1 00:00:00,000 --> 00:00:13,000 (संगीत) 2 00:00:13,000 --> 00:00:18,000 स्कूल के साधारण दिन में 3 00:00:18,000 --> 00:00:20,000 अनगिनत घंटे 4 00:00:20,000 --> 00:00:22,000 प्रश्नों के उत्तर सीखने में व्यतीत होते हैं | 5 00:00:22,000 --> 00:00:25,000 पर अभी हम उसके उलट 6 00:00:25,000 --> 00:00:28,000 उन प्रश्नों पर ध्यान केन्द्रित करेंगे जिनके उत्तर हम नहीं सीख सकते 7 00:00:28,000 --> 00:00:31,000 क्योंकि वो अनुत्तरित हैं | 8 00:00:31,000 --> 00:00:34,000 बाल्यकाल में मैं कई चीज़े सोचता था | 9 00:00:34,000 --> 00:00:37,000 जैसे कि, कुत्ता होना 10 00:00:37,000 --> 00:00:39,000 कैसा लगता होगा? 11 00:00:39,000 --> 00:00:42,000 क्या मछलियों को कुछ महसूस होता होगा? कीटो का क्या? 12 00:00:42,000 --> 00:00:46,000 क्या बिग बैंग एक संयोग मात्र था? 13 00:00:46,000 --> 00:00:49,000 और क्या कोई ईश्वर है? 14 00:00:49,000 --> 00:00:53,000 और अगर है तो हमें यह कैसे पता कि वह पुरुष है स्त्री नहीं? 15 00:00:53,000 --> 00:00:56,000 क्यूँ कुछ निर्दोष व्यक्तियों एवं जीवों को दुर्भाग्य भोगना पड़ता है? 16 00:00:56,000 --> 00:00:59,000 क्या वास्तव में मेरे जीवन के लिए कोई योजना है? 17 00:00:59,000 --> 00:01:02,000 क्या भविष्य अभी लिखा जाना है? 18 00:01:02,000 --> 00:01:04,000 या सब कुछ पूर्व लिखित है? 19 00:01:04,000 --> 00:01:07,000 या हम ही कुछ देख नहीं पाते हैं? फिर क्या मेरी कोई स्वयं की इच्छा है? 20 00:01:07,000 --> 00:01:10,000 एवं मैं हूँ क्या? क्या मैं एक जैविक मशीन मात्र हूँ? 21 00:01:10,000 --> 00:01:13,000 तो फिर मैं चेतन अवस्था में कैसे हूँ? 22 00:01:13,000 --> 00:01:17,000 चेतना है क्या? क्या रोबोट भी एक दिन चेतना प्राप्त करेंगे? 23 00:01:17,000 --> 00:01:20,000 ऐसा मुझे लगता था 24 00:01:20,000 --> 00:01:23,000 कि एक दिन मुझे मेरे इन प्रश्नों का उत्तर अवश्य मिलेगा | 25 00:01:23,000 --> 00:01:27,000 किसी को तो अवश्य ही पता होगा, नहीं? 26 00:01:27,000 --> 00:01:31,000 लेकिन पता है क्या? किसी को भी नहीं पता | 27 00:01:31,000 --> 00:01:34,000 इनमें से अधिकांश प्रश्न मुझे आज और भी ज्यादा हैरान करते हैं | 28 00:01:34,000 --> 00:01:37,000 लेकिन इन प्रश्नों में गोता लगाना रोमांचकारी अनुभव है 29 00:01:37,000 --> 00:01:40,000 क्योंकि ये आपको ज्ञान के उस छोर पर ले जाते हैं, 30 00:01:40,000 --> 00:01:42,585 जहाँ न जाने क्या प्राप्त हो जाये | 31 00:01:42,585 --> 00:01:47,000 तो इस श्रृंखला के आरम्भ में दो प्रश्न, 32 00:01:47,000 --> 00:01:51,477 प्रश्न जो आज तक इस पृथ्वी पर अनुत्तरित हैं ........................ 33 00:01:51,997 --> 00:01:55,529 कितनी सृष्टियां हैं? 34 00:01:55,529 --> 00:01:59,308 हम परग्रही जीवन के सबुत क्यों नही देख पाते?