बक बक बक ...
बक बक बक ...
बक बक बक बक बक बक बक ...
बक बक बक
तो क्या बकवास थी ये ?
खैर, आपको पता नहीं क्यूँकि
आप इसे समझ नहीं सके
यह स्पष्ट नहीं था
उम्मीद है कि ये इतने विश्वास से कहा गया था
[टेड@२५० में रिकार्डेड]
कि वो आकर्षक और रहस्यमयी प्रतीत हुआ
स्पष्टता या रहस्य ?
एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर की भूमिका में
प्रतिदिन मैं इन दोनों का संतुलन करता हूँ
और दिनचर्या में एक न्यूयॉर्कवासी के तौर पर
प्रतिदिन I
और ये दो तत्व मुझे पूर्णतः मोहित करते हैं
उदाहरण के लिए
कितने लोग जानते हैं कि ये क्या है ?
अच्छा अब कितने लोग जानते हैं
कि ये क्या है ?
और अब प्रतिभावान चार्ल्स एम्. शुल्ज़
की दो निपुण रेखाओं के फलस्वरूप
अब हमारे पास सात निपुण रेखाएं हैं
जो अपने आप में
एक भावपूर्ण जीवन को जन्म देती हैं,
वो जिसने हजारों लाखों प्रशंसकों को
मंत्रमुग्ध किया है
करीब पचास सालों से |
वास्तव में यह एक किताब का मुख्यपृष्ट है
जो मैंने डिजाईन किया है, जो स्चुल्ज़ के
कार्य और कला के बारे में है
जो कि इस शरद ऋतू से उपलब्ध होगी
और यह ही पूरा मुखपृष्ट है
इस मुखपृष्ट पर कोई और जानकारी
मुद्रण या दृश्य के रूप में नहीं है
और इस किताब का नाम है
"ओनली व्हाट्स नेसेसरी" |
तो ये प्रतीक है उन निर्णयों का,
जो मैं रोज लेता हूँ
डिजाईन बूझने के सन्दर्भ में
और मैं जिन डिजाईन की रचना कर रहा हूँ |
तो स्पष्टता
स्पष्टता तर्क दर्शाती है
वो सहज, सत्यवादी और निष्कपट होती है
हम अपने आप से यह सवाल करते हैं
["हमें कब स्पष्ट होना चाहिए?"]
अब इस तरह की कोई चीज़
चाहे हम इसे पढ़ पायें या नहीं
बिलकुल, साफ़ तौर पर स्पष्ट होनी चाहिए
क्या वाकई ?
यह एक हालिया नमूना है शहरी स्पष्टता का
जो मुझे बेहद पसंद है,
मुख्यतः क्यूँकि मुझे हमेशा देर हो जाती है
और मैं हमेशा जल्दी में रहता हूँ
तो कुछ साल पहले जब सडकों के नुककड़
पर जब इस तरह के सूचक लगने लगे,
मैं रोमांचित हो गया, क्यूँकि
अब मैं आखिरकार जानता था
कि मेरे पास सड़क पार करने के लिए
कितने सेकंड हैं
किसी कार से कुचले जाने से पहले
छह ? मैं कर सकता हूँ
(दर्शक हँसते हुए)
अगर स्पष्टता यिन है तो
अब देखते हैं यांग को
और वो है रहस्य
रहस्य परिभाषा से ही काफी जटिल है
रहस्य के मांग होती है सुलझाना
और जब सही तरह से किया जाए
तो हम वाकई उसे करना चाहते हैं
["हमें कब रहस्यमयी होना चाहिए?"]
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, जर्मन
किसी भी तरह इसे सुलझाना चाहते थे
पर वो ऐसा कर नहीं पाए |
यह एक उदाहारण उस डिजाईन का
जो मैंने अभी हाल ही में किया है
हारुकी मुराकामी के उपन्यास के लिए,
जिनके के लिए मैंने पिछले बीस सालों से
डिजाईन बनाये हैं
और यह उपन्यास एक युवक के बारे में है
जिसके चार करीबी दोस्त हैं
जो महाविद्यालय के पहले वर्ष के बाद अचानक
बिना कुछ बताये उसका पूर्ण बहिष्कार कर देते हैं
और वो विनष्ट हो जाता है
जापानी भाषा में प्रत्येक दोस्त के नाम का
संकेतार्थ एक रंग से है
सो हैं श्री लाल, श्री नील,
सुश्री श्वेता और सुश्री काली
सुकुरु तज़ाकि, उसका नाम किसी रंग
की ओर संकेत नहीं करता है
इसीलिए उसका उपनाम बैरंग है और,
जब वो अपनी मित्रता की समीक्षा करता है
तो वो याद करता है की कैसे वो
एक हाथ की पांच उँगलियों की तरह थे
इसलिए मैंने एक संशिप्त वर्णन किया है
पर कहानी में सतह के नीचे
बहुत कुछ चल रहा है
और पुस्तकाव्रण के तले भी कुछ चल रहा है
वो चार उँगलियाँ अब चार रेल पटरियां हैं
टोक्यो सबवे प्राणाली में
जिसका कहानी में महत्व है
और फिर है एक बैरंग सबवे पटरी
बाकी रंगों को काटती है
जो मूलतः वो करता कहानी में आगे |
वो प्रत्येक से पुनः संपर्क करता है
ये जानने के लिए कि उन्होंने उसके
साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया
और इसलिए यह तीन आयामी मुख्यपृष्ट
मेरे कार्यालय की मेज़ पर रखा हुआ है,
और इधर मैं उम्मीद कर रहा हूँ कि आप
सरलता से आकर्षित हो जायेंगे
इसके रहस्यमयी रूप से,
और इसको पढने की इच्छा रखेंगे
इसको सुलझाने और समझने के लिए
कि यह ऐसा क्यूँ दिखता है |
["दृश्यों की भाषा"]
यह परिचित रहस्य के प्रयोग
करने का एक तरीका है
इसका क्या मतलब है ?
इसका मतलब यह है
["इसे किसी और चीज़ की तरह दर्शायिये"]
दृश्यों की भाषा वो तरीका है जिसमे हम
किसी प्रचलित दृष्टिकोण का
प्रयोग किसी और वस्तु को अलग तरीके
से दिखाने के लिए करते हैं
मैं इस पद्धति का उपयोग डेविड सेडारिस की
कहानियों की किताब के लिए करना चाहता हूँ
जिसका शीर्षक है
["आल द ब्यूटी यू विल एवर नीड"]
अब चुनौती यह थी की इस शीर्षक का
कोई भावार्थ नहीं है
यह कितान की किसी कहानी से
सम्बंधित नहीं है
ये लेखक की पुरुष मित्र के सपने में आया था
बहुत शुक्रिया, (हंसी)
तो आम तौर पे, मैं डिजाईन बनाता हूँ
जो किसी रूप में विषय पर आधारित होता है,
पर इधर यही पूरा विषय है
सो हमारे पास ये रहस्यमयी शीर्षक है
जिसका कोई भावार्थ नहीं है
तो मैं सोचने की कोशिश कर रहा था कि
मैं कहाँ रहस्यमयी पाठ्य देख सकता हूँ
जिसका भावार्थ लगे पर हो ना
और जाहिर तौर पर, थोड़े समय बाद
एक शाम चाईनीज़ खाने के बाद
इसका आगमन हुआ और मैंने सोचा
"आह, बिंग आईडियागैस्म !" (हंसी)
मुझे फौरच्यून कूकी के रहस्यमयी इशारे
बहुत पसंद हैं
जिनके के बारे लगता है की उनका गहन अर्थ है
लेकिन जब आप इनके बारे में सोचते हैं -
अगर आप सोचते हैं - तो वाकई नहीं होता
इसका कहना है "भविष्य की चिंता ना करने से
कितना लाभ होता है यह किसी को नहीं पता"
शुक्रिया
(हंसी)
पर हम दृश्यों की भाषा का प्रयोग
श्रीमान सेडारिस के लिए कर सकते हैं
चूँकि हम फौरच्यून कूकी की आकृति से
भलीभांति परिचित हैं
हमें इनके खोल की जरुरत भी नहीं है
हम सिर्फ इस अनोखी चीज़ को देख रहे हैं
और हमें डेविड सेडारिस से प्यार है
और हमें उम्मीद है कि आगे वक़्त सुहाना है
[" "फ्रौड" एसेज बी डेविड राकोफ्फ़"]
डेविड राकोफ्फ़ एक अद्भुत लेखक थे
और उन्होंने अपनी पहली किताब का
नाम रखा "फ्रौड"
क्यूँकि उन्हें पत्रिकाओं के द्वारा
ऐसे कार्यों पे भेजा जा रहा था
जिसे करने के लिए वो सुसज्जित नहीं थे
सो वो एक नाटे, पतले शहरी आदमी थे
और "जी क्यू" पत्रिका उन्हें कोलराडो नदी
पर भेज देते थे
यह देखने के लिए कि उथले, झागदार पानी में
बेडा चलाते हुए वो बचते हैं कि नहीं
और फिर वो इसके बारे में लिखते थे,
और वो स्वंय को धोखेबाज़ महसूस करते थे
और वो स्वंय को धोखा दे रहे थे
और मैं चाहता था कि मुख्यपृष्ट
भी मिथ्या लगे
और किसी पाठक की प्रतिक्रिया दर्शाओ
ये मुझे ग्राफीटी की ओर ले गया
मैं ग्राफीटी से मुग्ध हूँ
मेरे विचार से कोई भी जो
शहरी वातावरण में रहता है
हर समय ग्राफीटी से टकराता रहता है,
और वो भी हर प्रकार के
यह छवि मैंने निचले पूर्व तरफ खिंची थी
फूटपाथ पे किसी ट्रांसफार्मर बक्से की
और इस पर उन्मादी चिन्ह बने हुए हैं
अब चाहे आप इसे देखे और सोचे,
"वह यह एक रोमांचक शहरी स्वांग है"
या आप इसको देख कर बोल सकते हैं,
"यह गैरकानूनी दुष्प्रयोग है संपत्ति का"
पर हम सब एकमत हो सकते हैं कि
आप इसको पढ़ नहीं सकते
है ना? यहाँ कोई स्पष्ट सन्देश नहीं है
एक और प्रकार के ग्राफीटी हैं जो मुझे
कहीं ज्यादा रोचक लगते हैं
जिन्हें मैं बोलता हूँ सम्पादिक्य ग्राफीटी
ये छवि मैंने हाल ही में सबवे में खींची
और कभी कभार आप देखते हैं
कामुक, मूर्खतापूर्ण चीज़ें
पर मुझे यह रोचक लगा
और यह पोस्टर कह रहा है कि
बक बक "एयरबीएनबी"
और किसी ने कलम ली
और अपने विचारों का संपादन कर दिया है
और इसने मेरा ध्यान खींचा
फिर मैंने सोचा कि इसका प्रयोग किताब
के लिए कैसे किया जाये
सो मैंने इस व्यक्ति की कितान लाकर पढने लगा
और मैंने सोचा
यह आदमी वो नहीं है जो यह कहता है
ये, ये एक धोखेबाज़ है
और मैंने लाल कलम निकाली
और अपनी झुन्झुलाहट में
मुख्यपृष्ट पर यह अंकित कर दिया
डिजाईन ख़तम
(हंसी)
और उन्हें यह पसंद भी आया
(हंसी)
लेखक को पसंद आया,
प्रकाशक को पसंद आया
और ये किताब इस तरह दुनिया में गई,
और लोगों को सबवे में पढता देख
वाकई मनोरंजक था
और इसको लेकर चलते हुए,
और आप क्या कर सकते हैं
और वे सभी एक प्रकार से उन्मादित लग रहे थे
(ठहाका)
[" 'पर्फिडिया' ए नोवेल बाई जेम्स एलरॉय"]
हाँ तो, जेम्स एलराय, कमाल के अपराध लेखक
एक अच्छे दोस्त, जिनके साथ
मैंने कई साल काम किया
वो लेखक के तौर पर शायद सबसे प्रसिध्द हुए
"द ब्लैक डेहलिया" और "एल. ऐ. कोन्फ़िडेन्शिअल" के लिए
उनके नवीनतम उपन्यास का नाम है,
जो कि बहुत रहस्यपूर्ण है
मुझे विश्वास है कि बहुत सारे लोगों को इसका
अर्थ पता है, लेकिन बहुतों को नहीं
और यह कहानी सन १९४१ में लास एंजेल्स में
एक जापानी-अमरीकी जासूस की है
जो एक हत्या की पड़ताल कर रहा है
और तभी पर्ल हार्बर घटित हो जाता है
और जैसे की उसका जीवन कम कठिन था
अब नस्ल संबंध जोर मारने लगते हैं
और फिर जल्द ही जापानी-अमरीकी
नजरबंदी शुरू हो जाती है
और बहुत तनाव बन जाता है
और भीषण माहौल में वो हत्या की गुत्थी
सुलझाने की कोशिश कर रहा होता है
तो पहले मैंने इसके बारे में वस्तुतः सोचा
कि पर्ल हार्बर के साथ लास एंजेल्स
को जोड़ देंगे
और हम शहर के क्षितिज पर
प्रलय दर्शित करेंगे
और इसिलए यह छवि है पर्ल हार्बर की
जो लास एंजेल्स पृष्ठभूमि पर है
मेरे प्रधान संपादक में कहा
"जानते हो, ये दिलचस्प है
लेकिन मुझे लगता है कि तुम इसे
सरल और बेहतर बना सकते हो"
तो हमेशा की तरह मैं इसे फिर से
पहले सिरे से सोचने लगा
पर अपने वातावरण के बारे में सचेत रह कर
मैं शहर के बीच में
एक गगन-चुम्बी ईमारत में काम करता हूँ
और हर रात कार्यालय से निकलने से पहले
मुझे ये लाल बटन दबाब होता है
बाहर जाने के लिए
इससे बड़ा भारी-भरकम कांच का दरवाज़ा
खुलता है और मैं एलीवेटर तक जा पाता हूँ
और अचानक एक रात
मैंने इसे देखा और ऐसे गौर किया जैसे
पहले कभी नहीं किया था
बड़ा लाल गोला, खतरा
और मैंने सोचा यह तो इतना स्वाभाविक था
कि इसका खरबों बार प्रयोग हो चूका होगा
तो मैंने "गूगल इमेज सर्च" करी,
लेकिन ऐसा एक भी मुखपृष्ट नहीं मिला
जो कि ऐसा दिखता हो
और इस प्रकार यह समस्या सुलझ गई
और चित्रवत यह ज्यादा दिलचस्प है
और ज्यादा बड़ा तनाव पैदा करता है
इस ख्याल से
कि एक ख़ास प्रकार का सूर्योदय हो
रहा है एल. ए. और अमरीका पर
[" 'गल्प' ए टूर ऑफ़ द ह्यूमन डाईजेस्टीव
सिस्टम बाई मेरी रोच."]
मेरी रोच एक अद्भुत लेखक हैं
जो एक साधारण से वैज्ञानिक विषय को
बहुत ही असाधारण बना देती हैं;
वो उन्हें मनोरंजक बना देती हैं
तो इस ख़ास प्रकरण में
ये मानवीय पाचक प्राणाली के बारे में है
तो मैं बूझने की कोशिश कर रहा हूँ कि इसका
मुख्यपृष्ट कैसा होना चाहिए
यह एक सेल्फी है
(हंसी)
रोज सुबह मैं अपने आप को देखता हूँ
अपनी दवाई की अलमारी के शीशे में
यह देखने के लिए कि कहीं मेरी
जीभ काली तो नहीं पड़ गई है
और अगर नहीं, तो में जाने के लिए तैयार हूँ
(हंसी)
मैं आप सब को ऐसा करने की सिफारिश करता हूँ
परन्तु मैंने सोचा यह हमारा परिचय है
पाचक प्राणाली से
है ना ? मानवीय पाचक प्राणाली के बारे में
पर मैं यह सोचता हूँ कि हम सब एकमत हैं कि
मानवीय मुख के असली छायाचित्र,
कम से कम इस तरह के
विकर्षक हैं
(ठहाका)
इसीलए मुख्यपृष्ट के लिए मैंने ये चित्रण बनवाया
जो की वास्तव में खुशगवार है
और याद दिलाता है बेहतर है कि
पाचक प्राणाली के बारे में
इस सिरे से ही बात की जाए
(ठहाका)
मुझे यह वाक्य ख़तम करने की जरुरत भी
नहीं है | ठीक है |
["अनयूसफुल मिस्ट्री"]
जब स्पष्टता और रहस्य मिल जाते हैं
तो क्या होता है ?
और हम ऐसा अक्सर देखते हैं
मैं इसे अनुपयोगी रहस्य कहता हूँ
मैं सबवे में गया हूँ, -
मैं सबवे का काफी प्रयोग करता हूँ
यह कागज़ का टुकड़ा एक खम्बे पर चिपका हुआ था
ठीक ? अब मैं सोच रहा हूँ, ओह्हो,
रेलगाड़ी आने वाली है और मैं इसका मतलब
समझने की कोशिश कर रहा हूँ
बहुत बहुत शुक्रिया
इधर समस्या यह है कि उन्होंने जानकारी को
खानों में बाँट दिया है यह सोचकर कि वो
मदद्गार होगा और साफ़ बात है कि मुझे
ऐसा बिलकुल नहीं लगता
सो ये वो रहस्य हैं जिनकी
हमें जरुरत नहीं है
हमें जरुरत है उपयोगी स्पष्टता की, इसीलिए
बस मज़े के लिए मैंने इसे रिडिजाइन किया
ये उन्ही समस्त तत्वों का उपयोग कर के
(तालियाँ)
धन्यवाद, मैं अभी भी एम्टीए के काल
का इंतज़ार कर रहा हूँ (हंसी)
क्या आप जानते हैं कि मैंने उनके रंगों से
अधिक भी नहीं प्रयोग किए
उन्होंने ४ और ५ को हरे में दर्शाने
का सोचा भी नहीं
वो मूर्ख |
(हंसी)
तो सुबह सबसे पहले ये पता चलता है
कि सेवा में बदलाव है
और फिर दो पूर्ण वाक्यों में जिनका
मुखड़ा, मध्य और अन्तरा है
हमें पता चल जाता है कि क्या बदलाव है
और किस समय होने वाला हैI
मुझे पागल बोलो !
(हंसी)
[" यूस्फुल मिस्ट्री"]
ठीक है
अब, यह वो रहस्य है जो मुझे पसंद है:
पैकेजिंगI
डाइट कोक के कैन का ये रीडिजाईन
मेरे दृष्टीकोण से टर्नर डकवर्थ की
उत्कृष्ट कलाकारी है
यह कलात्मक है, यह सुन्दर हैI
पर डिज़ाइनर के तौर पर जो चीज़
दिल को खुश करती है
वो यह है कि उन्होंने डाइट कोक की चित्र
शब्दावली को लिया
उसकी अक्षराकृति, रंग, रजत पृष्टाधार
और उनको मौलिक रूप में रखा
तो यह परिचित वस्तु की तरफ वापस जाना हुआ,
ठीक वैसे ही जैसे कुछ पहचानने के लिए
जितनी जरुरत हो उतनी जानकारी ही देना
लेकिन जो उन्हें पहले से ज्ञात है उसको
श्रेय भी देना
इस वस्तु के बारे में ?
ये बहुत अच्छा दिखता है और जब आप
किसी दूकान के जायेंगे
और अचानक इस पर नज़र पड़ेगी,
ये अद्भुत है I
जो अगली बात बनाता है --
[" अनयूस्फुल क्लारिटी" ] --
जो बेहद निराशाजनक है,
कम से कम मेरे लिए I
अच्छा फिर से सबवे में वापस जाते हुए,
जब यह प्रकाशित हुए,
यह वो चित्र हैं जो मैंने खींचे,
टाइम्स स्क्वायर सबवे स्टेशन:
कोका-कोला ने पूरी जगह विज्ञापन
के लिए खरीद ली| ठीक ?
और शायद कुछ लोग जानते है
कि यह किस ओर जा रहा है I
उम्म I
"आप न्यूयॉर्क आये अपने कपड़े
अपनी पीठ पे लाद कर,
जेब में पैसे लिए, नज़र इनाम पर
आप कोक पर हैं"
(हंसी)
"आप न्यूयॉर्क आये एक एमबीए के साथ,
एक साफ़ सूट ले कर
और बहुत मज़बूत हैंडशेक
आप कोक पर हैं"
(हंसी)
यह असली हैं !
(हंसी)
यहाँ तक कि सहारा देने वाले खम्बों
को भी नहीं बक्शा गया
सिवाय इसके कि वो "योडा" बन गए
(हंसी)
कोक पर आप हैं"
(हंसी)
["माफ़ कीजिये, मैं किस पर हूँ ???"]
ये अभियान एक बड़ा गलत कदम था
इसे फ़ौरन वापस ले लिया गया
ग्राहकों की नकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण
और इन्टरनेट पर उपहास करते व्यंग्यों के बाद
(ठहाका)
और हाँ "आप हैं" के बाद लगा बिंदु पूरण विराम
नहीं, वो व्यापार-चिन्ह है
सो बहुत शुक्रिया
मेरे लिए यह सब इतना बेतुका था
ये समझना कि उन्होंने इतनी उत्तम
रहस्यमयी सुन्दर पैकेजिंग
का विज्ञापन इतना असहनीय और ज़ाहिर
तौर पर गलत कैसे बनाया
यह मेरे लिए अविश्वसनीय था
तो मुझे उम्मीद है कि मैं आप से
थोड़े गुर बाँट पाया
अपने काम में स्पष्टता और रहस्य
के प्रयोग के बारे में
और क्या पता आप जीवन और स्पष्ट होने का
निर्णय कर ले
या फिर ज्यादा रहस्यमयी बन जाए
बजाय ज्यादा व्यक्त करने के
(हंसी)
अगर इस चर्चा से कोई एक चीज़ मैं छोड़ना
चाहूँगा तो
तो मेरे ख्याल से वो है
बक बक बक बक ...
[" जज दिस, चिप किड्ड]
बक बक बक ...
बक बक
(तालियाँ)