1 00:00:00,840 --> 00:00:05,056 ऐसे राजपर मै विश्वास करती हू जो बडे सुखेमेभी ज्यादा फसलों का उत्पादन करत है . 2 00:00:05,080 --> 00:00:08,296 जो दुनिया में खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए किसी तरह जाना चाहिए, 3 00:00:08,320 --> 00:00:11,016 जिसमे मृतवत वनस्पती को जीवनदान मिले , 4 00:00:11,040 --> 00:00:14,176 एक अत्यंत सूखे राज्य में, यहाँ चित्र किया गया| 5 00:00:14,200 --> 00:00:17,056 आप सोचते होंगे कि ये पौधे मरे हुये दिखते हैँ, 6 00:00:17,080 --> 00:00:18,376 लेकिन वे नहीँ हैँ| 7 00:00:18,400 --> 00:00:19,856 उनको पानी दीजिये, 8 00:00:19,880 --> 00:00:25,320 और वे 12 से 48 घंटोँ मेँ जी उठेंगे, हरे हो जायेंगे, बढना शुरू करेंगे| 9 00:00:26,320 --> 00:00:27,616 अब, मैँ ने क्योँ सुझाव दिया 10 00:00:27,640 --> 00:00:32,080 कि सूखा सहिष्णु फसलों के उत्पादन खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में जायेगा? 11 00:00:33,040 --> 00:00:36,936 खैर, अभी दुनिया की जनसंख्या लगभग 7 अरब हैँ| 12 00:00:36,960 --> 00:00:39,456 और ये अंदाजा लगाया जाता है कि 2050 तक, 13 00:00:39,480 --> 00:00:42,176 अफ्रीका में हो रहा इस वृद्धि का थोक के साथ, 14 00:00:42,200 --> 00:00:45,080 हम 9 और 10 अरब लोगोँ के बीच मेँ होंगे| 15 00:00:45,880 --> 00:00:48,336 खाद्य और कृषि दुनिया के संगठनों ने 16 00:00:48,360 --> 00:00:51,496 सुझाव दिया कि उस मांग को पूरा करने के लिये 17 00:00:51,520 --> 00:00:53,696 हमेँ वर्तमान क्रुषि अभ्यास मेँ 70 प्रतिशत 18 00:00:53,720 --> 00:00:54,960 की व्रुद्धी चाहिये| 19 00:00:55,720 --> 00:00:58,416 यह देखते हुए पौधों कि खाद्य श्रृंखला के आधार पर कर 20 00:00:58,440 --> 00:01:00,760 रहे हैं, उसमेँ अधिक पौधोँ से आना चाहिये| 21 00:01:01,360 --> 00:01:04,056 उस 70 प्रतिशत 22 00:01:04,080 --> 00:01:08,296 जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभावको ध्यान में नहीं लेता है। 23 00:01:08,320 --> 00:01:12,560 ये सब डाय से किया गया एक अध्ययन जो 2011 मेँ प्रकाशित हुआ से लिया गया है, 24 00:01:13,240 --> 00:01:15,176 जहाँ उसने ध्यान मेँ लिया 25 00:01:15,200 --> 00:01:17,576 जलवायु परिवर्तन के सभी संभावित प्रभाव 26 00:01:17,600 --> 00:01:19,736 और अन्य बात के बीच- उन्हें व्यक्त किया - 27 00:01:19,760 --> 00:01:24,376 बारिश की कमी या अभाव के कारण शुष्कता की व्रुद्धी हुई है| 28 00:01:24,400 --> 00:01:26,176 यहाँ जो जगह लाल मेँ दिखाये गये, 29 00:01:26,200 --> 00:01:28,256 वो जगह थोडे दिन पहले तक 30 00:01:28,280 --> 00:01:31,456 खेती-बाडी केलिये सफलतापूर्वक इस्तेमाल किये जारहे थे, 31 00:01:31,480 --> 00:01:33,880 लेकिन बारिश की कमी के कारण अभी इस्तेमाल नही होते| 32 00:01:34,640 --> 00:01:37,560 यह स्थिति 2050 में होने की भविष्यवाणी की है| 33 00:01:38,840 --> 00:01:41,016 अफ्रीका के ज्यादातर, वास्तव में, दुनिया की 34 00:01:41,040 --> 00:01:42,936 अधिक भाग, मुसीबत में होने जा रहा है। 35 00:01:42,960 --> 00:01:46,616 हम खाद्य उत्पादन के कुछ बहुत चालाक तरीके के बारे में सोचने जा रहे हैं। 36 00:01:46,640 --> 00:01:49,936 और बेहतर होगा, उनके बीच कुछ सूखा सहिष्णु फसल होंगे| 37 00:01:49,960 --> 00:01:52,016 दूसरे बात आफ्रिका के बारे मेँ याद रखने की है 38 00:01:52,040 --> 00:01:54,840 कि उनकी कृषि के अधिक भाग वर्षा आधारित है। 39 00:01:56,080 --> 00:01:59,536 अब, सूखा सहिष्णु फसलों को बनाना दुनिया में सबसे आसान बात नहीं है। 40 00:01:59,560 --> 00:02:01,976 और इसका कारण है पानी| 41 00:02:02,000 --> 00:02:05,136 पानी इस ग्रह पर के जीवन के लिये बहुत जरूरी है| 42 00:02:05,160 --> 00:02:09,295 सब जीवित, सक्रिय रूप से चयापचय करीयोवले जीव 43 00:02:09,320 --> 00:02:11,376 जीवाणू से लेकर आप और मैँ, 44 00:02:11,400 --> 00:02:13,736 मुख्य रूप से पानी से बने हैँ| 45 00:02:13,760 --> 00:02:16,296 सभी जीवन प्रतिक्रियाओं पानी में होती हैं। 46 00:02:16,320 --> 00:02:19,336 और छोटी सी पानी की कमी भी मौत की परिणाम हो सकता है| 47 00:02:19,360 --> 00:02:21,416 आप और मैँ 65 प्रतिशत पानी है-- हम उसमेँ 48 00:02:21,440 --> 00:02:23,160 एक प्रतिशत खो दिये, हम मर जायेंगे| 49 00:02:23,840 --> 00:02:26,560 लेकिन हम उससे बचने के लिये व्यवहार मेँ बदलाव ला सकते हैँ| 50 00:02:27,920 --> 00:02:29,496 पौधे नही कर सकते| 51 00:02:29,520 --> 00:02:31,136 वे जमीन में फंस गये। 52 00:02:31,160 --> 00:02:34,536 और इसलिये पहले उदाहरण मेँ उनके पास हम से थोडा ज्यादा पानी है, 53 00:02:34,560 --> 00:02:35,816 लग भग 95 .प्रतिशत पानी, 54 00:02:35,840 --> 00:02:37,936 और वे हम से थोडा ज्यादा खो सकते हैँ, 55 00:02:37,960 --> 00:02:40,920 जैसे 10 से लग भग70 प्रतिशत तक प्रजातियोँ पर निर्भर करता है, 56 00:02:42,000 --> 00:02:43,360 लेकिन सिर्फ कम समय तक| 57 00:02:44,680 --> 00:02:48,856 उनमेँ से ज्यादा या तो विरोध या पानी के नुकसान से बचने की कोशिश करेंगे। 58 00:02:48,880 --> 00:02:52,816 तो प्रतिरोधों के चरम उदाहरण सरस में पाया जा सकता है। 59 00:02:52,840 --> 00:02:55,656 वे बहुत ही आकर्षक, छोटे हो जाते हैं, 60 00:02:55,680 --> 00:02:58,416 लेकिन वे ऐसे महान कीमत पर अपने पानी पर पकड़ रखते हैँ 61 00:02:58,440 --> 00:03:00,440 कि वे बहुत ही धीरे से बडः जाते हैँ| 62 00:03:01,440 --> 00:03:06,016 पानी की कमी से बचाव के उदाहरण पेड़ों और झाड़ियों में पाए जाते हैं। 63 00:03:06,040 --> 00:03:07,616 बहुत गहरायी तक उनकी जडे जाती है 64 00:03:07,640 --> 00:03:09,336 भूमिगत पानी की आपूर्ति हर समय 65 00:03:09,360 --> 00:03:11,816 पानीको उनमे प्रवाहित करती है 66 00:03:11,840 --> 00:03:13,696 लिए,अपने आप को हैड्रेटेड रखने के लिये| 67 00:03:13,720 --> 00:03:15,696 जो दाय ओर है वो एक बावोबाब कहलाता है| 68 00:03:15,720 --> 00:03:17,776 ओ ऊपर से नीचे के पेड़ भी कहलाता है, 69 00:03:17,800 --> 00:03:21,576 सिर्फ इसलिये कि उसकी जडोँ से शाखाओँ का अनुपात इतना महान है कि 70 00:03:21,600 --> 00:03:24,296 वे पेड को ऊपर से नीचे लगाया जैसा लगता है| 71 00:03:24,320 --> 00:03:27,560 और बेशक पेड की हैड्रेशन के लिये जडोँ की जरूरत है| 72 00:03:28,760 --> 00:03:33,280 और शायद परिहार का सबसे आम रणनीति वार्षिक में पाया जाता है। 73 00:03:33,840 --> 00:03:37,016 वार्षिक से हमारे संयंत्र खाद्य आपूर्ति के थोक बनता है। 74 00:03:37,040 --> 00:03:38,736 मेरे देश के पश्चिमी तट तक, 75 00:03:38,760 --> 00:03:42,296 साल की ज्यादातर भाग मेँ आप ज्यादा वनस्पति विकास नही देख सकते। 76 00:03:42,320 --> 00:03:44,976 लेकिन वसंत बारिश आयेगा , तो आपको ये मिलेगा: 77 00:03:45,000 --> 00:03:46,240 रेगिस्तान के फूल| 78 00:03:47,000 --> 00:03:48,856 वार्षिक मेँ रणनीति, 79 00:03:48,880 --> 00:03:51,240 केवल बरसात के मौसम में विकसित करने के लिए है। 80 00:03:51,960 --> 00:03:54,256 उस मौसम की अंत् मेँ वे एक बीज उत्पादन करते हैँ, 81 00:03:54,280 --> 00:03:57,096 जो सूखा हो, 8 से10 प्रतिशत पानी हो, 82 00:03:57,120 --> 00:03:58,776 लेकिन एकदम जिंदा हो| 83 00:03:58,800 --> 00:04:01,696 और जो भी हो जो सूखा और फिर भी सजीव हो, उसे 84 00:04:01,720 --> 00:04:03,200 हम सुखाना- सहिष्णु कहते हैँ| 85 00:04:03,840 --> 00:04:05,256 सूखा स्थिति मेँ, 86 00:04:05,280 --> 00:04:07,936 बीज क्या कर सकते हैं कि समय की लंबी अवधि के लिए 87 00:04:07,960 --> 00:04:09,616 पर्यावरण के चरम में लेटे रहते है| 88 00:04:09,640 --> 00:04:11,856 अगले बार बारिष का मौसम आयेगा, 89 00:04:11,880 --> 00:04:13,376 वे अंकुरित होके और बढेंगे, 90 00:04:13,400 --> 00:04:15,280 औरपुरा चक्र बस फिर से शुरू होगा। 91 00:04:16,120 --> 00:04:20,176 विस्तार रूप से येमाना जाता है कि सुखाना सहिष्णु बीजों का विकास 92 00:04:20,200 --> 00:04:22,376 भूमि परफूल वाले पौधों की या वनस्पतियों 93 00:04:22,400 --> 00:04:25,920 उपनिवेशवाद और विकिरण की अनुमति दी। 94 00:04:26,960 --> 00:04:30,120 लेकिन वार्षिक को वापस हमारा खाद्य आपूर्ति के प्रमुख हिस्सा बनाया| 95 00:04:30,800 --> 00:04:35,520 घेहूँ, चावल और मक्का हमारा आहार अपूर्ती मेँ 95 प्रतिशत हिस्सा लेते हैँ| 96 00:04:36,480 --> 00:04:38,016 और ये एक बहुत ही महान रणनीति है 97 00:04:38,040 --> 00:04:41,216 क्योँकि कम समय की अवधि मेँ आप बहुत सारा बीज का उत्पादन कर सकते हैँ| 98 00:04:41,240 --> 00:04:43,860 बीज शक्ती से भरपूर इसीलिये वहा आहार का कालरीस बहुत हैँ, 99 00:04:43,884 --> 00:04:47,804 आप उन्हे अकाल के समय के लिये जब ज्यादा आते हैँ तब बचाके रख सकते हैँ, 100 00:04:48,480 --> 00:04:49,720 लेकिन एक असुविधा भी है| 101 00:04:50,560 --> 00:04:51,936 वनस्पति ऊतकों, 102 00:04:51,960 --> 00:04:54,136 वार्ष्कोँ के झडोँ और पत्तोँ मेँ, 103 00:04:54,160 --> 00:04:55,416 निहित प्रतिरोध, परिहार 104 00:04:55,440 --> 00:04:59,536 या सहिष्णुता विशेषताओं के माध्यम से ज्यादा नही हैँ| 105 00:04:59,560 --> 00:05:00,856 उनको उसकी जरूरत नही हैँ| 106 00:05:00,880 --> 00:05:02,296 वे बारिष के मौसम मेँ बढ जाते 107 00:05:02,320 --> 00:05:05,696 और साल भर जीवित रहने मेँ उनकी मदद करने के लिये एक बीज होता है| 108 00:05:05,720 --> 00:05:08,416 और कृषि के क्षेत्र में ठोस प्रयास के बावजूद 109 00:05:08,440 --> 00:05:10,976 बेहतर गुण प्रतिरोध, परिहार और सहिष्णुता 110 00:05:11,000 --> 00:05:13,176 के साथ फसल बनाने के लिये 111 00:05:13,200 --> 00:05:15,096 विशेष रूप से प्रतिरोध और परिहार 112 00:05:15,120 --> 00:05:18,016 क्योँ कि हमारे पास अच्छी नमूने हैँ उनकी काम करने की तरीका 113 00:05:18,040 --> 00:05:20,376 समझने के लिये-- हमारे पास फिर भी ऐसे छवियाँ हैँ| 114 00:05:20,400 --> 00:05:21,856 आफ्रिका मेँ मक्का की फसल, 115 00:05:21,880 --> 00:05:23,296 दो हफ्ते बिना बारिष के 116 00:05:23,320 --> 00:05:24,520 और वह मर गया| 117 00:05:25,560 --> 00:05:26,800 एक समाधान है: 118 00:05:27,520 --> 00:05:28,760 जी उठने की पौधे| 119 00:05:29,320 --> 00:05:33,096 ये पौधे 95 प्रतिशत उनकी सेल्युलर पानी खो सकते हैँ, 120 00:05:33,120 --> 00:05:36,976 एक सूखे, मरे- जैसे स्थिति मेँ महीने से सालोँ तक रह सकते हैँ, 121 00:05:37,000 --> 00:05:38,736 और आप उन्हे पानी दीजिये, वे हरे 122 00:05:38,760 --> 00:05:40,640 हो जायेंगे और फिर से बढना शुरू करेंगे| 123 00:05:41,560 --> 00:05:44,856 बीज जैसे, ये भी सुखाना सहिष्णु हैँ। 124 00:05:44,880 --> 00:05:49,000 बीज जैसे ये भी पर्यावरण की चरम स्थिति का सामना कर सकते हैँ। 125 00:05:49,760 --> 00:05:51,776 और ये एक बहुत ही दुर्लभ घटना है। 126 00:05:51,800 --> 00:05:56,176 वहाँ केवल 135 फूल पौधों की प्रजातियाँ ही यह कर सकते हैं। 127 00:05:56,200 --> 00:05:57,616 मैँ आप को एक वीडियो 128 00:05:57,640 --> 00:06:00,256 दिखाने वाली हूँ इन तीन प्रजातियों में से जी उठने की 129 00:06:00,280 --> 00:06:01,496 प्रक्रिया उस क्रम मेँ| 130 00:06:01,520 --> 00:06:02,776 और सब से नीचे, समय एक की 131 00:06:02,800 --> 00:06:05,536 अक्सिस है इसलिये आप देख सकते हैँ वह कितनी जल्दी होजाता है| 132 00:06:44,160 --> 00:06:46,200 (तालियाँ) 133 00:06:50,240 --> 00:06:51,776 बहुत अद्भुत है, है ना? 134 00:06:51,800 --> 00:06:56,016 इसलिये मैँ ने पिछले पंद्रह साल वे यह कैसे करते हैँ समझने की कोशिश मेँ बिताया| 135 00:06:56,040 --> 00:06:58,440 ये पौधे बिना मरे सूखे कैसे हो जाते हैँ? 136 00:06:59,080 --> 00:07:01,856 और मैँ तरह तरह के जी उठने के पौधे पर काम किया, 137 00:07:01,880 --> 00:07:04,296 यहाँ दिखाया हैड्रेटेड और सूखे स्थिति मेँ, 138 00:07:04,320 --> 00:07:05,776 कई वजह से। 139 00:07:05,800 --> 00:07:08,656 उन मेँ से एक है कि हर पौधा एक फसल के लिये एक नमूना 140 00:07:08,680 --> 00:07:11,056 जैसा काम करती जिसे मैँ सूखा-सहनीय बनाना चाहती हूँ| 141 00:07:11,080 --> 00:07:14,016 इसलिये ऊपर बाय तरफ किनारे पर, उदाहरण के लिये, है एक घास्, 142 00:07:14,040 --> 00:07:16,296 उसे एराग्रोस्टिस निंडेंसिस बुलाते हैँ, उसको एक 143 00:07:16,320 --> 00:07:18,696 नजदीकी रिस्तेदार उसे एराग्रोस्टिस टेफ बुलाते हैँ-- 144 00:07:18,720 --> 00:07:20,736 आप मेँ से बहुत लोग उसे "टेफ्" की नाम से 145 00:07:20,760 --> 00:07:22,496 जानते--ओ इथ्योपिया मेँ एक मूल 146 00:07:22,520 --> 00:07:23,776 भोजन है, यह लस- मुक्त है, 147 00:07:23,800 --> 00:07:26,816 और वे कुछ हम सूखा सहिष्णु बनाना चाहते हैं। 148 00:07:26,840 --> 00:07:29,256 दूसरे पौधौँ के तरफ देखने की कोई और वजह ये है कि, 149 00:07:29,280 --> 00:07:30,656 कम से कम पहले, मैँ ये 150 00:07:30,680 --> 00:07:32,936 जानना चाहती थी: वे वही काम करते हैँ क्या? 151 00:07:32,960 --> 00:07:34,656 वे सब सभी पानी खोकर और 152 00:07:34,680 --> 00:07:37,256 जीवित रहसकने के लिये वही तंत्र इस्तेमाल करते हैँ? 153 00:07:37,280 --> 00:07:39,976 इसलिये मैँ ने सुखाना सहिष्णुता की, 154 00:07:40,000 --> 00:07:42,176 एक व्यापक समझ पाने के लिए 155 00:07:42,200 --> 00:07:44,216 सिस्टम जीव विज्ञान दृष्टिकोण का शुरू किया 156 00:07:44,240 --> 00:07:45,696 जिस मेँ हम सब कुछ देखते हैँ 157 00:07:45,720 --> 00:07:48,632 आण्विक पूरे संयंत्र, इकोफिजियोलाजिकल के स्तर पर। 158 00:07:48,657 --> 00:07:50,291 उदाहरण के लिये जैसे पौधे सूखते है 159 00:07:50,316 --> 00:07:52,513 उनके शरीर रचना तथा 160 00:07:52,537 --> 00:07:53,776 अतिसूक्ष्म अंगके बदलाव 161 00:07:53,800 --> 00:07:56,976 हम ट्रांस्क्रिप्टोम के तरफ देखते, जो प्रौद्योगिकी के लिये बस एकशब्द 162 00:07:57,000 --> 00:07:58,416 जिस मे हम जींस को देखते हैँ 163 00:07:58,440 --> 00:08:00,856 जो सुखाने के जवाब में चालू या बंद होते रह्ते हैँ| 164 00:08:00,880 --> 00:08:04,096 अधिकतर जींस प्रोटीन के कोड होनेपर प्रोटीओमके बारेमे सोचेंगे . 165 00:08:04,120 --> 00:08:06,520 सूखने के जवाब मेँ प्रोटींस ने क्या किया हैँ? 166 00:08:07,480 --> 00:08:11,376 कुछ प्रोटींस विकर के लिये कोड करेंगे जो चयापचयक बनाते हैँ, 167 00:08:11,400 --> 00:08:12,976 इसलिये हमउनका विचार करेंगे | 168 00:08:13,000 --> 00:08:16,296 अब, ये बहुत जरूरी है क्योँ कि पौधे जमीन मेँ फसे हुये रहते हैँ| 169 00:08:16,320 --> 00:08:20,416 वे एक बेहद खतरनाक रसायन जिसे मैँ अर्सिनल बुलाती हूँ इस्तेमाल करते हैँ 170 00:08:20,440 --> 00:08:23,856 उनके वतावरण के तनाव से खुद को बचाने के लिये| 171 00:08:23,880 --> 00:08:25,376 तो जरूरी है कि हम ये देखेँ कि 172 00:08:25,400 --> 00:08:27,840 सूखने की क्रिया मेँ क्या रसायनिक परिवर्तन शामिल हैँ| 173 00:08:28,520 --> 00:08:31,176 और सब से पीछे सूक्ष्म स्तर पर हम ने जो अध्ययन किया, 174 00:08:31,200 --> 00:08:32,456 हम लिपिडोम पर देखा-- 175 00:08:32,480 --> 00:08:34,535 सूखने की जवाब मेँ लिपिड परिवर्तन| 176 00:08:34,559 --> 00:08:35,816 और वो भी जरूरी है क्योँ कि 177 00:08:35,840 --> 00:08:38,655 सब जैविक झिल्लियों लिपिड्स से बनाये गये हैँ| 178 00:08:38,679 --> 00:08:41,256 वे झिल्ली के रूप में लगे रहे क्योँ कि वे पानी मेँ हैँ| 179 00:08:41,280 --> 00:08:43,520 पानी को निकालिये, वे झिल्ली गिर जायेंगे| 180 00:08:44,240 --> 00:08:47,280 लिपिड्स जींस को आन करने के लिये संकेत के रूप मेँ भी काम करते हैँ 181 00:08:48,200 --> 00:08:50,896 फिर हम ने शारीरिक और रसायनिक अध्ययन इस्तेमाल किया 182 00:08:50,920 --> 00:08:54,136 ख्यात प्रोटेक्टेंट्स का काम कोषिश और समझने के लिये 183 00:08:54,160 --> 00:08:57,096 जो हम ने दूसरे अध्ययन मेँ आविष्कार किया| 184 00:08:57,120 --> 00:08:59,296 और फिर सभी का उपयोग किया ये समझने के लिये 185 00:08:59,320 --> 00:09:01,640 पौधे अपने प्रक्रुतिक वातावरण मेँ कैसे बचती है| 186 00:09:03,480 --> 00:09:07,816 मेरा हमेशा ये मानना है कि मुझे एक ओयापक समझ की जरूरत है 187 00:09:07,840 --> 00:09:10,096 सुखाना सहिष्णुता के तंत्र का एक 188 00:09:10,120 --> 00:09:13,960 जैविक आवेदन के लिए सार्थक सुझाव देने के लिये। 189 00:09:15,000 --> 00:09:16,656 मुझे यकीन है आप मेँ से कुछ 190 00:09:16,680 --> 00:09:17,936 सोचते होंगे, "जैविक आवेदन 191 00:09:17,960 --> 00:09:20,880 से उनकी मतलब आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलेँ बनाने जारहे हैँ?" 192 00:09:22,240 --> 00:09:23,936 और ये प्रश्न का उत्तर है: ये आप के 193 00:09:23,960 --> 00:09:26,341 अनुवंशिक संशोधन की परिभाषा पर निर्भर करती है| 194 00:09:27,200 --> 00:09:30,016 हम जो आज खाते हँ गेहूँ, चावल, और मक्का, सभी फसल उनके 195 00:09:30,040 --> 00:09:33,256 पूर्वजों से अधिक आनुवंशिक रूप से संशोधित किये गये, लेकिन हम उन्हे 196 00:09:33,280 --> 00:09:35,256 अनुवंशिक रूप से संशोधित नही मानते क्योँकि 197 00:09:35,280 --> 00:09:37,920 वे पारंपरिक प्रजनन द्वारा उत्पादित किये जा रहे हैं। 198 00:09:38,880 --> 00:09:42,656 अगर आप का मतलब, क्या मैँ फसलों में जी उठने संयंत्र जीन डालने वाली हूँ, 199 00:09:42,680 --> 00:09:43,976 आप की जवाब है हाँ| 200 00:09:44,000 --> 00:09:47,136 समय का संक्षेप में, हम उस दृष्टिकोण से कोशिश की है। 201 00:09:47,160 --> 00:09:50,016 उचित रूप से, UCT में मेरे सहयोगियों में से कुछ, 202 00:09:50,040 --> 00:09:51,976 जेन्निफर थाम्सन, सुहैल रफुदीन, 203 00:09:52,000 --> 00:09:53,616 उस दृष्टिकोण में जुट गया और मैँ 204 00:09:53,640 --> 00:09:55,593 बहुत जल्द आप्को वो डाटा दिखाने वाली हूँ| 205 00:09:57,200 --> 00:10:01,216 लेकिन हम एक अत्यंत महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण पर लगने वाले हैँ, 206 00:10:01,240 --> 00:10:04,696 जिसमेँ हम पूरी जीन की सुइट्स को बदलने की उद्देश्य मेँ हैँ 207 00:10:04,720 --> 00:10:07,416 जो पहले से हर एक फसल मेँ मौजूद हैँ| 208 00:10:07,440 --> 00:10:10,345 वे कभी चरम सूखे स्थिती मेँ भी नही बदले| 209 00:10:10,800 --> 00:10:12,256 उनको GM बोलना है या नही 210 00:10:12,280 --> 00:10:14,233 इसका फैसला मैँ आप के ऊपर छोड्ती हूँ| 211 00:10:15,560 --> 00:10:19,016 मैँ अभी आपको पहले द्रुष्टिकोण से कुछ डाटा देनेवाली हूँ| 212 00:10:19,040 --> 00:10:20,296 और ऐसे करने के लिये 213 00:10:20,320 --> 00:10:22,976 मुझे जींस कैसे काम करते हैँ ये थोडा सा बताना पडेगा| 214 00:10:23,000 --> 00:10:24,256 तो आप सभी शायद जानते होंगे 215 00:10:24,280 --> 00:10:26,336 कि जींस डबल-स्ट्रांडेड DNA से बने हैँ| 216 00:10:26,360 --> 00:10:28,296 वे क्रोमोसोम्स के अंदर कस के घुमाये गये 217 00:10:28,320 --> 00:10:31,480 जो आपके शरीर या पौधे के शरीर के हर सेल मेँ मौजूद हैँ| 218 00:10:32,080 --> 00:10:35,160 अगर आप उस DNA को पीछे घुमाओ तो, आप्को जींस मिलेंगे| 219 00:10:35,840 --> 00:10:38,296 और हर एक जीन के पास प्रमोटर होगा, 220 00:10:38,320 --> 00:10:40,696 जो सिर्फ एक आन-आफ स्विच है, 221 00:10:40,720 --> 00:10:42,136 जीन कोडिंगक्षेत्र होगा, 222 00:10:42,160 --> 00:10:43,416 और फिर एक टर्मिनेटर, 223 00:10:43,440 --> 00:10:47,040 जो ये बताता है कि ये इस जीन का अंत है, दूसरा जीन शुरू होगा| 224 00:10:47,720 --> 00:10:50,616 अब, प्रमोटर्स सिर्फ आन- आफ स्विचेस नही हैँ| 225 00:10:50,640 --> 00:10:53,336 उस जीन स्विच चालू होने से पहले उनके लिये सही ट्युनिंग, 226 00:10:53,360 --> 00:10:57,400 और बहुत सारी सही चीज रहना है| 227 00:10:58,240 --> 00:11:01,296 तो बैयो टेक अध्ययन मेँ आम तौर पर क्या होता कि हम एक इंड्युकिबल 228 00:11:01,320 --> 00:11:03,136 प्रमोटर का इस्तेमाल करते हैँ जिसका 229 00:11:03,160 --> 00:11:04,736 स्विच आँन करना हम जानते हैँ| 230 00:11:04,760 --> 00:11:06,776 हम उसको लाभ वाली जींस मेँ जोडते हैँ और उसको 231 00:11:06,800 --> 00:11:09,480 एक पौधे मेँ लगाके ओ पौधा कैसे प्रतिक्रिया देती देखते हैँ| 232 00:11:10,120 --> 00:11:12,696 एक अध्ययन बारे मेँ मैँ बात करनेवाली हूँ, 233 00:11:12,720 --> 00:11:15,176 मेरे सहयोगियों ने एक सूखे प्रेरित इस्तेमाल की 234 00:11:15,200 --> 00:11:17,616 की, जिसको हम ने एक पुनरूत्थान संयंत्र में खोज की। 235 00:11:17,640 --> 00:11:20,776 इस प्रमोटर की एक अच्छी बात ये है कि हम कुछ नही करते| 236 00:11:20,800 --> 00:11:22,880 पौधा अपने आप अनावृष्टी का अनुभव करती है| 237 00:11:23,600 --> 00:11:28,696 और हम जी उठने के पौधों से एंटीऑक्सीडेंट जीन ड्राइव करने के लिए यह प्रयोग किया है| 238 00:11:28,720 --> 00:11:30,576 एंटिआँक्सिडेंट जींस क्योँ? 239 00:11:30,600 --> 00:11:33,656 सभी तनावों, विशेष रूप से सूखे तनाव, 240 00:11:33,680 --> 00:11:35,976 मुक्त कण के गठन में परिणाम है, 241 00:11:36,000 --> 00:11:38,336 या प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों, 242 00:11:38,360 --> 00:11:41,080 जो बहुतही हाँइकारक हैँ और फसल को मार मार सकते हैँ| 243 00:11:41,680 --> 00:11:44,280 एटाक्सिडेंट्स उस नुकसान को रोकते हैँ| 244 00:11:45,360 --> 00:11:49,256 तो यहाँ एक मक्का के तनाव से कुछ डेटा है जो अफ्रीका में बहुत लोकप्रिय है| 245 00:11:49,280 --> 00:11:52,576 तीर के बायाँ तरफ हैँ पौधे बिना जींस के, 246 00:11:52,600 --> 00:11:53,856 दायँ तरफ हैँ-- 247 00:11:53,880 --> 00:11:55,936 पौधे एंटिआक्सीडेंट जींस के साथ| 248 00:11:55,960 --> 00:11:57,776 तीन हफ्ते बिना पानी के बाद, 249 00:11:57,800 --> 00:12:00,280 जो जींस के साथ हैँ वे बहुत अच्छा करेंगे| 250 00:12:01,720 --> 00:12:03,056 अब आखरी द्रुष्टिकोण| 251 00:12:03,080 --> 00:12:06,616 मेरे शोध से पता चला है काफी समानता है 252 00:12:06,640 --> 00:12:11,056 बीज और जी उठने के पौधों में सुखाना सहिष्णुता के तंत्र में। 253 00:12:11,080 --> 00:12:12,496 तो मैँ एक सवाल पूछती हूँ, 254 00:12:12,520 --> 00:12:13,960 वे वही जींस इस्तेमाल करते हैँ? 255 00:12:14,480 --> 00:12:16,736 या थोडा अलग फ्रेसड, 256 00:12:16,760 --> 00:12:21,256 जी उठने पौधों उनके पत्ते और जडोँ मेँ बीज सुखाना सहिष्णुता में विकसित 257 00:12:21,280 --> 00:12:22,536 जीन का उपयोग कर रहे हैं? 258 00:12:22,560 --> 00:12:24,616 वे जी उठने की पौधोँ के झडोँ और पत्तोँ को 259 00:12:24,640 --> 00:12:26,680 इन बीज के जींस को रीटास्क किया है क्या? 260 00:12:27,760 --> 00:12:29,616 और मैँ उस सवाल का जवाब देती हूँ, 261 00:12:29,640 --> 00:12:32,056 मेरे ग्रूप के बहुत अध्ययन के परिणाम से 262 00:12:32,080 --> 00:12:35,616 और हाल ही में नेथेर्लांड्स की हेंक हिल्हार्स्टसे किया गया सहयोग से 263 00:12:35,640 --> 00:12:37,216 युनैटेड स्टेट्स की मेल आलिवर 264 00:12:37,240 --> 00:12:39,840 और फ्रांस मेँ जुलिया ब्युटिंक से| 265 00:12:39,880 --> 00:12:41,296 जवाब है हाँ, 266 00:12:41,320 --> 00:12:44,176 कि वहाँ एक कोर सेट जींस के हैँ जो दोनो मेँ शामिल किया गया| 267 00:12:44,200 --> 00:12:47,616 मैँ मक्का के लिए बहुत ही कुदरती तौर उदाहरण देकर स्पष्ट करने वाली हूँ, 268 00:12:47,640 --> 00:12:50,056 जहाँ आफ् स्विच के नीचे की क्रोमोसोम्स 269 00:12:50,080 --> 00:12:53,655 सुखाना सहिष्णुता के लिए सभी जीनों जो आवश्यक हैं उनकी प्रतिनिधित्व करते हैं। 270 00:12:53,680 --> 00:12:57,936 इसलिये विकास के अपने अवधि के अंत में, जब मक्के की बीज सूखते हैँ, वे इन 271 00:12:57,960 --> 00:12:59,320 जींस के स्विच आन करते हैँ 272 00:13:00,680 --> 00:13:03,576 जी उठने के पौधे ये ही जीन स्विच आन करते हैँ 273 00:13:03,600 --> 00:13:05,256 जब वे सूखते हैँ| 274 00:13:05,280 --> 00:13:07,056 सभी आधुनिक फसल, इसलिये 275 00:13:07,080 --> 00:13:09,136 अपने झडोँ और पत्तोँ मेँ ये जींस रखते हैँ, 276 00:13:09,160 --> 00:13:10,896 उन्हे कभी स्विच आन नही करते| 277 00:13:10,920 --> 00:13:12,880 वे सिर्फ बीज कणोँ मेँ स्विच आँन करते हैँ| 278 00:13:13,440 --> 00:13:15,176 इसलिये अब हम कोशिश करते 279 00:13:15,200 --> 00:13:17,816 वातावरण और पेशीय संकेतोँको समझने की 280 00:13:17,840 --> 00:13:20,280 पौधोँमेँ जींस कैसे स्विच आँन करते हैँ, उनको उठाने 281 00:13:21,280 --> 00:13:23,040 इस प्रक्रिया को नकल करने के लिए। 282 00:13:23,680 --> 00:13:25,416 और फिर एक आखरी विचार| 283 00:13:25,440 --> 00:13:27,656 हम तेजी से क्या करने की कोशिश कर रहे हैँ कि 284 00:13:27,680 --> 00:13:31,496 जो प्रक्रिति ने कुछ 10 से 40 मिलियन सालोँ पहले जी उठने की पौधोँ मेँ 285 00:13:31,520 --> 00:13:33,360 जो किया था उसको फिर से दोहरा रहे हैँ| 286 00:13:34,160 --> 00:13:36,656 मेरे पौधों और मैं आपका ध्यान के लिए धन्यवाद करते हैँ। 287 00:13:36,680 --> 00:13:42,915 (तालियाँ)