1 00:00:00,000 --> 00:00:02,000 हम अक्सर सुनते हैं 2 00:00:02,000 --> 00:00:04,000 कि लोगों को कोई फ़र्क नहीं पडता। 3 00:00:04,000 --> 00:00:06,000 कितनी बार आपको बताया गया है 4 00:00:06,000 --> 00:00:09,000 कि वास्तविक और ठोस बदलाव संभव ही नहीं है 5 00:00:09,000 --> 00:00:11,000 क्योंकि ज्यादातर लोग इतने स्वार्थी, 6 00:00:11,000 --> 00:00:13,000 या बेवकूक, या आलसी हैं 7 00:00:13,000 --> 00:00:16,000 कि अपने समाज के बारे में बिलकुल नहीं सोचते? 8 00:00:16,000 --> 00:00:19,000 आज मैं आपसे यह कहना चाहता हूँ कि उदासीनता को जिस रूप में हम जानते हैं, 9 00:00:19,000 --> 00:00:21,000 उदासीनता वैसी नहीं है, 10 00:00:21,000 --> 00:00:23,000 बल्कि, मैं कहता हूँ लोगों को फ़िक्र है, 11 00:00:23,000 --> 00:00:25,000 मगर हम ऐसी दुनिया में रहते हैं 12 00:00:25,000 --> 00:00:27,000 जो कि तत्परता से भागीदारी को हतोत्साहित करती है, 13 00:00:27,000 --> 00:00:30,000 लगातार हमारे रास्ते में रोडे-रुकावटें पैदा कर के। 14 00:00:30,000 --> 00:00:32,000 और मैं आपको इस का उदाहरण देता हूँ। 15 00:00:32,000 --> 00:00:34,000 टाउन-हाल से शुरु करते हैं। 16 00:00:34,000 --> 00:00:36,000 इन में से एक आपने पहले देखा ही होगा? 17 00:00:36,000 --> 00:00:38,000 ये एक अखबारी विज्ञापन है। 18 00:00:38,000 --> 00:00:41,000 ये एक नयी ऑफ़िस की इमारत बनाने के लिये क्षेत्रीकरण बदलने का नोटिस है 19 00:00:41,000 --> 00:00:43,000 जिस से कि आसपडोस वाले जान जायें कि क्या हो रहा है। 20 00:00:43,000 --> 00:00:45,000 जैसा कि आप देख रहे है, इसे पढना नामुमकिन है। 21 00:00:45,000 --> 00:00:47,000 आपको कम से कम आधे पन्ने तक जाना होगा 22 00:00:47,000 --> 00:00:49,000 सिर्फ़ ये जानने के लिये कि बात कहाँ की हो रही है, 23 00:00:49,000 --> 00:00:51,000 और फ़िर और नीचे, एकदम चींटीं बराबर अक्षरों में 24 00:00:51,000 --> 00:00:54,000 पढना होगा कि आप कैसे हिस्सेदारी निभा सकते हैं। 25 00:00:54,000 --> 00:00:57,000 सोचिये यदि निज़ी कंपनियों के विज्ञापन ऐसे होते -- 26 00:00:57,000 --> 00:01:00,000 अगर नाइकी एक जोडी जूते बेचना चाहता और 27 00:01:00,000 --> 00:01:03,000 अखबार में ऐसा विज्ञापन निकालता। 28 00:01:03,000 --> 00:01:06,000 (ठहाका) 29 00:01:06,000 --> 00:01:08,000 और ऐसा कभी भी नहीं होगा। 30 00:01:08,000 --> 00:01:10,000 आप को कभी भी ऐसा विज्ञापन देखने को नहीं मिलेगा, 31 00:01:10,000 --> 00:01:13,000 क्योंकि नाइकी वाकई चाहता है कि उसके जूते बिकें। 32 00:01:13,000 --> 00:01:15,000 लेकिन टोरंटों शहर की सरकार 33 00:01:15,000 --> 00:01:17,000 , ज़ाहिर तौर पर, नहीं चाहती कि आप योजना में शामिल हों, 34 00:01:17,000 --> 00:01:19,000 नहीं तो उनके विज्ञापन कुछ इस तरह के दिखते -- 35 00:01:19,000 --> 00:01:21,000 सारी जानकारी सुचारु रूप से प्रस्तुत की गयी होती। 36 00:01:21,000 --> 00:01:23,000 जब तक शहर की सरकार ऐसे नोटिस निकालती रहेगी 37 00:01:23,000 --> 00:01:25,000 लोगों से भागीदारी माँगने के लिये, 38 00:01:25,000 --> 00:01:27,000 तब तक लोग, बिलकुल भी, शामिल नहीं होंगे। 39 00:01:27,000 --> 00:01:29,000 लेकिन ये उदासीनता नहीं है; 40 00:01:29,000 --> 00:01:32,000 ये जानबूझ कर आपको हटाया जा रहा है। 41 00:01:32,000 --> 00:01:34,000 सार्वजनिक स्थान। 42 00:01:34,000 --> 00:01:36,000 (ठहाका) 43 00:01:36,000 --> 00:01:38,000 हमारे द्वारा की जाने वाली सार्वजनिक स्थानों की बेकद्री 44 00:01:38,000 --> 00:01:40,000 भी बहुत बडी रुकावट है, 45 00:01:40,000 --> 00:01:43,000 किसी भी प्रगतिवादी राजनैतिक बदलाव के रास्ते में। 46 00:01:43,000 --> 00:01:46,000 क्योंकि हमने असल में अभिव्यक्ति की कीमत लगा दी है। 47 00:01:46,000 --> 00:01:49,000 जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा है, उस की आवाज़ सबसे ऊँची हो जाती है, 48 00:01:49,000 --> 00:01:51,000 और वो पूरे दृश्य और मानिसिक परिवेश पर छा जाता है। 49 00:01:51,000 --> 00:01:53,000 इस मॉडल के साथ समस्या ये है 50 00:01:53,000 --> 00:01:55,000 कि कुछ ऐसे संदेश हैं जिन्हें जनता तक पहुँचाना अनिवार्य है 51 00:01:55,000 --> 00:01:57,000 मगर मुनाफ़े के हिसाब से फ़ायदेमंद नहीं है। 52 00:01:57,000 --> 00:02:00,000 इसलिये वो संदेश कभी भी आपको होर्डिंग पर नहीं दिखेंगे। 53 00:02:00,000 --> 00:02:02,000 मीडिया की भारी भूमिका है 54 00:02:02,000 --> 00:02:05,000 राजनैतिक बदलाव से हमारी रिश्तेदारी विकसित करने में, 55 00:02:05,000 --> 00:02:07,000 मुख्यतः ज़रूरी राजनैतिक आंकलन को नज़रअंदाज़ कर के, 56 00:02:07,000 --> 00:02:09,000 स्कैंडलों और सेलिबिट्रियों के समाचारों पर केंद्रित हो कर। 57 00:02:09,000 --> 00:02:12,000 और जब वो बात करते भी हैं महत्वपूर्ण मुद्दों पर, 58 00:02:12,000 --> 00:02:15,000 तो ऐसे कि लोग हिस्सेदारी निभाने से कतराने लगें। 59 00:02:15,000 --> 00:02:17,000 और मैं आपको एक उदाहरण देता हूँ: द नाओ मैगज़ीन पिछले हफ़्ते की -- 60 00:02:17,000 --> 00:02:19,000 टोरंटो की प्रगतिवादी, शहरी साप्ताहिक मैगज़ीन। 61 00:02:19,000 --> 00:02:21,000 ये इसकी कवर स्टोरी है। 62 00:02:21,000 --> 00:02:24,000 ये एक थियटर प्रस्तुति की रपट है, 63 00:02:24,000 --> 00:02:26,000 और ये उसके बारे में मूल जानकारी से शुरु होती है कि ये कहाँ होगी, 64 00:02:27,000 --> 00:02:30,000 - कि अगर आप जाना चाहें और देखना चाहें इस रपट को पढने के बाद --- 65 00:02:30,000 --> 00:02:32,000 कहाँ , कब, वेब्साइट। 66 00:02:32,000 --> 00:02:34,000 यहाँ भी वही है --- ये एक फ़िल्म की आलोचना है, 67 00:02:34,000 --> 00:02:36,000 एक आर्ट रपट, 68 00:02:36,000 --> 00:02:39,000 एक किताब पर रपट -- इसकी रीडिंग कहाँ है, यदि आप शामिल होना चाहें। 69 00:02:39,000 --> 00:02:41,000 एक रेस्त्रां - हो सकता आप सिर्फ़ पढना ही नही चाहते, 70 00:02:41,000 --> 00:02:43,000 बल्कि कभी जाना भी चाहें इस रेस्त्रां में। 71 00:02:43,000 --> 00:02:45,000 तो वो बताते हैं कि, कहाँ है, दाम कितने हैं, 72 00:02:45,000 --> 00:02:47,000 पूरा पता, फ़ोन नंबर वगैरह। 73 00:02:47,000 --> 00:02:49,000 अब इनके राजनैतिक लेख देखिये। 74 00:02:49,000 --> 00:02:52,000 ये एक बढिया लेख है जल्द ही होने वाले एक चुनावी बहस पर। 75 00:02:52,000 --> 00:02:54,000 ये उम्मीदवारों के बारे में बताता है - बहुत बढिया लिखा है -- 76 00:02:54,000 --> 00:02:56,000 मगर जानकारी गायब है, न कोई आगे की बात, 77 00:02:56,000 --> 00:02:58,000 कोई वेब्साइट नहीं, 78 00:02:58,000 --> 00:03:01,000 न ही ये कि कब है ये बहस, कहाँ इस का ऑफ़िस है। 79 00:03:01,000 --> 00:03:03,000 ये एक और बढिया लेख है 80 00:03:03,000 --> 00:03:06,000 परिवहन के निज़ीकरण के विरोध में होने वाले आंदोलन पर 81 00:03:06,000 --> 00:03:09,000 बिना किसी जानकारी के, कि भाग कैसे लें। 82 00:03:09,000 --> 00:03:11,000 मीडिया का संदेश लगता है ये है कि 83 00:03:11,000 --> 00:03:13,000 पाठकगण खाना तो चाहेंगे, 84 00:03:13,000 --> 00:03:16,000 हो सकता है किताब भी पढना चाहें, या फ़िल्म देखना, मगर समाज में हिस्सेदारी तो नहीं लेंगे। 85 00:03:16,000 --> 00:03:18,000 और आपको लग सकता है कि ये तो छोटी सी बात है, 86 00:03:18,000 --> 00:03:21,000 मगर मुझे लगता है कि ये एक पृथा को जन्म देती है, 87 00:03:21,000 --> 00:03:25,000 और इस खतरनाक मानसिकता को बढावा देती है 88 00:03:25,000 --> 00:03:28,000 कि राजनीति तो दूर से देखने की चीज़ है। 89 00:03:28,000 --> 00:03:30,000 नायक: हम नेतृत्व को कैसे देखते हैं? 90 00:03:30,000 --> 00:03:33,000 इन दस फ़िल्मों को देखिये। इनमें क्या बात एक सी है? 91 00:03:33,000 --> 00:03:35,000 कोई बतायेगा? 92 00:03:35,000 --> 00:03:37,000 इन सब के हीरों भाग्य द्वार चुने गये थे। 93 00:03:37,000 --> 00:03:40,000 कोई उन तक आया और कह गया, "आप तो महान हैं। 94 00:03:40,000 --> 00:03:42,000 आपका जन्म दुनिया को बचाने के लिये हुआ था।" 95 00:03:42,000 --> 00:03:45,000 और फ़िर ये जा कर विश्व का संकट हर लेते है, क्योंकि कोई उन्हें बता गया था, 96 00:03:45,000 --> 00:03:47,000 और साथ में एक दो लोग और होते हैं। 97 00:03:47,000 --> 00:03:49,000 इस से मुझे समझ आता है कि 98 00:03:49,000 --> 00:03:52,000 क्यों बहुत सारे लोग खुद को नेतृत्व के काबिल नहीं समझते हैं। 99 00:03:52,000 --> 00:03:55,000 क्योंकि ये बहुत गलत संदेश देती है कि नेतृत्व आखिर है क्या। 100 00:03:55,000 --> 00:03:57,000 वीरता भरा प्रयास दरअसल एक पूरे दल का प्रयास होता है, 101 00:03:57,000 --> 00:03:59,000 पहली बात। 102 00:03:59,000 --> 00:04:02,000 दूसरी बात, कि ये पूर्णतः मंझा हुआ नहीं होता; और न ही गलैमरस; 103 00:04:02,000 --> 00:04:04,000 और ये अचानक शुर और अंत नहीं हो जाता है। 104 00:04:04,000 --> 00:04:06,000 ये ताज़िंदगी लगातार चलने वाला कार्यक्रम होता है। 105 00:04:06,000 --> 00:04:08,000 मगर सबसे ज़रूरी, ये स्वेचछा से अपनाया गया होता है। 106 00:04:08,000 --> 00:04:10,000 स्वेच्छा इसमें सबसे महत्वपूर्ण होती है। 107 00:04:10,000 --> 00:04:13,000 जब तक हम अपने बच्चों को ये पढाते हैं 108 00:04:13,000 --> 00:04:16,000 कि आप तब ही नेतृत्व कर सकते हैं जब आपके माथे पर कोई आ कर निशान लगाये, 109 00:04:16,000 --> 00:04:18,000 या फ़िर कोई आ कर बताये कि आपको विशेष रूप से इस के लिये बनाया गया है, 110 00:04:18,000 --> 00:04:21,000 तब तक वो लोग नेतृत्व का मूल गुण ही नहीं सीख पायेंगे, 111 00:04:21,000 --> 00:04:23,000 जो कि ये है कि नेतृत्व की ललक भीतर से आती है। 112 00:04:23,000 --> 00:04:25,000 नेतृत्व अपने सपनों को साकरा करने के बारे में है -- 113 00:04:25,000 --> 00:04:27,000 बिना निमंत्रण, बिन बुलाये -- 114 00:04:27,000 --> 00:04:30,000 और फ़िर दूसरों के साथ मिल कर उन सपनों को साकार करना । 115 00:04:30,000 --> 00:04:32,000 राजनैतिक पार्टियाँ - बाप रे! 116 00:04:32,000 --> 00:04:35,000 राजनैतिक पार्टिया को होना चाहिये और वो हो सकती हैं 117 00:04:35,000 --> 00:04:37,000 एक अच्छा रास्ता 118 00:04:37,000 --> 00:04:39,000 लोगों के राजनीति में शामिल होने का। 119 00:04:39,000 --> 00:04:41,000 बजाय इसके, दुःख की बात है कि वो बन गयी है, 120 00:04:41,000 --> 00:04:44,000 निराशाजनक और गैर-रचनात्मक संगठन 121 00:04:44,000 --> 00:04:46,000 जो कि पूरी तरह पर मार्किट-रिसर्च 122 00:04:46,000 --> 00:04:48,000 और पॉलिंग और वोट-बैंकों पर केंद्रित हैं, 123 00:04:48,000 --> 00:04:50,000 और अपना सारा समय बस वही कहने में लगाती हैं, 124 00:04:50,000 --> 00:04:53,000 जो कि हम सुनना चाहते है पहले से, 125 00:04:53,000 --> 00:04:56,000 बजाय कुछ वास्तविक और चुनौती भरे सुझावों के। 126 00:04:56,000 --> 00:04:59,000 और लोग ये समझते है, और इस से निराशा बढती है। 127 00:04:59,000 --> 00:05:05,000 (अभिवादन) 128 00:05:05,000 --> 00:05:07,000 चैरिटी होना: 129 00:05:07,000 --> 00:05:10,000 कनाडा में जो दल चैरिटी घोषित हो चुके हैं, वो विज्ञापन नहीं दे सकते। 130 00:05:10,000 --> 00:05:13,000 ये एक भारी समस्या है, और बदलाव के रास्ते की रुकावट भी, 131 00:05:13,000 --> 00:05:16,000 क्योंकि इसका मतलब है कि सबसे ज्यादा समझदार और जज़्बे वाली आवाजों 132 00:05:16,000 --> 00:05:19,000 को बिलकुल ही खामोश कर दिया गया, खासकर चुनावों के समय। 133 00:05:19,000 --> 00:05:21,000 और अब आखिरी वाला, 134 00:05:21,000 --> 00:05:23,000 जो कि है हमारे चुनाव। 135 00:05:23,000 --> 00:05:26,000 आपने ध्यान दिया होगा, कनाडा में चुनाव सिर्फ़ एक मज़ाक है। 136 00:05:26,000 --> 00:05:28,000 हम प्राचीन बेकार प्रणालियाँ इस्तेमाल करते हैं 137 00:05:28,000 --> 00:05:30,000 जो कि पक्षपाती हैं और बेतरतीबी नतीज़ें देती हैं। 138 00:05:30,000 --> 00:05:32,000 कनाडा में आज जिस पार्टी की सरकार है, 139 00:05:32,000 --> 00:05:35,000 उसे ज्यादातर कनाडावासी नहीं चाहते। 140 00:05:35,000 --> 00:05:38,000 हम कैसे लोगों को वोट डालने के लिये उकसायें 141 00:05:38,000 --> 00:05:40,000 जब कि वोटों का कनाडा में कोई मतलब ही नहीं? 142 00:05:40,000 --> 00:05:42,000 आप ये सब एक साथ कर सोचिये तो 143 00:05:42,000 --> 00:05:44,000 ठीक ही लगेगा कि लोग उदासीन हैं। 144 00:05:44,000 --> 00:05:46,000 भागीदारी करना चट्टान में सिर मारने जैसा लगता है। 145 00:05:46,000 --> 00:05:48,000 देखिये, मैं नकारात्मक नहीं हूँ 146 00:05:48,000 --> 00:05:50,000 कि इन सब बातो को आप के सामने प्रस्तुत करने पर भी। 147 00:05:50,000 --> 00:05:53,000 उसका ठीक उल्टा: मै असल में मानता हूँ कि लोग रचनात्मक और बुद्धिमान हैं, 148 00:05:53,000 --> 00:05:56,000 और उन्हें सच में फ़र्क पढता है। 149 00:05:56,000 --> 00:05:59,000 मगर ये, जैसा कि मैने कहा, कि हम ऐसी दुनिया में हैं 150 00:05:59,000 --> 00:06:03,000 जहाँ ये सारी रुकावटे हमारे रास्ते में अडी हैं। 151 00:06:03,000 --> 00:06:06,000 जब तक हम ये मान कर बैठे रहेंगे कि हमारे लोग, हमारे पडोसी, 152 00:06:06,000 --> 00:06:10,000 खुदगर्ज़ है, बेवकूक हैं, या आलसी हैं, 153 00:06:10,000 --> 00:06:12,000 तो फ़िर कोई आशा बाकी नहीं रहेगी। 154 00:06:12,000 --> 00:06:14,000 मगर हम उन चीजों को बदल सकें जो मैने अभी कहीं। 155 00:06:14,000 --> 00:06:16,000 हम टाउन हाल को जनता-जनार्दन के लिये सच में खोल दें। 156 00:06:16,000 --> 00:06:18,000 हम अपने चुनाव की प्रक्रिया को बदलें। 157 00:06:18,000 --> 00:06:20,000 हम अपने सार्वजनिक स्थानों को प्रजातांत्रिक बनायें। 158 00:06:20,000 --> 00:06:22,000 मेरा मुख्य संदेश है कि, 159 00:06:22,000 --> 00:06:24,000 यदि हम उदासीनता को 160 00:06:24,000 --> 00:06:26,000 किसी गहरे पैठे मर्ज़ की तरह नहीं देखें, 161 00:06:26,000 --> 00:06:28,000 बल्कि हमारी संस्कृति और आदत में शुमार रुकावटों के रूप में लें, 162 00:06:28,000 --> 00:06:31,000 जो कि उदासीनता को बढावा देती हैं, 163 00:06:31,000 --> 00:06:34,000 और यदि हम उन्हें ढंग से पहचानें, परिभाषित करें, 164 00:06:34,000 --> 00:06:36,000 कि वो क्या रुकावटें है, 165 00:06:36,000 --> 00:06:39,000 और फ़िर यदि हम साथ मिल कर उन रुकावटों को उखाड फ़ेंके, 166 00:06:39,000 --> 00:06:41,000 तो कुछ भी संभव है। 167 00:06:41,000 --> 00:06:43,000 ध्न्यवाद। 168 00:06:43,000 --> 00:06:45,000 (अभिवादन)