WEBVTT 00:00:01.447 --> 00:00:06.220 दुनिया क्यों गर्म हो रही है? 00:00:06.220 --> 00:00:09.633 आइए पृथ्वी को ग्रीनहाउस के रूप में एक पल के लिए सोचें। 00:00:10.950 --> 00:00:13.270 हर सेकंड, ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा 00:00:13.270 --> 00:00:14.983 हमारे ग्रीनहाउस में चली आती है। 00:00:16.960 --> 00:00:20.490 हमारे वातावरण की शीशे की छत और दीवारें, 00:00:20.490 --> 00:00:22.580 उसमें से कुछ ऊर्जा को प्रतिबिंबित करती है, 00:00:22.580 --> 00:00:25.580 लेकिन इसमें से ज़्यादातर निकल जाती है और सब गर्म कर देती है। 00:00:27.330 --> 00:00:30.000 उसमें से ज़्यादातर गर्मी अंतरिक्ष में वापस चली जाती है, 00:00:30.000 --> 00:00:32.163 हमें एक स्थिर, गर्म तापमान पर रखते हुए। NOTE Paragraph 00:00:33.670 --> 00:00:35.020 लेकिन फिर कुछ बदल गया। 00:00:36.110 --> 00:00:38.650 मनुष्यों ने हर दिन अरबों ग्रीनहाउस भरने के लिए 00:00:38.650 --> 00:00:41.003 पर्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड उगलना शुरू कर दिया। 00:00:42.900 --> 00:00:45.540 ग्रीनहाउस गैस क्या करती है? 00:00:45.540 --> 00:00:47.793 इससे हमारे ग्रीनहाउस का कांच मोटा होता जाता है। 00:00:48.760 --> 00:00:50.860 मोटे कांच का मतलब कि गर्मी 00:00:50.860 --> 00:00:52.440 अंतरिक्ष में धीरे धीरे जाती है। 00:00:52.440 --> 00:00:54.730 और मत भूलें, सूरज से ऊर्जा अभी भी 00:00:54.730 --> 00:00:57.270 पहले की तरह जल्दी से आ रही है। NOTE Paragraph 00:00:57.270 --> 00:00:59.530 जिसके कारण हमारे ग्रह का तापमान अधिक हो जाता है 00:00:59.530 --> 00:01:04.093 और तापमान हमारी बरदाश्त से बाहर। NOTE Paragraph 00:01:09.673 --> 00:01:10.506 [काउंटडाउन 00:01:10.506 --> 00:01:13.142 COUNTDOWN.TED.COM पर जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करें]