एम आर यूनिवर्सिटी अर्थशास्त्र सीखिये, अपने विश्व को समझिए ♪ [संगीत] ♪ अर्थशास्त्र के सिद्धान्त बचत और उधार 15 सितम्बर 2008, विश्व की वित्तीय प्रणाली बिलकुल हिल चुकी थी जब निवेश बैंक, लिहमन ब्रदर्स ने, दिवालिया घोधित होने के लिए अर्ज़ी डाली। प्रभाव बहुत बड़ा था, इसलिए नहीं की लिहमन ब्रदर्स बहुत बड़ी कंपनी थी, लेकिन क्योंकि ये एक बहुत मत्वपूर्ण वित्तीय मध्यस्थ था, एक संस्था जो अंतर कम करने में सहायता करती है। बचतकर्ता और उधारलेने वालों के बीच में, लिहमन ब्रदर्स की असफलता बहुत सारे घटनाओं की शुरुआत थी। जिसने बहुत बुरे आर्थिक मंदी का संकेत दिया। महामंदी के बाद से। और वहां बहुत सारे मत्वपूर्ण दृष्टिकोण थे महामंदी के, उनमें से एक घटती हुई कुशलता थी वित्तीय मधयस्थता की। अब, कुछ बाद की वीडियोज़ हम आपको इसके बारे में समझाने जा रहे हैं विस्तार से। लेकिन अभी के किये, हम शुरू करना चाहते हैं, कुछ मूलभूत अवलोकनों के साथ जैसे की वित्तीय मध्यस्थता इतनी क्यों महत्वपूर्ण है। हम शुरू करेंगे बचत की पूर्ति के साथ और उधार लेने की मांग को, और बाजार जो उन्हें पास लाते है-- बाजार के लिए उधार योग्य फण्ड। और अब हम कार्य आगे ले जायेंगे महामंदी के एक परिक्षण में। तो लोग क्यों सिर्फ उधार लेते और बचत करते है? खैर,चलिए हम कल्पना करते है, एक दुनिया बिना उधार और बचत की। बहुत से लोगों की आय ज़िन्दगी भर एक जैसी नहीं रहती है।