1 00:00:03,580 --> 00:00:06,290 जब आप किसी ऐसे युवा को कोई वाद्य देते हैं 2 00:00:06,520 --> 00:00:08,340 जो निराश हो चुका है 3 00:00:09,130 --> 00:00:11,950 तो आप उसे संभावनाओं का एक संसार दे रहे होते हैं। 4 00:00:14,240 --> 00:00:15,834 गुस्‍तावो संगीत शिक्षा 5 00:00:16,064 --> 00:00:19,040 संगीत में आपको एक दूसरे को सुनना होता है, 6 00:00:19,040 --> 00:00:22,469 आपको दूसरे वाद्यों को संगत देनी होती है 7 00:00:22,539 --> 00:00:25,660 आप अलग ढंग से सुनना प्रारंभ करते हैं। 8 00:00:25,660 --> 00:00:29,060 और जब यह बात आप समाज में लागू करते हैं, 9 00:00:29,060 --> 00:00:30,839 आप एक अलग व्‍यक्‍ति बन जाते हैं 10 00:00:30,839 --> 00:00:32,970 आप एक अलग मनुष्‍य बन जाते हैं। 11 00:00:34,020 --> 00:00:36,699 मैं धन्‍य हूं उस देश में जन्‍म लेकर जहां 12 00:00:36,699 --> 00:00:38,988 हमारे पास गुरु जोस एंतोनियो अब्रेयो और 13 00:00:38,988 --> 00:00:41,840 एल सिस्‍टर्ना जैसा कार्यक्रम है। 14 00:00:41,840 --> 00:00:43,449 हम सदैव साथ रहते हैं 15 00:00:43,449 --> 00:00:45,450 बजाते हैं और एक दूसरे को सुनते हैं, 16 00:00:45,450 --> 00:00:47,770 सुरों का तालमेल बिठाते और समझते हुए। 17 00:00:50,180 --> 00:00:51,859 योला (यूथ आर्केस्‍ट्रा लॉस एंजेलिस) 18 00:00:51,879 --> 00:00:53,789 एल सिस्‍टर्ना से प्रेरित कार्यक्रम है। 19 00:00:53,809 --> 00:00:56,217 यह एक वाद्यवृंद मात्र नहीं है। 20 00:00:56,217 --> 00:00:59,027 यह मात्र एक संगीत विद्यालय नहीं है। 21 00:00:59,147 --> 00:01:03,707 यह वह कार्यक्रम है जो आशा और प्रेरणा देता है। 22 00:01:04,463 --> 00:01:11,493 (संगीत) 23 00:01:12,946 --> 00:01:15,186 मैं मानता हूं संगीत 24 00:01:15,608 --> 00:01:18,648 बहुत अहम भूमिका निभाता है 25 00:01:18,816 --> 00:01:20,476 आज के हमारे दौर में। 26 00:01:21,566 --> 00:01:24,642 बतौर कलाकार और संगीतकार हमारे लिए 27 00:01:25,078 --> 00:01:27,844 यह एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश है। 28 00:01:28,039 --> 00:01:31,249 कि संगीत मात्र मनोरंजन से कहीं बढ़कर है। 29 00:01:31,601 --> 00:01:33,601 इसमें समाज को बदलने की शक्‍ति है 30 00:01:34,067 --> 00:01:35,497 क्‍योंकि यह एक करता है, 31 00:01:35,620 --> 00:01:36,620 घाव भरता है 32 00:01:37,667 --> 00:01:43,107 क्‍योंकि यह हमें सुन्‍दरता से जुड़ने की राह दिखाता है 33 00:01:44,100 --> 00:01:48,380 यह उस दुनिया के लिए आवश्‍यक है जिसमें हम जीते हैं 34 00:01:51,180 --> 00:01:53,140 उस्‍ताद अब्रेयो सदैव कहते थे: 35 00:01:53,140 --> 00:01:54,140 "छोटे से शुरु करो ... 36 00:01:54,140 --> 00:01:57,160 और वहां से तुम बड़े होते जाओगे 37 00:01:57,888 --> 00:02:01,890 एल सिस्‍टर्ना को जापान में 38 00:02:01,890 --> 00:02:03,159 कोरिया में 39 00:02:03,159 --> 00:02:04,220 स्‍वीडन में 40 00:02:04,220 --> 00:02:06,570 और यहां लॉस एंजेलिस में देखना अविश्‍वसनीय है । 41 00:02:06,980 --> 00:02:09,030 यह पूरे विश्‍व में है! 42 00:02:09,820 --> 00:02:11,450 बच्‍चे... 43 00:02:11,450 --> 00:02:12,840 दूसरे बच्‍चों को सुन रहे हैं 44 00:02:12,940 --> 00:02:15,240 संगीत रचते देख रहे हैं, 45 00:02:15,430 --> 00:02:17,060 एक परिवार की तरह अनुभव करते हुए 46 00:02:17,060 --> 00:02:18,760 एक दूसरे पर विश्‍वास करते हुए 47 00:02:18,760 --> 00:02:21,080 मुझे लगता है यही सपना है। 48 00:02:21,080 --> 00:02:24,610 संगीत का एक मौलिक अधिकार की तरह होना। 49 00:02:24,610 --> 00:02:28,501 मेरे लिए यही सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण बात है। 50 00:02:28,501 --> 00:02:31,281 लॉस एंजेलिस फिलहारमोनिक आर्केस्‍ट्रा 51 00:02:31,281 --> 00:02:38,057 गुस्‍तावो डुडामेल कला और संगीत निर्देशक