WEBVTT 00:00:00.660 --> 00:00:02.239 [ब्रायन जेनिस्निक] मैं तैयार हूं 00:00:02.239 --> 00:00:03.589 कैमरा आप तैयार हो ? 00:00:03.589 --> 00:00:05.020 मेरा मतलब आप चाहें जो भी 00:00:05.020 --> 00:00:06.920 मैं सूनी कॉलेज में पढ़ा रहा था 00:00:06.920 --> 00:00:08.490 न्‍यूयार्क श‍हर के ठीक बाहर 00:00:08.490 --> 00:00:10.490 और एक विद्यार्थी जो कभी नहीं आता था 00:00:10.490 --> 00:00:11.740 कोई बड़ी बात नहीं 00:00:11.740 --> 00:00:13.530 वह मेरी दोपहर की कक्षा में आया 00:00:13.550 --> 00:00:15.249 और बोला मैं सिर्फ इस फॉर्म पर 00:00:15.249 --> 00:00:16.714 आपसे हस्‍ताक्षर चाहता हूँ 00:00:16.714 --> 00:00:18.634 मुझे कक्षा छोड़ने की अनुमति के लिए 00:00:18.634 --> 00:00:20.684 मैंने कहा हां तुम पूरे सत्र यहां नहीं आए 00:00:20.684 --> 00:00:22.719 मैं अंतिम दिन तुम्‍हें निकाल नहीं सकता 00:00:22.719 --> 00:00:24.634 तुम मेरी कक्षा में अनुत्‍तीर्ण हो गये हो 00:00:24.634 --> 00:00:26.435 वह बोला फॉर्म पर हस्‍ताक्षर करो 00:00:26.435 --> 00:00:28.314 मैंने कहा यह तुम्‍हारी कक्षा भी नहीं है 00:00:28.314 --> 00:00:29.234 मैं पढ़ा रहा हूँ 00:00:29.234 --> 00:00:30.934 वहां बीस विद्यार्थी यह देख रहे थे 00:00:30.934 --> 00:00:32.808 तब व‍ह मेरे मुंह के और पास आ गया 00:00:34.124 --> 00:00:35.744 तो किसी क्षण मुझे उठना पड़ा 00:00:35.744 --> 00:00:37.284 उसने अपने सीने से मुझे मारा 00:00:37.404 --> 00:00:39.044 और मुझे दीवार पर पटक दिया 00:00:39.644 --> 00:00:42.004 और बोला इस कमबख्‍त फॉर्म पर हस्‍ताक्षर करो 00:00:42.004 --> 00:00:43.274 तो उसने ऐसा किया और 00:00:43.274 --> 00:00:45.213 मेरी मेज का सारा सामान ग‍िरा दिया 00:00:45.213 --> 00:00:47.393 और बोला तुम वास्‍तविक अध्‍यापक नहीं हो 00:00:47.393 --> 00:00:48.954 तुम एक कला अध्‍यापक हो 00:00:48.954 --> 00:00:50.314 तुम सब खि‍झाते हो 00:00:50.314 --> 00:00:51.574 कला खि‍झाती है 00:00:51.664 --> 00:00:53.180 मैंने उसे अनुत्‍तीर्ण कर दिया 00:00:53.180 --> 00:00:54.300 मैंने विद्यार्थी को 00:00:54.300 --> 00:00:55.660 अनुत्‍तीर्ण कर दिया 00:00:58.140 --> 00:01:01.550 मैं सोचता हूं कि यह शायद यह कोई कल्‍पना थी 00:01:01.550 --> 00:01:03.430 न्‍यूयॉर्क में कलाकार होना 00:01:05.580 --> 00:01:08.180 कुछ हद तक मैं महसूस करता हूं क‍ि 00:01:08.180 --> 00:01:10.440 मैं उस कल्‍पना को जी रहा हूं 00:01:11.110 --> 00:01:12.650 मैं प्रतिदिन कार्य करता हूं 00:01:12.860 --> 00:01:15.000 अद्भुत लोगों ,अद्भुत संस्‍थानों के साथ 00:01:15.010 --> 00:01:16.090 काम करता हूं 00:01:16.090 --> 00:01:18.210 पर दूसरी ओर अभ्‍यास होने और 00:01:18.210 --> 00:01:19.909 न्‍यूयॉर्क में होने की वास्‍तविकता 00:01:19.909 --> 00:01:22.100 सदैव लोगों की अपेक्षा को पूरा नहीं करती 00:01:23.400 --> 00:01:25.999 यह वास्‍तव में कलाकार पर निर्भर करता है 00:01:26.569 --> 00:01:29.029 कि वह काम करे और उस काम का खर्च भी उठाये 00:01:29.139 --> 00:01:31.670 आप कलाकार बनने के लिए सब कुछ दे डालते हो 00:01:31.690 --> 00:01:33.669 और आप आर्थिक रूप से निश्‍चिंत हो जाते हो 00:01:38.929 --> 00:01:40.889 मैं ऐसी परियोजनाएं करता हूं जहां 00:01:41.040 --> 00:01:43.240 मैं हजारों चीजें एकत्रित करता हूं 00:01:43.249 --> 00:01:46.139 मैं उन्‍हें व्‍यवस्थित करता हूं और 00:01:46.140 --> 00:01:47.860 उनकी तस्‍वीरें लेता हूं 00:01:48.040 --> 00:01:49.880 उन्‍हे सरकाता हूं 00:01:49.990 --> 00:01:51.389 अधि‍ष्‍ठापन बनाता हूं 00:01:51.389 --> 00:01:53.369 मुझे जीववाद का यह विचार पसंद है कि 00:01:53.410 --> 00:01:54.800 एक निर्जीव वस्‍तु में 00:01:54.800 --> 00:01:56.460 एक आत्‍मा या व्‍यक्तित्‍व है 00:01:57.400 --> 00:01:59.410 मैं सोचता हूं क‍ि मैं इन वस्‍तुओं को 00:01:59.450 --> 00:02:01.630 प्राप्‍त करने में रहस्‍य और 00:02:01.630 --> 00:02:03.370 साहसिक कारनामे की ओर 00:02:03.370 --> 00:02:05.800 सचमुच आ‍कर्षित हो गया था 00:02:06.330 --> 00:02:08.580 कला जगत में यह बहुत आसान है कि आपको 00:02:08.580 --> 00:02:10.620 लगता है क‍ि आपसे काम हो गया और 00:02:10.620 --> 00:02:12.230 वास्‍तव में आपने काम किया ही नहीं 00:02:12.870 --> 00:02:14.510 मेरा मतलब आपको संस्‍थान से 00:02:14.520 --> 00:02:16.080 बहुत सहयोग मिलता है 00:02:16.620 --> 00:02:18.839 पर उससे बहुत कम आर्थिक लाभ होता है 00:02:20.269 --> 00:02:22.169 मुझे याद है मेरा एक प्रदर्शन था 00:02:22.169 --> 00:02:23.579 वीथिका के साथ 00:02:25.099 --> 00:02:27.139 और मैंने विशाल अधि‍ष्‍ठापन बनाया 00:02:27.139 --> 00:02:28.969 मैंने मूर्तियां बनाना प्रारंभ किया 00:02:28.969 --> 00:02:31.140 ऊँचे स्‍तंभ, जिनमें वस्‍तुएं जड़ी गयी थी 00:02:31.140 --> 00:02:33.170 यदि मैं उनको बेचता तो मैं बस उन्‍हें 00:02:33.170 --> 00:02:34.430 एक ओर कर देता 00:02:34.430 --> 00:02:36.290 और जिसे भी चाहिए उसे भेज देता 00:02:36.290 --> 00:02:37.880 मुझे धनादेश दो और तुम ये 00:02:37.880 --> 00:02:39.200 स्‍तंभ ले जा सकते हो 00:02:41.061 --> 00:02:42.601 मैंने उन्‍हें बनाना प्रारंभ किया 00:02:42.601 --> 00:02:44.541 संविरचना दल मुझसे आकर मिला 00:02:44.541 --> 00:02:46.311 और बोला हमें एक समस्‍या है 00:02:46.311 --> 00:02:47.331 मैंने पूछा क्‍या 00:02:47.331 --> 00:02:48.471 वे बोले हमें डर है क‍ि 00:02:48.471 --> 00:02:50.151 आपका स्‍तंभ गिर जावेगा 00:02:50.151 --> 00:02:51.920 और किसी को मार डालेगा 00:02:51.920 --> 00:02:53.991 तो मैंने पूछा ठीक है इसका क्‍या हल है 00:02:53.991 --> 00:02:54.771 वे बोले 00:02:54.771 --> 00:02:56.410 हम स्‍तंभ का न‍िचला हिस्‍सा 00:02:56.410 --> 00:02:58.590 कंक्रीट की जमीन से पेंच से जोड़ देंगे 00:02:58.590 --> 00:02:59.880 मैंने पूछा काम होने पर 00:02:59.880 --> 00:03:01.580 हम उन पेंचों को निकालेंगे कैसे 00:03:01.580 --> 00:03:03.570 वे बोले हम बस उसे नष्‍ट कर देंगे 00:03:03.570 --> 00:03:04.459 तो मैंने कहा 00:03:04.459 --> 00:03:05.820 ओह! मेरे स्‍तंभ जिन्‍हें मैं 00:03:05.820 --> 00:03:07.805 बेच सकता हूं, वे तो गये काम से 00:03:07.805 --> 00:03:09.750 मुझे उनको नष्‍ट करना पड़ेगा 00:03:09.750 --> 00:03:11.710 मैं वाकई जो बना रहा था उससे 00:03:11.710 --> 00:03:13.539 एक कदम पीछे हटना चाहता था 00:03:13.539 --> 00:03:15.659 ताकि वास्‍तव में एक नयी दिशा खोज सकूं 00:03:15.659 --> 00:03:17.289 मुझे एक अवकाश चाहिए था 00:03:19.420 --> 00:03:21.330 मुझे याद है जब मैंने लोगों से कहा 00:03:21.330 --> 00:03:23.000 मैं स्‍वीडन जा रहा हूं 00:03:23.000 --> 00:03:24.650 वे बोले तुम्‍हारी तो निकल पड़ी 00:03:25.920 --> 00:03:27.690 स्‍वीडन सपनों की भूमि है 00:03:27.690 --> 00:03:29.410 जहां कोई आर्थिक चिंताएं नहीं हैं 00:03:29.410 --> 00:03:30.880 आपको स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की 00:03:30.880 --> 00:03:32.870 फिक्र करने की आवश्‍यकता नहीं है 00:03:33.090 --> 00:03:34.610 आप यहां पहुंचते हो 00:03:34.610 --> 00:03:37.040 और तब आप यहां तीस प्रदर्शनियां लगा सकते हो 00:03:37.130 --> 00:03:39.290 जिस समस्‍या का मुझे सामना करना पड़ा 00:03:39.290 --> 00:03:41.560 वह यह थी क‍ि मैं स्‍वीडिश भाषा नहीं बोलता 00:03:41.560 --> 00:03:42.650 तो जब मैं कहता 00:03:42.650 --> 00:03:43.920 मैं एक कलाकार हूं 00:03:43.920 --> 00:03:45.680 मुझे अपना मुफ्त का पैसा दे दो 00:03:46.170 --> 00:03:46.930 वे कहते 00:03:46.930 --> 00:03:48.759 ठीक है ये तीस फॉर्म हैं स्‍वीडिश में 00:03:48.759 --> 00:03:50.110 किस्‍मत तुम्‍हारा साथ दे 00:03:52.890 --> 00:03:54.410 मैं स्‍वीडन के इस पहलू से 00:03:54.410 --> 00:03:55.710 सचमुच आकर्षित हुआ 00:03:57.930 --> 00:04:00.270 जहां किसी का व्‍यवसाय उसकी पहचान से इतना 00:04:00.290 --> 00:04:01.650 कस के बंधा नहीं होता 00:04:05.240 --> 00:04:07.450 तो मैंने बहुत सारी क्रियाओं में भाग लिया 00:04:09.440 --> 00:04:11.220 जो आम तौर पर स्‍वीडिश थीं 00:04:13.820 --> 00:04:15.880 जाहिर है लंबी पदयात्रा एक बड़ी बात है 00:04:15.880 --> 00:04:17.763 पर खासतौर से छत्रक ढूंढना 00:04:18.163 --> 00:04:19.883 और छत्रक की पहचान करना सीखना 00:04:20.374 --> 00:04:22.404 मुझे याद है एक बार राष्‍ट्रीय उद्यान से 00:04:23.264 --> 00:04:25.504 नगर की ओर बस में लौटते हुए 00:04:25.673 --> 00:04:26.933 बस में चालीस लोग थे 00:04:26.933 --> 00:04:30.253 और हर व्‍यक्ति अपने छत्रक की तुलना कर रहा 00:04:30.253 --> 00:04:32.073 था जो उन्‍हें उस दिन मिला 00:04:32.330 --> 00:04:35.160 न्‍यूयॉर्क हर कोई सीधी बात करता है 00:04:35.520 --> 00:04:37.460 आप बाहर जाते हो, किसी से मिलते हो 00:04:37.460 --> 00:04:39.280 वे पूछते हैं आप क्‍या करते हो 00:04:39.280 --> 00:04:40.660 और तब सवाल आते हैं 00:04:40.660 --> 00:04:42.330 ब‍िना उन्‍हें सीधे पूछे 00:04:42.330 --> 00:04:44.580 आप जो करते हैं उसमें कितने कामयाब हैं 00:04:44.580 --> 00:04:46.510 मानों क्‍या आप मेरे जानने लायक हो 00:04:46.510 --> 00:04:48.310 पर स्‍वीडन में आप बाहर जाते हो 00:04:48.310 --> 00:04:49.560 और लोग पूछते हैं 00:04:49.560 --> 00:04:51.480 आपकी पसंदीदा पेस्‍ट्री कौनसी है 00:04:52.270 --> 00:04:54.830 वह मुझे स्‍वाभाविक लगता है‍ 00:04:54.970 --> 00:04:56.710 पर हमारी संस्‍कृति में आज 00:04:56.830 --> 00:04:58.730 यदि आप हर सप्‍ताह इंस्‍टाग्राम पर 00:04:58.730 --> 00:05:00.330 पोस्‍ट नहीं कर रहे हो कि‍ 00:05:00.330 --> 00:05:02.370 आप क्‍या कर रहे हो, कहां जा रहे हो 00:05:02.370 --> 00:05:04.280 आप स्‍टूडियो में क्‍या कर रहे हो तो 00:05:04.280 --> 00:05:06.220 लोग विशेष रूप से न्‍यूयॉर्क में कहते हैं 00:05:06.220 --> 00:05:08.569 अरे वह अब कलाकार नहीं रहा 00:05:08.569 --> 00:05:10.670 पर मैं मानता हूं कि इसको संभालने का 00:05:10.670 --> 00:05:13.140 सबसे अच्‍छा तरीका है अपने भीतर झांकना 00:05:13.140 --> 00:05:15.830 क्‍या हम अपने जीवन को जितना होना चाहिए 00:05:15.830 --> 00:05:18.200 उससे अधिक कष्‍टमय बना रहे हैं 00:05:18.200 --> 00:05:20.260 मुझे लगता है कि‍ यहां पर प्रश्‍न 00:05:20.260 --> 00:05:22.660 यह है क‍ि यदि कुछ बहुत सरलता से म‍िल जाए 00:05:22.660 --> 00:05:24.470 या बहुत आनंददायी हो 00:05:24.470 --> 00:05:26.570 तो क्‍या यह एक काम की सफलता है? 00:05:32.100 --> 00:05:34.120 मैंने एक नया काम प्रारंभ किया है 00:05:34.610 --> 00:05:36.170 मैं एक च‍ित्रकार प्रकिया का 00:05:36.192 --> 00:05:37.581 उपयोग कर रहा हूं 00:05:38.319 --> 00:05:40.140 मैं सचमुच अपने काम में आनंद 00:05:40.140 --> 00:05:41.900 और मुझे क्‍या प्रसन्‍न करता है 00:05:41.900 --> 00:05:43.350 के बारे में सोच रहा हूं 00:05:45.850 --> 00:05:46.850 एक स्थिरता है 00:05:46.850 --> 00:05:49.090 मैं एक प्रकार से एक स्‍थान पर बैठा हुआ हूं 00:05:49.650 --> 00:05:52.000 और अपने हाथ से एक क्रिया को दोहरा रहा हूं 00:05:52.453 --> 00:05:54.263 मुझे लगता है कि ज‍ितना अधिक 00:05:54.263 --> 00:05:56.412 मैं इसे एक शारीरिक स्‍थिरता बता रहा हूं 00:05:56.729 --> 00:05:59.050 वहां एक तनावमुक्‍त 00:05:59.050 --> 00:06:01.749 मानसिक स्‍थिरता भी हो सकती है 00:06:02.909 --> 00:06:04.989 यह नया काम जो मैं कर रहा हूं 00:06:04.989 --> 00:06:07.458 हो सकता है लोग इसे पसंद न करें 00:06:07.458 --> 00:06:08.948 हो सकता है लोग कहें 00:06:08.948 --> 00:06:10.389 अरे ब्रायन अब पहले जैसा 00:06:10.389 --> 00:06:11.639 तनावग्रस्‍त नहीं रहा 00:06:11.639 --> 00:06:13.339 वह स्‍वयं को यातना नहीं दे रहा 00:06:13.339 --> 00:06:14.839 वह पूरे देश में पांच हजार 00:06:14.839 --> 00:06:16.599 सबवे टाईल्‍स नहीं घसीट रहा है 00:06:17.209 --> 00:06:18.759 हो सकता है क‍ि उम्र के साथ 00:06:18.759 --> 00:06:20.469 थोड़ा अधिक भरोसा आ गया है 00:06:20.849 --> 00:06:23.180 कुछ बनाने का जो बनाना मुझे सचमुच पसंद है 00:06:23.180 --> 00:06:25.010 और तब हो सकता है उसे म‍िलने वाली 00:06:25.010 --> 00:06:27.310 प्रतिक्र‍िया को लेकर अधिक चिंतित न होऊं 00:06:27.310 --> 00:06:29.250 मैं सोचता हूं कि मैं एक ऐसे बिंदू पर 00:06:29.250 --> 00:06:30.370 प‍हुंच गया हूं जहां 00:06:30.370 --> 00:06:32.090 यदि मेरे पास अवसर न भी हों 00:06:32.090 --> 00:06:34.090 तब भी मैं उस कला की रचना करूंगा 00:06:34.090 --> 00:06:35.670 और मैं वन में रहने वाले उस 00:06:35.670 --> 00:06:37.690 सिरफिरे व्‍यक्ति की तरह ही बन जाऊंगा 00:06:37.690 --> 00:06:39.600 जो , मैं लोगों को अपनी मिल्कियत से 00:06:39.600 --> 00:06:40.664 हटने को कहूंगा 00:06:40.664 --> 00:06:42.654 और वे कहेंगे ओह वह एक कलाकार था 00:06:42.654 --> 00:06:44.334 उसने एक बार आर्ट21 क‍िया था 00:06:44.334 --> 00:06:45.844 अब वह केवल एक साधु है 00:06:45.844 --> 00:06:47.284 जो उस झोपड़ी में रहता है 00:06:47.920 --> 00:06:49.340 मैं इस अनुभव से बारंबार 00:06:49.340 --> 00:06:51.250 गुजरना चाहूंगा जहां मैं किसी से मिलूं 00:06:51.250 --> 00:06:53.050 और वे कहें मध्‍यग्रीष्‍म आ रहा है 00:06:53.050 --> 00:06:54.550 प्‍यारा स्‍वीडिश अवकाश 00:06:54.550 --> 00:06:56.110 मैं कहूंगाा ओह मुझे पता है 00:06:56.110 --> 00:06:57.520 वे कहेंगे पागलों की पार्टी 00:06:57.520 --> 00:06:58.590 हम वन में जाते हैं 00:06:58.590 --> 00:07:00.434 सब नग्‍न होकर चारों ओर दौड़ते हैं 00:07:00.434 --> 00:07:01.934 मद्यपान और नृत्‍य करते हैं 00:07:01.934 --> 00:07:03.906 लोग हाथी का भेस धरकर नृत्‍य करते हैं 00:07:03.906 --> 00:07:04.884 मैंने कहा वॉव 00:07:04.884 --> 00:07:06.131 वह कहता है मैं इस 00:07:06.131 --> 00:07:08.251 सप्‍ताहांत में ऐसा एक समारोह कर रहा हूं 00:07:08.251 --> 00:07:10.131 मैं कहता हूं मैं भी कुछ नहीं कर रहा 00:07:10.131 --> 00:07:11.281 मैं जाना चाहता हूं 00:07:11.281 --> 00:07:13.019 आपको ऐसा समारोह ढूंढना होगा 00:07:13.019 --> 00:07:14.162 जहां से न्‍यौता मिले 00:07:14.162 --> 00:07:16.450 यद‍ि आपको बुलाते हैं तो आपका दिन शुभ हो