जब में पांचवी कक्षा में था, मैंने एक प्रकाशन खरीदा "डीसी कॉमिक्स अंक # 57" एक स्पिनर रैक से बाहर मेरे स्थानीय बुकस्टोर में, और उस हास्य पुस्तक ने मेरी जिंदगी बदल दी . शब्दों और चित्रों के संयोजन ने मेरे सिर के अंदर कुछ किया जो पहले कभी नहीं किया गया था, और मुझे तुरंत ही कॉमिक्स माध्यम से प्यार हो गया। मैं एक भयानक कॉमिक बुक रीडर बन गया, पर उन्हें मैं कभी स्कूल नहीं ले गया। सहजता से, मैं जानता था की कॉमिक किताबें कक्षा के लिए नहीं थी। मेरे माता-पिता निश्चित ही प्रशंसक नहीं थे, और मैं जनता था कि मेरे शिक्षक भी नहीं होंगे। आखिर, उन्होंने पढ़ाने के लिए कभी इनका उपयोग नहीं किया, कॉमिक किताबें और ग्राफिक उपन्यास पढने की अनुमति मोंन रीडिंग में भी नहीं थी , और ये कभी हमारी वार्षिक पुस्तक मेले में भी नहीं बेचीं गई थी । फिर भी, मैंने कॉमिक्स पढ़ना जारी रखा, और उन्हें बनाना भी शुरू कर दिया . आखिरकार मैं बन गया एक प्रकाशित कार्टूनिस्ट, लेखन और ड्राइंग एक जीवित के लिए कॉमिक किताबें। मैं भी एक हाईस्कूल शिक्षक बन गया। यह वह जगह है जहां मैंने सिखाया: बिशप ओ'डोद हाई स्कूल ओकलैंड, कैलिफोर्निया में। मैंने थोड़ा सा गणित सिखाता और थोड़ी से कला, पर ज्यादातर कंप्यूटर विज्ञान, और मैं वहां 17 साल तक था। जब मैं एक नया शिक्षक था, मैंने कॉमिक किताबें लाने की कोशिश की मेरे कक्षा में मुझे याद है अपने छात्रों को बताना प्रत्येक वर्ग के पहले दिन कि मैं एक कार्टूनिस्ट भी था। ऐसा नहीं था कि मैं योजना बना रहा था उन्हें कॉमिक्स से पढ़ाने की , ज़्यादातर इसलिए कि मैं उम्मीद कर रहा था की कॉमिक्स से वे मुझे कूल समझेंगे । (हँसी) मैं गलत था। यह नब्बे का दशक था, तब कॉमिक किताबों का वो सांस्कृतिक निशान नहीं था जो आज है मेरे छात्रों ने नहीं सोचा कि मैं कूल था। उन्होंने सोचा कि मैं बेवकूफ प्रकार का था। और इससे भी बदतर, जब मेरी कक्षा में मुश्किल विषय हो जाता, वे कॉमिक किताबों का उपयोग करते मुझे विचलित करने के तरीके के रूप में। वे अपने हाथ उठाते और मुझसे सवाल पूछते, "श्री यांग, क्या लगता है की लड़ाई में कौन जीतेगा सुपरमैन या हल्क? " (हँसी) मुझे बहुत जल्दी एहसास हो गया कि मुझे मेरी शिक्षा और कार्टून को अलग रखना होगा । लगता है मेरा सहज ज्ञान पांचवीं कक्षा में सही था । कॉमिक किताबें कक्षा में नहीं हो सकती थी। लेकिन फिर, मैं गलत था। मेरे शिक्षण कैरियर के कुछ सालों में मैंने सीखा कॉमिक्स की शिक्षा की क्षमता। एक सेमेस्टर, मुझसे पुछा विकल्प के तौर पर बीजगणित 2 कक्षा पढ़ाने के लिए । मुझसे पूछा दीर्घकालिक उप बनने के लिए , और मैंने हाँ कहा, लेकिन एक समस्या थी। उस समय, मैं स्कूल का शैक्षिक त्तेक्निसियन भी था जिसका मतलब हर दूसरे हफ्ते में मुझे एक या दो अवधियों को मिस करना पड़ता बीजगणित 2 कक्षा की क्योंकि मैं किसी किसी और शिक्षक की मदद कर रहा होता कंप्यूटर से संबंधित कार्य के साथ। इन बीजगणित 2 छात्रों के लिए, वह भयानक था। मेरा मतलब है, लंबी अवधि के लिए उप शिक्षक काफी खराब है, लेकिन उप का एक और उप होना यह सबसे बुरा है। मेरे छात्रों को कुछ स्थिरता प्रदान करने के प्रयास में, मैंने वीडियो टैपिंग शुरू की खुद को व्याख्यान देते हुए। मैं फिर इन वीडियो को मेरे उप को देता मेरे छात्रों को दिखाने के लिए। मैं इन वीडियो को बहुत आकर्षक बनाने की कोशिश करता । मैं इनमे छोटे विशेष प्रभाव भी शामिल करता। उदाहरण के लिए, मैं बोर्ड पर एक समस्या समाप्त होने के बाद, मैं तालियाँ बजाता , और बोर्ड जादुई रूप से मिट जाता। (हँसी) मुझे यह बहुत बढ़िया लगता था। मैं बहुत निश्चित था कि मेरे छात्र इसे पसंद करेंगे, पर मैं गलत था। (हँसी) ये वीडियो व्याख्यान मुसीबत थे। मेरे पास छात्र ऐसी चीजें कहकर गए , "श्री यांग, हमे लगा आप व्यक्तिगत रूप से उबाऊ हैं, लेकिन वीडियो पर, आप बस असहनीय हैं। " (हँसी) तो दूसरे प्रयास के रूप में, मैंने इन व्याख्यानों को कॉमिक्स में चित्रित किया। मैं ये बहुत जल्दी कर लेता बहुत कम योजना के साथ। मैं बस एक शार्पी पेन लेकर , एक के बाद दूसरे पैनल खींच देता , साथ ही यह पता लगाता जाता की क्या कहना चाहता हूँ. ये कॉमिक्स लेक्चर बनते करीब चार और छह पेज बीच लम्बे, मैं इन्हें ज़ेरोक्स कर अपने उप को दे देता मेरे छात्रों को सौंपने के लिए। और मुझे आश्चर्य हुआ, ये कॉमिक्स लेक्चर एक हिट थे। मेरे छात्र मुझसे पूछते इन्हें बनाने के लिए तब भी जब मैं व्यक्तिगत रूप से वहां रह सकता था। ऐसा लगा कि उन्हें मेरा कार्टून पसंद आया मेरे वास्तविक रूप से अधिक। (हँसी) इससे मुझे हैरानी हुई, क्योंकि मेरे छात्र ऐसी पीढ़ी का हिस्सा हैं जो स्क्रीन पर बड़ी हुई है , तो मैंने सोचा की वे निश्चित ही चाहेंगे एक स्क्रीन से सीखना बजाय एक पृष्ठ से सीखने के । पर जब मैंने अपने छात्रों से बात की उन्हें कॉमिक्स लेक्चर इतने क्यों पसंद आये मुझे समझ आया कॉमिक्स की शैक्षणिक क्षमता। पहला, उनके गणित पाठ्यपुस्तकों के विपरीत, इन कॉमिक्स लेक्चर ने द्रश्य से सिखाया। हमारे छात्र एक दृश्य संस्कृति में बड़े होते हैं, इसलिए इन्हें आदत है इस तरह से जानकारी लेने के लिए। लेकिन अन्य दृश्य कथाओं के विपरीत, फिल्म या टेलीविजन की तरह या एनीमेशन या वीडियो, कॉमिक्स मैं कहोंगा की स्थायी हैं। एक कॉमिक में, अतीत, वर्तमान और भविष्य सभी एक ही पृष्ठ पर एक तरफ होते हैं। इसका मतलब है कि सूचना का प्रवाह दर मजबूती से पाठक के हाथों में है। जब मेरे छात्रों को मेरे कॉमिक्स व्याख्यान में कुछ समझ में नहीं आया, वे बस उस अंश को फिर से पढ़ सकते थे जल्दी या धीरे-धीरे उनकी ज़रूरत के मुताबिक । ऐसा था जैसे मैं उन्हें जानकारी पर एक रिमोट कंट्रोल दे रहा था। वही सच मेरे वीडियो व्याख्यान के लिए नहीं था , और यह मेरे व्यक्तिगत व्याख्यान के लिए भी सच नहीं था। जब मैं बोलता हूं, तो मैं जानकारी प्रदान करता हूं अपनी इच्छा से जल्दी या धीरे-धीरे। तो कुछ छात्रों के लिए और कुछ प्रकार की जानकारी, कॉमिक्स माध्यम के इन दो पहलुओं, इसकी दृश्य प्रकृति और इसकी स्थायित्व, इसे एक बहुत ही शक्तिशाली शैक्षणिक उपकरण बनाता है . जब मैं इस बीजगणित 2 कक्षा को पढ़ रहा था, मैं अपनी शिक्षा में मास्टर डिग्री पर भी काम कर रहा था कैल स्टेट ईस्ट बे में । और मैं इन कॉमिक्स व्याख्यान के नुभव से इतना चकित था . कि मैंने फैसला किया कॉमिक्स मेरा अंतिम मास्टर प्रोजेक्ट केंद्रित करने का। मैं समझना चाहता था अमेरिकी शिक्षक क्यों इतिहास से इतनी अनिच्छुक है अपनी कक्षाओं में कॉमिक किताबों के उपयोग से। मैंने यह पाया है। कॉमिक किताबें पहली बार 1940 के दशक में एक व्यापक माध्यम बनीं , हर महीने लाखों प्रतियाँ बिकने के साथ, और तभी शिक्षकों ने नोटिस किया । बहुत सारे अभिनव शिक्षकों ने कॉमिक्स को अपने कक्षाओं में लाना शुरू किया प्रयोग करने के लिए। 1 9 44 में, "जर्नल शैक्षिक समाजशास्त्र के " यहां तक कि एक पूरे मुद्दे को समर्पित भी इस विषय के लिए। सब चीजें प्रगति की ओर लग रही थी। शिक्षक चीज़ों को समझने लगे थे । लेकिन फिर यह आदमी आता है। ये बाल मनोवैज्ञानिक डॉ फ्रेड्रिक वेर्थम है , और 1 9 54 में, उन्होंने एक पुस्तक लिखी "मासूम को प्रलोभन", कहा जाता है उसमें उन्होने तर्क दिया की कॉमिक किताबें किशोर अपराध का कारण बनती है। (हँसी) वह गलत था। वैसे, डॉ वर्थम वास्तव एक सुंदर सभ्य आदमी थे । उन्होंने अपना अधिकांश करियर बिताया किशोर अपराधियों के साथ काम कर, और अपने काम में उन्होंने देखा कि ज्यादातर ग्राहक हास्य किताबें पढ़ते हैं। डॉ. वर्थम यह महसूस करने में नाकाम रहे की 1940 और 50 के दशक में , अमेरिका में लगभग हर बच्चा कॉमिक किताबें पढ़ता था । डॉ वर्थम ने अपने मुद्दे को साबित करने का बेहद संदिग्ध काम किया , लेकिन उनकी पुस्तक प्रेरित करती है संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेट को सुनवाई की एक श्रृंखला आयोजित करने के लिए देखने के लिए की वास्तव में कॉमिक किताबें किशोर अपराध की वजह है । ये सुनवाई चली लगभग दो महीने तक। वे समाप्त हुईं अनिशियत परिणाम से , लेकिन जबरदस्त नुकसान करने के बाद कॉमिक किताबों की प्रतिष्ठा को अमेरिकी जनता की नजर में। इसके बाद, सम्मानजनक अमेरिकी शिक्षकों समर्थन देने से पीछे हट गए, और वे का दशकों तक दूर ही रहे। यह 1 9 70 के दशक के बाद ही कुछ बहादुर लोगों ने वापिस आना शुरू कर दिया। और यह वास्तव में हाल ही में हुआ , शायद पिछले दशक में या आस पास , इन कॉमिक्स को अधिक व्यापक स्वीकृति मिली है अमेरिकी शिक्षकों के बीच। कॉमिक किताबें और ग्राफिक उपन्यास आखिर में अपना रास्ता बना रहे हैं अमेरिकी कक्षाओं में वापस और यह भी हो रहा है बिशप ओ'डोद में, जहां मैं पढाता था। श्री स्मिथ, मेरे एक पूर्व सहयोगी , स्कॉट मैकक्लाउड का उपयोग करते हैं "अंडर स्टैंडिंग कॉमिक्स " अपने साहित्य और फिल्म कक्षा में, क्योंकि वह किताब उनके छात्रों को देती है एक भाषा जिसके साथ शब्दों और छवियों के बीच संबंध की चर्चा होती है । श्री बर्न्स अपने छात्रों के लिए हर साल कॉमिक्स निबंध निर्दिष्ट करते हैं । अपने छात्रों को छवियों का उपयोग कर एक गद्य उपन्यास संसाधित करने के लिए, श्री बर्न्स उन्हें गहराई से सोचने के लिए कहते हैं सिर्फ कहानी के बारे में नहीं बल्कि वह कहानी को कैसे बताया गया है इसके बारे में भी। और सुश्री मुरॉक उपयोग करती हैं मेरी अपनी "अमेरिका बोर्न चाइनीस" उसके अंग्रेजी 1 छात्रों के साथ। उसके लिए, ग्राफिक उपन्यास सामान्य कोर मापदंड पूरा करने का एक शानदार तरीका है । मापदंड बताता है कि छात्र विश्लेषण करने में सक्षम होना चाहिए कैसे एक पाठ के अर्थ, स्वर और सुंदरता के लिए दृश्य तत्व योगदान देते हैं । लाइब्रेरी में, सुश्री कौओत ने एक बहुत प्रभावशाली बनाया है ग्राफिक उपन्यास संग्रह बिशप ओद्वोद के लिए । अब, सुश्री कौओत और उनके सब पुस्तकालय सहयोगियों वास्तव में सबसे आगे रहे हैं कॉमिक्स की सिफारिश करने में , वास्तव में शुरुआती '80 के दशक से, जब एक स्कूल पुस्तकालय पत्रिका लेख कहा कि पुस्तकालय में केवल ग्राफिक उपन्यासों की उपस्थिति से उपयोग में लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई और प्रसार में वृद्धि हुई गैर कॉमिक्स सामग्री के लगभग 30 प्रतिशत तक। अमेरिकी शिक्षकों के इस नए शोक से प्रेरित होकर , अमेरिकी कार्टूनिस्ट अब स्पष्ट शैक्षणिक सामग्री बना रहे हैं पहले से कहीं ज्यादा के -12 बाजार के लिए। इनमें से बहुत कुछ निर्देशित है भाषा कला में, पर अधिक से अधिक कॉमिक्स और ग्राफिक उपन्यास गणित और विज्ञान विषयों के लिए शुरू कर रहे हैं । एसटीईएम कॉमिक्स ग्राफिक्स उपन्यास वास्तव में इस उलझे क्षेत्र की तरह हैं, खोज के लिए तैयार है। अंत में अमेरिका इस तथ्य से जाग रहा है वह कॉमिक किताबें किशोर अपराध का कारण नहीं बनें। (हँसी) वे वास्तव में हर शिक्षक के टूलकिट में संबंधित हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है जो हास्य किताबें और ग्राफिक उपन्यास को के -12 शिक्षा से बाहर रखे । वे द्रशयों से पढ़ाते हैं, वे हमारे छात्रों को देते हैं वह रिमोट कंट्रोल। शैक्षिक क्षमता यहाँ है बस टैप करने की प्रतीक्षा में है आपके जैसे रचनात्मक लोगों द्वारा। धन्यवाद। (तालियां)