अर्थशास्त्र मे नोबेल पुरष्कार विजेता पाल क्रुग्मान ने एक बार लिखा था कि "उत्पादकता ही सब कुछ नहीं होता, पर आगे जाकर , ओ ही लगभग सब कुछ होगा|" इसलिये ये गंभीर है| धरती पर ऐसे बहुत चीज नहीं होते जो " लगभग सब कुछ"होते हैँ| उत्पादकता एक समाज की समृद्धि का प्रधान हिस्सा है| तो हमारा एक समस्या है| सबसे बडा यूरोपियन अर्थव्यवस्थाओं मे, उत्पादकता हर साल पांच प्रतिशत बढता था 50'स, 60स' ,पूर्व 70स' मे 73 से 83 तक:तीन प्रतिशत हर साल 83 से 95 तक :दो प्रतिशत हर साल 1995से: 1प्रतिशत से कम हर साल वोही प्रोफाइल जपान मे, वोही प्रोफाइल US मे, क्षणिक पलटाव १५ साल पहले के बावजूद, और सब प्रौद्योगिकीय नवाचारोँ, हमारे आसपास:इंतरनेट,समाचार नई जानकारी और संचार प्रौद्योगिकियों के बावजूद जब उत्पादकता तीन प्रतिशत प्रति वर्ष बढ्ता है| आप जीवन स्तर हर पीढ़ी दोगुना कर दोगे हर पीढ़ी अपने मा बाप से दोगुना दौलतमंद होंगे| जब ओ एक प्रतिशत प्रति वर्ष बढता है, जीवन स्तर दोगुना करने के लिये तीन पीढ़ियों को लगेगा| और इस प्रक्रिया मे बहुत लोग उनके मा बाप से कम दौलत मंद होंगे उनके पास सब कुछ कम मात्रा मे होगा: छोटे छतोंशायद कोई छतों, शिक्षा के लिए कम पहुँच, विटमिंस के लिये ,अंटिबिओटिक्स के लिये,वाक्सिंस के लिये-- सब के लिये| सभी समस्याओं के बारे मे सोचो जो इस समय हम सामना कर रहे हैं| सभी| संभावना है कि ओ उत्पादकता संकट आधारित होंगे| ये संकट क्योँ है? क्योंकि बुनियादी सिद्धांतों योग्यता के बारे मे प्रभावशीलता संगठनों मे, प्रबंधन में-- मानव प्रयासों के लिये अनुत्पादक बनगया| हर जगह सार्वजनिक सेवाएँ,मे, कंपनियों मे, हमारे काम करने के तरीके में हमारी नये तरीकोँ में, निवेश बेहतर काम करने की सीख्ते हैँ| पवित्र दक्षता की त्रिमूर्ति को लेलो: स्पष्टता, माप, जवाबदेही| ओ मानव प्रयासों को पटरी से उततारते हैँ इसकी तरफ देख्नने के लिये, साबित करने के लिये दो रास्ते हैँ एक,जिसको मै ने चुना कठोर, सुरुचिपूर्ण, अच्छा -- गणित पर पूरा गणित रूपांतर थोडा समय लेगा, तो अब और एक है| ये चौकी दौड़ के ओर देखना है| ये हीं आज हम करने वाले है| ये थोड़ा ज्यादा एनिमेटेड, अधिक दृश्य और ज्यादा तेजी भी है -- ये हीं दौड़ है. आशा है कि और तेज हो सकता| (हँसी) महिलाओं की फाइनल अंतिम विश्व चैम्पियनशिप| आठ टीम फाइनल में हैं| अमेरिकी टीम सबसे तेजी टीम हैं| उस टीम में प्रुथ्वी के सबसे तेज़ दौड्ने वाले महिलाएं है| ये टीम जीतने के लिए पसंदीदा टीम है| विशेष रूप से, उनको औसत टीम के साथ तुम तुलना करोगे जैसे कि फ्रेंच टीम, (हँसी) १००-मीटर रेस मे उनके सबसे अच्छा प्रदर्शन पर आधारित, अगर आप US रन्नर्स का व्यक्तिगत समय जोडोगे, ओ फ्रेंच टीम से ३.२ मीटर्स समापन रेखा पर आगे पहुंचेंगे और इस साल US टीम उचे स्थान पर है| उनके इस साल की सबसे अच्छा प्रदर्शन पर आधारित, ओ फ्रेंच टीम से ६.४ मीटर्स आगे पहुंचे डेटा पर आधारित हम रेस को देखने जारहे हैँ अंत की ओर एक समय पर आप देखेंगे कि टोर्रि एड्वर्ड्स, चौथा US रन्नर,आगे है आश्चर्य की बात नही है--इस साल उसे १००-मीटर रेस मे स्वर्णपतक मिला और वैसे,क्रिस्टी गैनस, दूसरा रन्नर US टीम मे, दुनिया की सबसे तेजी महिला है इस दुनिया पर 3.5 बिल्लियन महिलायेँ हैँ सबसे दो तेजी महिलायेँ कहाँ हैँ?US टीम पर और दूसरे जो दो रन्नर्सUS टीम मे हैँ ओ भी बुरे नही हैँ (हँसी) तो प्रतिभा के जंग मे स्पष्ट रूप से US टीम जीत गया| लेकिन पीछे, साधारण टीम फिनिश लाइन को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैँ| हम दौड देखेंगे| (वीडियो: फ्रेंच खेल कॉस्टर्स रेस का वर्णन) (वीडियो: दौड का वर्णन खतम) ईव्ह मोहियू:तो क्या हुआ? सबसे तेजी टीम नही जीते ; धीमी लोग जीत गये वैसे मै आशा करता हू आप आश्वादन किये फ्रेंच को अच्छा दिखाने के लिये गहरे ऐतिहासिक अनुसंधान जो मै ने किया| (हँसी) पर हम अतिशयोक्ति नही करेंगे-- और या तो ये पुरातत्त्व-शास्त्र, भी नही (हँसी) पर क्योँ? उसका कारण है सहयोग जब तुम ए वाक्य सुनोगे: "साथ देने के लिये शुक्रिया, हिस्से की राशि से पूरे अधिक मूल्य की है|" ये कविता नही है; ये तत्त्वज्ञान नही है ये गणित है| जो छढी ले जारहे थे ओ धीमे थे, पर उनके छढी तेजी थी| सहयोग का चमत्कार: ए मानव प्रयासों मे शक्ती,बुद्धी, दुगना कर देता है| ए मानव प्रयासों का सारांश है: कैसे हम मिलके काम करते हैं,कैसे हर एक प्रयास दूसरोँ के प्रयासोँ को योगदान देता| सहयोग के साथ,हम कम से ज्यादा कर सकते हैँ| अब,सहयोग का क्या हुआ जब होली ग्रैल-- पवित्र दक्षता की त्रिमूर्ति,भी-- स्पष्टता, माप, जवाबदेही-- प्रतीत होता है? स्पष्टता| प्रबंधन की रिपोर्ट स्पष्टता की कमी के बारे मे शिकायतों से भरे हुये हैँ| अनुपालन आडिटेँ,सलाहकार' निदान| हम लोगोँ को और स्पष्टता चाहिये, भूमिकाओं को स्पष्ट करना चाहिये,प्रक्रियाओं मानो कि रन्नर्स ए कह रहे थे, "हम स्पष्ट कर देते हैँ--कहा से मेरी भूमिका शुरू होती और खतम होती? मैं ए मानलू कि मुझे 95मीटर्स,96,97.....दौड्ना है?" ए बहुत जरूरी है,मै स्पष्ट करना चाहूंगा| अगर आप 97 मीटर्स कहेंगे, 97मीटर्स के बाद, लोग छ्ढी को गिरा देंगे,यदि उसको पकडने के लिये कोई हो या ना हो जवाबदेही| हम जवाबदेही लगातार किसी के हाथ मे डालने की कोशिश कर रहे हैँ| इस प्रक्रिया के लिये उत्तरदायी कौन है? हम को इस प्रक्रिया केलिये कोई उत्तरदायी चाहिये| तो रिले रेस मे, छढी को आगे देना बहुत जरूरी है| हम को कोई ऐसा चाहिये जो छढी को आगे देने की उत्तरदायत्व लेसके| तो हर एक हरकारा की बीच मे अब हमारे पास होगा एक नया समर्पित खिलाड़ी, स्पष्ट रूप से समर्पित छ्ढी एक हरकारे से लेकर, और आगे के हरकारे को देने के लिये| और हमारे पास कमसेकम दो खिलाडी ऐसे होंगे अच्छा,हम,वैसी स्थिति मे,क्या रेस जीतेंगे? ओ पक्का मै नही जानता, हमारे पास स्पष्ट इंटरफेस होगा, एकस्पष्ट रेखा जवाबदेही का| हम को पता है किसको दोष देना है| पर हम कभी रेस नही जीतेंगे| तुम अगर सोचते हो,हम अधिक ध्यान सफल होने के परिस्थितियों का निर्माण करने के बजाय अगर हम हारगये तो किसको दोष देना है,पे देते| सब मानव बुद्धि संगठन के डिजाइन मे रखें शहरी संरचनाओं,प्रोसेसिंग सिस्टम्स-- वास्तविक लक्ष्य क्या है? अगर कोई विफल होते तो उनको दोषी करने के लिए हम सँघठन का निर्माण कर रहे हैँ कि वे विफल हो सके पर एक नाजुक तरीके से, किसी न किसी को उत्तरदायत्व लेने के लिये जब हम विफल होंगे| और हम काफी प्रभावी हैँ--विफल पर नापाई| जो मापा जाता है मापा जाता है| देखो,छ्डी को आगे देना हो तो, उसको तुम सही समय पर , सही हाथ मे,सही गती से देना जरूरी है पर ए करने के| लिये,तुम को तुम्हारे हाथ मे शक्ति डालना होगा| ए जो शक्ती तुम्हारे हाथ मे है ओ तुम्हारे पैर मे नही होगा| ओ तुम्हे तुम्हारी नापने योग्य गती के कीमत पर मिलेगा| तुम को अगले धावक पर काफी पहले चिल्लाना पडेगा जब तुम छ्डी आगे दोगे, तुम इशारा करोगे कि तुम पहुंच रहे हो, ताकी अगला धावक तैयार कर सके, विचार कर सके| और तुम्हे जोर से चिल्लाना पडेगा| पर जो खून,शक्ती तुम्हारे गले मे है तुम्हारे पैरोँ मे नही होगा| क्योँ कि तुम जानते हो,आठ लोग एक समय चिल्लाते रहते हैँ| तो तुमको तुम्हारे साथी का आवाज पहचानना होगा| तुम नही कह सकते"क्या ओ तुम हो?" बहुत देर! (हँसी) अब, हम धीमी गति मे रेस को देखेंगे, और तीसरी धावक पर ध्यान देते हैँ ओ कहा पर अपनी प्रयास, अपनी शक्ती,अपनी ध्यान का, विनियोजिन करती है| पूरी अपने पैरोँ पर नही-- ओ उसकी गती के लिये अच्छा होता-- पर उसकी गले मे,हाथ,आंख,दिमाग ओ किसके पैरोँ मे फर्क लाता है? आगे की धावक की पैरोँ मे पर जब दूसरा धावक बहुत तेज दौडेगा, ओ इसलिये कि उसने बढिया प्रयास किया, या तीसरा धावक छ्ढी आगे देने की तरीके की वजह से? दुनिया मे कोइ ऐसा मेट्रिक नही है जो इसका जवाब हमे दे सकता| और अगर हम लोगोँ को इनाम उनके औसती प्रदर्शन के आधार पर देंगे, ओ अपने शक्ती,अपने ध्यान,अपने खून नापने लायक चीज मे लगा देंगे--उनके पैरोँ मे| और छ्ढी गिर जायेगा और धीमी हो जायेगा| सहयोग देना कोई बढिया प्रयास नही है, तुम अपनी प्रयास कहाँ विनियोजन करते हो ओ है| यह जोखिम लेने के लिए है, क्योँ कि तुम निष्पक्ष दर्जे से दिये गये व्यक्तिगत निष्पादन का परम संरक्षण त्याग ने वाले हो| दूसरोँ के प्रदश्रन मे अधिक अन्तर लाने के लिये, जिस के साथ हमारी तुलना किया गया हो| सहयोग करने के लिए बेवकूफ होना पढता है,और लोग बेवकूफ नही हैँ; ओ सहयोग नही करते| तुम जानते हो स्पष्टता, माप, जवाबदेही--ठीक थे| जब दुनिया सरल था| पर व्यापार बहुत ज्यादा जटिल होगया| मेरी टीमों के साथ,हम मापा है जटिलता का विकास व्यापार| ग्राहकों को आकर्षित करने और बनाए रखने के आज अधिक की मांग है, वैश्विक स्तर पर लाभ का निर्माण करने की, मूल्य बनाने के लिए| और जैसे व्यापार अधिक जटिल हो जाता है, स्पष्टता, माप, जवाबदेही-- के नाम पर हम संरचनाओं, प्रक्रियाओं, सिस्टम्स दुगना कर देंगे| तुम जानते हो स्पष्टता और जवाबदेही के लिए ड्राइव चलाता है इंटरफेस,बीच कार्यालयों का उल्टा गुणन, समन्वयकों सिर्फ लोगों और संसाधन को जुटाने ही नही पर बाधाओं को जोड़ते भी हैँ| और जितना ज्यादा जटिल सँगठन होगी, उतना ही मुश्किल होगा ये समझने मे कि वहाँ सच मे क्या हो रहाहै| तो हमे चाहिये सारांश ,प्रतिपत्र, रिपोर्ट मुख्य निष्पादन संकेतक, मैट्रिक्स लोग वहाँ अपना शक्ती लगा लेंगे जहा शक्ती मापा जा सके, सहयोग की कीमत पर| प्रदर्शन कमजोर होती जाती है, और भी अधिक संरचना, प्रक्रिया, सिस्टम जोडेंगे| लोग अपना वक्त बैठकोँ मे बिताते हैँ, रिपोर्ट्स लिख्ते हुये जो करना है, पूर्ववत करें, फिर से करना है हमारे विश्लेषण के आधार पर, इन संगठनों में टीमों अपने समय मे ४० से ८० प्रतिशत समय कडी से कडी,ज्यादा से ज्यादा मेहनत करते हुये, कम से कम मूल्य जोड़ने गतिविधियों पर अपना समय बर्बाद करते हैँ| ये ही है जो उत्पादकता को खत्म कर रहे है, जो लोगोँ को काम पर पीड़ित करते है हमारे संगठन मानव बुद्धि को बर्बाद कर रहे हैँ ओ मानव प्रयासोंके विरुद्ध हो गये| जब लोग सहयोग नही देते, उनकी मानसिक स्थिती को, बुद्धि को, व्यक्तित्व को ,दोष मत दो कार्य स्थितियों के ओर देखो सहयोग करना या नहीं करना उनके निजी हित में होगा, अगर,जब ओ सहयोग क्रेंगे, ओ व्यक्तिगत रूप से भी बदतर होंगे? ओ सहयोग क्योँ करेंगे? जब हम व्यक्तित्व को दोष देंगे स्पष्टता, जवाबदेही, माप के सिवा प्रभाव-शून्यता को अन्याय जोडते हैँ| हम को संगठनों को निर्माण करना चाहिये जिस मे सहयोग करना लोगोँ को व्यक्तिगत रूप से उपयोगी हो जाता है इंटरफेस, मध्य कार्यालयों-- जैसे सभी जटिल समन्वय संरचनाओं को हटाओ स्पष्टता के लिए मत देखो; धुंधलेपन केलिये जाओ| धुंधलेपन अतिव्यापनों प्रदर्शन को निर्धारित करने के लिये ज्यादातर मात्रात्मक मेट्रिक्स को हटाओ "क्या"को तेज करो सहयोग की तरफ देखो"कैसे"| तुमने छ्ढी को कैसे आगे किया? तुमने उसको फेखा?, या प्रभावी ढँग से पारित किया? क्या मै अपनी शक्ती जो मापा जा सके उसमे डाल रहा हू-- मेरे पैर,मेरे गती-- या छ्ढी को पारित करने मे? आप,नेता के रूप मे, प्रबंधक के रूप में, सहयोग करना लोगोँ को व्यक्तिगत रूप से उपयोगी हो ऐसे आप बना रहे हैँ? अपने सँस्थाओँ का भविष्य, अपने संस्थाओँ,अपने समाज, इन सवालोँ का जवाब पर टिकते हैँ| धन्यवाद| (तालियाँ)