जिज्ञासा मानव जाति के सबसे अच्छी ख़सियात में से एक है। हम हमारे आसपास की दुनिया के बारे में जितना संभव हो उतना जानना चाहते हैं, लेकिन हमारी अपने आसपास दुनिया के बारे में पता करने की जरूरत को संतुष्ट करने के लिए - हमारी आँखें अब उतनी अच्छी नहीं रहीं। इंजीनियरिंग की शक्ति के साथ अब हम हमारी मानव इंद्रियों की सीमा के बाहर की और सूक्ष्म छिपी हुई दुनियाओं को भी देख सकते हैं। हम छोटे से छोटे जीवन रूपों, हमारी अपनी कोशिकाओं और यहां तक कि अणुओं को भी इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के साथ देख सकते हैं। जटिल मशीनें जो कि अदृश्य चीजों को दिखाती हैं , जिनसे हम खोज कर सकते हैं दुनियाँ के अंदर की दुनियाँ की, उसके अन्दर की दुनियाँ की, उसके अन्दर की दुनियाँ की । नेनोलेवेल के स्तर की खोजों ने हमारा अपने आसपास के ब्रह्मांड के प्रति नज़रिया हमेशा के लिए बदल दिया है, और अनगिनत खोजों के लिए प्रेरित किया है । वहीं दूसरी ओर, बस कुछ ही सदियों पहले इंजीनियरों ने विज्ञान के शक्तिशाली उपकरण को विकसित कियें हैं जिन्होंने हमें अंतरिक्ष में और गहरे देखने और अनगिनत चमत्कारों को देखने की क्षमता दी है । फिर आये अंतरिक्ष यान और उपग्रह। हबल टेलिस्कोप इन्हीं टेक्नोलॉजी के चमत्कारों में से एक था। इसके बिना, हम कभी नहीं जान पाते कि हमारी आकाशगंगा इस विशाल ब्रह्मांड की अरबों गैलेक्सियों में से एक है, और अभी तो इससे भी बेहतर दूरबीनें बनायीं जा रहीं है। वे हमें और भी कहीं दूर की दुनियाओं को बहुत बारीकी से दिखा सकते हैं। तो, अभी भी खोजने के लिए काफी कुछ बचा है। ब्रह्मांड विशाल है, और हमें अभी बहुत कुछ सीखना बचा है। और इंजीनियरिंग की शक्ति और हमारी जिज्ञासा के साथ, कौन जानता है कि हम भविष्य में क्या खोज करने में सक्षम हो जायें। "इंजीनियरिंग: मानव जाति के लाभ के लिए, मानव और प्रकृति की चीजों को व्यवस्थित और निर्देशित करने की कला।" - हेनरी गॉर्डन स्टॉट