1 00:00:00,000 --> 00:00:04,000 ये ठीक वो क्षण है 2 00:00:04,000 --> 00:00:09,000 जब मैनें टिंकरंग स्कूल का निर्माण करना शुरु किया था। 3 00:00:09,000 --> 00:00:13,000 टिंकरिंग स्कूल ऐसी जगह है जहाँ बच्चों को लकडियाँ 4 00:00:13,000 --> 00:00:17,000 हथौडी, और ऐसे ही खतरनाक से सामान से खेलने दिया जाता है, 5 00:00:17,000 --> 00:00:19,000 इस विश्वास के साथ कि 6 00:00:19,000 --> 00:00:21,000 वो खुद को चोट नहीं पहुँचायेंगे, 7 00:00:21,000 --> 00:00:25,000 दूसरों को भी आहत नहीं करेंगे। 8 00:00:25,000 --> 00:00:28,000 टिंकरिंग स्कूल में कोई सधा हुआ पाठ्यक्रम नहीं है। 9 00:00:28,000 --> 00:00:30,000 और परीक्षायें भी नहीं होती हैं। 10 00:00:30,000 --> 00:00:34,000 हम किसी को भी कुछ खास चीज़ नहीं सिखाना चाहते हैं। 11 00:00:34,000 --> 00:00:37,000 जब बच्चे आते हैं, 12 00:00:37,000 --> 00:00:39,000 तमाम सारा सामान उन्हें चुनौती देता है, 13 00:00:39,000 --> 00:00:43,000 लकडियाँ और कीलें और रस्सियाँ और पहिये, 14 00:00:43,000 --> 00:00:48,000 और तमाम औज़ार, असली, सचमुच के औज़ार। 15 00:00:48,000 --> 00:00:53,000 ये बच्चों के लिये छः दिन का मग्न कर देने वाल अनुभव होता है। 16 00:00:53,000 --> 00:00:57,000 और इस संदर्भ में, हम उन्हें पूरा समय देते हैं। 17 00:00:57,000 --> 00:01:00,000 समय, जिसकी हमेशा कमी होती है 18 00:01:00,000 --> 00:01:03,000 उनके अति-व्यस्त जीवन में। 19 00:01:03,000 --> 00:01:06,000 हमारा लक्षय ये है कि जब वो जायें 20 00:01:06,000 --> 00:01:08,000 तो उन्हें बेहतर अंदाज़ा हो कि चीजें कैसे बनती हैं, 21 00:01:08,000 --> 00:01:11,000 मुकाबले उसके जब वो आये थे, 22 00:01:11,000 --> 00:01:14,000 और एक गहरा अंदरूनी अहसास हो 23 00:01:14,000 --> 00:01:18,000 कि आप चीज़ों से छेडछाड कर के युक्ति निकाल सकते हैं। 24 00:01:18,000 --> 00:01:23,000 कुछ भी... योजना के हिसाब से नहीं होता है. कभी भी नहीं। 25 00:01:23,000 --> 00:01:25,000 (हँसी) 26 00:01:25,000 --> 00:01:27,000 और बच्चे जल्दी ही सीख लेते हैं 27 00:01:27,000 --> 00:01:31,000 कि प्रोजेक्ट खराब हो सकते हैं -- 28 00:01:31,000 --> 00:01:32,000 (हँसी) 29 00:01:32,000 --> 00:01:34,000 और इस बात से सहज हो जाते हैं कि हर अगला कदम 30 00:01:34,000 --> 00:01:37,000 उन्हें प्रोजेक्ट में एक कदम आगे बढाता है, 31 00:01:37,000 --> 00:01:40,000 सफ़लता की ओर, 32 00:01:40,000 --> 00:01:44,000 या फ़िर असफ़लता की ओर। 33 00:01:44,000 --> 00:01:48,000 हम ऐसे ही गुड्मुड स्केच बना कर शुरुवात करते हैं। 34 00:01:48,000 --> 00:01:51,000 और कभी कभी असल-सी दिखती योजनायें भी बनाते हैं। 35 00:01:51,000 --> 00:01:55,000 और कभी हम बस चीज़ बनाना शुरु कर देते हैं। 36 00:01:55,000 --> 00:01:58,000 'निर्माण' इस अनुभव का केंद्र बिंदु है। 37 00:01:58,000 --> 00:02:01,000 असल दुनिया जैसा, गहरे पैठा हुआ 38 00:02:01,000 --> 00:02:05,000 और पूरी तरह से हाथ आयी समस्या को समर्पित। 39 00:02:05,000 --> 00:02:08,000 रॉबिन और मैं, सहयोगियों के रूप में, 40 00:02:08,000 --> 00:02:10,000 प्रोजेक्ट को लगातार 41 00:02:10,000 --> 00:02:13,000 कार्य पूर्ण होने की दिशा में बढाते हैं। 42 00:02:13,000 --> 00:02:16,000 सफ़लता तो असल में कार्य के करने में है। 43 00:02:16,000 --> 00:02:19,000 और नाकामयाबियों की सराहना और विश्लेशण किया जाता है। 44 00:02:19,000 --> 00:02:22,000 समस्यायें पहेलियों के रूप में देखी जाती हैं, 45 00:02:22,000 --> 00:02:26,000 और रुकावटें छू-मंतर हो जाती हैं। 46 00:02:26,000 --> 00:02:28,000 जब किसी खास कठिनाई का सामना होता है, 47 00:02:28,000 --> 00:02:30,000 या कोई बडी गडबड या जटिलता, 48 00:02:30,000 --> 00:02:35,000 एक बडा ही रोचक व्यवहार दिखता है: सजावट। 49 00:02:35,000 --> 00:02:38,000 (हँसी) 50 00:02:38,000 --> 00:02:40,000 अधूरे प्रोजेक्ट की सजावट 51 00:02:40,000 --> 00:02:44,000 एक तरीके से संरचना के अंडे को सेने जैसा है। 52 00:02:44,000 --> 00:02:47,000 और इन मध्यांतरों से बहुत ही गहरी सोच 53 00:02:47,000 --> 00:02:50,000 और नये गज़ब के समाधान निकलते हैं, 54 00:02:50,000 --> 00:02:55,000 उन्हें मध्यांतरों जो दो क्षण पहले हमें हतोत्साहित कर रहे थे। 55 00:02:55,000 --> 00:03:00,000 हर प्रकार का पदार्थ इस्तेमाल के लिये मौजूद है। 56 00:03:00,000 --> 00:03:06,000 यहाँ तक कि बोरिंग, घृणित, प्लास्टिक की थैलियाँ भी 57 00:03:06,000 --> 00:03:08,000 एक पुल का निर्माण कर सकती हैं - 58 00:03:08,000 --> 00:03:12,000 और हमारी कल्पना से भी ज्यादा मजबूत। 59 00:03:12,000 --> 00:03:15,000 और जो चीजें ये बनाते हैं, 60 00:03:15,000 --> 00:03:18,000 वो उन्हें खुद ही आश्वर्यचकित कर देती हैं। 61 00:03:18,000 --> 00:03:22,000 विडियो: तीन, दो, एक, जाओ! 62 00:03:29,000 --> 00:03:33,000 गेवर टली: ये झूला जो सात साल के बच्चों ने बनाया है। 63 00:03:33,000 --> 00:03:36,000 विडियो: याहू....! 64 00:03:36,000 --> 00:03:38,000 (अभिवादन) 65 00:03:38,000 --> 00:03:41,000 गेवर टली: धन्यवाद, आज बहुत आनंद आया। 66 00:03:41,000 --> 00:03:47,000 (अभिवादन)