सोचिए कि आप अमरीका में कहीं सड़क पर खड़े हैं और एक जापानी व्यक्ति आपसे आकर कहता है, 'माफ कीजिए, इस ब्लॉक (घरों की पंक्ति) का नाम क्या है?' आप जवाब देंगे, 'सॉरी, ये ओक स्ट्रीट है, और वो एल्म स्ट्रीट. ये 26 वाँ और वो 27 वाँ.' वो कहेगा,'ठीक है. पर इस ब्लॉक का नाम क्या है?' इस पर आप कहेंगे,' भई ब्लॉक के नाम नहीं होते. सड़क के नाम होते हैं, ब्लॉक सड़कों के बीच बने होते हैं और उनका कोई नाम नहीं होता.' वो कुछ हक्का-बक्का सा, निराश होकर चला जाएगा. अब कल्पना कीजिए कि आप जापान में किसी सड़क पर खड़े हैं, और अपने पास खड़े व्यक्ति से पूछते हैं, 'माफ कीजिए, इस सड़क का क्या नाम है?' वो कहता है,' अच्छा, वो ब्लॉक 17 है और ये ब्लॉक 16 है.' आप कहते हैं, ' ठीक है, पर इस सड़क का क्या नाम है?' और जवाब मिलता है, ' भई सड़कों के नाम नहीं होते. ब्लॉक के नाम होते हैं. आप यहाँ का गूगल मैप देख लीजिए. ब्लॉक 14,15,16,17,18,19 यहीं हैं. इन सभी ब्लॉक के नाम हैं. सड़कें तो बस ब्लॉक के बीच की जगह है जिनके नाम नहीं होते. आप पूछते हैं, 'अच्छा, फिर आप अपने घर का पता कैसे बताते हैं?' वो कहता है,' बहुत आसान है, ये आठवाँ ज़िला है. उसमें 17 वाँ ब्लॉक, 1 नंबर घर.' आप कहते हैं, 'ठीक है. पर आस पास चलते हुए मैंने देखा कि घरों के नंबर किसी क्रम के आधार पर नहीं हैं.' तो वो कहता है, ' अजी बिल्कुल क्रम के आधार पर है. उनके नंबर उसी क्रम पर हैं जिस क्रम से वो बने थे. किसी पंक्ति में बने सबसे पहले घर का नंबर एक होगा. दूसरे का दो. तीसरे का तीन. कितना आसान है. किसे के भी समझ में आ जाएगा.' मुझे ये बात बहुत ही ख़ूबसूरत लगती है कि कभी-कभी हमें दुनिया के दूसरे सिरे तक पहुँच कर अपनी मान्यताओं का पता चलता है, और साथ में ये भी पता चलता है कि उसके बिल्कुल विपरीत मान्यताएँ भी उतनी हीं खरी हैं. उदाहरण के लिए, चीन में ऎसे चिकित्सक हैं जो मानते हैं कि उनका काम आपको स्वस्थ रखना है. तो जब आप स्वस्थ हों, तभी उन्हें पैसे देने होते हैं, और जब आप अस्वस्थ हों तब बिल्कुल नहीं, क्योंकि वो अपने काम से चूक गए. आपका स्वस्थ होना उन्हें धनवान बनाता है, अस्वस्थ होना नहीं. (तालियाँ) संगीत में अधिकांश समय पहली ताल को 'एक' माना जाता है, जिससे किसी बंदिश की शुरुवात होती है. एक, दो, तीन, चार. पर पश्चिम अफ्रिकी संगीत में 'एक' बंदिश के आखिर में माना जाता है, जैसे किसी वाक्य के अंत का पूर्ण विराम. तो आप उसे बंदिशों में ही नहीं, बल्कि उनके संगीत में मात्राएँ गिनने में भी सुन सकते हैं. दो, तीन, चार, एक. और ये खाका भी अपने आप में बिल्कुल सही है. (ठहाका) कहा जाता है कि आप भारत के बारे में जो भी तथ्य कहें, उसका विपरीत भी उतना ही सच है. तात्पर्य ये, कि हम ये कभी ना भूलें कि चाहे टेड में, या कहीं और, आपकी या आपकी सुनी हुई किसी भी ज़बरदस्त सोच की बिल्कुल विपरीत सोच भी उतनी ही वैध हो सकती है. विदा, इस अवसर के लिए धन्यवाद. (जापानी भाषा में).