१९९५ की बात है,
मैं महा-विद्यालय में हूँ,
और एक दोस्त के साथ सड़क यात्रा पर जाती हूँ
प्रोविडेंस, र्होड़े द्वीप से
पोर्टलैंड, ओरेगोन तक.
हम जवान और बेरोजगार थे,
तो हम पुरे रस्ते छोटे रास्तों से गए
राजिये पार्को में
और राष्ट्रीय वनों में --
मतलब सबसे लम्बा रास्ता जो हम ले सकते थे.
दक्षिण डकोटा के बीच में कहीं,
मैंने अपनी दोस्त को देखा
और एक सवाल पुछा
जो मुझे परेशां कर रहा था
पिछले २००० मील से .
"यह चीनी शब्द क्या है जो बार बार सड़क किनारे दीखता है ?"
मेरी दोस्त ने मुझे देखा , आश्चर्य से .
यहाँ एक संज्जन हैं
जो बिलकुल उसकी नक़ल कर रहे हैं .
खिल-खिलाहट
मैंने कहा , "मतलब ,
वे सभी निशाँ जो हमें दीखते हैं
जिन पर चीनी में कुछ लिखा है "
वो मुझे देखती है कुछ पल के लिए,
और फिर जोर से हसने लगती है ,
क्योकि वोह समझ जाती है मैं क्या कह रही हूँ .
और में इसके बारे में बात कर रही थी.
हंसी
हाँ , यह है मशहूर चीनी पिकनिक का चिन्ह.
हंसी
मैंने अपनी ज़िन्दगी के पांच साल बिताए हैं
परिस्थितियों के बारे में सोचते हुए
बिलकुल ऐसी ही --
क्यों हम गलत समझ जाते हैं
अपने आस पास के चिन्हों को ,
और हम कैसा व्यहवार करते हैं जब ऐसा होता है ,
और यह सब क्या मानव स्वभाव के बारे में हमें क्या बताता है.
दूसरे शब्दों में, जैसा कि आपने क्रिस को कहते सुना है ,
मैंने पिछले पांच साल बिताए है
गलत होने के बारे में सोचते हुए .
यह आपको एक अजीब व्यवसाय लगेगा,
लेकिन यह वास्तव में एक महान लाभ है:
कोई नौकरी प्रतियोगिता नहीं.
हंसी
वास्तव में, हम सब कुछ करते हैं
अपनी गलतियों के बारे में सोचने से बचने के लिए,
या कम से कम संभावना के बारे में सोचने से बचने के लिए
कि हम खुद गलत हो सकते हैं.
हम तत्त्व में चले जाते हैं.
हम सभी जानते हैं इस कमरे में हर कोई गलती करता है.
मानव प्रजाति, सामान्य में, अपूर्ण है - यह ठीक है .
लेकिन जब यह "मेरे" ऊपर आती है ,
मेरी मान्यताओं पर,
वर्तमान काल में यहाँ,
अचानक तत्त्व में अपूर्णता की यह सराहना
खिड़की से बाहर चली जाती है -
और मैं वास्तव में खुद गलत हूँ, इस के बारे में सोच नहीं सकती.
और बात है, वर्तमान काल है जहां हम रहते हैं.
हम वर्तमान में बैठकों में जाते हैं;
हम वर्तमान में परिवार की छुट्टियों पर जाते हैं;
हम चुनाव में वोट करते हैं वर्तमान काल में.
तो प्रभावी ढंग से, हमारा जीवन निकल जाता है ,
इस छोटे बुलबुले में फंस
सब कुछ के बारे में बहुत सही महसूस कर.
मुझे लगता है कि यह एक समस्या है.
मुझे लगता है कि यह एक व्यक्ति के रूप में हम में से प्रत्येक के लिए एक समस्या है,
हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में,
और मुझे लगता है कि यह हमारे लिए सांस्कृतिक रूप से एक सामूहिक समस्या है.
तो मैं यह चाहती हूँ
की सब से पहले बात करू इस बारे में की हम अटक क्यों जाते हैं
सही जा रहे हैं, इस भावना के अंदर .
और दूसरा, यह एक ऐसी समस्या क्यों है.
और अंत में, मैं आप को विश्वास करना चाहती हूँ
कि यह संभव है
उस अहसास से कदम बहार रखना,
की अगर आप ऐसा कर सकते हैं ,
यह सबसे बड़ा एकल है
नैतिक, बौद्धिक और रचनात्मक छलांग आप कर सकते हैं.
तो हम क्यों अटक जाते हैं
सही जा रहा है की इस भावना में?
एक कारण वास्तव में गलत जा रहा है की भावना के साथ है .
तो मुझे आप लोगों से कुछ पूछना है-
या वास्तव में, मुझे आप लोगों से कुछ पूछना चाहिए, क्योंकि आप यहीं हो :
भावनात्मक तौर पर - यह कैसा लगता है -
आप गलत हो कैसा महसूस होता है?
भयानक. नीचे अंगूठा.
शर्मनाक है. ठीक है, बढ़िया, अच्छा है .
भयानक, नीचे अंगूठा, शर्मनाक -
शुक्रिया, इन बढ़िया जवाब रहे हैं,
लेकिन वे एक अलग सवाल के जवाब हैं.
तुम लोग सवाल का जवाब दे रहे हैं:
की कैसा लगता है जब एहसास होता है की तुम गलत हो?
हंसी
अहसास होना की तुम गलत हो ऐसा लगता है, और भी बोहोत कुछ लगता है, ठीक है ना?
मेरा मतलब यह विनाशकारी हो सकता है, यह अन्दर महसूस हो सकता है ,
यह वास्तव में काफी मजेदार हो सकता है ,
मेरी बेवकूफ चीनी चरित्र गलती की तरह .
लेकिन सिर्फ गलत होना
कुछ भी महसूस नहीं करता है.
मैं तुम्हें एक सादृश्य दूँगी.
क्या आप है कि लूनी धुन कार्टून याद है
जहां इस दयनीय कोयोट
जो हमेशा पीछा करता था एक पक्षी का, और उसे कभी भी पकड़ नहीं पता था?
इस कार्टून के हर प्रकरण में,
वहाँ एक पल है जहाँ कोयोट पक्षी का पीछा कर रहा है
और पक्षी एक चट्टान पर से भाग जाता है ,
जो ठीक है, वह एक पक्षी है, वह उड़ सकता है.
लेकिन बात यह है, कोयोट भी उसके बाद चट्टान के आगे भाग जाता है.
और क्या अजीब बात है -
आप कम से कम छह साल की उम्र हो अगर -
ये कि कोयोट पूरी तरह से ठीक भी है.
वह सिर्फ भागता रहता है -
उस पल तक जब तक वह नीचे देखता है
और एहसास करता है की वह मध्य हवा में है.
यही कारण है कि वह गिरता है.
जब हम किसी चीज़ के बारे में गलत हो
जब तक हमें एहसास है, उससे पहले -
हम उस कोयोट की तरह हैं
जब वह चट्टान से आगे चला गया है और इससे पहले कि वह नीचे देखता है.
तुम्हें पता है, हम पहले से ही गलत हैं ,
हम पहले से ही मुसीबत में हैं,
लेकिन हमें लगता है जैसे हम ठोस जमीन पर हो.
इसलिए मुझे ठीक करना चाहिए जो मैंने एक पल पहले कहा था.
गलत होना महसूस होता है ;
यह सही होने जैसा महसूस होता है.
(हँसी)
तो यह एक कारण है, एक संरचनात्मक कारण है,
हम सच्चाई की इस भावना के अंदर क्यों अटक जाते हैं .
मैं इस त्रुटि अंधापन कहती हूँ.
अधिकांश समय,
हमें आंतरिक इशारा नहीं होता
की हम किसी बारे में गलत कर रहे हैं,
जब तक बहुत देर हो चुकी है.
लेकिन वहाँ एक दूसरा कारण है कि हम इस अहसास में क्यों अटक जाते है -
और यह एक सांस्कृतिक है.
प्राथमिक स्कूल के बारे में एक पल के लिए वापस सोचो.
तुम वहाँ कक्षा में बैठे हो,
और अपने शिक्षक वापस प्रश्नोत्तरी कागजात सौंप रहे हैं,
और उनमें से एक इस तरह दिखता है.
यह मेरा तरीका नहीं है.
हंसी
तो तुम ग्रेड स्कूल में हो
और आप जानते हैं कि वास्तव में क्या सोचना है
उस बच्चे के विषय में जिसे यहपत्र मिला.
यह गूंगा बच्चा, उपद्रवी,
जो अपने होमवर्क करता है कभी नहीं .
तो जिस समय से आप नौ साल के हैं,
आप पहले से ही सब सीख चुके हैं,
कि जो लोग गलती करते हैं
आलसी, गैर जिम्मेदाराना बेवक़ूफ़ हैं -
और दूसरा,
कि जिस तरह से जीवन में सफल होते हैं
वो है किसी भी गलतियाँ नहीं करना.
हम वास्तव में अच्छी तरह से इन वास्तव में बुरे सबको को सीखते हैं .
और हम में से बहुत -
और मुझे संदेह है, विशेष रूप से इस कमरे में हम में से बहुत -
उनसे समझोता करते हैं, बन कर,
उत्तम छात्र बन कर,
सब कुछ सही करने वाले, अधिक-कामयाब.
ठीक है,
श्री सीएफओ, खगोल शास्त्री, अल्ट्रा पहलवान?
हंसी
आप सभी हैं सीएफओ, खगोल शास्त्री, अल्ट्रा पहलवान.
ठीक है, तो ठीक है.
पर तब नहीं, जब हम सनक जाते हैं
इस संभावना से, कि हम ने कुछ गलती कर दी है.
क्योंकि इस के अनुसार,
कुछ गलत करना
इस का अर्थ है हमारे साथ कुछ गड़बड़ है.
तो हम बस जिद करते हैंकि हम सही हैं,
क्योंकि यह महसूस करता है हमें स्मार्ट और जिम्मेदार
और धार्मिक और सुरक्षित है
तो मैं तुम्हें एक कहानी सुनती हूँ.
दो वर्ष पहले,
एक औरत बैठ इसराइल देकोनेस मेडिकल सेंटर में सर्जरी के लिए आती है.
बैठ बोस्टन में है.
यह हार्वर्ड के लिए शिक्षण अस्पताल है -
देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक.
तो इस महिला में आती है और वह ऑपरेटिंग कमरे में ले जाई गयी.
वह बेहोश है, सर्जन अपना काम करता है -
उसे वापस टाँके लगा, उसे भेजता है दुसरे के कमरे में .
सब कुछ ठीक ठाक हुआ
और वह जाग, खुद पर नज़र डालती है,
और वह कहती हैं, "पट्टियों मेरे शरीर के गलत साइड पर क्यों है? "
वैसे उसके शरीर के गलत साइड पट्टीयों में है
क्योंकि सर्जन ने एक बड़ा ऑपरेशन किया गया है
उसे सीधे के बजाय उसके बाएं पैर पर हुआ है.
जब स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता के लिए बैठ इसराइल के उपाध्यक्ष
इस घटना के बारे में बात करते हैं,
उन्होंने कहा कि कुछ बहुत ही रोचक .
उन्होंने कहा, "जो भी कारण हो,
सर्जन ने बस महसूस किया
कि वह रोगी के सही पक्ष पर था. "
हंसी
इस कहानी का मर्म
है कि बहुत ज्यादा अहसास पर भरोसा
किसी भी चीज़ के सही पक्ष पर होने का
बहुत खतरनाक हो सकता है .
सच्चाई की यह आंतरिक भावना
जो हम सब बहुत अक्सर अनुभव करते हैं
एक विश्वसनीय गाइड नहीं है
उस चीज़ के लिए जो वास्तव में बाहरी दुनिया में चल रही है.
और जब हम ऐसे कार्य करते हैं जैसे की वो हो,
और हम मानना बंद कर देते हैं की हम गलत हो सकते हैं ,
तब हम चीज़े करते हैं
जैसे मैक्सिको की खाड़ी में 200 मिलियन गैलन तेल की डंपिंग की तरह ,
या वैश्विक अर्थव्यवस्था हिलाना.
तो यह एक बड़ी व्यावहारिक समस्या है.
लेकिन यह भी एक बड़ी सामाजिक समस्या है.
एक पल के लिए सोचो, कि सही होना कैसा लगता है .
इसका मतलब है कि आपको लगता है कि आपके विश्वास
पूरी तरह से वास्तविकता को प्रतिबिंबित करते हैं.
और जब तुम उस तरह महसूस करते हो,
आप के पास एक समस्या है सुलझाने के लिए,
जो है, आप कैसा बताएँगे
उन लोगों को जो आप के साथ असहमत हैं?
यह पता चला है, हम में से ज्यादातर उन लोगों को एक ही तरीके से बताएँगे ,
दुर्भाग्यपूर्ण मान्यताओं की एक श्रृंखला का सहारा ले कर .
सबसे पहले, आम तौर जब कोई हमारे साथ सहमत नहीं होता हम
मान लेते हैं कि वे अज्ञानी हैं .
उनके पास जानकारी नहीं है,
और जब हम उदारता से उनके साथ जानकारी का योगदान कर लेते हैं ,
हम मानते हैं की वे समझ कर हमारी टीम मेंआ जाएँगे,
जब वह काम नहीं करता,
जब पता लगता है उन लोगों को सब तथ्य है
और वे अभी भी हमारे साथ असहमत हैं ,
तो हम एक दूसरी धारणा की और कदम बढ़ाते हैं,
जो है कि वे बेवकूफ हैं.
हंसी
उनके पास पहेली के सभी टुकड़े हैं,
मगर वेह मूर्ख हैं और वे उन्हें एक साथ सही से नहीं डाल पा रहे .
और जब वह काम नहीं करता,
जब पता लगता है कि जो लोग हमारे साथ असहमत हैं
उन के पास तथ्य भी हैं
और वास्तव में वह बहुत चालाक भी हैं ,
तो हम एक तीसरी धारणा पर कदम रखते hain:
वे सच जानते हैं,
और वे जान - बूझकर उसे विकृत कर रहे हैं
अपने स्वयं के द्रोही प्रयोजनों के लिए.
तो यह एक त्रासदी है.
हमारी अपनी सच्चाई के लिए यह आसक्ति
हमें गलतियों को रोकने से रोकती है
जब हमें उसकी सख्त जरूरत होती है
और हमें एक दूसरे को बहुत बुरा व्यवहार करने पर मजबूर करती है.
लेकिन मेरे लिए यह सबसे चोकने वाला है
और इस बारे में सबसे दुखद
है कि यह इंसानियत की सारी बात भूला देती हैं.
ऐसा लगता है कि हम कल्पना करना चाहते हैं
कि हमारे दिमाग बस पूरी तरह से पारदर्शी खिड़कियों हैं
और हम सिर्फ उन से बाहर टकटकी लगा
दुनिया का वर्णन कर रहे हैं.
और हम चाहते हैं की बाकी सब भी उसी एक खिड़की से बाहर देखे
और बिलकुल वही एक ही बात देखें.
यह सच नहीं है,
और अगर यह होता, तो जीवन अविश्वसनीय रूप से उबाऊ होगा .
अपने मन का चमत्कार
यह नहीं है की तुम दुनिया को जैसा है वैसा देख सकते हो.
वो है कि आप दुनिया को वैसे देख सकते हैं जैसा वो नहीं है.
हम अतीत को याद कर सकते हैं,
और हम भविष्य के बारे में सोच सकते हैं,
और हम सोच सकते हैं यह कैसे होगा
कुछ अन्य जगह में कुछ अन्य व्यक्ति होना.
और हम सब यह थोड़ा अलग करते हैं,
इसलिए हम सभी एक ही रात्रि आकाश को देख सकते हैं
और यह देख सकते हैं
और यह भी
और यह भी.
और हाँ, यह भी कारण है कि हम चीजों को गलत समझते हैं.
१२०० साल पहले डेसकार्टेस ने यह प्रसिद्ध बात कही
"मैं सोचता हूँ इसलिए मैं हूँ"
यह आदमी, सेंट औगुस्तिने, बैठे
और लिखा "Fallor ergo sum" -
"मैं गलती करता हूँ इसलिए मैं हूँ."
ऍगस्टीन समझते थे
कि हमारी खराब करने की क्षमता,
यह शर्मनाक दोष नहीं है
मानव प्रणाली में,
कुछ हम उन्मूलन या दूर कर सकते हैं.
यह पूरी तरह से जो हम हैं, मौलिक है.
क्योंकि, भगवान की तरह ,
हम वास्तव में क्या हो रहा है, नहीं जान सकते.
और सभी अन्य जानवरों से अलग,
हम उसे समझने की कोशिश कर रहे हैं.
मेरे लिए, यह जुनून
स्रोत और जड़ है
हमारी उत्पादकता और रचनात्मकता का.
पिछले वर्ष विभिन्न कारणों से,
मैं कई एपिसोड सुने
"यह अमेरिकन लाइफ" पब्लिक रेडियो शो के.
और मैं सुनती रही और सुनती रही,
और कुछ बिंदु पर, मैं महसूस करने लगी
की सभी कहानियों गलत होने के बारे में हैं .
और मेरी पहली सोच थी,
"मैंने दिमाग खो दिया है.
मैं बन गयी हूँ पागल गलती वाली औरत.
मैंने उसे सब जगह मंगदत कर लिया है."
जो हुआ है.
दो महीनों बाद ,
मैंने वास्तव में ईरा ग्लास, जो शो के मेजबान है, उनका साक्षात्कार किया .
और मैंने उनसे इसका उल्लेख किया,
और उन्होंने कहा, "नहीं, वास्तव में, यह सच है.
वास्तव में," वे कहते हैं ,
एक कर्मचारी के रूप में, हम मजाक करते हैं
की हमारा हर क्रमांकन
उसी विषय पर है.
और वह विषय है:
"मुझे लगा एक चीज़े होगी
मगर कुछ और हुआ"
और असल बात यह है, "इरा ग्लास ने कहा, "हमें यह चाहिए,
यह पल
आश्चर्य और परिवर्तन और गलतियों के
इन कहानियों का काम बनाने के लिए. "
और बाकी हम सब दर्शक गन के लिए
श्रोता के रूप में, पाठकों के रूप में,
हम इसे पसंद करते हैं.
हम विषय पलट कहानिया पसंद करते हैं
और आश्चर्य अंत.
जब बात हमारी कहानियों की है ,
हमें गलतियों से प्यार है.
लेकिन, तुम्हें पता है, हमारी कहानियों इस तरह हैं
क्योंकि हमारे जीवन इस तरह हैं.
हमें लगता है कि ऐसा होने वाला है
और बजाय कुछ और होता है.
जॉर्ज बुश ने सोचा था कि वह इराक पर आक्रमण करेंगे ,
सामूहिक विनाश के हथियारों का एक गुच्छा मिल जाए,
लोगों को आजाद करेंगे और मध्य पूर्व के लिए लोकतंत्र लायेंगे.
और कुछ और हुआ .
और होस्नी मुबारक
सोचा था कि वह मिस्र के तानाशाह हो अपने जीवन के बाकी साल काटेंगे,
जब तक वह बहुत बूढ़े या बहुत बीमार हो
और उनके बेटे को सत्ता दे सकते हैं .
और कुछ और हुआ .
और शायद आपने सोचा
आप बड़े हो कर उच्च विद्यालय की अपनी प्रेमिका से शादी करोगे
और अपने पुराने शहर में वापस जा कर बच्चों का एक झुंड बढ़ा करोगे .
और कुछ और हुआ .
और मुझे आप को बताना है
कि मैंने सोचा था कि मैं एक अविश्वसनीय अध्ययनशील किताब लिख रही हूँ
ऐसे विषय पर जिसे कोई पसंद नहीं करता
एक श्रोता गन के लिए यह कभी नहीं हो सकता
और कुछ और ही हुआ .
हंसी
मेरा मतलब है, यह जीवन है.
अच्छे के लिए और बुरे के लिए,
हम इन अविश्वसनीय कहानियों को उत्पन्न करते हैं
हमारी दुनिया के बारे में,
और फिर दुनिया मुडती है और हमें आश्चर्य में दाल देती है.
कोई अपमान नहीं है, लेकिन यह पूरा सम्मेलन
एक अविश्वसनीय स्मारक है
हमारे गलत होने की क्षमता के लिए.
हमने एक पूरे सप्ताह
नवाचार और प्रगति के बारे में बात की है
और सुधार,
लेकिन आप जानते हैं कि क्यों हमें उन नवाचारों की जरूरत है
और प्रगति और सुधार?
क्योंकि आधा सामान
कि आश्चर्यजनक और दुनिया में फेरबदल करने वाला है -
TED १९९८ -
एह.
(हँसी)
वैसा हुआ नहीं जैसा हम चाहते थे.
(हँसी)
मेरे जेट पैक कहाँ है, क्रिस?
(हँसी)
(अभिनन्दन)
हम फिर यहीं हैं
और यह ऐसे चलता है.
हम एक और विचार के साथ आगे आते हैं .
हम एक और कहानी बताते हैं.
हम एक और सम्मेलन का आयोजन करते हैं.
इस वाली का विषय,
जो आप लोग अब तक सत्तर लाख बार सुन चुके हैं,
है आश्चर्य के पुन्हा-खोज.
और मेरे लिए,
अगर तुम सच में आश्चर्य पुन्हा-खोज करना चाहते हो,
तुम्हे बाहर कदम रखना होगा
उस छोटे, डरे हुए सच्चाई के अंतरिक्ष से
और अपने आस पास, और एक दुसरे को देखो
बहार विशालता को देखो
और जटिलता और रहस्य
ब्रह्मांड के
और कहने के लिए सक्षम हो,
"वाह, मुझे नहीं मालूम.
शायद मैं गलत हूँ"
धन्यवाद.
अभिनन्दन
आप लोगों को धन्यवाद.
अभिनन्दन