बहुत से लोगो का मानना है कि गाड़ी चलाना सिर्फ उनका काम है जो देख सकते हैं | एक नेत्रहीन व्यक्ति का सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से कार चलाना अब तक एक असंभव काम सोचा जाता था | नमस्कार, मेरा नाम डेनिस होंग है, और हम नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए स्वाधीनता और आज़ादी ला रहे है दृष्टीविहीन व्यक्तियों के लिए वाहन बना कर | इससे पहले कि नेत्रहीन व्यक्ति की इस कार के बारे में बताऊ, मुझे संक्षिप्त में एक और परियोजना के बारे में बताने दे, जिस पर मैंने काम किया है इसका नाम डारपा अर्बन चैलेन्ज (DARPA Urban Challenge) है| यह एक रोबोटिक कार बनाने के बारे में है जो स्वचालित थी| स्टार्ट कीजिये और कुछ करने की जरुरत नहीं, और यह अपने गंतव्य तक खुद ही पहुँच सकती है| 2007 में हमारे दल ने पाँच लाख डालर जीते थे इस प्रतियोगता में तृतीय(3rd) आ कर| उस समय, नेशनल फेडरेसन ऑफ़ दी ब्लाइंड (National Federation of the Blind (NFB)) ने शोध समिति को चुनौती दी एक ऐसी कार बनाने के लिए जिसे नेत्रहीन व्यक्ति सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से चला सके | हमने इस बारे में प्रयास करने का फैसला लिया, क्युकि हमने सोचा कि ये कितना कठिन हो सकता है| हमारे पास एक स्वचालित वाहन पहले से है| हमे बस एक नेत्रहीन को चलाने देना है और काम होगया, है ना? (हंसी) हम इससे ज्यादा गलत नहीं हो सकते थे | NFB को ऐसा वाहन नहीं चाहिए था जो नेत्रहीन को इधर उधर ले जा सके, बल्कि एक ऐसा वाहन जिसे नेत्रहीन व्यक्ति स्वयं निर्णय ले कर चला सके | तो हमे सब कुछ कबाड़ में फेकना पड़ा और नए सिरे से शुरुवात करनी पड़ी | इस नई योजना को परिक्षण करने के लिए हमने एक छोटा dune buggy वाहन का प्रतिरूप बनाया ऐसे वाहन की संभावना परखने के लिए| 2009 के ग्रीष्म ऋतू में हमने सारे देश से बहुत से नेत्रहीन युवको को बुलाया और उन्हें प्रतिरूप वाहन को चलाने का मौका दिया| यह एक सचमुच निराला अनुभव था| लेकिन ऐसी कारो के साथ समस्या यह थी कि ये सिर्फ नियंत्रित परिवेश में चलाने के लिए बनाई गयी थी, सपाट और सीमित गाड़ी रखने के जगह पर जहा रास्ते भी लाल खंबो से निश्चित किये गए थे | इस सफलता के साथ, हमने अगला बड़ा कदम लेने का निर्णय लिया, ऐसी सचमुच की कार का निर्माण करना जो असली रास्तो पर चलायी जा सके| तो ये कैसे काम करती है? यह एक काफी जटिल प्रणाली है, लेकिन मैं इसे सरलता से समझाने का प्रयास करता हूँ इसके 3 चरण है ये है अनुभूति, संगणना दृश्य के अलावा दुसरे संकेत देना सीधी सी बात है चालक देख नहीं सकता तो इस प्रणाली को परिवेश को देखना होगा और सूचनाओ को चालक के लिए इकठ्ठा करना होगा| यह करने के लिए हम एक मापक यंत्र का उपयोग करते है| यह त्वरण एवं कोणीय त्वरण को मापता है एक इन्सान के कान, अंदुरनी कान की तरह हम यह सुचना GPS यंत्र के साथ मिलाते है कार की स्थिति का अंदाज़ा लगाने के लिए| रास्ते का पता लगाने के लिए हम दो कैमेरो का भी उपयोग करते है| और हम 3 लेजर दूरीमापक का भी उपयोग करते है| लेजर परिवेश में उपस्थित अवरोधों को खोजता है जैसे आगे या पीछे से आरही कार और कोई भी अवरोध जो रास्ते पर चल रहा हो, वाहन के आसपास कोई और भी अवरोध| ये सारी सूचनाये एक कंप्यूटर(computer) को भेजी जाती है यह कंप्यूटर दो काम करता है पहला सबसे पहले सूचनाओ के अनुसार परिवेश को समझना जैसे रास्ते की जानकारी या कोई अवरोध और ये सुचना चालक तक पहुँचाना| यह प्रणाली इतनी बुद्धिमान है कि कार चलाने का सबसे सुरक्षित तरीका पता लगा सकती है| इस तरह हम निर्देश भी दे सकते है कि वाहन के नियंत्रकों को कैसे चलाये| लेकिन समस्या यह है कि - हम यह सुचना और निर्देश कैसे भेजे ऐसे व्यक्ति को जो देख नहीं सकता वो भी जल्द और सही सही, जिससे वो कार चला सके तो इसके लिए हमने दृश्य के अलावा दुसरे संकेत भेजने वाले अलग अलग तकनीक बनायीं| त्रि आयामी ध्वनि निकालने वाले यंत्र से लेकर कंपन करने वाला अंगरखा, क्लिक व्हील (click wheel ) ध्वनि निर्देश देने के लिए, पैरो के लिए पट्टी यहाँ तक कि ऐसे जूते जो पैरो पर दबाव डाले| लेकिन आज इनमे से 3 तकनिकीयो के बारे में बात करेंगे| पहली तकनीक का नाम ड्राइव ग्रिप (DriveGrip) है| यह दस्तानो का एक जोड़ा है, जिसमे उंगलियों के पास कंपन करने वाला हिस्सा है, जिससे आप गाड़ी के मुड़ाव, दिशा और तीर्वता के बारे में निर्देश भेज सकते है| दुसरे का नाम स्पीड स्ट्रिप (SpeedStrip) है| यह एक कुर्सी है, असल में कहे तो एक मसाज करने वाली कुर्सी है| जिसे हमने उधेड़ दिया और विभिन्न आकृतियों के कंपन करने वाले हिस्से लगाये है| हम उन्हें सक्रिय करते है गति की सुचना देने के लिए और ब्रेक एवं एक्सेलटर के लिए निर्देश देने के लिए भी| यहाँ आप देख सकते है कंप्यूटर किस तरह परिवेश को समझता है क्युकि आप कंपन नहीं देख सकते, हमने चालक के ऊपर लाल LED लगायी है, जिससे वो देख सके की क्या हो रहा है| यह इक्ठटा की गयी सुचना है, यह सुचना कंप्यूटर के द्वारा दुसरे यंत्रो को भेजी जाती है| ये यंत्र ड्राइव ग्रिप (DriveGrip) और स्पीड स्ट्रिप (SpeedStrip) बहुत कारगर है| लेकिन समस्या है कि यह निर्देशों का संकेत देने वाले यंत्र है| तो यह असली आज़ादी नहीं है, है ना? कंप्यूटर आपको बताता है कि कैसे चलाना है, दाए मुड़ना है, बाये मुड़ना है, गति बढानी है या रोकना है| हम इसे छद्म चालक की समस्या कहते है| इसलिए हम निर्देशों का संकेत देने वाले यंत्र का उपयोग छोड़ रहे है, और अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे है सुचना देने वाले यंत्र पर, एक ऐसे बिना दृश्य के सुचना देने वाले अच्छे यंत्र का नाम एयर पिक्स(AirPix) है| इसे नेत्रहीन के लिए दृश्य दिखाने वाला पर्दा समझिये| यह एक छोटी पट्टी है, जिसमे बहुत सारे छेद है, इन छेदों से हवा बाहर निकलती है, इस तरह यह एक छवि बना सकता है| अगर आप नेत्रहीन है, तो भी इस पर अपना हाथ रख कर, आप रास्ता और रास्ते के अवरोध देख सकते है| आप बाहर निकलने वाली हवा की आवृति और इसका तापमान भी बदल सकते है| असल में यह एक बहु आयामी संकेतक है| आप यहाँ वाहन में लगे बाये और दये कैमरे को देख सकते है और ये भी देख सकते है कि कैसे कंप्यूटर सूचनाओ को समझ कर AirPix को भेजता है| इसके लिए, हम आपको Simulator दिखा रहे है, एक नेत्रहीन AirPix का उपयोग करके गाड़ी चला रहा है| यह Simulator नेत्रहीन चालको के प्रशिक्षण के लिए भी बहुत उपयोगी है और विभिन्न प्रकार के बिना दृश्य वाले संकेतक के शीघ्र परिक्षण के लिए भी बहुत उपयोगी है| तो यह इस तरह काम करता है| सिर्फ एक महीने पहले 29 जनवरी को, हमने इस वाहन को पहली बार लोगो के सामने प्रस्तुत किया विश्व प्रसिद्ध डेटोना इंटरनेशनल स्पीडवे(Daytona International Speedway) में रोलेक्स 24 रेसिंग(Rolex 24 racing) प्रतियोगिता के दौरान| वहाँ कुछ अप्रत्याशित भी हुआ| चलिए देखते है| (संगीत) (वीडिओ) उदघोषक: आज एक एतिहासिक दिन है [अस्पस्ट] साथियों, वो मुख्य मंच के तरफ आरहे है| (उत्साहवर्धन) (होर्न की आवाज़) वहाँ मुख्य मंच है| और वो [अस्पस्ट] उनके सामने चाल रही वैन का पीछा कर रहे है| यह उनका पहला अवरोध है| देखते है, क्या मार्क(Mark) इससे बच पाएंगे| उन्होंने कर दिया, दाए तरफ से टाल दिया| तीसरा अवरोध पर कर लिया| चौथा अवरोध पार कर लिया| वो दो अवरोधों के बीच से आसानी से निकल रहे है | वो वैन के पास आ रहे है उससे आगे निकलने के लिए| चतुराई और साहस के जोशीले प्रदर्शन से यह सब हो सकता है | वो इस दौड़ के अंतिम पड़ाव के तरफ आ रहे है, वो वंहा रखे पीपों के बीच से निकल कर आ रहे है| (होर्न की आवाज़) (अभिवादन) डेनिस होंग: मैं आपके लिए बहुत खुश हु मार्क मुझे होटल तक वापस ले जाने वाले है| मार्क रिकोबोनो: हाँ (अभिवादन) डेनिस होंग:जब से हमने यह परियोजना शुरू की है, हमे दुनिया के हर कोने से बहुत सारे फोन, चिठ्ठिया और इ-मेल मिल रहे है| कृतज्ञता प्रगट करने के लिए, लेकिन कभी कभी कुछ हास्यास्पद ख़त भी आते है जैसे "अब मुझे समझ में आया रास्ते पर जो ATM है उसमे ब्रेल लिपि क्यों है" (हंसी) लेकिन कभी कभी (हंसी) लेकिन कभी कभी मुझे -- मैं उन्हें घृणा वाले मेल नहीं कहूँगा -- यह बड़ी चिंता वाले ख़त होते है : डॉ होन्ग क्या आप पागल होगये है, नेत्रहीन व्यक्तियों को रास्ते पर जाने दे रहे है? शायद आपका दिमाग ख़राब हो गया है" लेकिन यह वाहन केवल एक प्रतिरूप है, और असली रास्तो पर नहीं चलेंगे जबतक इन्हें सुरक्षित, आज के वाहनों से ज्यादा सुरक्षित साबित नहीं कर देते| और मुझे पूरा विश्वास है कि यह संभव है| लेकिन फ़िर भी क्या समाज, ऐसे उग्र सुधारवादी विचारो को स्वीकार करेगा? हम बीमा संबंधी विषयों को कैसे संभालेंगे ? हम ड्राईवर लाइसेंस(driver's license) कैसे जारी करेंगे? तकनिकी चुनौतियों के अलावा भी ऐसी बहुत सारी बाधाये है जिनके बारे हमे सोचना है इससे पहले कि यह परियोजना सफल हो| हमारा मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन व्यक्ति के लिए कार बनाना था | लेकिन इससे कही ज्यादा महत्वपूर्ण है नयी तकनीक की अन्य अत्यधिक उपयोगिता जो इस परियोजना से मिल सकती है | उपयोग में लाये गए सेंसर(Sensor) अँधेरे, कोहरे और बारिश में भी देख सकते है| इन नए तरीके के संकेतको के साथ, हम इस तकनीक का उपयोग कर सकते है और सामान्य व्यक्तियों के लिए ज्यादा सुरक्षित कार बना सकते हैं | और नेत्रहीनो के लिए, रोजमर्रा के घरेलु उपकरण शैक्षणिक या दफ्तर में उपयोग के लिए | ज़रा सोचिये, किसी कक्षा में शिक्षक ब्लेक बोर्ड में कुछ लिखते है और नेत्रहीन छात्र वो देख सकता है एवं पढ़ सकता है ऐसे बिना दृश्य वाले संकेतको का उपयोग करके| यह अमूल्य है | तो आज जो चीज़े मैंने आपको दिखाई वो मात्र एक शुरुवात है आप सभी का बहुत धन्यवाद्| (अभिवादन)