कया किसी ने आपको कहा है "सीधे खडे रहो!"
या किसी ने खाते समय झुकने के लिए डाटा है?
ये सब सुनना कष्ट्रप्रद है लेकिन जो
वोह कह रहे हैं, गलत नहीं है.
आपका आसन, अथवा आपका पोस्चर,
आपके खडे या बैठने का ढंग,
आपके शरीर की हर चाल का आधार है,
और आपके शरीर की तनाव सहनशक्ति
निर्धारित कर सकता है.
ये तनाव कुछ भी हो सकता है, जैसे कि
भार उठाना,
या फिर कोई तकलीफदायक स्तिथि में बैठना.
और जो सबसे बड़ा हम हर समय, हर दिन,
अनुभव करते हैं: ग्रेविटी
अगर आपका आसन/पोस्चर सही नहीं है,
तो
मांसपेशियों को आपको
आपको सीधा रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी
पड़ेगी. कई
मस्पेशिया सक्त और कठोर हो जाएँगी.
और कई रुक जाएगी.
समय के साथ साथ, ये दुष्क्रियाक
तरीके
आपके शरीर की बल सहनशक्ति को
दुर्बल कर देता है.
बुरा आसन आपके जोड़ों और स्नायु रज्जुक पर
अधिक तोड़ फोड़ करता है,
हानि की सम्भावना बढाता है,
और कुछ अंगों, जैसे फेफड़े, को
कम प्रभावशाली बनता है.
अन्वेषण करनेवालों ने बुरे आसन को जोडा है
स्कोइओसिस से,
तनाव से होने वाले सिरदर्द से,
और पीठ दर्द से,
यद्यपि ये इन सबका एक मात्र कारण नहीं है.
आसन आपके भावुक स्थिथि पर भी प्रभाव
डाल सकता है
और आपकी दर्द संवेदनशीलता पर.
इसलिए अच्छा आसन रखने के लिए कई
कारण है.
परन्तु ये आज कल मुश्किल है.
लम्बे समय तक अजीब स्थिथि में बैठना
बुरे आसन को बढ़ावा देता है,
और कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल करना भी,
जो आपको नीचे देखने के लिए बढ़ावा देता है.
कई जाँचो का कहना है कि, औसत से, आसन
बिगडता जा रहा है.
तो फिर अच्छा आसन कैसा दीखता है?
जब आप आगे और पीछे से रीढ़ को देखें,
सारी तैंतीस कशेरुका एक के ऊपर एक सीधी
खड़ी होनी चाहिए.
फलक से, रीढ़ में तीन वक्र होने चाहिए:
एक आपके गरदन पर, एक आपके कंधो पर, और
एक आपके पीठ के छोटे पर.
आप इस एस-आकर की रीढ़ के साथ पैदा नहीं हुए
थे.
शिशुओ की रीढ़ में बस एक वक्र होता है जैसे
की एक "c" .
दुसरे वक्र ज्यादा तर बारह से अठारह
महीनो में पैदा होते हैं
जैसे मांसपेशियां मजबूत होती जाती हैं.
ये वक्र हमे सीधे रहने में, जिससे
हम कुछ तनाव सोख सकें, मदद करती हैं
जो चलने और कूदने से होता है.
अगर वे ठीक से सीधे पंक्ति में हैं,
जब आप खड़े हैं,
आप एक सीधी रेखा खींच पाएंगे
आपके कंधे के आगे की बिंदु से,
आपकी नितंब के पीछे तक,
आपके घुटनों के आगे से,
आपके टखने के कुछ इंच आगे तक.
ये आपके ग्रेविटी के केंद्र को सीधे आपके
समर्थन के आधार पर रखता है,
जो आपको आसानी से हिलने दे सकता है
कम थकान और मांसपेशियों के तनाव के साथ.
अगर आप बैठें हैं, आपकी गरदन खड़ी
होनी चाहिए,
आगे झुकी हुयी नहीं.
आपके कंधे आराम की स्तिथि में होने चाहिए,
साथ में आपकी बांहें धड के पास.
आपके घुटने दाहिने कोण पर होने चाहिए
साथ में पैर सीधे फर्श पर.
परंतु अगर आपका आसन इतना अच्छा नहीं
है, तो?
अपने पर्यावरण को सुधारने की कोशिश करें.
अपनी स्क्रीन ठीक करें ताकि वह आखों के
स्तर पर हो ये थोड़ी नीचे.
ध्यान रखें आपके शारीर का हर हिस्सा,
जैसे कि कोहनी और कलाई, समर्थित है,
एर्गोनोमिक वस्तु की मदद लेकर अगर ज़रूरत
पड़े तो.
एक तरफ सोने की कोशिश करें आपकी गरदन
समर्थित रख कर
और अपने पैरों के बिच तकिया रख कर.
कम हील के जुटे पहने, और अच्छे आर्च सहारे
के साथ,
और फ़ोन पर बात करते हुए हेडसेट का उपयोग
करें.
अच्छा आसन रखना ही बस काफी नहीं है.
मांसपेशियों और जोड़ों को चलाए रखना
बेहद जरूरी है.
असल में, लम्बे समय तक ना हिलना, अच्छे आसन
के साथ
नियमित रूप से हिलना, बुरे आसन के साथ,
से भी बुरा हो सकता है.
जब आप हिलें, तो होशियारी से हिलें.
आप जो भी आप उठा रहे हैं उसे अपने
शरीर के पास रखे.
पीठ वाली बैग आपकी पीठ के संग होनी चाहिए,
सममित तरीके से उठाई हुई.
अगर आप बहुत बैठते हैं, खड़े होहिये और
थोड़े समय के लिए हिलिए,
और ज़रूर कसरत कीजिये.
मांसपेशियों का उपयोग करते रहने उन्हें
प्रभावी ढंग से सहारा देने के लिए मज़बूत
रखेंगी, ऊपर सारे दुसरे लाभ आपके जोड़ों,
हड्डियों, दिमाग, और दिल के लिए.
और अगर आप बहुत चिंतित हैं, तो आपके शरीर
के चिकित्सक को दिखाइए,
क्यूंकि हाँ, आपको सही में सीधे खड़े रहना
चाहिए.