0:00:08.041,0:00:12.717 1990 में, इटली की सरकार ने[br]उच्च इंजीनियरों को 0:00:12.717,0:00:16.717 पीसा की विख्यात झुकती मीनार को[br]स्थिर करने का काम सौंपा। 0:00:16.717,0:00:20.789 अपने 800 वर्ष के इतिहास में इस मीनार को[br]ठीक करने की कई कोशिशें की जा चुकी थीं, 0:00:20.789,0:00:25.923 परन्तु इस दल के कम्प्यूटर नमूनों ने[br]स्थिति की तात्कालिकता का खुलासा किया। 0:00:25.923,0:00:28.041 इन्होंने अनुमान लगाया कि अगर मीनार 0:00:28.041,0:00:31.592 5.44 डिग्री के कोण पर पहुँच गई,[br]तो वह गिर पड़ेगी, 0:00:31.592,0:00:35.132 और वह अभी 5.5 डिग्री के कोण पर[br]झुकी हुई थी। 0:00:35.132,0:00:38.491 कोई नहीं जानता था[br]कि मीनार आखिर अभी तक खड़ी कैसे थी 0:00:38.491,0:00:39.857 परन्तु संकट साफ़ था: 0:00:39.857,0:00:43.987 उनको उस समस्या को सुलझाना था[br]जिसने सदियों से इंजीनियरों को उलझा रखा था 0:00:43.987,0:00:46.462 और वह भी जल्द से जल्द। 0:00:46.462,0:00:48.102 उनकी स्थिति को समझने के लिए 0:00:48.102,0:00:51.832 यह समझना ज़रूरी है कि यह मीनार[br]असल में झुकनी आरम्भ कैसे हुई। 0:00:51.832,0:00:55.806 12वीं सदी में,[br]पीसा के धनी समुद्री गणराज्य ने 0:00:55.806,0:00:58.132 अपने गिरजाघर के चौक को 0:00:58.132,0:01:00.663 एक शानदार सीमाचिह्न में बदलने का[br]कार्य आरम्भ किया। 0:01:00.663,0:01:04.143 कर्मीदल ने मौजूदा गिरिजाघर को[br]संवारा और बड़ा किया, 0:01:04.143,0:01:08.096 और चौक में एक विशाल गुम्बददार[br]प्रथम जल-संस्कार की जगह भी बनाई। 0:01:08.096,0:01:15.285 1173 में, एक मुक्त खड़े घण्टा-घर का[br]निर्माण कार्य आरम्भ हुआ। 0:01:15.285,0:01:19.265 उस समय के इंजीनियर और वास्तुकार[br]अपनी कला में माहिर थे। 0:01:19.265,0:01:21.423 परन्तु इतनी इंजीनियरिंग की जानकारी[br]होते हुए भी 0:01:21.423,0:01:25.337 वह उस भूमि के बारे में बहुत कम जानते थे[br]जिस पर वह खड़े थे। 0:01:25.337,0:01:29.227 पीसा का नाम "दलदली भूमि" के लिए[br]प्रयोग किए जाने एक ग्रीक शब्द से बना है, 0:01:29.227,0:01:31.593 जो उस शहर की सतह के नीचे की चिकनी मिट्टी, 0:01:31.593,0:01:35.336 कीचड़, और गीली रेत का[br]पूरी तरह से वर्णन करता है। 0:01:35.336,0:01:40.037 प्राचीन रोम के लोग समान परिस्थितियों को[br]विशालकाय पत्थरों के स्तम्भों से 0:01:40.037,0:01:41.470 प्रभावहीन करते थे 0:01:41.470,0:01:44.161 जो धरती के स्थाई आधार पर टिके होते थे। 0:01:44.161,0:01:49.485 परन्तु मीनार के वास्तुकारों का मानना था[br]कि एक तीन मीटर की नींव 0:01:49.485,0:01:52.005 उनकी अपेक्षाकृत छोटी संरचना के लिए[br]पर्याप्त रहेगी। 0:01:52.005,0:01:55.451 उनके दुर्भाग्य से,[br]अभी पाँच वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे, 0:01:55.451,0:01:59.454 और मीनार का दक्षिणी किनारा[br]धरती के अंदर धँस भी चुका था। 0:01:59.454,0:02:03.672 ऐसी खिसकती हुई नींव[br]आम तौर पर एक घातक दोष होता। 0:02:03.672,0:02:05.440 अगर कर्मीदल और भार बढ़ाते, 0:02:05.440,0:02:08.687 तो ऊपरी मंज़िलों का दबाव संरचना को[br]और नीचे धँसा देता 0:02:08.687,0:02:11.223 टेढ़े झुकाव को घातक रूप से बढ़ा देता। 0:02:11.223,0:02:15.334 पर जैसे-जैसे पीसा एक लम्बे समय के लिए[br]युद्ध में उतरता चला गया 0:02:15.334,0:02:18.951 निर्माणकार्य चौथी मंज़िल पर ही[br]लगभग एक सदी के लिए रुक गया। 0:02:18.951,0:02:22.111 इस लम्बे विराम से मिट्टी में ठहराव आ गया, 0:02:22.111,0:02:25.574 और जब 1272 में[br]निर्माणकार्य फिर से आरम्भ हुआ, 0:02:25.574,0:02:29.156 तब तक नींव थोड़े और अधिक[br]स्थायी आधार पर टिकी थी। 0:02:29.156,0:02:32.708 वास्तुकार जियोवन्नी दी सिमोन के[br]नेतृत्व में 0:02:32.708,0:02:35.694 कर्मीदल ने मीनार के[br]ज़रा से झुकाव की प्रतिपूर्ति 0:02:35.694,0:02:40.213 दक्षिणी हिस्से की अगली कुछ मंज़िलों को[br]ऊँचा बनाकर की। 0:02:40.213,0:02:44.798 पर अतिरिक्त पत्थरों के भार से[br]वह हिस्सा और भी गहरा धँस गया। 0:02:44.798,0:02:48.138 जब तक उन्होंने सातवीं मंज़िल[br]और घण्टे के कक्ष को पूरा किया, 0:02:48.138,0:02:52.263 तब तक झुकाव[br]1.6 डिग्री के कोण पर आ चुका था। 0:02:52.263,0:02:56.776 सदियों तक, इंजीनियरों ने अनेक रणनीतियों से[br]झुकाव को ठीक करने का प्रयास किया। 0:02:56.776,0:03:00.152 1838 में, उन्होंने धंसी हुई[br]नींव की जांच करने के लिए 0:03:00.152,0:03:01.987 आधार के चारों ओर[br]एक रास्ते की खुदाई की। 0:03:01.987,0:03:06.047 पर सहारा देने वाली रेत को हटाने से[br]झुकाव और भी बदतर हो गया। 0:03:06.047,0:03:09.648 1935 में, इटालियन कॉर्प्स ऑफ़ इंजीनियर्स ने 0:03:09.648,0:03:12.520 नींव को प्रबल बनाने के लिए[br]गारे का भराव किया। 0:03:12.520,0:03:16.500 परन्तु गारा नींव में बराबर फैला नहीं, 0:03:16.500,0:03:19.612 जिससे अचानक एक और झुकाव आ गया। 0:03:19.612,0:03:23.607 इन सारे असफल प्रयासों ने,[br]लगातार झुकती नींव के साथ मिल कर 0:03:23.607,0:03:26.695 मीनार को गिर पड़ने के कगार के[br]और पास ला खड़ा किया। 0:03:26.695,0:03:29.853 और मिट्टी की बनावट की[br]स्पष्ट जानकारी के अभाव में 0:03:29.853,0:03:33.356 इंजीनियर न तो मीनार जिस पर गिर पड़ेगी,[br]वह कोण निर्धारित कर पाए, 0:03:33.356,0:03:36.533 नही उसको गिरने से बचाने का तरीका ख़ोज पाए। 0:03:36.533,0:03:38.795 दूसरे विश्व युद्ध के बाद के कुछ वर्षों में 0:03:38.795,0:03:42.902 शोधकर्ताओं ने उन अज्ञात परिवर्तनियों को[br]पहचानने के परिक्षण विकसित कर लिए। 0:03:42.902,0:03:44.590 और 1970 के दशक में, 0:03:44.590,0:03:48.925 इंजीनियरों ने टेढ़ी मीनार के[br]गुरुत्वाकर्षण के केन्द्र की गणना कर ली। 0:03:48.925,0:03:51.715 इस जानकारी और नई कंप्यूटिंग तकनीक के साथ 0:03:51.715,0:03:56.417 इंजीनियर मिट्टी की कठोरता,[br]मीनार का प्रक्षेपवक्र, 0:03:56.417,0:03:58.919 और खुदाई की उस सटीक मात्रा का[br]नमूना बना सकते थे 0:03:58.919,0:04:01.556 जितनी मीनार को खड़े रखने के लिए आवश्यक थी। 0:04:01.556,0:04:05.236 1992 में, कर्मीदल ने विकर्ण सुरंगें खोद 0:04:05.236,0:04:10.565 मीनार के उत्तरी सिरे के नीचे से[br]38 घन मीटर मिट्टी निकाली। 0:04:10.565,0:04:16.551 फ़िर, उन्होंने अस्थायी रूप से संरचना का[br]600 टन सीसे के पिंडों से पतिसंतुलन कर 0:04:16.551,0:04:19.811 आधार पर स्टील की तारों से[br]लंगर डाल कर सहारा दिया। 0:04:19.811,0:04:22.605 अपने निर्माण की[br]छः सदियों से भी ज़्यादा के बाद, 0:04:22.605,0:04:27.852 मीनार को आख़िरकार लगभग चार डिग्री के कोण पर[br]सीधा कर लिया गया। 0:04:27.852,0:04:29.872 कोई नहीं चाहता था की मीनार गिर जाए, 0:04:29.872,0:04:33.988 पर सीमाचिन्ह की सबसे प्रसिद्ध रचना को[br]कोई खोना भी नहीं चाहता था। 0:04:33.988,0:04:38.839 आज यह मीनार 55 या 56 मीटर की[br]ऊँचाई पर खड़ी है 0:04:38.839,0:04:42.309 और कम से कम 300 वर्षों तक स्थिर रहेगी 0:04:42.309,0:04:45.793 तृटिपूर्णता की सुंदरता के[br]स्मारक के रूप में।