> 00:08:22,000 ये परवलय (पैराबोला) आकारा का बिना रसोइये का चूल्हा है। 189 00:08:25,000 --> 00:08:29,000 दुर्भाग्य से, ये आधी जरमन हैं, 190 00:08:29,000 --> 00:08:31,000 वो इतनी सूक्ष्मता से नाप-झोक करती हैं। 191 00:08:31,000 --> 00:08:33,000 (हँसी) 192 00:08:33,000 --> 00:08:36,000 आपको भारतीय महिलायें इतनी सूक्ष्म नाप-तोल करती नहीं मिलेंगी। 193 00:08:37,000 --> 00:08:39,000 बिलकुल आखिरी इंच तक, 194 00:08:39,000 --> 00:08:41,000 वो उस चूल्हे को बना सकती हैं। 195 00:08:41,000 --> 00:08:43,000 और यहाँ साठ व्यक्ति दिन में दो बार 196 00:08:43,000 --> 00:08:45,000 सौर-चूल्हे का खाना खाते हैं। 197 00:08:45,000 --> 00:08:47,000 हमारे यहाँ एक दंत-चिकित्सक हैं -- 198 00:08:47,000 --> 00:08:50,000 वो दादी-माँ है, अनपढ है, और दाँतों की डाक्टर हैं। 199 00:08:50,000 --> 00:08:52,000 वो दाँतों की देखभाल करती हैं 200 00:08:52,000 --> 00:08:55,000 करीब ७००० बच्चों के। 201 00:08:56,000 --> 00:08:58,000 बेयरफ़ुट टेक्नॉलाजी: 202 00:08:58,000 --> 00:09:01,000 ये १९८६ है - किसी इंजीनियर, या आर्किटेक्ट इस बारें में नहीं सोचा -- 203 00:09:01,000 --> 00:09:04,000 मगर हम बारिश के पानी को छत से इकट्ठा कर रहे थे। 204 00:09:04,000 --> 00:09:06,000 बहुत ही कम पानी बर्बाद होता है। 205 00:09:06,000 --> 00:09:08,000 सारी छतों को ज़मीन के नीचे बने 206 00:09:08,000 --> 00:09:10,000 ४००,००० लीटर के टैंक से जोडा हुआ है। 207 00:09:10,000 --> 00:09:12,000 और पानी बर्बाद नहीं होता। 208 00:09:12,000 --> 00:09:15,000 यदि हमें चार साल लगातार भी सूखे का सामना करना पडे, तो भी हमारे पास पानी होगा, 209 00:09:15,000 --> 00:09:17,000 क्योंकि हम बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं। 210 00:09:17,000 --> 00:09:20,000 ६० % बच्चे स्कूल इसलिये नहीं जा पाते, 211 00:09:20,000 --> 00:09:22,000 क्योंकि उन्हें जानवरों की देखभाल करनी होती है -- 212 00:09:22,000 --> 00:09:24,000 भेड, बकरी -- 213 00:09:24,000 --> 00:09:26,000 घर के काम। 214 00:09:26,000 --> 00:09:29,000 तो हमने सोचा कि एक स्कूल खोला जाये 215 00:09:29,000 --> 00:09:31,000 रात में, बच्चो को पढाने के लिये। 216 00:09:31,000 --> 00:09:33,000 क्योंकि तिलोनिया के रात के स्कूलों में 217 00:09:33,000 --> 00:09:36,000 ७५,००० बच्चों से ज्यादा रात को पढ चुके है, 218 00:09:36,000 --> 00:09:38,000 क्योंकि ये बच्चों की सहूलियत के लिये है; 219 00:09:38,000 --> 00:09:40,000 ये शिक्षकों की सहूलियत के लिये नही है। 220 00:09:40,000 --> 00:09:42,000 और हम यहाँ क्या पढाते हैं? 221 00:09:42,000 --> 00:09:44,000 प्रजातंत्र, नागरिकता, 222 00:09:44,000 --> 00:09:47,000 अपनी ज़मीनों की नाप कैसे करें, 223 00:09:47,000 --> 00:09:49,000 अगर आपको पुलिस पकड ले, तो क्या करें, 224 00:09:49,000 --> 00:09:53,000 यदि आपका जानवर बीमार हो जाये, तो क्या करें। 225 00:09:53,000 --> 00:09:55,000 यही हम रात के स्कूलों में पढाते हैं। 226 00:09:55,000 --> 00:09:58,000 क्योंकि सारे स्कूल मे सौर-ऊर्जा है। 227 00:09:58,000 --> 00:10:00,000 हर पाँच साल में, 228 00:10:00,000 --> 00:10:02,000 हम चुनाव करते हैं। 229 00:10:02,000 --> 00:10:06,000 ६ से ले कर १४ साल तक के बच्चे 230 00:10:06,000 --> 00:10:09,000 इस प्रजातांत्रिक प्रणाली में हिस्सा लेते हैं, 231 00:10:09,000 --> 00:10:13,000 और वो एक प्रधानमंत्री चुनते हैं। 232 00:10:13,000 --> 00:10:16,000 प्रधानमंत्री की उम्र है १२ वर्ष। 233 00:10:17,000 --> 00:10:19,000 वो सुबह २० बकरियों की देखभाल करती है, 234 00:10:19,000 --> 00:10:22,000 मगर शाम को वो प्रधानमंत्री हो जाती है। 235 00:10:22,000 --> 00:10:24,000 उसका अपना मंत्रिमंडल है, 236 00:10:24,000 --> 00:10:27,000 शिक्षा मंत्री, बिजली मंत्री, स्वास्थ-मंत्री। 237 00:10:27,000 --> 00:10:29,000 और वो असल में देखभाल करते है 238 00:10:29,000 --> 00:10:32,000 करीब १५० स्कूलों के ७००० बच्चों की। 239 00:10:34,000 --> 00:10:36,000 पाँच साल पहले उसे विश्व बालक पुरस्कार से नवाजा गया था, 240 00:10:36,000 --> 00:10:38,000 और वो स्वीडन गयी थी। 241 00:10:38,000 --> 00:10:40,000 पहली बार गाँव से बाहर निकली थी। 242 00:10:40,000 --> 00:10:43,000 कभी स्वीडन देखा नहीं। 243 00:10:43,000 --> 00:10:45,000 लेकिन आसपास की चीज़ों से ज़रा भी प्रभावित नहीं। 244 00:10:45,000 --> 00:10:47,000 और स्वीडन की रानी, जो वहीं थीं, 245 00:10:47,000 --> 00:10:50,000 मेरी ओर मुडी, और कहा, "क्या आप इस बच्ची से पूछेंगे कि इतना आत्म-विश्वास कहाँ से आता है? 246 00:10:50,000 --> 00:10:52,000 ये केवल १२ साल की है, 247 00:10:52,000 --> 00:10:55,000 और किसी से प्रभावित नहीं होती।" 248 00:10:55,000 --> 00:10:58,000 और वो लडकी, जो उनके बायें ओर है, 249 00:10:58,000 --> 00:11:01,000 मेरी ओर मुडी, और रानी की आँखों में आँखे डाल कर 250 00:11:01,000 --> 00:11:04,000 बोली, "कृप्या इन्हें बता दीजिये कि मैं प्रधानमंत्री हूँ।" 251 00:11:04,000 --> 00:11:06,000 (हँसी) 252 00:11:06,000 --> 00:11:14,000 (अभिवादन) 253 00:11:14,000 --> 00:11:18,000 जहाँ साक्षरता बहुत कम है, 254 00:11:18,000 --> 00:11:21,000 हम कठपुतलियों का इस्तेमाल करते हैं। 255 00:11:21,000 --> 00:11:24,000 कठपुतिलियों के सहारे हम अपनी बात रखते हैं। 256 00:11:30,000 --> 00:11:33,000 हमारे पास जोखिम चाचा है, 257 00:11:33,000 --> 00:11:37,000 जो करीब ३०० साल के हैं। 258 00:11:37,000 --> 00:11:40,000 ये मेरे मनोवैज्ञानिक हैं। ये ही मेरे शिक्षक हैं। 259 00:11:40,000 --> 00:11:42,000 यही मेरे चिकित्सक हैं। यही मेरे वकील हैं। 260 00:11:42,000 --> 00:11:44,000 यही मुझे दान देते हैं। 261 00:11:44,000 --> 00:11:46,000 यही धन भी जुटाते हैं, 262 00:11:46,000 --> 00:11:49,000 मेरे झगडे भी सुलझाते हैं। 263 00:11:49,000 --> 00:11:52,000 ये मेरे गाँव की समस्या का समाधान करते हैं। 264 00:11:52,000 --> 00:11:54,000 यदि गाँव में तनाव हो, 265 00:11:54,000 --> 00:11:56,000 या फ़िर स्कूलों में हाज़िरी कम हो रही हो 266 00:11:56,000 --> 00:11:58,000 और अध्यापकों और अभिभावकों के बीच मनमुटाव हो, 267 00:11:58,000 --> 00:12:01,000 तो ये कठपुतली अध्यापकों और अभिभावकों को सारे गाँव के सामने बुलाती है 268 00:12:01,000 --> 00:12:03,000 और कहती है, "हाथ मिलाइये। 269 00:12:03,000 --> 00:12:05,000 हाज़िरी कम नहीं होनी चाहिये।" 270 00:12:07,000 --> 00:12:09,000 ये कठपुतलियाँ 271 00:12:09,000 --> 00:12:11,000 विश्व-बैंक की बेकार पडी रिपोर्टों से बनी हैं। 272 00:12:11,000 --> 00:12:13,000 (हँसी) 273 00:12:13,000 --> 00:12:20,000 (अभिवादन) 274 00:12:20,000 --> 00:12:24,000 तो इस विकेंद्रित, और पारदर्शी तरीके से, 275 00:12:24,000 --> 00:12:26,000 गाँवों को सौर-ऊर्जा देने के तरीके से, 276 00:12:26,000 --> 00:12:28,000 हमने सारे भारत में काम किया है 277 00:12:28,000 --> 00:12:31,000 लद्दाख से ले कर भूटान तक -- 278 00:12:33,000 --> 00:12:35,000 सब जगहों पर सौर-ऊर्जा 279 00:12:35,000 --> 00:12:38,000 उन लोगों द्वारा लायी जिन्हें प्रशिक्षण दिया गया। 280 00:12:39,000 --> 00:12:41,000 और हम लद्दाख गये, 281 00:12:41,000 --> 00:12:43,000 और हमने एक महिला से पूछा -- 282 00:12:43,000 --> 00:12:46,000 कि आप, -४० डिग्री सेंटिग्रेट पर, छत से बाहर आयी हैं, 283 00:12:46,000 --> 00:12:49,000 क्योंकि बर्फ़ से आजू-बाजू के रास्ते बंद है -- 284 00:12:49,000 --> 00:12:51,000 और हमने इस से पूछा, 285 00:12:51,000 --> 00:12:53,000 "आपको क्या लाभ हुआ 286 00:12:53,000 --> 00:12:55,000 सौर ऊर्जा से?" 287 00:12:55,000 --> 00:12:57,000 और एक मिनट तक सोचने के बाद, उसने कहा, 288 00:12:57,000 --> 00:13:01,000 "ये पहली बार है कि मैं सर्दियों में अपने पति का चेहरा देख पायी।" 289 00:13:01,000 --> 00:13:04,000 (हँसी) 290 00:13:04,000 --> 00:13:06,000 हम अफ़्गानिस्तान गये। 291 00:13:06,000 --> 00:13:11,000 भारत में हमेने एक बात ये सीखी कि 292 00:13:11,000 --> 00:13:15,000 मर्दों को आप कुछ नही सिखा सकते। 293 00:13:15,000 --> 00:13:19,000 (हँसी) 294 00:13:19,000 --> 00:13:21,000 आदमी उछ्छंखल होते हैं, 295 00:13:21,000 --> 00:13:23,000 आदमी महत्वाकांक्षी होते हैं, 296 00:13:23,000 --> 00:13:26,000 वो एक जगह टिक कर बैठना नहीं पाते, 297 00:13:26,000 --> 00:13:28,000 और उन सबको एक प्रमाण-पत्र चाहिये होता है। 298 00:13:28,000 --> 00:13:30,000 (हँसी) 299 00:13:30,000 --> 00:13:33,000 दुनिया भर में, यही चाहत है 300 00:13:33,000 --> 00:13:35,000 आदमियों की, एक प्रमाण-पत्र चाहिये। 301 00:13:35,000 --> 00:13:38,000 क्यों? क्योंकि वो गाँव छोडना चाहते हैं, 302 00:13:38,000 --> 00:13:41,000 और शहर जाना चाहते हैं, नौकरी करने के लिये। 303 00:13:41,000 --> 00:13:44,000 तो हमने इस का एक बेहतरीन तरीका निकाला" 304 00:13:44,000 --> 00:13:46,000 बूढी दादियों को प्रशिक्षण देने का। 305 00:13:48,000 --> 00:13:50,000 अपनी बात दूर दूर तक फ़ैलाने का 306 00:13:50,000 --> 00:13:52,000 आज की दुनिया में क्या तरीका है? 307 00:13:52,000 --> 00:13:54,000 टेलीविजन? नहीं। 308 00:13:54,000 --> 00:13:56,000 टेलीग्राफ़? नहीं। 309 00:13:56,000 --> 00:13:58,000 टेलीफ़ोन? नहीं। 310 00:13:58,000 --> 00:14:00,000 एक स्त्री को बता दीजिये बस! 311 00:14:00,000 --> 00:14:03,000 (हँसी) 312 00:14:03,000 --> 00:14:07,000 (अभिवादन) 313 00:14:07,000 --> 00:14:09,000 तो हम पहली बार अफ़्गानिस्तान गयी, 314 00:14:09,000 --> 00:14:11,000 और हमने तीन स्त्रियों को चुना 315 00:14:11,000 --> 00:14:13,000 और कहा, "हम इन्हें भारत ले जाना चाहते हैं।" 316 00:14:13,000 --> 00:14:15,000 उन्होंने कहा, "असंभव। ये तो अपने कमरे तक से बाहर नही निकलती हैं, 317 00:14:15,000 --> 00:14:17,000 और तुम भारत ले जाने की बात करते हो।" 318 00:14:17,000 --> 00:14:19,000 मैने कहा, "मैं एक छूट दे सकता हूँ। मैं उनके पतियों को भी साथ ले जाऊँगा।" 319 00:14:19,000 --> 00:14:21,000 तो मैं उनके पतियों को भी ली आया। 320 00:14:21,000 --> 00:14:24,000 ज़ाहिर है, औरतें आदमियों से कहीं ज्यादा बुद्धिमान होती हैं। 321 00:14:24,000 --> 00:14:26,000 छः महीने के भीतर, 322 00:14:26,000 --> 00:14:29,000 हम इन औरतों को कैसे बदल दें? 323 00:14:29,000 --> 00:14:31,000 इशारों की भाषा से। 324 00:14:31,000 --> 00:14:34,000 तब आपक लिखित चीज़ों पर भरोसा नहीं करते। 325 00:14:34,000 --> 00:14:36,000 बोलचाल की भाषा से भी काम नहीं बनता। 326 00:14:36,000 --> 00:14:39,000 आप इशारों की भाषा इस्तेमाल करते हैं। 327 00:14:39,000 --> 00:14:41,000 और छः महीनों में, 328 00:14:41,000 --> 00:14:45,000 वो सौर-इंजीनियर बन गयीं। 329 00:14:45,000 --> 00:14:48,000 वो वापस जा कर अपने गाँव में सौर-बिजली ले आयीं। 330 00:14:48,000 --> 00:14:50,000 इस स्त्री ने वापस जा कर, 331 00:14:50,000 --> 00:14:53,000 पहली बार किसी गाँव में सौर-बिजली लगायी, 332 00:14:53,000 --> 00:14:55,000 एक कारखाना लगाया -- 333 00:14:55,000 --> 00:14:58,000 अफ़्गानिस्तान का पहला गाँव जहाँ सौर-बिजली आयी 334 00:14:58,000 --> 00:15:01,000 तीन औरतों द्वारा किया गया था। 335 00:15:01,000 --> 00:15:03,000 ये स्त्री 336 00:15:03,000 --> 00:15:05,000 एक महान दादी माँ है। 337 00:15:05,000 --> 00:15:10,000 ५५ साल की उम्र में इसने अफ़गानिस्तान में २०० घरों को सौर-बिजली दी है। 338 00:15:10,000 --> 00:15:13,000 और ये खराब भी नहीं हुई है। 339 00:15:13,000 --> 00:15:16,000 ये असल में अफ़्गानिस्तान के इंजीनियरिंग विभाग गयी, 340 00:15:16,000 --> 00:15:18,000 और वहाँ के मुख्य-अधिकारी को बता कर आयी 341 00:15:18,000 --> 00:15:20,000 कि ए.सी. और डी.सी. में फ़र्क क्या होता है। 342 00:15:20,000 --> 00:15:22,000 उसे नहीं पता था। 343 00:15:22,000 --> 00:15:25,000 इन तीन औरतो ने २७ और औरतों को प्रशिक्षण दिया है, 344 00:15:25,000 --> 00:15:28,000 और अफ़्गानिस्तान के १०० गाँवों में सौर-बिजली लगवा दी है। 345 00:15:28,000 --> 00:15:31,000 हम अफ़्रीका गये, 346 00:15:31,000 --> 00:15:33,000 और हमने यहे किया। 347 00:15:33,000 --> 00:15:36,000 ये सारी औरतें जो एक मेज पर बैठी हैं, अलग अलग आठ देशों की हैं, 348 00:15:36,000 --> 00:15:39,000 सब बतिया रही हैं, मगर बिना एक भी शब्द समझे, 349 00:15:39,000 --> 00:15:41,000 क्योंकि वो सब अलग अलग भाषा बोल रही हैं। 350 00:15:41,000 --> 00:15:43,000 मगर इनकी भाव-भंगिमायें गजब की हैं। 351 00:15:43,000 --> 00:15:45,000 ये एक दूसरे से बतिया भी रही है, 352 00:15:45,000 --> 00:15:47,000 और सौर-इंजीनियर बन रही हैं। 353 00:15:47,000 --> 00:15:50,000 मैं सियरा ल्योन ग्याअ, 354 00:15:50,000 --> 00:15:53,000 और वहाँ एक मंत्री से मिला जो रात के घनघोर अँधेरे में ड्राइविंग कर रहे थे -- 355 00:15:53,000 --> 00:15:55,000 एक गाँव पहुँचा। 356 00:15:55,000 --> 00:15:58,000 वापस आया, गाँव पहुँचा, और कहा, "इस की क्या कहानी है?" 357 00:15:58,000 --> 00:16:00,000 उन्होंने कहा, "इन दो दादी-मांओं ने..." 358 00:16:00,000 --> 00:16:03,000 "दादियों ने?" मंत्री साहब को भरोसा ही नहीं हुआ। 359 00:16:03,000 --> 00:16:06,000 "वो कहाँ गयी थी?" " भारत से लौट कर आयी हैं।" 360 00:16:06,000 --> 00:16:08,000 वो सीखे राष्ट्रपति के पास गया। 361 00:16:08,000 --> 00:16:10,000 उसने कहा, "आपको पता है कि सियरा ल्योन में एक सौर-बिजली युक्त गाँव है?" 362 00:16:10,000 --> 00:16:13,000 जवाब मिला, "नहीं।" अगले दिन आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल इन औरतों से मिलने आ गया। 363 00:16:13,000 --> 00:16:15,000 "कहानी क्या है?" 364 00:16:15,000 --> 00:16:19,000 तो उन्होंने मुझे बुलाया और कहा, "क्या आप मेरे लिये १५० दादियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं?" 365 00:16:19,000 --> 00:16:21,000 मैने कहा, "जी नहीं, महामहिम। 366 00:16:21,000 --> 00:16:23,000 मगर ये दे सकती हैं। ये दादियाँ।" 367 00:16:23,000 --> 00:16:26,000 तो उन्होंने सियरा ल्योन में मेरे लिये पहला बेयरफ़ुट ट्रेनिंग सेंटर बनवाया। 368 00:16:26,000 --> 00:16:30,000 और १५० दादियं को सियरा ल्योन में प्रशिक्षण मिल चुका है। 369 00:16:30,000 --> 00:16:32,000 गाम्बिया: 370 00:16:32,000 --> 00:16:35,000 हम गाम्बिया में एक दादी माँ को चुनने के लिये गये। 371 00:16:35,000 --> 00:16:37,000 एक गाँव में पहुँचे। 372 00:16:37,000 --> 00:16:39,000 मुझे पता था कि मैं किस स्त्री को चुनना चाहता हूँ। 373 00:16:39,000 --> 00:16:42,000 सब लोग साथ जुटे और उन्होंने कहा, " इन दो स्त्रियों को ले जायें।" 374 00:16:42,000 --> 00:16:44,000 मैने कहा, "नहीं, मैं तो उसे ले जाना चाहता हूँ।" 375 00:16:44,000 --> 00:16:46,000 उन्होंने कहा, "क्यों? उसे तो भाषा भी नहीं आती। आप उसे जानते नहीं हैं।" 376 00:16:46,000 --> 00:16:49,000 मैने कहा, "मुझे उसकी भाव-भंगिमायें और बात करने का तरीका अच्छा लगता है।" 377 00:16:49,000 --> 00:16:51,000 "उसका पति नहीं मानेगा: नहीं होगा।" 378 00:16:51,000 --> 00:16:53,000 तो पति को बुलाया गया, वो आया, 379 00:16:53,000 --> 00:16:56,000 अकड से चलता हुआ, नेताओं की तरह, मोबाइल लहराता हुआ। "नही होगा।" 380 00:16:56,000 --> 00:16:59,000 "क्यों नहीं? "उसे देखो, वो कितनी सुंदर है।" 381 00:16:59,000 --> 00:17:01,000 मैने कहा, "हाँ, बहुत सुंदर है।" 382 00:17:01,000 --> 00:17:03,000 "अगर किसी भारतीय आदमी के साथ भाग गयी तो?" 383 00:17:03,000 --> 00:17:05,000 ये उसका सबसे बडा डर था। 384 00:17:05,000 --> 00:17:08,000 मैने कहा, "वो खुश रहेगी, और तुम्हें मोबाइल पर कॉल करेगी।" 385 00:17:08,000 --> 00:17:11,000 वो दादी माँ की तरह गयी 386 00:17:11,000 --> 00:17:13,000 और एक शेरनी बन कर वापस लौटी। 387 00:17:13,000 --> 00:17:15,000 वो हवाई-जहाज से बाहर निकली और 388 00:17:15,000 --> 00:17:18,000 प्रेस से ऐसे बतियाने लगी जैसे सदा से यही करती रही हो। 389 00:17:18,000 --> 00:17:21,000 उसने राष्ट्रीय प्रेस को सम्हाला, 390 00:17:21,000 --> 00:17:23,000 और वो प्रसिद्ध हो गयी। 391 00:17:23,000 --> 00:17:26,000 और जब मैं छः महीने बाद उस से मिला, मैने कहा, "तुम्हारा पति कहाँ है?" 392 00:17:26,000 --> 00:17:28,000 "अरे, कहीं होगा, उस से क्या फ़र्क पडता है।" 393 00:17:28,000 --> 00:17:30,000 (हँसी) 394 00:17:30,000 --> 00:17:32,000 सफ़लता की कहानी। 395 00:17:32,000 --> 00:17:34,000 (हँसी) 396 00:17:34,000 --> 00:17:37,000 (अभिवादन) 397 00:17:37,000 --> 00:17:43,000 मैं अपनी बात ये कह कर ख्त्म करना चाहूँगा 398 00:17:43,000 --> 00:17:47,000 कि मुझे लगता है कि समाधान आपके अंदर ही होता है। 399 00:17:47,000 --> 00:17:49,000 समस्या का हल अपने अंदर ढूँढिये। 400 00:17:49,000 --> 00:17:52,000 और उन लोगों की बात सुनिये जो आप से पहले समाधान कर चुके हैं 401 00:17:52,000 --> 00:17:54,000 सारी दुनिया में ऐसे लोग मौजूद हैं। 402 00:17:54,000 --> 00:17:56,000 चिंता ही मत करिये। 403 00:17:56,000 --> 00:17:59,000 विश्व बैंक की बात सुनने से बेहतर है कि आप ज़मीनी लोगों की बातें सुनें। 404 00:17:59,000 --> 00:18:02,000 उनके पास दुनिया भर के हल हैं। 405 00:18:02,000 --> 00:18:05,000 मैं अंत में महात्मा गाँधी की कही बात दोहराना चाहता हूँ। 406 00:18:05,000 --> 00:18:07,000 "पहली वो आपको अनसुना कर देते हैं, 407 00:18:07,000 --> 00:18:09,000 फ़िर वो आप पर हँसते हैं, 408 00:18:09,000 --> 00:18:11,000 फ़िर वो आपसे लडते हैं, 409 00:18:11,000 --> 00:18:13,000 और फ़िर आप जीते जाते हैं।" 410 00:18:13,000 --> 00:18:15,000 धन्यवाद। 411 00:18:15,000 --> 00:18:46,000 (अभिवादन)