0:00:06.513,0:00:07.893 पृथ्वी पर, 0:00:07.893,0:00:13.712 हर दिन मानव २.७ किलो अनाज खा लेता है. 0:00:13.712,0:00:17.534 याने ३६५ किलो ग्राम हर साल. 0:00:17.534,0:00:23.072 जीवन मे करीबन २८८०० किलो ग्राम 0:00:23.072,0:00:27.384 यह सब गुजरता है पचनसंस्था से 0:00:27.384,0:00:30.103 जिसमे होते है दस इंद्रिये नौ मीटर जगह मे. 0:00:30.103,0:00:33.423 उन मे बीस खास किस्म की कोशिका होती है. 0:00:33.423,0:00:38.123 यह एक विशेष जटील संस्था [br]होती है मानवी शरीर मे. 0:00:38.123,0:00:42.693 इसके हिस्से लगातार एकस्वर में काम करते हैं[br]एक विलक्षण कार्य को पूरा करने के लिए: 0:00:42.693,0:00:45.393 अपने भोजन का कच्चा माल को बदलकर 0:00:45.393,0:00:48.914 पोषक तत्वों और ऊर्जा में रुपांतरीत करके [br]आपको जीवित रखने का 0:00:48.914,0:00:51.384 अपने धड़ की पूरी लंबाई फैले, 0:00:51.384,0:00:54.705 पाचन तंत्र[br]चार मुख्य घटक हैं[br] 0:00:54.705,0:00:57.594 एक घुमा चैनल[br]जो आपके भोजन को स्थानांतरित करता है[br] 0:00:57.594,0:00:59.995 और एक आंतरिक सतह क्षेत्र है[br]के बीच 30 और 40 वर्ग मीटर, 0:00:59.995,0:01:05.625 आधा बैडमिंटन कोर्ट को [br]कवर करने के लिए पर्याप्त है 0:01:05.625,0:01:08.589 दूसरा, वहाँ अग्न्याशय है,[br] 0:01:08.589,0:01:09.977 आग्राशय 0:01:09.977,0:01:10.893 पित्ताशय, 0:01:10.893,0:01:11.678 जिगर.. यकृय 0:01:11.678,0:01:16.504 भोजन के टूटने वाले अंगों की तिकड़ी[br]विशेष रस की एक सरणी का उपयोग कर[br] 0:01:16.504,0:01:18.472 तीसरा, शरीर के एंजाइमों,[br] 0:01:18.472,0:01:19.253 हार्मोन्स 0:01:19.253,0:01:19.996 चेतापेशी 0:01:19.996,0:01:20.727 खून 0:01:20.727,0:01:23.203 सभी भोजन को तोड़ने के लिए [br]मिलकर काम करते हैं, 0:01:23.203,0:01:25.093 जिससे की पाचन प्रक्रिया सुलभ हो. 0:01:25.093,0:01:27.947 उसका अंतिम नतीजा प्राप्त हो. 0:01:27.947,0:01:29.776 इसके लिये काम करती है दुहेरी परत 0:01:29.776,0:01:32.095 जो की एक दीर्घ ऊती होती है 0:01:32.095,0:01:35.854 सभी पाचन इंद्रीयो में 0:01:35.854,0:01:37.833 अपना काम सुचरित करने . 0:01:37.833,0:01:42.153 पाचन संस्था की शुरुवात होती है जबसे 0:01:42.153,0:01:44.184 जोकि तय करती है अन्नक स्वाद 0:01:44.184,0:01:47.644 आपके मुँह में ग्रंथियां शुरू होती हैं[br]लार बाहर पंप करने के लिए[br] 0:01:47.644,0:01:52.134 हर दिन 1.५ लिटर लार हम पैदा करते है 0:01:52.134,0:01:53.575 अपने मुह मे . 0:01:53.575,0:01:56.055 जोकि मुह मे घुल जाता है 0:01:56.055,0:02:00.873 अन्न के साथ उसे गिला नर्म बनाने 0:02:00.873,0:02:04.550 लार के enzymes पिष्ट पदार्थ पचाते है. 0:02:04.550,0:02:06.225 उसके बाद वह प्रवेश करता है 0:02:06.225,0:02:10.986 अन्ननलीका में जोकि २५ सेमी लंबी होती है 0:02:10.986,0:02:14.314 उसमे से जाके नीचे पेट में प्रवेश करता है 0:02:14.314,0:02:16.726 अन्न नलिका के बाहरी स्नायू 0:02:16.726,0:02:20.268 अन्न को भाप लेते है 0:02:20.268,0:02:23.155 उनके लगातार आकुंचन प्रसारण से 0:02:23.155,0:02:25.905 अन्न पेट मे याने जठर मे जाता है . 0:02:25.905,0:02:29.537 जठर की स्नायू की बाह्य परत 0:02:29.537,0:02:32.886 उसे टुकड़े में तोड़ते है 0:02:32.886,0:02:37.016 अंदार्के आवरण से स्त्रावीत होनेवाले [br]आम्ल से घुल मील जाता है 0:02:37.016,0:02:39.936 जठर की दिवार से जो विकर निकलते है 0:02:39.936,0:02:43.517 उससे अन्न के प्रोटीन घटक का पाचन होता है 0:02:43.517,0:02:45.988 यह हार्मोन्स पंक्रिया को 0:02:45.988,0:02:46.695 यकृत को 0:02:46.695,0:02:47.767 पित्ताशाय को 0:02:47.767,0:02:49.717 सचेत करता है पाचक स्त्राव निर्माण करने . 0:02:49.717,0:02:53.815 पित्ताशय मे हरा पिला पित्त द्रव[br]चरबी का पाचन करता है 0:02:53.815,0:02:56.427 अगली पाचन अवस्था होती है [br]यह पेट मे जठर मे . 0:02:56.427,0:02:58.450 इसके तीन घंटे बाद 0:02:58.450,0:03:02.957 जिससे कि पाचीत अन्न द्रवरूप [br]अन्नरस मे तबदील होता है. 0:03:02.957,0:03:05.714 जोकि आसानी से जा सक्त है छोटे आतो मे 0:03:05.714,0:03:08.237 पित्तशायसे लिव्हर पित्त प्राप्त करता है 0:03:08.237,0:03:14.169 जो स्त्रावीत होता है छोटे आतो के प्रारंभी [br]अवयव डीओडीयम मे 0:03:14.169,0:03:17.778 पित्त वहा अन्नरस मे तैरने वाली[br]चरबी को पाचन करता है . 0:03:17.778,0:03:22.238 आतो के तथा स्वादुपिंड के स्त्राव से 0:03:22.238,0:03:24.467 भी उसका पाचन होता है 0:03:24.467,0:03:29.528 यह स्त्राव चरबी को fatty [br]असिड .ग्लायसेरोल मे रुपांतरीत करते है. 0:03:29.528,0:03:33.217 ताकि शरीर मे शोषित हो. 0:03:33.217,0:03:35.889 इसी स्त्राव्से प्रोटीन को अमिनो आम्ल मे 0:03:35.889,0:03:38.559 बदलने की अंतिम अवस्था होती है 0:03:38.559,0:03:40.759 और कार्बोद्को को ग्लुकॉसे मे 0:03:40.759,0:03:43.900 यह क्रिया होती है[br]छोटे आतो के निचले भाग मे 0:03:43.900,0:03:45.888 jejunum और ileum, मे 0:03:45.888,0:03:49.877 जोकि जुड़े होते है करोड़ो शोषणेन्द्रीयो से 0:03:49.877,0:03:54.410 जिसके कारण बडा पृष्ठभाग मिलता है [br]अभिशोषण के लिये . 0:03:54.410,0:03:56.991 रक्त मे शोषित होने के लिये . 0:03:56.991,0:03:59.650 उसके बाद वह पहुँच जाता है [br]शरीर की कोशियो तक. 0:03:59.650,0:04:02.450 शरीर अवयव इंद्रीयो को पोषित करने 0:04:02.450,0:04:04.331 लेकीन इतने पर कार्य नही रूकता , 0:04:04.331,0:04:05.669 जो अवशोषित भाग 0:04:05.669,0:04:06.401 पानी 0:04:06.401,0:04:09.300 मृत पेशी जमा करके 0:04:09.300,0:04:13.390 बड़े आतो मे याने कोलोन मे लाया जाता है 0:04:13.390,0:04:17.421 इ सकी भित्तीका से पानी निकल जाता है 0:04:17.421,0:04:20.029 जिसके कारण एक मृदू स्टूल बनता है 0:04:20.029,0:04:24.031 इस को रेक्टम मे ले जाता है [br]कोलोन स्नायू की मदद से 0:04:24.031,0:04:26.200 रेक्ट म के स्नायू प्रसरण होते है 0:04:26.200,0:04:29.193 व शरीर हमे सूचना देता है [br]उसे उत्सर्जित करने 0:04:29.193,0:04:32.041 गुद्वार से वह बाहर फेका जाता है . 0:04:32.041,0:04:33.470 इतना लम्बा है अन्नप्रवास 0:04:33.470,0:04:36.521 लागभाग तीस से चालीस घंटे 0:04:36.521,0:04:38.190 लगते है अंतिम प्रवास पहुचने