हमने मांग के नियम के बारे में थोड़ी बात की है जो हमें बताता है , की अन्य बातें समान रहने पर , यदि हम एक उत्पाद की कीमत बढ़ाते हैं, तो उस उत्पाद के मांग की मात्रा में कमी आ जाएगी। सामान्य ज्ञान, यदि हम कीमत कम करते हैं, तो मांग की मात्रा में वृद्धि होती है। और हम यह कुछ विशेष अवस्थाओं में देखेंगे। मैं इन वीडियोस में ध्यान देना चाहता हूँ , उन सब तत्वों पर, जिन्हे हम समान मान कर चल रहे हैं। वह तत्त्व जो हमें यह बयान देने की अनुमति देते हैं , वह तत्व जो हमें इस वक्र पर चलने की आज्ञा देते हैं और सोचिये,अगर हम इनमे से किसी एक तत्त्व में परिवर्तन करते हैं जो हम अभी तक समान मान कर चल रहे थे। वह वास्तविक वक्र को कैसे बदल देगा ? वह वास्तविक रूप कैसे बदल देगा , कीमत और मांग की मात्रा के पूर्ण सम्बन्ध को ? और इसलिए, इनमे से पहला तत्त्व जिस पर मैं ध्यान दूंगा: पहला है प्रतियोगी उत्पाद की कीमत। प्रतियोगी उत्पाद की कीमत [लिखते हुए ] तो यदि हम यह मान लेते हैं की कीमत ... असल में ,मुझे प्रतियोगी उत्पाद नहीं कहना चाहिए , मैं बोलूंगा सम्बंधित उत्पादों की कीमत क्यूंकि[लिखते हुए] हम देखेंगे की वह सब प्रतियोगी नहीं हैं सम्बंधित उत्पादों की कीमत:केवल एक तत्त्व है , जिसे हम समान मान कर चल रहे हैं , वह समान है जब हम इस सम्बन्ध का वर्णन करते हैं। हम यह मान कर चल रहे हैं की यह तत्त्व अपरिवर्तित रहते हैं। अब क्या होगा, जब इन तत्वों में परिवर्तन आ जाता है ? कल्पना कीजिये की ,किसी और इ पुस्तक की कीमत बढ़ जाती है. [लिखते हुए] अन्य इ पुस्तकों की कीमत बढ़ जाती है। तो वह हमारी कीमत और मांग की मात्रा के सम्बन्ध को क्या करेगा ? यदि अन्य इ पुस्तकों की कीमत बढ़ जाती है , तो अब अचानक मेरी ई पुस्तक, इसकी परवाह न करते हुए, की हम कीमत के किस बिंदु पर हैं , किसी भी कीमत के बिंदु पर, मेरी इ पुस्तक अधिक वांछनीय होगी। $२ पर अधिक सम्भावना है की लोग उसकी मांग करेंगे, अधिक लोग मांग करेंगे , क्यूंकि अन्य पुस्तकें अधिक महंगी हैं। $4 पर अधिक लोग मांग करेंगे। $6 पर अधिक लोग मांग करेंगे। $8,अधिक लोग मांग करेंगे,$10 अधिक लोग मांग करेंगे। तो यदि ऐसा होता है, तो यह वास्तव में मांग वक्र को दायीं तरफ खिसका देगा। तो यह कुछ ऐसा दिखाई देगा यह कुछ वैसा दिखने लगेगा। हम उसे परिदृश्य 1 कहेंगे। वह है परिदृश्य 1. और यह अन्य इ पुस्तकें , हम उन्हें मेरे उत्पाद के स्थानापन्न कहते हैं। तो यह ठीक यहां ..... यह अन्य इ पुस्तकें ,ये स्थानापन्न हैं [लिखते हुए ] यदि, लोग कह सकते हैं , ओ तुम्हे पता है,वह दूसरी पुस्तक तुलना योग्य लगती है , यदि एक अधिक महंगी और एक सस्ती हो तो, शायद मैं इनमे से एक पढूंगा। इसलिए, ऐसा कहने के लिए , इस वक्र पर रहने के लिए , हमें मानना पड़ेगा की यह तत्त्व समान रहता है। यदि यह तत्त्व बदलता है, तो मांग वक्र भी हिल जायेगा। यदि अन्य इ पुस्तकों की कीमत में वृद्धि होती है , तो हमारा मांग वक्र दायीं और खिसक जायेगा। यदि अन्य इ पुस्तकों की कीमत में कमी होती है , तो हमारा मांग वक्र बायीं और खिसक जायेगा। तो यह वास्तविकता में हमारी मांग में परिवर्तन कर रहा है , यह हमारे पूर्ण सम्बन्ध को बदल रहा है , तो यह मांग को दायीं तरफ खिसका रहा है। मुझे लिखने दीजिये तो यह मांग को खिस्काएगा...[लिखते हुए] तो यह पूरा समबन्ध मांग दायीं तरफ. [लिखते हुए] मैं यह चाहता हूँ की आपको यह बात एकदम स्पष्ट हो जाये। जब हम अन्य बातों को समान मानते हैं , हम दिए हुए मांग वक्र के ऊपर चलते हैं। हम अनिवार्य रूप से यह कह रहे हैं: मांग , कीमत,मांग की मात्रा का सम्बन्ध समान रखा है। और हम एक कीमत चुन सकते हैं , और हमें एक निश्चित मांग की मात्रा मिलेगी। हम वक्र के साथ चल रहे हैं। यदि हम उनमे से एक तत्व बदलते हैं, हम वास्तविक में वक्र को खिसका देंगे। एक बार हम मांग तालिका को बदल दें , जो इस वक्र को बदल देगा . अब यदि हम... और भी सम्बंधित वस्तुएं हैं , ज़रूरी नहीं की वह स्थानापन्न ही हों। तो उदहारण के लिए हम किसी परिदृश्य के बारे में सोचते हैं,परिदृश्य 2, और शायद कीमत... किंडल की कीमत बढ़ जाती है,[लिखते हुए] तो एक किंडल की कीमत....मैं इसे ऐसे लिखता हूँ :[लिखते हुए] किंडल की कीमत में वृद्धि :[लिखते हुए] अब किंडल एक स्थानापन्न वस्तु नहीं है. लोग इ पुस्तक या किंडल नहीं खरीदते और न ही वह मेरी इ पुस्तक या किंडल खरीदेंगे। किंडल एक पूरक वस्तु है ,आपको वास्तव में एक किंडल या आई पैड चाहिए, या कुछ ऐसा ताकि आप मेरी इ पुस्तक का उपभोग कर सकें तो यह ठीक यहां ठीक यहां पर एक पूरक है. यह एक पूरक है[लिखते हुए] तो यदि पूरक वास्तु की कीमत में वृद्धि होती है, और यह कुछ ऐसा है .... एक ऐसी वस्तु जो लोग मेरी पुस्तक खरीदने के लिए इस्तेमाल करेंगे, तो यह वास्तव में, किसी दी हुई कीमत पर, मांग को कम कर देगा। तो इस स्थिति में, जब मेरी किताब की कीमत $२ है, क्यूंकि कम लोगों के पास किंडल होंगे , या शायद उन्होंने अपना कुछ पैसा इस्तेमाल कर दिया है किंडल खरीदने में , उनके पास कम पैसे होंगे मेरी किताब खरीदने के लिए , या केवल कुछ लोगों के पास किंडल होगा। किसी दी हुई कीमत पर, यह मांग की मात्रा को कम कर देगा, किसी दी हुई कीमत पर. अनिवार्य रूप से, यह खिसका देगा , यह पुरे मांग वक्र को हिला देगा। यह मांग वक्र को बांयी तरफ हिला देगा। तो यह यहां ,परिदृश्य २ है और आप सोच सकते हैं विपरीत दिशा में , यदि किंडल की कीमत कम हो जाती, तब,वह मेरे मांग वक्र को दायीं तरफ खिसका देता। यदि स्थानापन्न वस्तुओं की कीमत कम हो जाती, तब वह मेरे पूरे मांग वक्र को बायीं तरफ खिसका देता। तो आप इन सब परिदृश्यों के बारे में सोच सकते हैं। और मैं चाहता हूँ की, आप वस्तुओं के बारे में सोचें, उन्हें चित्रित करें ,सोचें इ पुस्तक हो सकती है या कोई और प्रकार की वस्तु और सोचें की क्या होगा. सोचो, सम्बंधित पदार्थ कौन से हैं स्थानापन्न और पूरक , और फिर सोचो क्या होगा ,जब वह कीमतें परिवर्तित होंगी। हमेशा याद रखो,मांग और मांग की मात्रा में अंतर. मांग, यह सम्पूर्ण सम्बन्ध है,यह पूरा वक्र, जिसपर हम चल सकते हैं ,अन्य बातें समान रहने पर और केवल कीमत में परिवर्तन होने पर। और मांग की मात्रा, जो अन्य बातें समान रहने पर किसी निश्चित कीमत पर मांगी गयी मात्रा है.