WEBVTT 00:00:06.580 --> 00:00:10.290 हमारे महासागर हमारे ग्रह को परिभाषित करते है। 00:00:15.895 --> 00:00:17.935 वह हमारा पालन-पोषण करता है, 00:00:21.042 --> 00:00:25.380 और आज पृथ्वी के आधे से अधिक प्राणियों का घर है। 00:00:33.320 --> 00:00:37.090 समुद्र की उपस्थिति से कोई जीव अछूता नहीं है। 00:00:37.830 --> 00:00:39.861 चाहे वह कहीं भी रहता हो। 00:00:47.284 --> 00:00:49.451 जिस हवा में हम सांस लेते हैं 00:00:50.117 --> 00:00:52.227 और जिस पानी को हम पीते हैं, 00:00:53.667 --> 00:00:56.874 वे अंतत: समुद्रों से ही जुड़े हुए हैं। 00:00:59.580 --> 00:01:02.860 महासागर हमारे मौसम को संचालित करते हैं 00:01:06.390 --> 00:01:08.560 और हमारी जलवायु को स्थिर रखते हैं। 00:01:14.360 --> 00:01:18.280 कहीं भी कोई इससे अधिक शक्तिशाली और असहिष्‍णु नहीं है। 00:01:25.580 --> 00:01:30.060 फिर भी यह अधिक सुंदर और अत्‍यंत आकर्षक है। 00:01:34.750 --> 00:01:39.380 फिर भी लंबे समय तक हमने समुद्र को हल्के में लिया है। 00:01:42.560 --> 00:01:46.520 हमारी करतूतों ने प्रजातियों को कगार पर धकेल दिया है। 00:01:50.520 --> 00:01:53.611 और प्रत्‍येक समुद्री आवास पर प्रभाव डाला है। 00:01:55.300 --> 00:01:56.826 चाहे वह कितना भी दूर 00:02:00.125 --> 00:02:02.055 या कितना ही गहरा हो। 00:02:05.180 --> 00:02:08.682 हम नहीं समझे कि समुद्र हमारे लिए क्या करता है। 00:02:10.149 --> 00:02:14.520 समुद्र ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को नरम बना दिया है। 00:02:16.390 --> 00:02:19.551 लेकिन अब हम परिणाम भुगत रहे हैं: 00:02:22.665 --> 00:02:27.815 समुद्र गर्म हो रहे हैं, उफन रहे हैं, 00:02:30.340 --> 00:02:32.690 और अधिक अम्लीय हो रहे हैं। 00:02:35.040 --> 00:02:41.190 यह गंभीर विचार है कि अगली शताब्दी में प्रवाल शैल-श्रेणियाँ नष्ट हो सकती हैं। 00:02:44.940 --> 00:02:47.260 हम सभी को एक स्‍वस्‍थ महासागर चाहिए, 00:02:48.464 --> 00:02:50.890 इसलिए हमें अपने तौर-तरीके बदलने होंगे। 00:02:52.880 --> 00:02:54.790 मिलकर, सही प्रबंधन के साथ, 00:02:55.020 --> 00:02:58.279 हम समुद्रों को फिर से आबाद कर सकते हैं। 00:03:01.520 --> 00:03:03.930 हम समुद्री प्रदूषण को कम कर सकते हैं, 00:03:05.625 --> 00:03:09.058 और समुद्र के अम्लीकरण के प्रभाव को कम कर सकते है। 00:03:13.380 --> 00:03:19.842 यदि हम समुद्र को अवसर दें तो इसकी पुनरुज्जीवन की क्षमता असाधारण है। 00:03:22.860 --> 00:03:25.089 अब भी बहुत देर नहीं हुई है। 00:03:26.599 --> 00:03:29.640 हम महासागर के साथ एक बिल्कुल नए संबंध की परिधि में हैं। 00:03:30.450 --> 00:03:33.632 एक अधिक बुद्धिमत्तापूर्ण, अधिक धारणीय संबंध। 00:03:47.260 --> 00:03:50.350 हमें ही चुनना है।