क्या आप कभी हमारे दैनिक जीवन में
महासागरों के महत्व के बारे में सोचते हैं?
हमारे ग्रह का दो-तिहाई हिस्सा महासागर है।
हमारी सांसो के लिए आधा ऑक्सीजन उनसे आता है
जलवायु को नियंत्रित करते हैं.
रोजगार,दवा,भोजन प्रदान करते हैं.
20% प्रोटीन सहित लोगों के खाने के लिए
लोग सोचते थे कि महासागर इतने विशाल हैं
कि उनपर मानव गतिविधियों का असर नही पड़ेगा
वास्तविकता यह है कि
महासागर बदल रहें है
महासागर में आम्लता बढ़ रही है
जलवायु परिवर्तन का जुड़वां भाई
महासागरों ने 25%
कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित किया है
जो हमनें वातावरण में उत्सर्जित है
एक और महान सेवा
जो महासागरों ने प्रदान की है
क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड
ग्रीनहाउस गैस है.
जिससे जलवायु परिवर्तन हो रहा है
पर क्यूंकि हम और से और कार्बन
डाइऑक्साइड वातावरण में डाल रहें हैं
महासागर भंग हो रहैं हैें
यह महासागर रसायन शास्त्र को बदल रहा है.
जब समुद्री में कार्बन डाइऑक्साइड घुलता है
रासायनिक प्रतिक्रिऐं होती हैं.
आप भाग्यशाली है कि आज मै
रसायन विज्ञान के बारे में नही बोलूंगी
लेकिन मै आपको बताउंगी
कि कार्बन डाइऑक्साइड
के सागर मे प्रवेश करते
ही समुद्री जल का पीएच नीचे चला जाता है।
इसका मतलब है कि सागर अम्लता बढ़ी है
इस प्रक्रिया को सागर अम्लीकरण कहते है
और यह जलवायु परिवर्तन के साथ हो रहा है
वैज्ञानिक पिछले दो दशक से समुद्र
अम्लीकरण की जांच कर रहे हैं
यह आंकड़े महत्वपूर्ण
समय श्रृंखला का भाग है
जिसमें CO2 की समुद्री और वायू
सांद्रता की शीर्ष पंक्ति
लगातार बढ़ती दिख रही है.
यह मानव गतिविधियों का सीधा परिणाम है
नीचे की बढ़ती रेखा सागर की सतह में बढ़ती
हुई कार्बन डाइऑक्साइड
की सांद्रता को दर्शा रही है
जो आप देख सकते हैं कि उसी दर से बढ़ी है
जिस दर से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड
नीचली रेखा रसायन
विज्ञान में बदलाव दिखाती है
कर्ब वायू से
अधिक कर्बवायू के
महासागर में प्रवेश करने से ,
समुद्री जल का पीएच नीचे चला गया है,
इसका अर्थ है कि महासागर अम्लता बढ़ गई है
आयरलैंड के 'मरीन
वैज्ञानिक संस्थान', 'एनयूआई गॉलवे'
मे भी वैज्ञानिक सागर
अम्लीकरण की जांच कर रहे हैं
उसी दर से अम्लीकरण
हमे भी मिला है जिस दर से
दुनिया के बाकी भागों में लोगो ने पाया है
यह हमारी आखों के
सामने हो रहा है
उदाहरण के लिए देखें
कि हम बदलते सागर की निगरानी के लिए
कैसे आंकड़े एकत्र करते हैं
हम सर्दियो मे
कई नमूने इकट्ठा करते हैं
इसके लिए हमे उत्तरी
अटलांटिक में तूफानी
परिस्थितियों से गुज़ारना पड़ता है
तो गति बीमारी वाले लोग इसे नहीं कर पाएंगे
लेकिन हम मूल्यवान आकड़े इकट्ठा कर रहे हैं
हम इस उपकरण को जहाज के किनारे से पानी
में उतारते हैं और इसके तल पर सेंसर हैं
जो हमे इसके आसपास
के पानी की जानकारी देते है
जैसे तापमान या पानी मे मिला हुआ ऑक्सीजन
और फिर हम समुद्री जल
को बोतल में इकट्ठा कर लेते हैं
हम निचले भाग से
जल लेना करना शुरू
करते हैं, जो 4 कि.मी
से अधिक गहरा हो
सकता हैl महाद्वीपीय
सतह की उपरी सतह तक
नियमित अंतराल पर नमूने लेने पर
हम इन नमूनों को छत पर ले जाते हैं
और फिर विभिन्न रसायन मापदंडों के लिए इसका
विश्लेषण हम जहाज या प्रयोगशाला में करते है
पर हम ये सब क्यू करते हैं ?
समुद्री अम्लीकरण कैसे हमे
प्रभावित करता है?
कुछ चिंताजनक तथ्य यह रहे
मानव गतिविधियों के कारण, पूर्व-औद्योगिक
काल मे, सागर अम्लता में
26% की वृद्धि हुई है
हमने कार्बन डाइऑक्साइड
उत्सर्जन में कमी न की, तो इस
शताब्दी के अंत तक महासागर अम्लता में
170 % की वृद्धि होने की उम्मीद है
यह हमारे बच्चों के जीवनकाल मे होने वाला है
महासागरों में पिछले 5.5 करोड़ वर्षों मे हुए
अम्लीकरण से 10 गुना तेजी से आज
अम्लीकरण हो रहा है
समुद्री जीवों ने इससे पहले, इतनी तेज दर
पर परिवर्तन अनुभव नही किया
हम अंदाज़ा नहीं लगा सकते कि वे इस
परिस्थिति से कैसे निपटने वाले है
लाखों साल पहले एक
प्राकृतिक अम्लीकरण
घटना घटी थी जिसके चलते कई
समुद्री प्रजातियाँ विलुप्त हो गईं का दर भी
आज के अम्लीकरण का दर उस घटना के
दर से भी कई ज्यादा है
क्या कई प्रजातियाँ विलुप्त
होने वाली हैं ? संभव है
अध्ययन दिखाता है कुछ
प्रजातियाँ बहुत अच्छे से जी पा रही हैं
लेकिन कई नकारात्मक प्रतिक्रिया दिखा रही है
सागर अम्लता बढ़ने
पर कार्बोनेट
आयनों की एकाग्रता
समुद्री जल में कम हो जाती है
यह आयन ज़रूरी है कई समुद्री
प्रजातियों के खोलों की रचना में
जैसे कि केकड़े या मूसल, कस्तूरी l
एक और उदाहरण कोरल हैं
उन्हे मूंगा संरचना
और कोरल रीफ्स बनाने के
लिए समुद्री कार्बोनेट आयन की आवश्यकता है
महासागर अम्लता की बढ़त और कार्बोनेट
आयन एकाग्रता की कमी से इन प्रजातियों
को अपने गोले बनाने में कठिनाई होती है
ऐसे में निचले स्तर पर भी वे
घुलना कर देते हैं
यह एक टेरोपौड है, एक समुद्र तितली
समुद्री प्रजातियो के
लिए यह एक महत्वपूर्ण भोजन स्रोत है
जैसे कि क्रिल, सलमान और व्हेल
जो समुद्री पीएच हम इस सदी के
अंत में उम्मीद कर रहे है
उसमें हमने टेरोपौड के
खोल को रखा
केवल 45 दिन में इस पीएच पर
खोल पूरी तरह से घुल गया
इसलिए समुद्री अम्लीकरण का
प्रभाव भोजन श्रृंखला के माध्यम से
हमारे खाने तक पहोच सकता है
आप में से किसे कस्तूरा या
सालमन मछली पसंद है
या अन्य मछली प्रजातियाँ
जिनका भोजन स्रोत सागर मे
प्रभावित हो सकता है?
ये ठंडे पानी के कोरल हैं
क्या आप जानते हैं कि
हमारे महाद्वीपीय तट के साथ ही
आयरिश जल में ठंडे पानी के कोरल हैं ?
वे जैव विविधता को संभालने के साथ
कईं मत्स्योद्योग सुविधाओं का सहारा हैं
ऐसा अनुमान है कि इस सदी के अंत तक,
महासागर के 70% ठंडे पानी के कोरल
समुद्री जल से घिर जाने के कारण घुल जाएंगे
ये स्वस्थ उष्णकटिबंधीय कोरल हैं
इन्हे उस समुद्री जल पीएच में रखा गया था
जो हम 2100 वर्ष में उम्मीद कर रहे हैं
छह महीने में यह पूरी तरह से घुल गए
कोरल रीफ्स, पूरे महासागर के 25%
समुद्री जीवन को सहारा देते हैं
पूरा समुद्री जीवन
तो आप देख सकते हैं कि
सागरअम्लीकरण एक वैश्विक खतरा है
मेरा एक आठ महीने का बच्चा है
अगर हम जल्द ही कोई
कदम नहीं उठाते
तो ना जाने उसके बड़ा होने तक,
हमारे महासागर में क्या रह जाएगा
हम अम्लीकरण देखेंगे
हमने पहले ही बहुत कार्बन डाइऑक्साइड
वातावरण में डाल दिया है
लेकिन हम इसे धीमा कर सकते हैं
हम स्थिति को और खराब होने से रोक सकते है
एकमात्र तरीका है कि हम कार्बन डाईऑक्साइड
उत्सर्जन को कम करें
यह आपके, मेरे, उद्योगों,
सरकार, सबके लिए महत्वपूर्ण है
हमें एक साथ काम करने
की आवश्यकता है
ग्लोबल वार्मिंग, समुद्री अम्लीकरण
को धीमा करने में और एक
स्वस्थ ग्रह हमारी पीढ़ियों
के लिए बनाये रखने में मदद करें l
तालियां