[Script Info] Title: [Events] Format: Layer, Start, End, Style, Name, MarginL, MarginR, MarginV, Effect, Text Dialogue: 0,0:00:00.00,0:00:02.00,Default,,0000,0000,0000,,आपने शायद सुना होगा कि Dialogue: 0,0:00:02.00,0:00:04.00,Default,,0000,0000,0000,,क़ुरान में स्वर्ग की कल्पना में Dialogue: 0,0:00:04.00,0:00:06.00,Default,,0000,0000,0000,,72 हूरियाँ हैं. Dialogue: 0,0:00:06.00,0:00:09.00,Default,,0000,0000,0000,,मैं वादा करती हूँ कि इस विषय पर मैं फिर चर्चा करुँगी. Dialogue: 0,0:00:09.00,0:00:11.00,Default,,0000,0000,0000,,पर यहाँ, उत्तर-पश्चिम में, Dialogue: 0,0:00:11.00,0:00:13.00,Default,,0000,0000,0000,,हम कुछ ऎसे वातावरण में रह रहे हैं Dialogue: 0,0:00:13.00,0:00:15.00,Default,,0000,0000,0000,,जो क़ुरान में वास्तव में दिए स्वर्ग की कल्पना से बहुत मेल खाता है, Dialogue: 0,0:00:15.00,0:00:17.00,Default,,0000,0000,0000,,जिसकी व्याख्या 36 बार मिलती है Dialogue: 0,0:00:17.00,0:00:21.00,Default,,0000,0000,0000,,'बहती धाराओं से सिंचित बगीचों' के रूप में. Dialogue: 0,0:00:22.00,0:00:25.00,Default,,0000,0000,0000,,चूंकि मैं लेक युनियन में जा मिलने वाली धारा में एक हाउस-बोट पर रहती हूँ, Dialogue: 0,0:00:25.00,0:00:28.00,Default,,0000,0000,0000,,इसलिए स्वर्ग के इस चित्रण से मैं पूरा इत्तेफ़ाक़ रखती हूँ. Dialogue: 0,0:00:28.00,0:00:31.00,Default,,0000,0000,0000,,पर ऎसा क्यूँ है कि अधिकांश लोग इस बारे में जानते नहीं? Dialogue: 0,0:00:32.00,0:00:35.00,Default,,0000,0000,0000,,मैं ऎसे कई नेक़नीयत अ-मुस्लीम लोगों को जानती हूँ Dialogue: 0,0:00:35.00,0:00:37.00,Default,,0000,0000,0000,,जिन्होने क़ुरान पढ़ना शुरू तो किया, पर बीच में ही छोड़ दिया, Dialogue: 0,0:00:37.00,0:00:40.00,Default,,0000,0000,0000,,उसके अलग चरित्र से परेशान होकर. Dialogue: 0,0:00:40.00,0:00:42.00,Default,,0000,0000,0000,,इतिहासकार थॉमस कारलाईल Dialogue: 0,0:00:42.00,0:00:45.00,Default,,0000,0000,0000,,मुहम्म्द को विश्व के महानतम नायकों में से मानते हैं, Dialogue: 0,0:00:45.00,0:00:47.00,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन उनका भी क़ुरान के बारे में कहना था, Dialogue: 0,0:00:47.00,0:00:50.00,Default,,0000,0000,0000,,'मेरी पढ़ी कठिनतम क़िताब, Dialogue: 0,0:00:50.00,0:00:53.00,Default,,0000,0000,0000,,थका देने वाली, अस्पष्ट खिचड़ी.' Dialogue: 0,0:00:53.00,0:00:55.00,Default,,0000,0000,0000,,(हँसी) Dialogue: 0,0:00:55.00,0:00:57.00,Default,,0000,0000,0000,,मुझे लगता है कि समस्या का इक सिरा ये है Dialogue: 0,0:00:57.00,0:01:00.00,Default,,0000,0000,0000,,हम ये समझ लेते हैं कि क़ुरान को Dialogue: 0,0:01:00.00,0:01:02.00,Default,,0000,0000,0000,,बाकी क़िताबों की तरह पढ़ा जा सकता है -- Dialogue: 0,0:01:02.00,0:01:05.00,Default,,0000,0000,0000,,बारिश की दोपहरी में सोए हुए Dialogue: 0,0:01:05.00,0:01:07.00,Default,,0000,0000,0000,,पॉपकार्न का कटोरा साथ लिए, Dialogue: 0,0:01:07.00,0:01:09.00,Default,,0000,0000,0000,,जेसे कि ईश्वर -- Dialogue: 0,0:01:09.00,0:01:12.00,Default,,0000,0000,0000,,समूचा क़ुरान मुहम्म्द को बताई ईश्वर की कही बातें हैं -- Dialogue: 0,0:01:12.00,0:01:15.00,Default,,0000,0000,0000,,जैसे कि ईश्वर बाकि बेस्ट-सेलिंग लेखकों जैसे ही हों! Dialogue: 0,0:01:17.00,0:01:19.00,Default,,0000,0000,0000,,मगर इतने कम लोगों का Dialogue: 0,0:01:19.00,0:01:21.00,Default,,0000,0000,0000,,सच-मुच में क़ुरान पढ़ना ही Dialogue: 0,0:01:21.00,0:01:24.00,Default,,0000,0000,0000,,वजह है जिससे इतनी आसानी से इसका हवाला दे दिया जाता है -- Dialogue: 0,0:01:24.00,0:01:27.00,Default,,0000,0000,0000,,और अक़्सर ग़लत हवाला ही दिया जाता है. Dialogue: 0,0:01:27.00,0:01:30.00,Default,,0000,0000,0000,,मूल प्रसंग से उठाकर वाक्यांशों कों तोड़-मरोड़ कर Dialogue: 0,0:01:30.00,0:01:32.00,Default,,0000,0000,0000,,ध्यान आकर्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता है, Dialogue: 0,0:01:32.00,0:01:35.00,Default,,0000,0000,0000,,ये तरीक़ा कठमुल्लों को भी बहुत सुहाता है Dialogue: 0,0:01:35.00,0:01:38.00,Default,,0000,0000,0000,,और मुस्लिम विरोधी इस्लाम से चिढ़ने वाले लोगों को भी. Dialogue: 0,0:01:38.00,0:01:40.00,Default,,0000,0000,0000,,तो पिछले बसंत, Dialogue: 0,0:01:40.00,0:01:42.00,Default,,0000,0000,0000,,जब मैं तैयार हो रही थी Dialogue: 0,0:01:42.00,0:01:45.00,Default,,0000,0000,0000,,मुहम्मद की जीवनी लिखने के लिए, Dialogue: 0,0:01:45.00,0:01:48.00,Default,,0000,0000,0000,,मुझे एहसास हुआ कि पहले मुझे क़ुरान अच्छे से पढ़ना चाहिए -- Dialogue: 0,0:01:48.00,0:01:51.00,Default,,0000,0000,0000,,जितने अच्छे से मुझसे संभव हो पाता. Dialogue: 0,0:01:51.00,0:01:53.00,Default,,0000,0000,0000,,मेरा अरबी का ज्ञान अभी Dialogue: 0,0:01:53.00,0:01:55.00,Default,,0000,0000,0000,,डिक्शनरी पर आश्रित था, Dialogue: 0,0:01:55.00,0:01:57.00,Default,,0000,0000,0000,,इसलिए मैंने चार प्रसिद्ध अनुवाद लिए Dialogue: 0,0:01:57.00,0:01:59.00,Default,,0000,0000,0000,,और उन्हें साथ - साथ पढ़ने का निश्चय किया, Dialogue: 0,0:01:59.00,0:02:01.00,Default,,0000,0000,0000,,एक एक आयत Dialogue: 0,0:02:01.00,0:02:04.00,Default,,0000,0000,0000,,अरबी शब्दों के रोमन लिप्यांतरण Dialogue: 0,0:02:04.00,0:02:07.00,Default,,0000,0000,0000,,और सातवीं शताब्दी के मूल अरबी रूप सहित. Dialogue: 0,0:02:08.00,0:02:11.00,Default,,0000,0000,0000,,मेरे पास एक सुविधा थी. Dialogue: 0,0:02:12.00,0:02:14.00,Default,,0000,0000,0000,,मेरी पिछली क़िताब Dialogue: 0,0:02:14.00,0:02:17.00,Default,,0000,0000,0000,,शिया-सुन्नी विभेद की कहानी पर थी, Dialogue: 0,0:02:17.00,0:02:20.00,Default,,0000,0000,0000,,जिसके लिए मैंने प्राचीनतम इस्लामी इतिहास पर सघन काम किया था, Dialogue: 0,0:02:20.00,0:02:22.00,Default,,0000,0000,0000,,इसलिए मुझे उन घटनाओं का पता था Dialogue: 0,0:02:22.00,0:02:24.00,Default,,0000,0000,0000,,जिनका क़ुरान में बार-बार उल्लेख है, Dialogue: 0,0:02:24.00,0:02:26.00,Default,,0000,0000,0000,,और उनका परिप्रेक्ष भी. Dialogue: 0,0:02:26.00,0:02:28.00,Default,,0000,0000,0000,,मुझे उतना ज्ञान था, जिससे मैं Dialogue: 0,0:02:28.00,0:02:31.00,Default,,0000,0000,0000,,क़ुरान में एक पर्यटक की भांति विचरणा कर सकती थी -- Dialogue: 0,0:02:31.00,0:02:33.00,Default,,0000,0000,0000,,एक जानकार पर्यटक, Dialogue: 0,0:02:33.00,0:02:35.00,Default,,0000,0000,0000,,थोड़ा अनुभवी भी, Dialogue: 0,0:02:35.00,0:02:37.00,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन फिर भी बाहर का आदमी, Dialogue: 0,0:02:37.00,0:02:39.00,Default,,0000,0000,0000,,एक अविश्वासी यहूदी Dialogue: 0,0:02:39.00,0:02:41.00,Default,,0000,0000,0000,,जो किसी दूसरे का धर्म ग्रंथ पढ़ रहा था. Dialogue: 0,0:02:41.00,0:02:43.00,Default,,0000,0000,0000,,(हँसी) Dialogue: 0,0:02:43.00,0:02:45.00,Default,,0000,0000,0000,,तो मैं धीरे-धीरे पढ़ने लगी. Dialogue: 0,0:02:45.00,0:02:49.00,Default,,0000,0000,0000,,(हँसी) Dialogue: 0,0:02:49.00,0:02:52.00,Default,,0000,0000,0000,,मैंने इस प्रोजेक्ट के लिए तीन हफ्ते का समय निर्धारित किया था, Dialogue: 0,0:02:52.00,0:02:54.00,Default,,0000,0000,0000,,इसी को शायद घमण्ड कहते हैं. Dialogue: 0,0:02:54.00,0:02:58.00,Default,,0000,0000,0000,,(हँसी) Dialogue: 0,0:02:58.00,0:03:01.00,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि इस काम में तीन महीने लग गए. Dialogue: 0,0:03:03.00,0:03:05.00,Default,,0000,0000,0000,,मैं इस लालच से बचती रही कि अंत के Dialogue: 0,0:03:05.00,0:03:08.00,Default,,0000,0000,0000,,छोटे और स्पष्टतः अधिक रहस्यवादी अध्यायों पर सीधे पहुँच जाऊँ. Dialogue: 0,0:03:08.00,0:03:10.00,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन जब जब मुझे लगने लगता की Dialogue: 0,0:03:10.00,0:03:12.00,Default,,0000,0000,0000,,अब मैं क़ुरान को समझने लगी हूँ -- Dialogue: 0,0:03:12.00,0:03:14.00,Default,,0000,0000,0000,,लगता कि अब 'ये मेरी पकड़ में आ रहा है' -- Dialogue: 0,0:03:14.00,0:03:16.00,Default,,0000,0000,0000,,तो दूसरे ही दिन ये भावना छू-मंतर हो जाती. Dialogue: 0,0:03:16.00,0:03:18.00,Default,,0000,0000,0000,,और सुबह मैं ये सवाल लिए फिर जुट जाती कि Dialogue: 0,0:03:18.00,0:03:21.00,Default,,0000,0000,0000,,क्या मैं किसी अजनबी दुनिया में भटक गई हूँ. Dialogue: 0,0:03:21.00,0:03:24.00,Default,,0000,0000,0000,,मगर ये क्षेत्र था बहुत ही जाना पहचाना. Dialogue: 0,0:03:25.00,0:03:27.00,Default,,0000,0000,0000,,क़ुरान कहता है कि वो Dialogue: 0,0:03:27.00,0:03:29.00,Default,,0000,0000,0000,,टोरा (मुसा कि पाँच क़िताबें) और गॉस्पेल (धर्मनिर्देश) में दिए संदेशों को ही दोहराता है. Dialogue: 0,0:03:29.00,0:03:31.00,Default,,0000,0000,0000,,तो उसका एक-तिहाई Dialogue: 0,0:03:31.00,0:03:33.00,Default,,0000,0000,0000,,बाईबल के पात्रों की कहानियों को ही पुनः बयान करता है Dialogue: 0,0:03:33.00,0:03:35.00,Default,,0000,0000,0000,,जैसे कि अब्राहम, मुसा, Dialogue: 0,0:03:35.00,0:03:38.00,Default,,0000,0000,0000,,जोसेफ, मेरी, इसा. Dialogue: 0,0:03:38.00,0:03:41.00,Default,,0000,0000,0000,,ईश्वर ख़ुद अपने पहले के Dialogue: 0,0:03:41.00,0:03:44.00,Default,,0000,0000,0000,,यहोवा वाले रूप से परिचित थे -- Dialogue: 0,0:03:44.00,0:03:47.00,Default,,0000,0000,0000,,इस इर्ष्या में अड़े हुए कि दूसरा ईश्वर नहीं है. Dialogue: 0,0:03:48.00,0:03:51.00,Default,,0000,0000,0000,,ऊंटों, पहाड़ों का होना, Dialogue: 0,0:03:51.00,0:03:53.00,Default,,0000,0000,0000,,रेगिस्तानी कुंएँ और झरने Dialogue: 0,0:03:53.00,0:03:55.00,Default,,0000,0000,0000,,मुझे उस साल की याद दिला रहे थे जो मैंने Dialogue: 0,0:03:55.00,0:03:57.00,Default,,0000,0000,0000,,सिनाई मरूभूमि में भटकते हुए गुज़ारा. Dialogue: 0,0:03:57.00,0:03:59.00,Default,,0000,0000,0000,,और फिर वो भाषा, Dialogue: 0,0:03:59.00,0:04:01.00,Default,,0000,0000,0000,,उसकी लयबद्ध मूर्च्छना, Dialogue: 0,0:04:01.00,0:04:04.00,Default,,0000,0000,0000,,मुझे उन शामों कि याद दिला रहे थे जो मैंने बेदुविन(बद्दु) प्रौढ़ों से Dialogue: 0,0:04:04.00,0:04:07.00,Default,,0000,0000,0000,,घंटों चलने वाली काव्यों कथाओं को सुनते हुए बिताईं Dialogue: 0,0:04:07.00,0:04:10.00,Default,,0000,0000,0000,,जो उन्हें ज़बानी याद थे. Dialogue: 0,0:04:10.00,0:04:12.00,Default,,0000,0000,0000,,और तब मुझे समझ आने लगा Dialogue: 0,0:04:12.00,0:04:15.00,Default,,0000,0000,0000,,कि क्यों ये कहा जाता है कि Dialogue: 0,0:04:15.00,0:04:18.00,Default,,0000,0000,0000,,क़ुरान को क़ुरान की तरह जानने का ज़रीया Dialogue: 0,0:04:18.00,0:04:20.00,Default,,0000,0000,0000,,सिर्फ अरबी है. Dialogue: 0,0:04:20.00,0:04:22.00,Default,,0000,0000,0000,,मसलन फातिहाह को लीजिए, Dialogue: 0,0:04:22.00,0:04:24.00,Default,,0000,0000,0000,,सात आयतों का पहला अध्याय Dialogue: 0,0:04:24.00,0:04:28.00,Default,,0000,0000,0000,,जो ईश्वर की प्रार्थना के साथ साथ इस्लाम की प्रमुख प्रार्थना भी है. Dialogue: 0,0:04:29.00,0:04:31.00,Default,,0000,0000,0000,,अरबी में ये सिर्फ 29 शब्दों में है, Dialogue: 0,0:04:31.00,0:04:35.00,Default,,0000,0000,0000,,पर अनुवादों में 65 से 72 तक. Dialogue: 0,0:04:35.00,0:04:37.00,Default,,0000,0000,0000,,और जितना आप इसमें शब्द जोड़ते जाते हैं, Dialogue: 0,0:04:37.00,0:04:40.00,Default,,0000,0000,0000,,उतना ही लगता है कि कुछ छूट गया. Dialogue: 0,0:04:40.00,0:04:43.00,Default,,0000,0000,0000,,अरबी उच्चारणों में Dialogue: 0,0:04:43.00,0:04:45.00,Default,,0000,0000,0000,,मंत्रमुग्ध कर देने की क्षमता है Dialogue: 0,0:04:45.00,0:04:48.00,Default,,0000,0000,0000,,इसलिए इसका प्रभाव पढ़ने से सुनने में ज़्यादा आता है, Dialogue: 0,0:04:48.00,0:04:51.00,Default,,0000,0000,0000,,इसे समझने से ज़्यादा महसूस करने की ज़रूरत है. Dialogue: 0,0:04:51.00,0:04:53.00,Default,,0000,0000,0000,,इसे सस्वर उच्चारित करना होगा, Dialogue: 0,0:04:53.00,0:04:56.00,Default,,0000,0000,0000,,ताकि इसका संगीत कानों और ज़बान को छूँ सके. Dialogue: 0,0:04:56.00,0:04:58.00,Default,,0000,0000,0000,,तो क़ुरान अंग्रेज़ी में Dialogue: 0,0:04:58.00,0:05:01.00,Default,,0000,0000,0000,,अपनी छाया मात्र है, Dialogue: 0,0:05:01.00,0:05:04.00,Default,,0000,0000,0000,,या जैसा ऑर्थर आरबेरी ने अपने अनुवाद के बारे में कहा, Dialogue: 0,0:05:04.00,0:05:06.00,Default,,0000,0000,0000,,'एक व्याख्या'. Dialogue: 0,0:05:07.00,0:05:10.00,Default,,0000,0000,0000,,पर अनुवाद में सब कुछ खो गया ऎसा भी नहीं है. Dialogue: 0,0:05:10.00,0:05:13.00,Default,,0000,0000,0000,,जैसा कि क़ुरान वादा करता है, सब्र का फल मिलता है, Dialogue: 0,0:05:13.00,0:05:15.00,Default,,0000,0000,0000,,और कुछ ताज्जुब करने वाली बातें भी हैं -- Dialogue: 0,0:05:15.00,0:05:18.00,Default,,0000,0000,0000,,जैसे थोड़ी बहुत पर्यावरण सचेतनता Dialogue: 0,0:05:18.00,0:05:21.00,Default,,0000,0000,0000,,और मनुष्य का ईश्वर की सृष्टि में निमित्त मात्र होने क एहसास, Dialogue: 0,0:05:21.00,0:05:24.00,Default,,0000,0000,0000,,जिनका पर्याय बाईबल में नहीं मिलता. Dialogue: 0,0:05:24.00,0:05:27.00,Default,,0000,0000,0000,,और जहाँ बाईबल केवल पुरूषों को ही सम्भाषित करता है, Dialogue: 0,0:05:27.00,0:05:29.00,Default,,0000,0000,0000,,पुल्लिंग द्वितीय पुरूष और तृ्तीय पुरूष के वाचन में, Dialogue: 0,0:05:29.00,0:05:32.00,Default,,0000,0000,0000,,वहीं क़ुरान महिलाओं को भी शामिल करता है -- Dialogue: 0,0:05:32.00,0:05:34.00,Default,,0000,0000,0000,,जैसे क़ुरान बात करता है Dialogue: 0,0:05:34.00,0:05:36.00,Default,,0000,0000,0000,,पुरूषों पर विश्वास और स्त्रियों पर विश्वास करने पर -- Dialogue: 0,0:05:36.00,0:05:39.00,Default,,0000,0000,0000,,सम्माननीय पुरुष और सम्माननीय महिलाएँ. Dialogue: 0,0:05:41.00,0:05:43.00,Default,,0000,0000,0000,,या फिर आप उस कुख्यात आयत को ही लीजिए Dialogue: 0,0:05:43.00,0:05:45.00,Default,,0000,0000,0000,,जिसमें क़ाफिरों को मारने की बात कही गई है. Dialogue: 0,0:05:45.00,0:05:47.00,Default,,0000,0000,0000,,हाँ, इसमें ज़रूर ऎसा कहा गया है, Dialogue: 0,0:05:47.00,0:05:50.00,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन बहुत ही विशेष संदर्भ में: Dialogue: 0,0:05:50.00,0:05:52.00,Default,,0000,0000,0000,,पवित्र शहर मक़्का पर Dialogue: 0,0:05:52.00,0:05:54.00,Default,,0000,0000,0000,,चढ़ाई से पहले, Dialogue: 0,0:05:54.00,0:05:57.00,Default,,0000,0000,0000,,जहाँ सामान्यतः युद्ध की मनाही थी. Dialogue: 0,0:05:57.00,0:06:00.00,Default,,0000,0000,0000,,पर ये अनुमति भी बहुत सारी शर्तों और हिदायतों के साथ दी गई. Dialogue: 0,0:06:00.00,0:06:03.00,Default,,0000,0000,0000,,आप क़ाफ़िरों को मक़्का में नहीं मार सकते, Dialogue: 0,0:06:03.00,0:06:06.00,Default,,0000,0000,0000,,मगर इजाज़त मिले तो ऎसा कर सकते हैं, Dialogue: 0,0:06:06.00,0:06:09.00,Default,,0000,0000,0000,,पर सिर्फ तब जब रियायत का वक़्त ख़त्म हो गया हो Dialogue: 0,0:06:10.00,0:06:13.00,Default,,0000,0000,0000,,और तब तक कोई दूसरा समझौता भी ना हो पाया हो Dialogue: 0,0:06:13.00,0:06:16.00,Default,,0000,0000,0000,,और वो भी तब जब वो आपको क़ाबा जाने से रोकें, Dialogue: 0,0:06:16.00,0:06:19.00,Default,,0000,0000,0000,,और उसमें भी तब जब पहले हमला वो करें. Dialogue: 0,0:06:19.00,0:06:22.00,Default,,0000,0000,0000,,इस पर भी -- ईश्वर दयानिधान है, Dialogue: 0,0:06:22.00,0:06:25.00,Default,,0000,0000,0000,,माफ कर देना सबसे बड़ी महानता है -- Dialogue: 0,0:06:25.00,0:06:27.00,Default,,0000,0000,0000,,और इसलिए, अनिवार्य रूप से, Dialogue: 0,0:06:27.00,0:06:29.00,Default,,0000,0000,0000,,बेहतर यही है कि आप ना मारें. Dialogue: 0,0:06:29.00,0:06:32.00,Default,,0000,0000,0000,,(हँसी) Dialogue: 0,0:06:32.00,0:06:35.00,Default,,0000,0000,0000,,सबसे बड़ा आश्चर्य शायद यही था -- Dialogue: 0,0:06:35.00,0:06:37.00,Default,,0000,0000,0000,,कि क़ुरान कितना उदार है, Dialogue: 0,0:06:37.00,0:06:39.00,Default,,0000,0000,0000,,कम से कम उनके लिए जो Dialogue: 0,0:06:39.00,0:06:42.00,Default,,0000,0000,0000,,मूलतः रूढ़ीवादी नहीं हैं. Dialogue: 0,0:06:42.00,0:06:45.00,Default,,0000,0000,0000,,'इनमें से कुछ आयतों के अर्थ स्पष्ट हैं', ये कहता है, Dialogue: 0,0:06:45.00,0:06:48.00,Default,,0000,0000,0000,,'और कुछ के थोड़े अस्पष्ट. Dialogue: 0,0:06:48.00,0:06:50.00,Default,,0000,0000,0000,,पंकिल हृदय वाले Dialogue: 0,0:06:50.00,0:06:52.00,Default,,0000,0000,0000,,इन अस्पष्टताओं का इस्तेमाल Dialogue: 0,0:06:52.00,0:06:54.00,Default,,0000,0000,0000,,अशांति फैलाने की कवायद में करेंगे, Dialogue: 0,0:06:54.00,0:06:57.00,Default,,0000,0000,0000,,इनकी अपने स्वार्थानुसार व्याख्या करके. Dialogue: 0,0:06:57.00,0:07:00.00,Default,,0000,0000,0000,,बस ईश्वर ही है जो सच जानता है.' Dialogue: 0,0:07:01.00,0:07:03.00,Default,,0000,0000,0000,,ये जुमला, ' ईश्वर सूक्ष्म है ' Dialogue: 0,0:07:03.00,0:07:05.00,Default,,0000,0000,0000,,बार बार दोहराया गया है. Dialogue: 0,0:07:05.00,0:07:07.00,Default,,0000,0000,0000,,और सचमुच में, समूचा क़ुरान हमें जितना बताया जाता है, Dialogue: 0,0:07:07.00,0:07:09.00,Default,,0000,0000,0000,,उससे काफी ज़्यादा सूक्ष्म है. Dialogue: 0,0:07:09.00,0:07:11.00,Default,,0000,0000,0000,,मसलन, Dialogue: 0,0:07:11.00,0:07:13.00,Default,,0000,0000,0000,,वो छोटा सा मुद्दा Dialogue: 0,0:07:13.00,0:07:16.00,Default,,0000,0000,0000,,हूरियों और स्वर्ग वाला. Dialogue: 0,0:07:16.00,0:07:19.00,Default,,0000,0000,0000,,यहाँ पूरब की सनातनी सोच का असर दिखता है. Dialogue: 0,0:07:20.00,0:07:22.00,Default,,0000,0000,0000,,जिस शब्द को चार बार दोहराया गया है Dialogue: 0,0:07:22.00,0:07:24.00,Default,,0000,0000,0000,,वो है 'हूरी', Dialogue: 0,0:07:24.00,0:07:26.00,Default,,0000,0000,0000,,जिनका वर्णन Dialogue: 0,0:07:26.00,0:07:29.00,Default,,0000,0000,0000,,काली आँखों वाली भारी वक्ष की कन्याओं के रूप में Dialogue: 0,0:07:29.00,0:07:32.00,Default,,0000,0000,0000,,या फिर सुंदर, भारी नितंब वाली कुमारियों के रूप में किया गया है. Dialogue: 0,0:07:33.00,0:07:35.00,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन मूल अरबी में Dialogue: 0,0:07:35.00,0:07:38.00,Default,,0000,0000,0000,,केवल एक शब्द है: ' हूरी.' Dialogue: 0,0:07:39.00,0:07:42.00,Default,,0000,0000,0000,,कोई भारी वक्ष या नितंब नहीं. Dialogue: 0,0:07:42.00,0:07:44.00,Default,,0000,0000,0000,,(हँसी) Dialogue: 0,0:07:44.00,0:07:46.00,Default,,0000,0000,0000,,अब ये पवित्र जीवात्माओं के वर्णन का तरीक़ा हो सकता है Dialogue: 0,0:07:46.00,0:07:48.00,Default,,0000,0000,0000,,जैसे कि देवदूत Dialogue: 0,0:07:48.00,0:07:51.00,Default,,0000,0000,0000,,या फिर युनानी कौरो (पुल्लिंग) या कोरे (स्त्रिलिंग) जैसे, Dialogue: 0,0:07:51.00,0:07:53.00,Default,,0000,0000,0000,,चिरयुवा. Dialogue: 0,0:07:53.00,0:07:56.00,Default,,0000,0000,0000,,पर सच्चाई ये है कि सच क्या है कोई नहीं जानता Dialogue: 0,0:07:56.00,0:07:58.00,Default,,0000,0000,0000,,और यही ध्यान में रखने वाली बात है. Dialogue: 0,0:07:58.00,0:08:00.00,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि क़ुरान बहुत स्पष्ट है Dialogue: 0,0:08:00.00,0:08:02.00,Default,,0000,0000,0000,,जब वो आपसे कहता है कि आप Dialogue: 0,0:08:02.00,0:08:05.00,Default,,0000,0000,0000,,'स्वर्ग में एक नई सृ्ष्टि बनेंगे' Dialogue: 0,0:08:05.00,0:08:07.00,Default,,0000,0000,0000,,और आपका ' आपकी कल्पना के परे Dialogue: 0,0:08:07.00,0:08:10.00,Default,,0000,0000,0000,,किसी रूप में पुनर्सृ्जन होगा', Dialogue: 0,0:08:10.00,0:08:13.00,Default,,0000,0000,0000,,जो मेरे लिए कहीं ज़्यादा आकर्षणीय है Dialogue: 0,0:08:13.00,0:08:15.00,Default,,0000,0000,0000,,किसी हूरी को पाने की तुलना में. Dialogue: 0,0:08:15.00,0:08:23.00,Default,,0000,0000,0000,,(हँसी) Dialogue: 0,0:08:23.00,0:08:26.00,Default,,0000,0000,0000,,और वो 72 का आंकड़ा कहीं नहीं आता. Dialogue: 0,0:08:26.00,0:08:28.00,Default,,0000,0000,0000,,क़ुरान में कहीं भी 72 हूरियों Dialogue: 0,0:08:28.00,0:08:30.00,Default,,0000,0000,0000,,का उल्लेख नहीं है. Dialogue: 0,0:08:30.00,0:08:33.00,Default,,0000,0000,0000,,ये कल्पना 300 साल बाद की है, Dialogue: 0,0:08:33.00,0:08:36.00,Default,,0000,0000,0000,,जिसे ज़्यादातर ईस्लामी बोद्धा Dialogue: 0,0:08:36.00,0:08:38.00,Default,,0000,0000,0000,,बादलों पर बैठे पंखों वाले Dialogue: 0,0:08:38.00,0:08:40.00,Default,,0000,0000,0000,,हार्प बजाते लोगों जैसी कल्पना ही समझते हैं. Dialogue: 0,0:08:41.00,0:08:44.00,Default,,0000,0000,0000,,(क़ुरान में) स्वर्ग इसके बिलकुल विपरीत है. Dialogue: 0,0:08:44.00,0:08:46.00,Default,,0000,0000,0000,,वो कौमार्य नहीं, Dialogue: 0,0:08:46.00,0:08:48.00,Default,,0000,0000,0000,,उर्वरता है, Dialogue: 0,0:08:48.00,0:08:50.00,Default,,0000,0000,0000,,वो प्राचूर्य है, Dialogue: 0,0:08:50.00,0:08:52.00,Default,,0000,0000,0000,,उसमें बहती धाराओं से सिंचित Dialogue: 0,0:08:52.00,0:08:55.00,Default,,0000,0000,0000,,बगीचे हैं. Dialogue: 0,0:08:55.00,0:08:57.00,Default,,0000,0000,0000,,धन्यवाद. Dialogue: 0,0:08:57.00,0:09:12.00,Default,,0000,0000,0000,,(तालियाँ)