मै सार्वजनिक नीती निर्धारण मे कार्यरत हु मैं मुश्किल डूढ लॆती हू अमरिकी अर्थव्यवस्थॉ मे। मुश्किल जैसे बढते घरेलु कर्ज़, घटती कमाई और लाभ, जनता के राजस्व मे कमी। और मैं समाधान ङूढती हू हमारी अर्थव्यवस्थॉ को समृद्ध बनाने के लिए मैं उत्साहित होती हू कर नीति के बारे में और आधारिक संरचना के निवेश में, और मैं बहुत उत्साहित हो जाती हू एक नियमित शासन द्वारा जो ईनायत से बना है। (हंसी) ये है वो विषय ज़िसकी मैं बात कर रही थी अगस्त २०१६ को सार्वज़निक टीवि शो के लाइव कॉल-इन कार्यक्रम के बीच में थी जब एक आदमी ने फ़ोन किया जिसका नाम गैरि था, नार्थ केरोलीना से और उसने कहा.. "मै एक गोरा आदमी हू, और मेरे साथ भेदभाव होता है" और उसने विस्तार से बताया , काले वर्ण के आदमी और उन्के गिरोह और द्रुग्स और अपराधोन के बरे में फिर उसने कुछ बताया जो मैं कभी भूल नही सकती. उसने कहा, "मै बदलना छाहता हू। और मैं जानना चाहता हू मैं अच्छा आमेरिकन कैसे बनु." ध्यान रहे, मेरा व्यवसाय आर्थिक नीति से सम्बन्धित है, जो डालर और सेंट मे होता है जो निजी विचार और भावना के बारे मे नहीं. पर जब मैने अपना मुह खोला​, उस आदमी को जवाब़ देने के लिए तो आश्चर्यजनक शब्द निकले. मैने कहा... "धन्यवाद" मैने धन्यवाद दिया उसे​ भेदभाव पूर्ण स्भाव को स्वीकारने के लिये, और बदलने की चाहत के लिये और समझने के लिए, कि वह इससे एक बेहतर अमरिकन बन सकता है। मेरे और गैरि के बीच की बातचीत वैरल हो गयी ८ लाख बार देखा गया है और सौशियल मिडीया पर टीका किया गया और न्यूस चेनल मे भी चर्चे हुए. और मुझे लगता है लोगो को आश्चर्य हुआ कि एक काले वर्ण की औरत् इतनी दया दिखा सकती है एक गोरे आदमी के लिये, और सबको आश्चर्य हुआ कि एक गोरे ने अपने व्यवहार को मान लिया​ राष्ट्रीय चेनल पर. मेरे और गैरि के वैरल कर्यक्रम के बाद, हम एक दुसरे से मिले। उसने कहा, उसने मेरी सलाह ली है। उसने कहा की मेरे शब्दो ने जैसे खिडकी से धूल हटाई है और उजाला किया। कुछ ही वर्षो मे, गैरि और मैं दोस्त बन गये। गैरि बताएगा कि मैने उसे बहुत कुछ सिखया है अमरिकी व्यवस्थित जातिवाद और सार्वजनिक नीति के बरे मे। पर, मैने भी बहुत कुछ सीखा, गैरि से. और वह सबसे बडी शिक्षा थी मेरे लिए की गैरि के भेदभाव से उसे पीड़ा हुई है। डर, चिन्ता​, अकेलापन। और मैने पुनर्विचार किया वे आर्थिक समस्याऐ जो मेरे फ़ोकस मे थी मेरे पुरे करियर मे। मैने सोचा​, क्या यह मुम्किन है कि हमारे समाज का जातिवाद बैकफायरिंग कर रहा है उन लोगो पर जिन्हे उस अधिकार से लाभ मिलता है? इस सवाल कि वजह से, मैंने पिछले कुछ साल देश की यात्रा मे बिताए है शोध करते और किताब लिखते हुए. मेरा निष्कर्ष? जातीयता के कारण गलत नीति का निर्धारण होता है. हमारी अर्थव्यवस्था को खराब कर रहा है. और सिर्फ़ उस वर्ण के लोगो को ही हानी नहीं पहुंचती. ऐसा नहीं है कि इसका कोई परिणाम नहीं होता जातीयता गोरे लोगो के लिये भी बुरा है. जैसे की, हमारे सार्वजनिक सामान मे आमेरिका का निवेश, और वो चीज़ जो हुम सभी को चाहिये, जो सामान्य है -- हमरे स्कूल, सड़क और पुल. हमारे आधारिक संरचना को डी प्लस मिलता है आमेरिकी संस्था ओफ़ सीविल इंजीनियर से, और हम कम पैसे निवेश करते है बाकि उन्नत देशो से. पर हमेशा ऐसे नहीं था. मैं मॉन्टगोमेरी, अलाबामा गयी, और देखा कैसे जातिवाद नाश कर सकता है जनता की अच्छाई को और जनता के सहयोग की इच्छा को. १९३०ऽस और ४०ऽस मे, सार्व्जनिक सुविधाएं बनाई गई यू.एस. मे वित्त पोषित कर के पैसो से, जो मॉन्टगोमेरी, अलाबामा मे ओक पार्क पूल शामिल था, जो सबसे बडा़ था​. उस समय, लोगो के पास ऐ.सि. नहीं था, तो लोगो ने अपने गर्मी के दिन बिताये धूप और पानी के छींटो से और फिर पेड़ के नीचे ठंडा किया करते थे. यह तो उस शहर मे मिलने की जगह थी. ओक पार्क पूल को छोड़कर, जिसे मॉन्टगोमेरी के नागरिको की निधि प्राप्त थी, सिर्फ़ गोरे लोगो के लिये था​. जब संघीय न्यायालय ने तय किया कि यह असंवैधानिक है, तो लोगो कि प्रतिक्रिया तेज हुई. शुरु हुआ जनवरी १, १९५९, लोगो ने तय किया कि जनता के पूल खाली करेंगे काले लोगो को तैरने देने के बजाय. ज़नता के माल कि इस विनाश कि देखादेखी पुरे देश मे हुई. शहर मे भी, सिर्फ़ दक्षिण मे नहीं. शहर के सार्वजनिक पार्क, पूल,और स्कूल बन्द कर दिये गए, डिसेग्रेगेशन के आदेश की वजह से, पुरे १९६०ऽस में. मॉन्टगोमेरी में, सारे पार्क विभाग बन्द कर दिये दस साल के लिए। मनोरंजन केंद्र बन्द किये, और चिड़ियाघर के जानवर भी बेच डाले. आज, आप घूम सकते है ओक पार्क के मैदानो में, जैसे मैने किया​, लेकिन बहुत कम लोग करते है यह. पूल का पुनर्निर्माण कभी नहीं हुआ. जातिवाद सबसे एक कीमत लेती है. . और मुझे याद है कि मेरे यही विचार थे सितंबर १५, २००८ को, जब मैनें ताज़ा खबर सुना की लेहमैन भाई दिवलिया हो गए है. अब लेहमैन, अन्य वित्तीय फर्मो की तरह आनेवाले दिनो में नीचे जा रहे थे, जिसे विषैले वित्तीय साधन के गलत प्रभव से बनाया गया उस आधार पर जो सीधी-साधी और सुरक्षित थी -- एक ३० साल निर्धारित-दर के गृह ऋण. गिरवी रखने के बीच में और वित्तेय संकट की जड़ में अजीब नए मामले थे. और वे विकसित किए और बेचे गये सालो तक काले और भूरे मध्यम-वर्ग के सामुदायो में, जैसे वो जो मेरी यात्रा के दौरान हम एक घर मालिक ग्लेन से मिले. ग्लेन का एक घर था क्लीवलैंड के पास, माउंट प्लीसेंट मे मै १० साल से ज़्यादा. जब मै उसे मिली वह पुरोबंध के पास मे था. जैसे उनके बाकी सब पदोसियो का था, उसे दरवाजे पर एक दस्तक मिली एक दलाल से, जिसने वादा किया कि वह गिरवी रकम को पुनर्वित्त करेगा. पर दलाल ने नहीं बताया कि यह एक नये प्रकार का गिरवी ऋण था​. गिरवी ऋण एक फुले ब्याज दर के साथ, और एक गुब्बारे की तरह बडा़ भुगतान और एक पूर्व भुगतान दंड अगर उसने बाहर आने की कोशिश की. अब, वो सामन्य गलतपट, तब और आज भी, है कि ग्लेन जैसे लोग घर खरीद रहे थे जो सामर्थ्य से बाहर था की वो लोग जोखिम भरे उधारकर्ता थे. मैनें देखा कि कैसे यह स्टीरियोटाइप नीति निर्माताओं को कष्ट दे रहा था​ संकट को देखने के लिए जब हमारे पास समय था उसको रोकने के लिये. पर यही सब था​. एक स्टीरियोटाइप.बहुमत का सबप्राइम मार्टगेज गया उन लोगो को जिनके पास अच्छा प्रत्यय था, ग्लेन जैसे.और अफ्रीकी-अमेरिकी और लैटिनोस संभावना के रूप में तीन गुना थे -- भले ही उनके पास अच्छा प्रत्यय नहीं था-- गोरे लोगो से, ये बुरे ऋण बेज ने के लिये मुसीबत उधार लेने वाला नहीं था -- मुश्किल था ऋण. दुर्घटना के बाद, देश के बडे़ उधार देनै वालो, वेल्स फारगो कंटरीवईड तक गए जुरमाना लेकर जातीय भेदभाव के लिए पर वो एहसास देर से आया. यह ऋण, बहुत लाभदायक ऋणदाताओ के लिए पर डिज़ाइन किया गया उधारकर्ताओं को विफल करने जो फैले गए सीमा से काले और भूरे पड़ोस ग्लेन जैसे और व्यापक, गोरे ऋणकर्ता के बज़ार मे. यह देश कि वॉल स्ट्रीट फ़िर्म्स् शर्त लगा रहे थे इस ऋण पर. अपने शिखर पर, ५ में से एक ऋण इस देश में, इस डालने मे था​, और वो मुश्किल्, वो मुश्किल जो मेरे सहयोगियों और मैनें आते देखी​... जायेगा हम सबकी लाग कर. १९ खरब खोये पैसो में पेंशन, घर की इक्विटी, जमा पूंजी. ८ लख्स नौकरिया गायब हो गयी. घर-स्वमीत्व का एक दर जो कभी नहीं वापस पाया. मेरे सालो व्यर्थ में वकालत ग्लेन जैसे घर के मालिकों के लिए ने मुझे आश्वस्त किया: हमारे पास वित्तीय संकट नहीं होता अगर जातिवाद नहीं होता​. २०१७ मे, जब मैनें मिसिसिपी की यात्रा की, जहाँ एक ऑटो-कारखाने के मज़दूर कोशिश में थे एक संघ बनने के लिए. वह लाभ जो वो लड़ रहे थे -- उच्च वेतन, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था, एक असली पेंशन-- उन लोगो ने सबकी मदद की होती. पर एक के बाद एक व्यक्ति से बात करके-- गोरे, काले, संघ के साथ, संघ के विरुद्ध-- जाति फिर आ रह था. एक गोरे आदमी जोयि ने इस तरह से बातया. उसने कहा​, "गोरे कर्मी सोचते है कि मैं येस नहीं वोट करुगा अगर काले लोग येस वोट करे. अगर काले लोगो सहयोग करते हैं, तो मैं विरुद्ध हूँ." एक गोरे चिप नामक आदमी, ने बातया मुझे, "सोच है कि अगर आप काले लोगो का उत्थान करे, तो आप गोरे लोगो को नीचे गिराने का काम कर रहे है." पुरी दुनिया की मानसिकता केकड़ा-एक-बैरल में जैसी है. अब, यूनियन वोट विफल हुए. कारख़ाने के वेतन संघ साथियों से भी कम है, और लोग अभी भी फिकर करते है अपने स्वास्थ्य देख्बाल के लिये. शायद प्रलोभक है, पक्षपातपूर्ण रवैये पर फोकस करना आदमी और कर्मी को जो मैनें सुना​ मिसिसिपी में. पर मुझे ज़्यादा रुचि है, जवाबदेह होने में वह लोग जो अपने जातिवादी सोच को बेच रहे है कमाई के लिये बजाय उन लोगो के जो बेक़रार है खरिदने के लिये. मेरी यात्राएं मुझे उन जगहो पर ले गयी मैनें देखा कि ऐस जरूरी नहीं है मैं मेन गयी, जो सबसे गोरा राज्य है इस राष्ट्र में, सबसे पुराना​, जहाँ जन्म से ज़्यादा मौत हुई हर साल, और मैं गयी एक मरते हुएl मिल नगर जिसका नाम था लेविस्टन जो बहाल हो रहा है नये लोगो से-- जहाँ आम तौर पर अफ़्रीकी और मुसलमान है आप्रवासी और शरणार्थी. वहाँ, मैं सेसिल नाम कि औरत से मिली जिसके माता-पिता अंतिम लहर के लोगो के साथ शामिल थे जो लेविस्टन आए.वे हैं फ्रेंच-कैनेडियन मिलमजदूर सदी के मोड़ पर. सेसिल सेवामुक्त है, पर उन्हें नया उदेश्य ज़िन्दगी में मिला​, कांगो शरणार्थियों को संगठित करके शामिल किया गोरे सेवामुक्तो के साथ फ्रेंको हेरिटेज सेंटर में. (हंसी) कांगो के ये महिल और पुरुष मदद कर रहे थे सेवानिवृत्त लोगो को फ्रेंच याद कराने मे जो उन्होंने अपने बछ्पन से नही बोला​. साथ मे, दोनो समुदायो ने परिवर कि तरह मदद की एक दूसरे की वह सब राजनितिक बातो के लिये न​ए छेहरे शहर के लिये बुरे थे, एक द्विदलीय प्रबुद्ध मंडल ने पाया कि वो स्थानीय शरणार्थी समुधाय ने वहा ४० लाख कर राजस्व, और १३० लाख आय बनाया है. और मैनें बात की शहर के प्रशासक से, डी़ग हांक रहे थे कि लेविस्टन नया स्कूल बना रहा है​, जबकी बाकी के शहरो में जैसे मैन में बन्द कर रहे थे. आपको पता होगा, विभाजित रहने की कीमत चुकानी होती हैं और ये है "ज़ेरो-सम" विचारधारा​, यही एक समूह की भलाई की कीमत दूसरे को चुकानी पड़ती है इसने हम सबको इस गड़बड़ी में डाला है. मेरा मानना है कि पुराने प्रतिमान को हम अस्वीकारे और एहसास करे कि हमारे भाग्य​ जुडे हुए है. एक के लिये चोट, सबके लिये चोट है. हमारे पास विकल्प है​. हमारे देश का आधार मानव-मूल्य है पर अब हम देश बनाएँगे जो कोई जातीय बहुमत से नही है. तो हम नाटक कर सकते है कि हम एक ही समूह के नही है. हम अपनी सफ़लता को तोद्-फ़ोद कर सकते है और अपने खिलाड़ियों के पंख काटने का काम भी कर सकते है. या हम अन्तर को अनुमति दे कर हमारे सामान्य मानवता को उजागर कर सकते है. हम निवेश कर सकते है अपने सबसे बडी सम्पत्ति मे. हमारे लोग. हमारे सभी लोग. धन्यवाद. (तालिया).