1 00:00:00,431 --> 00:00:02,521 ♪ [संगीत] ♪ 2 00:00:12,959 --> 00:00:16,711 [अलेक्स] सम्पूर्ण विश्व के किराएदारों में किराया नियंत्रण लोकप्रिय है 3 00:00:16,711 --> 00:00:21,771 क्योंकि उससे किराये में कमी होती है और उसके दुष्परिणाम कम ही हैं। 4 00:00:22,061 --> 00:00:25,292 हालांकि, दीर्घ काल में, विस्तृत किराया नियंत्रण 5 00:00:25,292 --> 00:00:28,401 पूरे शहरों को मिट्टी में मिला सकता है। 6 00:00:28,932 --> 00:00:32,411 आज आप इसे देख सकते हैं, मुंबई, भारत में। 7 00:00:32,921 --> 00:00:35,835 कराया नियंत्रण के सभी पूर्वानुमान 8 00:00:35,835 --> 00:00:38,122 मुंबई में देखे जा सकते हैं। 9 00:00:38,122 --> 00:00:40,513 किराये के मकानों की कमी है। 10 00:00:40,513 --> 00:00:44,522 किराये के लिए बहुत ही कम, नए मकान बनाए जा रहे हैं, 11 00:00:44,522 --> 00:00:50,702 और पुराने किराये के मकानों की कीमतें मिट्टी में मिल रही हैं और गिर ही रही हैं। 12 00:00:51,230 --> 00:00:56,722 500 से 600 रुपये महीने के किराये, शायद $10 प्रति माह पर, 13 00:00:56,722 --> 00:01:00,260 मकानमालिक करों तक का भुगतान नहीं कर सकते, 14 00:01:00,260 --> 00:01:03,351 मरम्मत और रखरखाव तो छोड़ ही दीजिये। 15 00:01:04,241 --> 00:01:07,801 मुंबई में किराया नियंत्रण 1949 में प्रारम्भ हुआ 16 00:01:07,801 --> 00:01:10,767 जबकि किरायों को 1940 के स्तर पर स्थिर कर दिया गया था। 17 00:01:11,257 --> 00:01:16,480 और, आश्चर्य यह है कि तब से किराये शायद ही बढ़े हैं 18 00:01:16,480 --> 00:01:21,383 ज़बरदस्त मुद्रास्फीति तथा बढ़ते हुये शहरीकरण के बावजूद। 19 00:01:22,102 --> 00:01:25,773 और सीखने के लिए मैंने आईडीएफ़सी संस्थान की वैदेही टंडेल, 20 00:01:25,783 --> 00:01:29,181 रूबेन अब्राहम और क्षितिज बत्रा 21 00:01:29,181 --> 00:01:33,040 से बातें कीं... जो कि मुंबई का एक विचार समूह है 22 00:01:33,040 --> 00:01:35,801 जो शहरी आधारभूत संरचना संबंधी मामलों पर काम करते हैं। 23 00:01:36,098 --> 00:01:39,382 [अलेक्स] उन्होंने किरायों को 1940 के स्तर पर स्थिर कर दिया? 24 00:01:39,382 --> 00:01:40,378 [क्षितिज] कर दिया। 25 00:01:40,378 --> 00:01:42,487 हम कहानियाँ सुनते हैं जहां परिवार दे रहे हैं 26 00:01:42,487 --> 00:01:43,958 कुछ सौ रुपये किराये के लिए 27 00:01:43,958 --> 00:01:47,779 उस फ्लैट के जिसकी कीमत अन्यथा लाख रुपये महीने तो होती ही। 28 00:01:48,647 --> 00:01:50,616 तुम्हें बताना होगा कि लाख क्या होता है। 29 00:01:50,616 --> 00:01:56,541 माफ़ करना। उसका अर्थ है 100,000 रुपये। 30 00:01:56,541 --> 00:02:00,070 वाह! तो वे दे रहे हैं 100, 200 या 300 रुपये महीना 31 00:02:00,070 --> 00:02:02,548 किसी चीज़ के लिए जिसकी कीमत है 100,000 रुपये? 32 00:02:02,548 --> 00:02:04,897 हाँ। ऐसे परिस्थितियों में, बहुत से परिवार हैं 33 00:02:04,897 --> 00:02:06,756 जो अच्छी तरह से सम्पन्न हैं। 34 00:02:06,756 --> 00:02:11,397 मगर वे जमाने से इन कराया नियंत्रित फ़्लैटों में हैं 35 00:02:11,397 --> 00:02:13,717 और लंबे समय से वहाँ रह रहे हैं। 36 00:02:13,717 --> 00:02:14,944 वे बड़ी संपत्तियाँ हैं। 37 00:02:14,944 --> 00:02:16,928 कुछ एक तो बहुत बड़े, विशाल अपार्टमेंट हैं। 38 00:02:17,293 --> 00:02:20,894 भारात में, किराएदारों के अधिकार, बहुत ही मजबूत हैं, 39 00:02:20,894 --> 00:02:25,161 और न्यायिक व्यवस्था, बहुत ही धीमी। 40 00:02:25,645 --> 00:02:27,183 इस इमारत के मालिक... 41 00:02:27,183 --> 00:02:29,724 जो कि लंबे समय से किराया नियंत्रण के अधीन है... 42 00:02:29,724 --> 00:02:32,755 ने बहुत समय इसे किराएदारों से खाली कराने का प्रयास किया। 43 00:02:32,755 --> 00:02:37,713 दरअसल, इस इमारत का मालिक एक मुक़दमा लड़ रहा है 44 00:02:37,713 --> 00:02:43,473 जिसे उसके दादा ने 50 साल पहले दायर किया था। 45 00:02:43,473 --> 00:02:46,873 यह मालिकों की ओर से एक उल्लेखनीय सूचना है। 46 00:02:46,873 --> 00:02:48,024 ज़रा देखिये। 47 00:02:48,024 --> 00:02:51,486 "इस इमारत के कुछ भाग खंडहर जैसे हाल में हैं, 48 00:02:51,486 --> 00:02:52,643 जो गिर सकते हैं, 49 00:02:52,643 --> 00:02:57,103 और किसी भी रहने वाले या पास से गुजरने वाले व्यक्ति के लिए ख़तरनाक हैं।" 50 00:02:57,523 --> 00:02:59,463 यह ढह रही है। 51 00:02:59,463 --> 00:03:01,704 इसका ध्वंस शुरू हो चुका है। 52 00:03:01,704 --> 00:03:07,663 अब, एक तो यह धमकी है किराएदारों को निकालने के प्रयास के लिए। 53 00:03:07,663 --> 00:03:10,475 मगर यह बहुत विश्वसनीय खतरा भी है। 54 00:03:12,344 --> 00:03:15,239 [समाचार वाचक] भारत में एक और घातक इमारत गिरी। 55 00:03:15,239 --> 00:03:18,737 शुक्रवार की भोर में मुंबई में एक पाँच मंज़िला अपार्टमेंट इमारत गिर पड़ी 56 00:03:18,737 --> 00:03:20,607 जबकि लोग गहरी नींद में सो रहे थे। 57 00:03:20,612 --> 00:03:24,142 अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कितने लोग मलबे के नीचे दबे हुये हैं। 58 00:03:24,142 --> 00:03:27,012 राहतकर्मी बचे लोगों की खोज में पूरे दिन खुदाई करते रहे हैं। 59 00:03:27,012 --> 00:03:30,292 [वैदेही] दरअसल मौजूदा इमारतों के रखरखाव के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं है 60 00:03:30,292 --> 00:03:34,152 और आप उन इमारतों की बुरी हालत देख सकते हैं 61 00:03:34,152 --> 00:03:35,542 जो किराया नियंत्रणाधीन हैं। 62 00:03:35,542 --> 00:03:40,513 तो, प्रशासन को एक निर्धारित इमारत नीति बनानी पड़ी 63 00:03:40,513 --> 00:03:44,983 जो एक तरह से इन इमारतों की देखभाल करती है और इनके रखरखाव का ख़र्च उठाती है। 64 00:03:44,983 --> 00:03:46,440 निर्धारन मतलब एक विशेष कर? 65 00:03:46,440 --> 00:03:51,431 हाँ, मरम्मत और रखरखाव इन अति ध्वस्त और 66 00:03:51,437 --> 00:03:53,716 ख़तरनाक किराया नियंत्रणाधीन इमारतों के। 67 00:03:53,718 --> 00:03:56,558 तो, क्या प्रशासन वास्तव में इस कर राशि का उपयोग करता है 68 00:03:56,558 --> 00:03:57,768 इनको ठीक कराने में? 69 00:03:57,768 --> 00:03:59,739 दरअसल, मुझे पता नहीं है। 70 00:04:00,862 --> 00:04:04,462 [अलेक्स] मुंबई में किराया नियंत्रण की एक और समस्या है। 71 00:04:04,462 --> 00:04:09,793 किराया नियंत्रण के कारण मकान मालिक मकान खाली रखने को प्रोत्साहित होते हैं 72 00:04:09,793 --> 00:04:13,924 बजाय उनको किराये पर दे कर यह खतरा उठाने के कि 73 00:04:13,924 --> 00:04:17,207 उन्हें ऐसा किरायेदार मिल जाएगा जिससे वे खाली नहीं करा सकेंगे 74 00:04:17,207 --> 00:04:19,463 अगली आधी शताब्दी तक। 75 00:04:20,015 --> 00:04:22,916 इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि 15% 76 00:04:22,916 --> 00:04:25,937 मकान मुंबई में खाली पड़े हैं। 77 00:04:26,710 --> 00:04:29,638 [क्षितिज] मेरे विचार से 2011 में... 78 00:04:29,638 --> 00:04:31,799 एक प्रशासनिक सर्वेक्षण में... 79 00:04:31,799 --> 00:04:34,765 करीब एक करोड़ दस लाख मकान 80 00:04:34,765 --> 00:04:38,436 भारत के शहरी क्षेत्रों में खाली थे, जो कि एक बड़ी संख्या है, 81 00:04:38,436 --> 00:04:42,379 इस परिस्थिति में कि उनके ही अनुमानानुसार करीब एक करोड़ अस्सी लाख मकानों की कमी है। 82 00:04:42,379 --> 00:04:44,657 [अलेक्स] स्पष्ट है कि किराया नियंत्रण के अंत से 83 00:04:44,657 --> 00:04:46,507 ऐसी अनेक समस्याएँ समाप्त हो जाएंगी। 84 00:04:46,507 --> 00:04:48,509 मगर क्या कोई और तरीके हैं जिनसे 85 00:04:48,509 --> 00:04:51,339 वहन योग्य मकान बाज़ार में उपलब्ध हो सकें? 86 00:04:51,759 --> 00:04:55,430 क्या सरकार ग़रीबों के लिए और अधिक मकान बना सकती है? 87 00:04:55,760 --> 00:04:57,930 [रूबेन] मैं इसी विषय पर काम कर रहा हूँ 88 00:04:57,930 --> 00:05:01,987 पिछले करीब नौ सालों से और अब कहने लगा हूँ 89 00:05:01,987 --> 00:05:05,090 "वहन योग्य मकानों" के स्थान पर "मकानों का वहन। " 90 00:05:05,477 --> 00:05:08,490 जो भी मकान बिक्री के लिए आएंगे उनको ले लिया जाएगा 91 00:05:08,490 --> 00:05:12,518 अमीरों या जिनके पास भी साधन होंगे उनके द्वारा। 92 00:05:12,809 --> 00:05:16,087 तो, इसलिए, मैं तो कहूँगा कि अब तो सारा ध्यान लगाना होगा 93 00:05:16,087 --> 00:05:18,948 केवल मकानों की आपूर्ति की ओर। 94 00:05:19,698 --> 00:05:21,877 क्योंकि यदि आपूर्ति नहीं बढ़ाई जाएगी, 95 00:05:21,877 --> 00:05:23,647 अमीर उन पर कब्ज़ा करते ही रहेंगे। 96 00:05:23,647 --> 00:05:27,099 आप ऐसे अनेक दृष्टांत मुंबई में ही देख सकते हैं 97 00:05:27,099 --> 00:05:31,109 अगर आप शहरी योजनाओं को देखेंगे, और आप इन योजनाओं को देखिये 98 00:05:31,109 --> 00:05:35,209 वहन करने योग्य घरों की, जहां चार एक-बेडरूम वाले अपार्टमेंट 99 00:05:35,209 --> 00:05:38,048 प्रभावी रूप से एक चार-बेड रूम वाला अपार्टमेंट बन जाते हैं। 100 00:05:38,048 --> 00:05:42,020 तो एक तरह से, आप ग़रीबों से छीन कर अमीरों के लिए ऐशगाह बना रहे हैं। 101 00:05:42,020 --> 00:05:43,929 जब भी बाज़ार में दो दाम होंगे, 102 00:05:44,279 --> 00:05:46,016 कम दाम अधिक दाम वाले को बिक जाएगा, 103 00:05:46,496 --> 00:05:50,089 या कोई ऐसा बाज़ार संचालक होगा जो रास्ता ढूंढ लेगा 104 00:05:50,089 --> 00:05:51,450 सस्ते दाम पर लेने का 105 00:05:51,450 --> 00:05:54,279 क्योंकि बाज़ार में उच्च दाम वास्तव में उपलब्ध होगा। 106 00:05:54,279 --> 00:05:58,424 यूं तो, झोपड़ पट्टी ग़रीबी लगती है, 107 00:05:58,424 --> 00:06:00,695 जबकि दरअसल वह एक अचल संपत्ति संबंधी समस्या है 108 00:06:00,695 --> 00:06:04,363 क्योंकि मकानों की कीमतें आसमान छू रही हैं 109 00:06:04,363 --> 00:06:08,265 और मुंबई जैसे शहर के आय स्तर उसके समकक्ष नहीं हैं। 110 00:06:08,265 --> 00:06:11,087 तो, झोपड़ पट्टी वास्तव में अकेली उपलब्ध मकान संसाधन हैं। 111 00:06:11,087 --> 00:06:13,439 सही है, उपलब्ध मकान और मज़ाक यह है, 112 00:06:13,439 --> 00:06:15,777 कि किराये के लिए बस यही उपलब्ध है। 113 00:06:15,777 --> 00:06:18,692 जब एक बार इस तरह की नीति लागू हो जाती है, 114 00:06:19,302 --> 00:06:22,841 तब इसका संगठित विरोध नहीं हो सकता। 115 00:06:22,841 --> 00:06:28,381 अगर आप किराये बढ़ाने का प्रयास करते हैं, तो राजनीतिक प्रतिघात मिलेगा। 116 00:06:28,391 --> 00:06:32,058 तो, लोग कहेंगे कि मुंबई में पहले ही किराये इतने अधिक हैं, 117 00:06:32,868 --> 00:06:37,219 आप किराया नियंत्रण में किराये क्यों बढ़ाएँगे? 118 00:06:37,219 --> 00:06:42,182 यह एक नीति है जो न केवल उनको प्रभावित करती है जो वहाँ रह रहे हैं 119 00:06:42,182 --> 00:06:43,453 बल्कि उन्हें भी जो वहाँ नहीं रह सकते। 120 00:06:43,453 --> 00:06:46,421 वे लोग जो वहाँ रहते तो नहीं मगर रहना चाहते हैं। 121 00:06:46,421 --> 00:06:47,571 सही है। 122 00:06:47,571 --> 00:06:50,211 उनके पास क्रियान्वयन के लिए राजनीतिक आधार नहीं होता है। 123 00:06:50,211 --> 00:06:52,051 बिलकुल। सही बात है। 124 00:06:52,051 --> 00:06:53,201 वाह। 125 00:06:53,201 --> 00:06:55,931 [अलेक्स] किराया नियंत्रण एकमात्र समस्या नहीं है। 126 00:06:56,351 --> 00:06:58,188 अनुमोदन प्रक्रिया 127 00:06:58,188 --> 00:07:01,780 मुंबई में नए मकान बनाने के लिए भी, बहुत विस्तृत है। 128 00:07:01,780 --> 00:07:05,919 कुछ तो है कि, बिल्डरों पर अनेक अपेक्षाओं का बंधन है, 129 00:07:05,919 --> 00:07:10,099 केवल सुरक्षा मामलों संबंधी नहीं, बल्कि इमारत की ऊंचाई, 130 00:07:10,099 --> 00:07:13,600 कमरों का आमाप, यहाँ तक कि पार्किंग आवश्यकताएँ 131 00:07:13,600 --> 00:07:18,931 उन अपार्टमेंट्स के निर्माण के लिए भी जहां निवासियों के पास सामान्यतः कार होती नहीं। 132 00:07:19,473 --> 00:07:22,391 एकमात्र सबसे बड़ी समस्या अनुमोदन की है। 133 00:07:22,391 --> 00:07:23,762 अनुमोदन प्रक्रिया... 134 00:07:23,762 --> 00:07:27,109 यहाँ यूरोप और अमरीका से भी अधिक लंबी है? 135 00:07:27,109 --> 00:07:29,639 कहीं लंबी। आज, भारत में पूंजी का मूल्य 136 00:07:29,639 --> 00:07:31,882 अधिक नहीं तो भी करीब 15% है। 137 00:07:31,882 --> 00:07:36,412 और 15% पर, यदि अनुमोदन प्रक्रिया में 24 महीने लगते हैं, 138 00:07:36,412 --> 00:07:39,263 आश्चर्य मत करना यदि में केवल आलीशान घर ही बना सकूँ। 139 00:07:39,263 --> 00:07:41,694 मैं उससे सस्ता कुछ बना ही नहीं सकता 140 00:07:41,694 --> 00:07:43,692 और कारण तो साधारण गणितीय है। 141 00:07:43,692 --> 00:07:44,956 यह बस ऐसे ही काम करता है। 142 00:07:44,956 --> 00:07:46,853 जब तक पूंजी का मूल्य इतना अधिक रहेगा 143 00:07:46,853 --> 00:07:48,554 व अनुमोदन प्रक्रिया इतनी लंबी रहेगी 144 00:07:48,554 --> 00:07:50,053 आपको आलीशान मकान ही मिलेंगे। 145 00:07:50,053 --> 00:07:53,153 कंपनियाँ जिन्होंने इस स्पष्ट उद्देश्य से शुरुआत की 146 00:07:53,153 --> 00:07:57,022 कि वे वहाँ योग्य घर बनाएँगी... बड़ी बड़े निवेश प्राप्त किए 147 00:07:57,022 --> 00:08:00,123 निजी निवेशकों से 700,000 रुपये के घर बनाने के लिए... 148 00:08:00,123 --> 00:08:02,465 आज पचास लाख रुपयों के घर बना रही हैं 149 00:08:02,465 --> 00:08:07,314 क्योंकि अनुमोदन प्रक्रिया ने उनके साथ यह कर दिया है। 150 00:08:07,314 --> 00:08:10,314 यह उन सब नियंत्रणों का प्रभावी नतीजा है 151 00:08:10,314 --> 00:08:13,783 जिन्हें अच्छी नीयत से लागू किया गया था, 152 00:08:13,783 --> 00:08:16,503 मगर ज़ाहिर है... आपने सुना होगा 153 00:08:16,503 --> 00:08:18,873 नर्क का रास्ता सदा अच्छाइयों से ही निकलता है। 154 00:08:18,873 --> 00:08:21,080 यह उसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। 155 00:08:22,600 --> 00:08:24,929 आप अर्थशास्त्र में निपुणता प्राप्ति की राह पर हैं। 156 00:08:24,929 --> 00:08:27,924 इस ज्ञान को स्थाई रखने के लिए कुछ अभ्यास प्रश्न कीजिये। 157 00:08:28,306 --> 00:08:30,886 या, यदि आप और विकास अर्थशास्त्र अध्ययन को तैयार हैं, 158 00:08:30,886 --> 00:08:32,389 अगले वीडियो पर क्लिक करें। 159 00:08:32,834 --> 00:08:33,995 अभी यहीं हैं? 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