WEBVTT 00:00:00.199 --> 00:00:01.869 हैलो। 00:00:01.900 --> 00:00:03.400 मेरा नाम लतीफ़ा अल मख़तूम है। 00:00:03.400 --> 00:00:08.280 मेरा जन्मदिवस दिसंबर 5, 1985 है। 00:00:08.280 --> 00:00:10.860 मेरी माँ हुरिया अहमद लमारा हैं 00:00:10.870 --> 00:00:12.500 वह अल्जीरिया से हैं। 00:00:12.500 --> 00:00:15.540 मेरे पिता संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री हैं 00:00:15.540 --> 00:00:17.380 और दुबई के शासक, 00:00:17.380 --> 00:00:19.940 मोहम्मद बिन रशीद सईद अल मख़तूम। 00:00:19.940 --> 00:00:21.940 उनकी तीन बेटियों का नाम लतीफ़ा है। 00:00:21.940 --> 00:00:23.350 मैं मँझली हूँ। 00:00:23.350 --> 00:00:27.020 यानी एक मुझसे बड़ी हैं और एक छोटी है। 00:00:27.020 --> 00:00:31.300 उनकी दो बेटियाँ मरियम नाम से भी हैं। 00:00:31.300 --> 00:00:35.200 कुल मिलाकर मेरे तीस भाई और बहनें हैं। 00:00:35.200 --> 00:00:36.900 यह सब बताना ज़रूरी था 00:00:36.900 --> 00:00:40.800 क्योंकि इस वीडियो को यह कह कर बदनाम या ख़ारिज किया जा सकता है 00:00:40.800 --> 00:00:43.480 कि "नहीं, बस एक लतीफ़ा यहाँ है और दूसरी वहाँ" 00:00:43.480 --> 00:00:45.560 जी हाँ, तीन लतीफ़ा हैं और मैं उनमें से एक हूँ। 00:00:45.620 --> 00:00:47.200 मैं बीच वाली लतीफ़ा हूँ। 00:00:47.600 --> 00:00:50.140 मेरी सगी बहनें मेथा और शम्सा हैं। 00:00:50.140 --> 00:00:51.820 दोनों मुझसे बड़ी हैं 00:00:51.820 --> 00:00:54.400 और माजिद वह मुझसे कम आयु के हैं। 00:00:55.200 --> 00:01:00.680 और मैं इस वीडियो को बना रही हूँ क्योंकि यह मेरा आख़िरी वीडियो साबित हो सकता है। 00:01:00.680 --> 00:01:02.120 हाँ। 00:01:05.459 --> 00:01:12.480 बहुत जल्द, मैं किसी तरह.. यहाँ से जा रही हूँ। 00:01:12.480 --> 00:01:16.820 और नतीजा क्या होगा पता नहीं, लेकिन 00:01:17.320 --> 00:01:22.820 मुझे निन्यानवे प्रतिशत यकीन है कि यह हो सकेगा। 00:01:22.820 --> 00:01:26.000 और अगर नहीं हो पाया तो यह वीडियो मेरे काम आ सकता है। 00:01:26.000 --> 00:01:29.900 क्योंकि मेरे पिता सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा की परवाह करते हैं। 00:01:29.900 --> 00:01:33.280 वह अपनी प्रतिष्ठा के लिए जानें भी ले सकते हैं। 00:01:33.280 --> 00:01:39.280 उन्हें.. उन्हें केवल अपने आपकी और अपने अहम की परवाह है। 00:01:39.280 --> 00:01:44.500 तो यह वीडियो मेरा जीवन बचा सकता है। 00:01:44.500 --> 00:01:48.980 लेकिन अगर आप इस वीडियो को देख रहे हैं तो यह एक बुरी ख़बर है। 00:01:48.980 --> 00:01:54.240 या तो मेरी जान जा चुकी है या मैं एक बहुत, बहुत, बहुत बुरी स्थिति में हूँ। 00:01:54.240 --> 00:01:56.280 तो मैं कहाँ से शुरू करूँ? 00:01:57.960 --> 00:01:59.340 साल 2000 में, 00:01:59.340 --> 00:02:03.440 मेरी बहन शम्सा जब वह इंग्लैंड में छुट्टियों पर घूमने गई हुई थीं। 00:02:03.440 --> 00:02:06.940 तब वह अठारह साल की थीं और उन्नीसवाँ साल चल रहा था। 00:02:06.940 --> 00:02:08.429 वो वहाँ से भाग गईं। 00:02:08.429 --> 00:02:14.380 और वो दो महीने, जिनमें वो आज़ाद रह पायी 00:02:14.380 --> 00:02:17.680 हम संपर्क में थे और मैं उस वक्त दुबई में थी 00:02:17.820 --> 00:02:19.989 अपनी माँ और दूसरी बहन के साथ। 00:02:20.110 --> 00:02:23.140 जबकी वह यात्रा पर अपनी सौतेली माँ और.. 00:02:23.140 --> 00:02:24.520 और उन सभी के साथ गयी थी। 00:02:25.820 --> 00:02:27.500 इसलिए वो.. 00:02:27.500 --> 00:02:30.500 वो वहाँ से भागी क्योंकि दुबई में उसके पास ज़्यादा आज़ादी नहीं थी। 00:02:30.500 --> 00:02:36.280 उसके पास वह स्वतंत्रता नहीं थी जैसी एक सभ्य दुनिया में किसी को भी हासिल 00:02:36.280 --> 00:02:37.830 हुआ करती है। जैसे 00:02:37.830 --> 00:02:42.200 कार चला पाना या बाहर निकल पाना या अपने भविष्य से जुड़े कोई 00:02:42.200 --> 00:02:43.540 भी निर्णय ले पाना। 00:02:43.540 --> 00:02:47.570 अपने निर्णय खुद लेने की स्वतंत्रता आप मानिए कि यहाँ हमारे पास है ही नहीं। 00:02:47.570 --> 00:02:52.780 तो जो कुछ आपके पास हमेशा से रहा है, आप उसका महत्व नहीं समझ पाते। और जो चीज़ आपके पास कभी न रही हो वो आपके लिए बहुत मायने रखती है। 00:02:52.780 --> 00:02:58.079 तो जी हाँ, उसे भागना पड़ा और इस दौरान वह हर समय मेरे संपर्क में थी। 00:02:58.079 --> 00:03:00.290 मैं उस समय चौदह साल की थी। 00:03:00.290 --> 00:03:02.920 और हाँ, शम्सा .. 00:03:02.920 --> 00:03:05.200 मेरे लिए लगभग एक माँ जैसी थी। 00:03:05.210 --> 00:03:07.299 हाँ, वह मेरी बड़ी बहन है पर 00:03:07.299 --> 00:03:09.819 मैंने उसे हमेशा अपनी माँ जैसा भी माना क्योंकि उसने हमेशा मेरा ख्याल रखा। 00:03:09.820 --> 00:03:11.640 मैं हर एक दिन उससे बात किया करती थी। 00:03:11.640 --> 00:03:14.580 तो हाँ उसके जाने के बाद का वक्त मेरे लिए मुश्किल था। 00:03:14.580 --> 00:03:17.800 मैं उसके लिए खुश थी, लेकिन साथ ही साथ मुझे उसकी फिक्र भी थी। 00:03:17.800 --> 00:03:19.820 और इसके साथ वो 00:03:19.820 --> 00:03:23.560 दुबई में अपने दोस्तों में से एक के संपर्क में आयी 00:03:23.560 --> 00:03:25.940 जिसका नाम लैला ?? हरब ?? है 00:03:27.300 --> 00:03:29.640 और वो लैला को बार बार कॉल किया करती थी। 00:03:29.640 --> 00:03:33.320 और मेरे पिता ने क्या किया की वो लैला के घर गए 00:03:33.460 --> 00:03:36.000 और उसे एक रोलेक्स का लालच देने की कोशिश की 00:03:36.000 --> 00:03:39.000 और कहा की वो उसका फोन टैप करना चाहते हैं 00:03:39.000 --> 00:03:43.560 ताकि शम्सा का सही सही पता लगा सकें 00:03:43.560 --> 00:03:45.579 और उन्होनें ऐसा ही किया। 00:03:45.580 --> 00:03:47.540 लैला ने शम्सा को इस बारे में आगाह किया, और बताया कि 00:03:47.540 --> 00:03:49.540 'मेरा फोन टैप किया गया है।' 00:03:49.540 --> 00:03:51.379 'वे तुम्हें खोजने की कोशिश कर रहे हैं। सावधान रहना।' 00:03:51.380 --> 00:03:53.960 और शम्सा ने इसके बारे में मुझे बताया और मैंने उससे कहा कि, 00:03:53.960 --> 00:03:58.500 'लैला को कॉल करना बंद करो। क्योंकि अगर तुम उसे कॉल करोगी तो वो तुम्हें ढूंढ लेंगे। ' 00:03:58.500 --> 00:04:01.049 मुझे लगता है कि वह यू॰के॰ में बहुत अकेलापन महसूस कर रही थी। 00:04:01.049 --> 00:04:05.040 उसके पास बात करने के लिए और कोई नहीं था। और उसने लैला से बात करना जारी रखा। 00:04:05.040 --> 00:04:09.329 तो, हाँ दो महीने के बाद, उसे ढूंढ लिया गया। 00:04:09.329 --> 00:04:12.180 वह लगभग सड़कों पर जी रही थी 00:04:12.180 --> 00:04:15.620 और एक कार में कुछ लोग आए 00:04:15.620 --> 00:04:20.540 और उसके लड़ने, चिल्लाने के बाद भी, जबरन उसे पकड़ कर 00:04:20.540 --> 00:04:22.780 कार में कहीं ले गए 00:04:22.780 --> 00:04:26.360 और बाद में किसी तरह एक हेलिकॉप्टर से 00:04:26.360 --> 00:04:30.300 उसे फ्रांस पहुंचाया और फिर फ्रांस से दुबई ले आए। 00:04:30.310 --> 00:04:33.890 उसे प्लेन में बेहोश करके रखा गया। 00:04:33.890 --> 00:04:36.820 यह एक निजी जेट था, और किसी भी तरह की तलाशी नहीं की गई। 00:04:36.820 --> 00:04:38.720 उसे नशे में रखा गया और दुबई वापस लाया गया 00:04:39.020 --> 00:04:41.720 और एक इमारत में कैद कर दिया। 00:04:43.340 --> 00:04:47.020 इस इमारत को 'ख़ेमा' नाम से जाना जाता है, यह 'तम्बू' के लिए अरबी का शब्द है। 00:04:47.020 --> 00:04:49.340 लेकिन यह एक तम्बू नहीं, सिर्फ 'तम्बू' नाम भर है 00:04:49.340 --> 00:04:50.260 और 00:04:50.820 --> 00:04:53.060 यह इमारत ज़बील पैलेस में है, 00:04:53.280 --> 00:04:56.780 मेरी सौतेली माँ हिंद की संपत्ति। 00:04:56.780 --> 00:04:59.240 और उसे वहाँ तालाबंद करके रखा गया। 00:04:59.240 --> 00:05:01.080 और उस समय के दौरान, 00:05:01.080 --> 00:05:05.480 हम उसे कपड़े या और कुछ चीजें भेज सकते थे। 00:05:05.480 --> 00:05:09.120 तो, हमनें छुपाकर उसके लिए एक टेलीफोन भेज दिया। 00:05:09.120 --> 00:05:13.440 'हमनें' यानि में और मेरी गोद ली हुई बहन मोना 00:05:13.440 --> 00:05:15.280 मोना ?? अल लमारा ?? 00:05:15.280 --> 00:05:18.520 हम उसके साथ संपर्क में थे और 00:05:18.520 --> 00:05:21.220 हमनें चोरी-छिपे टेलीफोन भेजा था ताकि उससे बात कर सकें। 00:05:21.220 --> 00:05:23.180 इस दौरान जब वो कैद थी, 00:05:23.180 --> 00:05:26.420 वह यू॰के॰ के कुछ पत्रकारों के संपर्क में आई 00:05:26.420 --> 00:05:29.380 और उन्होनें 'द गार्डियन' में यह ख़बर छाप दी। 00:05:29.380 --> 00:05:33.880 मुझे लगता है कि यह मई 2001 के आसपास का समय था, कब ख़बर छपी मुझे सही सही नहीं पता। 00:05:33.880 --> 00:05:35.460 ख़बरें.. 00:05:35.460 --> 00:05:38.460 अगर आप गूगल पर 'शम्सा अल मख़तूम' नाम लिखें तो पहली ख़बर यही होगी। 00:05:38.460 --> 00:05:41.340 उसके भागने का सच और यह सब। 00:05:41.340 --> 00:05:45.760 ख़बर छपते ही मुझे लगता है कि उन्हें पता चल गया कि वो किसी के संपर्क में किसी तरह है या 00:05:45.760 --> 00:05:47.420 उसकी कोई मदद कर रहा था। 00:05:47.420 --> 00:05:52.640 तो पुलिस आई और उन्होनें मोना को उसकी यूनिवर्सिटी से उठा लिया 00:05:52.640 --> 00:05:55.820 और उससे पूछताछ की और उसे यातनाएँ दी गईं 00:05:55.820 --> 00:06:00.340 और मेरी बहन मेथा उसी दिन शाम को 00:06:00.340 --> 00:06:03.180 मेरे कमरे में आयी, और उसने कहा 00:06:03.180 --> 00:06:07.000 'मोना को पुलिस ले गयी है और वे उससे पूछताछ कर रहे हैं 00:06:07.000 --> 00:06:08.860 और उसे मारा-पीटा भी जा रहा है 00:06:08.860 --> 00:06:10.580 तुम शम्सा के बारे में क्या जानती हो? ' 00:06:10.580 --> 00:06:12.660 और मेथा एक तरह से पुलिस जैसी पूछताछ कर रही थी। 00:06:12.660 --> 00:06:13.880 जैसे की 00:06:13.880 --> 00:06:16.700 मैं सवाल-जवाब करूंगी और तुम सब साफ-साफ बताओगी। 00:06:16.700 --> 00:06:18.420 मैंने कहा कि मैं कुछ नहीं जानती। 00:06:18.420 --> 00:06:21.140 और फिर.. ख़ैर 00:06:21.140 --> 00:06:26.420 मैंनें अपनी दूसरी गोद ली हुई बहन फातिमा को इस बारे में बताया 00:06:26.440 --> 00:06:28.280 फातिमा ?? लमारा ?? 00:06:28.280 --> 00:06:32.560 जिसे एक अलग कैबिन में बंद रखा जाता था। 00:06:32.560 --> 00:06:33.400 उसे वहाँ रखा गया था .. 00:06:33.400 --> 00:06:35.520 यह अपने में एक और कहानी है। 00:06:37.380 --> 00:06:42.400 वह हमारी संपत्ति पर ही लेकिन एक अलग कैबिन में रहती थी, लेकिन तालाबंद करके। 00:06:42.400 --> 00:06:46.360 परिवार के बाकी लोगों से अलग-थलग, क्योंकि वह "शरारती" है। 00:06:46.440 --> 00:06:47.820 उसका शरारती व्यवहार। 00:06:47.840 --> 00:06:49.820 उसके विद्रोही-स्वभाव के कारण। 00:06:49.820 --> 00:06:53.220 तो कह सकते हैं की हमारे घर में उसे एक पिंजरे में रखा जाता था। 00:06:55.180 --> 00:07:00.260 ख़ैर .. मैं .. मैंने उसके लिए एक नोट लिखा था और 00:07:00.260 --> 00:07:03.860 नौकरानी को कहा उस तक पहुंचा देने के लिए 00:07:03.860 --> 00:07:05.920 उसके दरवाज़े के नीचे से सरका देने के लिए और उसने यही किया। 00:07:05.980 --> 00:07:09.120 और मैंने उसे बताया कि मोना को उठा लिया गया है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है 00:07:09.120 --> 00:07:10.420 और बाकी सब कुछ। 00:07:10.420 --> 00:07:15.580 और फिर फातिमा तो जैसे पागल हो गयी, उसने खिड़की तोड़ डाली .. वह .. वह .. 00:07:15.580 --> 00:07:16.580 दरवाज़ा। 00:07:16.580 --> 00:07:20.069 उसने खिड़की की चौखट उखाड़ दी और बाहर फेंक दी। 00:07:20.069 --> 00:07:21.180 उसे तोड़ डाला। 00:07:21.180 --> 00:07:22.430 वह बाहर निकल आई। 00:07:22.430 --> 00:07:23.440 एक चाकू उठा लिया। 00:07:23.440 --> 00:07:28.560 वह अली को धमका रही थी, जो एक खानसामे की तरह है 00:07:28.560 --> 00:07:30.920 लेकिन रिश्ते से भाई जैसा भी है 00:07:30.930 --> 00:07:33.000 मेरे पिता का दाहिना हाथ। 00:07:33.000 --> 00:07:35.790 तो एक तरह से कर्मचारियों का जिम्मा उसके पास था या ऐसा ही कुछ। 00:07:35.790 --> 00:07:37.200 तो उसने एक चाकू ले लिया और वह उसको धमका कर कह रही थी कि 00:07:37.200 --> 00:07:38.640 'मैं मोना को देखना चाहती हूँ, मैं मोना को देखना चाहती हूँ' 00:07:38.640 --> 00:07:40.300 तो वे फातिमा को भी उठा ले गए। 00:07:40.300 --> 00:07:41.930 उसे भी जेल में डाल दिया और उसे भी यातनाएँ दीं। 00:07:41.930 --> 00:07:44.000 और फिर उन्हें पता चला कि उसे कुछ भी मालूम नहीं था। 00:07:44.000 --> 00:07:49.640 हमनें उसे नहीं बताया क्योंकि हम नहीं बता सकते थे कि हम शम्सा के संपर्क में थे। 00:07:49.640 --> 00:07:54.500 ख़ैर उस के बाद क्या हुआ, हाँ उस दिन मैंनें एक तरह से हर किसी को खो दिया। 00:07:54.510 --> 00:07:59.460 अपने सभी दोस्तों को, अपनी सभी .. अपनी बहनों को सब कुछ। 00:07:59.460 --> 00:08:00.580 मैंनें उस दिन हर किसी को खो दिया। 00:08:00.580 --> 00:08:02.560 यह .. यह मेरे लिए बहुत मुश्किल दिन था। 00:08:03.420 --> 00:08:06.740 और ज़ाहीर है मैंनें शम्सा के साथ अपना संपर्क खो दिया। 00:08:07.580 --> 00:08:10.900 तो लगभग एक साल बाद 00:08:10.900 --> 00:08:16.080 16 साल की उम्र में मैंने तय कर लिया है कि मुझे यहाँ से बचकर निकलना है। 00:08:16.080 --> 00:08:19.120 उस समय मेरे पास इंटरनेट नहीं था। 00:08:19.120 --> 00:08:20.540 नहीं था .. 00:08:20.540 --> 00:08:24.260 मैं बहुत .. यह साल 2002 की बात है। 00:08:24.270 --> 00:08:27.490 इंटरनेट था, लेकिन मेरे पास नहीं, मुझे इंटरनेट इस्तेमाल की इजाज़त नहीं थी। 00:08:27.490 --> 00:08:28.490 तो मेरे पास इंटरनेट नहीं था। 00:08:28.490 --> 00:08:29.490 मेरे पास फोन भी नहीं था। 00:08:29.490 --> 00:08:32.580 जो फोन था भी उसे मेरे दोस्त ने मुझे दिया था 00:08:32.580 --> 00:08:35.960 तो यह मेरे परिवार या किसी और के कहने पर मुझे नहीं दिया गया था। 00:08:35.960 --> 00:08:39.320 तो मैंने तय कर लिया कि मैं बचकर यहाँ से निकलूंगी। 00:08:39.320 --> 00:08:41.840 मुझे जाना है, मैं यू॰ए॰ई छोड़ दूँगी। 00:08:41.840 --> 00:08:44.900 मैं किसी दूसरे देश में एक वकील खोज लूँगी। 00:08:44.900 --> 00:08:46.270 या फिर ओमान चली जाऊँगी। 00:08:46.270 --> 00:08:49.620 मैं किसी भी तरह निकल भागूंगी और एक वकील खोजुंगी या कुछ और 00:08:49.700 --> 00:08:51.220 और शम्सा की मदद करूंगी। 00:08:51.230 --> 00:08:52.230 क्या होगा, ज़्यादा से ज़्यादा वे मुझे पकड़कर उसके साथ कैद कर देंगे। 00:08:52.230 --> 00:08:56.210 जेल में कम से कम मैं उसके साथ रहूँगी, उसे देख पाऊँगी और उसे पता रहेगा कि मैं खुश हूँ 00:08:56.210 --> 00:08:58.850 कि उसके साथ कोई है और वह कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं करेगी। 00:08:58.850 --> 00:08:59.850 वह खुद को चोट नहीं पहुंचाएगी। 00:08:59.850 --> 00:09:01.500 उसकी बहन उसके साथ है, इसलिए वह ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगी। 00:09:01.500 --> 00:09:02.500 तो.. 00:09:02.500 --> 00:09:06.010 तो मैं सोच रही थी कि या तो मैं उसे मदद दिला सकूँ या मैं उसके साथ जेल में डाल दी जाऊँ। 00:09:06.010 --> 00:09:08.520 तो साल 2002 में मैं भाग निकली। 00:09:09.720 --> 00:09:12.000 और उन्होंने मुझे सीमा पर पकड़ा। 00:09:12.000 --> 00:09:14.470 और हाँ .. 00:09:14.470 --> 00:09:17.750 मैं बहुत, बहुत भोली थी मैंने सोचा था कि कोई भी पार जा सकता है। 00:09:17.750 --> 00:09:21.400 मैंने सोचा था कि .. वहाँ एक तरह की सीमा होगी और उसके बाद रेत या और कुछ .. 00:09:21.400 --> 00:09:23.030 मुझे यह तक नहीं पता था की सीमा दिखती कैसी है। 00:09:23.030 --> 00:09:24.250 मैं पूरी ज़िंदगी कभी सीमारेखा तक नहीं गयी थी। 00:09:24.250 --> 00:09:26.180 यह जान सकने के लिए मेरे पास इंटरनेट नहीं था। 00:09:26.180 --> 00:09:28.230 मुझे सलाह देने के लिए, बात करने के लिए कोई भी नहीं था। 00:09:28.230 --> 00:09:29.230 मैं नहीं कर पायी .. 00:09:29.230 --> 00:09:30.580 मैं पूरी तरह अकेली थी। 00:09:30.580 --> 00:09:32.130 मैं पास कोई भी नहीं था। 00:09:32.130 --> 00:09:37.520 मेरे आसपास किसी को ख़बर नहीं थी.. जैसे कि स्कूल में मेरे दोस्त.. 00:09:37.520 --> 00:09:40.340 उन्हें पता नहीं था कि मैं किन हालात से गुज़र रही हूँ। 00:09:40.340 --> 00:09:42.840 मैं इसके बारे में किसी से बात नहीं कर सकती थी। 00:09:44.240 --> 00:09:51.430 तो, हाँ .. मुझे बाहर जाने की इजाज़त नहीं थी। 00:09:51.430 --> 00:09:54.540 मुझे बाहर जाने की इजाज़त नहीं थी.. जैसे मैं स्कूल तो जा रही थी। 00:09:54.540 --> 00:09:57.680 और कभी-कभी घुड़सवारी करने के लिए परिवार के अस्तबल जाने देते थे 00:09:57.680 --> 00:10:02.080 लेकिन इसके अलावा और कुछ नहीं और मैं सीधा अपने घर चली जाती थी। 00:10:02.080 --> 00:10:04.260 इसलिए मैंनें.. मेरे पास 00:10:04.500 --> 00:10:05.680 मैं.. 00:10:05.680 --> 00:10:07.020 मुझे कुछ भी नहीं पता था। 00:10:07.030 --> 00:10:11.800 तो हाँ, मुझे सीमा पर रोक लिया गया और उसके बाद उन्हें पता चला कि मैं कौन हूँ। 00:10:11.800 --> 00:10:19.540 मुझे दुबई वापस ले जाया गया और मेरे पिता के मुख्य सहायक ने मुझे जेल में डाल दिया 00:10:19.540 --> 00:10:26.040 मेरे पिता के आदेश पर और उसके बाद उनके सीआईडी के लोगों ने, उन्होनें .. 00:10:27.700 --> 00:10:30.740 उन्होनें मुझे जेल में डाल दिया और मुझे यातनाएँ दी गयीं 00:10:34.840 --> 00:10:40.360 एक व्यक्ति ने मुझे पकड़कर रखा हुआ था, और दूसरा मुझे पीट रहा था.. 00:10:40.360 --> 00:10:43.360 और उन्होनें यह बार-बार किया। 00:10:43.360 --> 00:10:46.700 पहली बार जब मुझे पीटा जा रहा था, मुझे दर्द महसूस नहीं हुआ 00:10:46.700 --> 00:10:47.920 क्योंकि मैं इतने सदमे में थी। 00:10:47.920 --> 00:10:48.780 मुझे आभास नहीं हुआ.. 00:10:48.780 --> 00:10:51.300 ऐसा लग रहा था जैसे कोई तकिया रख कर मार रहा हो। 00:10:51.300 --> 00:10:54.450 मुझे दिख रहा था कि वे क्या कर रहे थे, लेकिन मैं .. 00:10:54.450 --> 00:10:57.270 मुझे लग रहा थी की क्या सिर्फ मेरे शरीर पर ज्यादती हो रही है? 00:10:57.270 --> 00:10:58.720 क्या हो रहा है? 00:10:58.720 --> 00:11:02.370 मुझे .. दर्द का आभास नहीं था क्योंकि मुझे लगता है कि मैं इतने 00:11:02.370 --> 00:11:09.520 ज़्यादा सदमे में थी और लंबे समय बीना नींद के और मैं बस .. दर्द का पता ही नहीं लगा .. 00:11:09.780 --> 00:11:10.660 नहीं लगा .. 00:11:10.660 --> 00:11:14.060 और आधे घंटे तक मुझे पीटा गया। 00:11:14.070 --> 00:11:16.360 और उसके बाद जब मुझे यातना दी गयी तो 00:11:16.360 --> 00:11:22.520 पांच घंटे तक चला। मुझे बिस्तर से घसीट कर 00:11:22.800 --> 00:11:28.380 महल में किसी दूसरी जगह ले गए 00:11:28.380 --> 00:11:29.900 उस ही इमारत में, 00:11:29.900 --> 00:11:33.580 "ख़ेमा", तम्बू, जो एक तम्बू नहीं है। 00:11:33.590 --> 00:11:36.600 और फिर से मुझे यातना दी गयी। 00:11:36.600 --> 00:11:40.040 मुझे पता था कि यह कितने समय तक चला, क्योंकि मेरे पास एक घड़ी थी 00:11:40.040 --> 00:11:45.230 और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे पिता ने हमें कहा है कि 00:11:45.230 --> 00:11:47.250 इसे तब तक पीटो जब तक इसकी जान न चली जाये। 00:11:47.250 --> 00:11:51.390 ये कहा है, तुम्हारे पिता ने। 00:11:51.390 --> 00:11:56.040 तुम्हारे पिता, दुबई के शासक, यह कहा उन्होनें। 00:11:56.040 --> 00:12:00.240 तो उनकी यह सार्वजनिक छवि जो वो दिखाने कि कोशिश कर रहें हैं, मानवाधिकार वगैरह 00:12:00.240 --> 00:12:02.000 यह सब बकवास है। 00:12:02.000 --> 00:12:05.400 इससे बुरा इंसान मैंने अपने जीवन में नहीं देखा। 00:12:05.400 --> 00:12:06.820 बुराई के अलावा कुछ नहीं 00:12:06.820 --> 00:12:09.040 उसमें ज़रा भी अच्छाई नहीं है। 00:12:09.040 --> 00:12:11.580 वह इतने सारे लोगों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार है 00:12:11.580 --> 00:12:14.880 और कई लोगों की ज़िंदगी बर्बाद कर चुका है। 00:12:20.680 --> 00:12:22.220 उसे किसी की भी परवाह नहीं है। 00:12:22.220 --> 00:12:24.960 वह केवल, अपनी छवि, अपनी प्रतिष्ठा की परवाह करता है 00:12:24.960 --> 00:12:29.500 और बड़ी आसानी से किसी की भी जान ले सकता है 00:12:29.500 --> 00:12:31.060 लेकिन वह ऐसा खुद नहीं करता। 00:12:31.060 --> 00:12:36.970 वह .. वह अपने हाथ गंदे नहीं करता। 00:12:36.970 --> 00:12:39.340 यह सब करने के लिए उसके अलग लोग हैं। 00:12:39.340 --> 00:12:41.440 उसे परवाह नहीं है। 00:12:43.300 --> 00:12:47.380 मेरे चाचा की मृत्यु होने के बाद, उसने उनकी पत्नियों में से एक को मार डाला 00:12:47.380 --> 00:12:49.070 ..उसे जान से मार डाला 00:12:49.070 --> 00:12:51.820 हर किसी को पता है, वो मोरक्को से थी। 00:12:51.820 --> 00:12:54.240 और वो भी किस वजह से .. 00:12:54.240 --> 00:12:56.240 क्योंकि उसका व्यवहार अपमानजनक था। 00:12:56.240 --> 00:12:57.240 वो बहुत.. 00:12:57.240 --> 00:12:58.240 मुझे लगता है कि वो कुछ ज़्यादा बोल जाती थी 00:12:58.240 --> 00:12:59.650 और मेरे पिता को उससे खतरा महसूस होता था। 00:12:59.650 --> 00:13:01.650 तो उसे मार डाला गया। 00:13:01.650 --> 00:13:03.900 बेशक, अगर मेरे चाचा होते तो यह नहीं होता, 00:13:03.900 --> 00:13:06.339 लेकिन मेरे चाचा की मृत्यु के बाद वो यह कर सकता था। 00:13:06.340 --> 00:13:12.160 हर कोई जानता है कि वह किस तरह का व्यक्ति है। 00:13:12.160 --> 00:13:15.220 तो कुल मिलाकर मैं तीन साल और चार महीने के लिए कैद में थी। 00:13:15.220 --> 00:13:20.950 मुझे जून 2002 में जेल में डाला गया था और अक्टूबर 2005 में मैं बाहर आई। 00:13:20.950 --> 00:13:23.320 आप खुद ही अंदाज़ा लगा लीजिये। 00:13:23.320 --> 00:13:28.600 लेकिन एक सप्ताह के लिए 2003 में मैं जेल से बाहर आयी थी। 00:13:28.610 --> 00:13:30.760 उन्होंने मुझे घर भेज दिया, 00:13:30.760 --> 00:13:32.560 "घर" यह एक घर नहीं है। 00:13:32.560 --> 00:13:34.840 यह मकान है, मेरी माँ का मकान। 00:13:34.840 --> 00:13:37.900 उन्होंने मुझे एक सप्ताह के लिए वहाँ वापस भेजा 00:13:37.900 --> 00:13:41.060 और ये सब सपने जैसा था। 00:13:42.580 --> 00:13:45.280 जब मैं अपने घर पहुँची अपनी माँ से मिलने 00:13:45.280 --> 00:13:48.640 मुझे थोड़ी सहानुभूति की उम्मीद थी? 00:13:48.640 --> 00:13:50.100 शायद? 00:13:50.100 --> 00:13:54.720 क्योंकि जेल में एक सामान्य जेल वाला अनुभव नहीं था 00:13:54.720 --> 00:13:59.380 निरंतर यातना, निरंतर यातना। 00:13:59.380 --> 00:14:01.540 यहां तक कि जब मुझे शारीरिक यातना नहीं दी जा रही होती थी 00:14:01.540 --> 00:14:02.800 तब भी वे मुझे परेशान करते थे। 00:14:02.800 --> 00:14:05.280 वे सभी रोशनियां बुझा देते थे। 00:14:05.280 --> 00:14:08.400 मैं एकान्त कारावास में थी, अकेली 00:14:08.400 --> 00:14:09.720 और वहाँ कोई खिड़कियाँ नहीं थी, न कोई रोशनी, 00:14:09.720 --> 00:14:11.880 इसलिए जब वे रोशनी बुझा देते थे, तो घुप्प अंधेरा हो जाता था। 00:14:11.880 --> 00:14:14.440 वे कई कई दिनों के लिए इसे बंद कर देते थे, तो ,मुझे पता नहीं 00:14:14.440 --> 00:14:17.040 चल पता था कि कब दिन शुरू हुआ और कब खत्म 00:14:17.040 --> 00:14:18.800 और उसके बाद वे .. 00:14:18.800 --> 00:14:21.420 वे मुझे परेशान करने के लिए आवाज़ें लगाते थे 00:14:21.420 --> 00:14:22.720 बीच रात में आकर 00:14:22.720 --> 00:14:24.600 मुझे बिस्तर से घसीट कर पीटा जाता था 00:14:24.600 --> 00:14:28.420 यह .. 00:14:28.420 --> 00:14:31.380 यह किसी भी तरह से एक सामान्य जेल जैसा अनुभव नहीं था। 00:14:31.380 --> 00:14:32.730 सिर्फ यातना। 00:14:32.730 --> 00:14:33.899 और उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं दिया। 00:14:33.899 --> 00:14:36.160 मेरे पास अलग कपड़े तक नहीं थे। 00:14:36.160 --> 00:14:39.380 तो मैं रोज़ उन्हीं कपड़ों में अपने को किसी तरह साफ रखने कि कोशिश करती थी, 00:14:39.380 --> 00:14:41.980 लेकिन मारपीट के बाद मैं चल तक नहीं पाती थी। 00:14:41.980 --> 00:14:46.060 तो मैं बाथरूम भी घुटनों के बल जाती थी पानी पीने के लिए, नल खोलने के लिए .. पानी के लिए। 00:14:46.060 --> 00:14:47.490 मैं अपनें हाथों और घुटनों के बल जाती थी। 00:14:47.490 --> 00:14:49.220 वहाँ कोई चिकित्सीय सहायता नहीं मिलती थी। 00:14:49.220 --> 00:14:50.220 उन्हें इसकी परवाह नहीं थी। 00:14:50.220 --> 00:14:51.980 वैसे भी वो मुझे ज़िंदा नहीं चाहते थे । 00:14:51.980 --> 00:14:55.860 तो हाँ, मेरे पास कुछ भी नहीं हुआ करता था। 00:14:55.860 --> 00:15:00.580 एक पुराना छेदवाला पतला गद्दा था और उसमें ख़ून और गंदगी के दाग थे 00:15:00.580 --> 00:15:03.131 बहुत घिन आती थी, इतनी बुरी बदबू। 00:15:03.131 --> 00:15:07.010 एक पतला कंबल भी था उतना ही गंदा। 00:15:07.010 --> 00:15:09.190 मेरे कपड़े जो मैंने पहने हुए थे। 00:15:09.190 --> 00:15:12.970 और आखिर के कुछ महीनों में मुझे एक टूथब्रश दे दिया गया था, सिर्फ एक टूथब्रश, 00:15:12.970 --> 00:15:13.970 तो 00:15:13.970 --> 00:15:16.130 तो .. 00:15:16.130 --> 00:15:20.570 साफ रह पाना बहुत मुश्किल था और अंत में मुझे कुछ कपड़े दे दिए थे, 00:15:20.570 --> 00:15:24.170 कपड़े धोने के लिए .. टाईड की तरह, कपड़े धोने का पाउडर। 00:15:24.170 --> 00:15:30.060 मैं कपड़े धोने वाले पाउडर से खुद को साफ रखती थी। 00:15:30.060 --> 00:15:31.060 यह वास्तव में बहुत ही घृणित था। 00:15:31.060 --> 00:15:36.780 तो, हाँ .. उस अनुभव के बाद, मैं एक सप्ताह के लिए घर भेज दी गयी और .. 00:15:36.780 --> 00:15:44.060 उन हालात से एकदम से अब घर, साबुन और कपड़े और न जाने क्या क्या यह सब चकरा देने वाला था। 00:15:44.060 --> 00:15:47.460 इसलिए मैं दिन में पाँच-पाँच बार नहाया करती थी क्योंकि अब मुमकिन था। 00:15:47.460 --> 00:15:48.590 गर्म पानी था। 00:15:48.590 --> 00:15:49.790 .. साबुन था। 00:15:49.790 --> 00:15:50.810 तौलिया था। 00:15:50.810 --> 00:15:51.810 कपड़े थे। 00:15:51.810 --> 00:15:52.810 यकीन नहीं होता था। 00:15:52.810 --> 00:15:53.810 टूथब्रश है। 00:15:53.810 --> 00:15:55.580 खाना है, मेरा मतलब खाने लायक खाना .. 00:15:55.580 --> 00:15:57.160 किसी डिब्बे में परोसा हुआ नहीं 00:15:57.160 --> 00:15:58.840 मांस और चावल, मांस और चावल। 00:15:58.840 --> 00:16:01.200 छोटे से डिब्बे में नहीं। 00:16:01.210 --> 00:16:02.270 ऐसा खाना जिसे .. 00:16:02.270 --> 00:16:05.340 अब मुझे ताज़ा खाना नसीब था। 00:16:05.340 --> 00:16:08.110 जब मैं बाहर आयी मैं बहुत, बहुत कमज़ोर थी। 00:16:08.110 --> 00:16:09.800 मेरा वज़न बहुत कम हो गया था। 00:16:09.800 --> 00:16:14.061 मेरे कपड़े जैसे चीथड़ों की तरह लटक रहे थे 00:16:14.061 --> 00:16:18.339 मुझे नए कपड़ों की ज़रूरत थी। 00:16:18.339 --> 00:16:19.860 सब कुछ मेरे लिए सिर्फ एक बड़ा झटका था। 00:16:19.860 --> 00:16:23.520 तो मुझे याद है, बहुत अजीब है, लेकिन 00:16:23.520 --> 00:16:26.060 मुझे याद है जब मैं पहली बार जेल से बाहर आयी थी 00:16:26.060 --> 00:16:30.360 कार में, मुझे याद है ऐसा लग रहा था जैसे कार बहुत तेज से चल रही हो 00:16:30.360 --> 00:16:34.459 क्योंकि मैं एक साल और एक महीने तक एक जगह से हिली तक नहीं थी 00:16:34.459 --> 00:16:36.980 तो कार में ऐसा लगा जैसे मैं एक रोलर-कोस्टर में थी। 00:16:36.980 --> 00:16:41.000 मुझे लगा कि उफ़्फ़ यह कितनी तेज चल रही है। 00:16:41.000 --> 00:16:44.280 और जब मैं अपने घर पहुंची सभी लोग मुझसे कितने सामान्य ढंग से बात कर रहे थे। 00:16:44.280 --> 00:16:46.040 सामान्य? मेरे साथ जो कुछ हुआ उसके बाद सामान्य? 00:16:46.040 --> 00:16:49.080 अब सामान्य होता क्या है मुझे नहीं पता, कुछ भी सामान्य नहीं बचा। 00:16:49.080 --> 00:16:54.580 हर वक्त, आज भी .. 00:16:54.580 --> 00:16:58.900 हल्की सी आवाज़ से में जाग जाती हूँ 00:16:58.900 --> 00:17:01.760 मुझे याद है जेल से बाहर आने के कुछ सालों बाद 00:17:01.760 --> 00:17:04.380 जब भी दरवाज़े के बाहर कोई आवाज़ होती 00:17:04.380 --> 00:17:06.480 मैं तो चौंककर जैसे, बिस्तर से बाहर आ गिरती थी 00:17:06.489 --> 00:17:08.127 एकदम से 00:17:08.127 --> 00:17:11.397 मैं .. मैं अपने पैरों पर होती थी, क्योंकि मैं तैयार थी .. 00:17:11.400 --> 00:17:14.240 किसी से भी जूझने के लिए तैयार। 00:17:15.180 --> 00:17:16.579 हाँ। 00:17:18.020 --> 00:17:25.079 तो, हाँ .. वो एक अच्छा समय नहीं था। 00:17:25.839 --> 00:17:30.300 तो घर पर अपनी माँ और बहन के साथ एक सप्ताह के बाद भी 00:17:30.300 --> 00:17:33.630 उनमें मेरे लिए ज़रा भी सहानुभूति नहीं थी 00:17:33.630 --> 00:17:35.540 बल्कि मुझसे तो यह कहा गया 00:17:35.540 --> 00:17:37.950 'तुम्हें लगता है तुम्हारे जेल का अनुभव बुरा था?' 00:17:37.950 --> 00:17:40.700 'इससे भी बदतर होता है' 00:17:40.700 --> 00:17:44.340 और यह सुनकर मुझे एहसास हुआ 00:17:44.720 --> 00:17:48.360 मुझे गहरा धक्का लगा बहुत निराशा हुई। 00:17:48.360 --> 00:17:50.920 मुझे उम्मीद थी की उनमें कुछ तो दया होगी 00:17:50.920 --> 00:17:52.760 जैसी किसी भी माँ में होती है 00:17:52.760 --> 00:17:56.740 लेकिन उनमें नहीं थी। 00:17:57.980 --> 00:18:01.300 मुझे मेरी बहन, मेथा से भी कोई हमदर्दी नहीं मिली। 00:18:01.300 --> 00:18:04.640 ठीक है ... जैसा भी हो 00:18:06.800 --> 00:18:09.240 वो मेरी मदद कर सकते थे अगर चाहते तो.. 00:18:09.240 --> 00:18:10.440 लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया .. 00:18:11.400 --> 00:18:17.960 हाँ उन्होनें मुझे जेल नहीं भेजा, लेकिन वे मेरी मदद कर सकते थे। 00:18:17.970 --> 00:18:20.320 वहाँ मुझसे मिलने तो आ सकते थे। 00:18:20.320 --> 00:18:22.379 वे मेरे लिए थोड़ा संघर्ष कर सकते थे। 00:18:22.380 --> 00:18:25.080 थोड़ी दया दिखा सकते थे, लेकिन उन्होंनें एक तरह से यही जताया 00:18:25.080 --> 00:18:26.440 'ओह यह सब तुमने अपने आप खुदपर किया' 00:18:26.440 --> 00:18:28.000 नहीं, मैंने ऐसा नहीं किया। 00:18:28.000 --> 00:18:29.659 मैंने शम्सा को नहीं कहा था इंग्लैंड से भागने के लिए। 00:18:29.659 --> 00:18:31.350 मैंने उसे लैला से बात करते रहने को नहीं कहा था। 00:18:31.350 --> 00:18:32.519 मैंने नहीं कहा था की पकड़ी जाओ। 00:18:32.520 --> 00:18:33.420 मैंने नहीं किया .. 00:18:33.420 --> 00:18:34.580 मैंने खुदपर कुछ नहीं किया। 00:18:34.800 --> 00:18:35.980 सिर्फ़ एक ही बात थी .. 00:18:36.040 --> 00:18:39.400 मैं अपनी बहन को बचाने की कोशिश कर रही थी और उसकी मदद करने की कोशिश कर रही थी 00:18:39.400 --> 00:18:41.480 और मुझे उसकी यह कीमत चुकानी पड़ी 00:18:41.600 --> 00:18:44.240 तो हाँ वापस वहीं, मैं घर में थी। 00:18:44.259 --> 00:18:46.080 मैं सिर्फ़ एक सप्ताह के लिए घर में रह पायी 00:18:46.080 --> 00:18:49.500 क्योंकि एक सप्ताह के बाद मैंनें अपना आपा खो दिया 00:18:50.020 --> 00:18:53.000 मुझे ठीक से याद नहीं किस बात पर झगड़ा शुरू हुआ, 00:18:53.000 --> 00:18:55.700 लेकिन मैं चीख-चीख के कह रही थी कि 00:18:55.710 --> 00:18:58.790 मुझे शम्सा से मिलना है और मेरा चिल्लाना नहीं रुक रहा था। 00:18:58.790 --> 00:19:00.520 ऐसा था जैसे.. 00:19:03.100 --> 00:19:04.320 मैं नहीं बता सकती। 00:19:04.320 --> 00:19:06.920 मैं सचमुच सिर्फ चिल्ला रही थी 00:19:06.920 --> 00:19:07.899 'मैं शम्सा को देखना चाहती हूँ, मैं शम्सा को देखना चाहती हूँ' 00:19:07.900 --> 00:19:08.960 'मैं शम्सा को देखना चाहती हूँ' 00:19:08.960 --> 00:19:11.880 और बात इस हद तक चली गयी कि मैं लोगों से लड़ने की कोशिश कर रही थी। 00:19:11.889 --> 00:19:14.970 तो उन्होनें मुझे पकड़ा हुआ था और मुझे याद नहीं है कि उन्होनें किसको कॉल किया। 00:19:14.970 --> 00:19:20.090 पुलिस को बुलाया, लेकिन एक वक्त पर कुछ लोगों ने मुझे पकड़ा हुआ था। 00:19:20.090 --> 00:19:22.559 और फिर वहाँ एक डॉक्टर था। 00:19:22.560 --> 00:19:26.640 मैंने एक डॉक्टर को देखा और उसने मुझे इंजेक्शन दिया और मुझे या तो एक कार या एक एम्बुलेंस में ले गए, 00:19:26.640 --> 00:19:28.220 मुझे याद नहीं। 00:19:28.220 --> 00:19:31.420 मुझे लगता है कि यह एक कार थी, और मैं तो बस चिल्ला रही थी। 00:19:31.429 --> 00:19:32.429 मुझे याद नहीं। 00:19:32.429 --> 00:19:33.429 उन्होंने मुझे दवा देकर शांत करने की कोशिश की। 00:19:33.429 --> 00:19:34.429 यह पहली बार काम नहीं किया। 00:19:34.429 --> 00:19:35.429 उन्होंने मुझे अस्पताल में डाल दिया। 00:19:35.429 --> 00:19:39.480 मुझे याद है उन्होनें मुझे इंजेक्शन देकर शांत किया था। 00:19:39.480 --> 00:19:47.830 और फिर हल्का सा याद है.. मैं अस्पताल के बिस्तर पर हूँ और जागने के बाद 00:19:47.830 --> 00:19:51.580 लोग मुझे खिलाने की कोशिश कर रहे हैं.. उसके बाद बाथरूम में मेरी नींद टूटती है 00:19:51.580 --> 00:19:56.159 इस तरह मैंने कुछ बेहिसाब समय खो दिया.. कुछ दिन खो दिए। 00:19:56.159 --> 00:19:59.799 इतना चिल्लाने से मेरी आवाज़ चली गयी थी। 00:19:59.799 --> 00:20:04.609 तो, हाँ .. मुझे कुछ समय लगा.. 00:20:04.609 --> 00:20:10.080 नहीं पता कि मुझे कितना बेहोश रखा गया या मुझे क्या दिया था, लेकिन हाँ मैंने कुछ दिन खो दिए। 00:20:10.080 --> 00:20:14.180 और फिर, हाँ .. तो मैंने एक सप्ताह अस्पताल में बिताया 00:20:15.620 --> 00:20:18.880 बेआवाज़ और नर्सों के साथ 00:20:18.889 --> 00:20:21.820 जो बहुत, बहुत, बहुत अच्छी थीं। 00:20:21.820 --> 00:20:26.320 और वे मेरे लिए हर तरह से सब सामान्य बनाने कि कोशिश कर रहीं थीं 00:20:26.320 --> 00:20:31.100 इस तरह से नहीं जैसे मैं कोई मानसिक रोगी हूँ .. 00:20:31.100 --> 00:20:32.299 क्योंकि मैं एक मानसिक रोगी नहीं हूँ। 00:20:32.299 --> 00:20:36.570 मैंने अपनी हल्की आवाज़ में उन्हें बताया कि मेरे साथ क्या हुआ है 00:20:36.570 --> 00:20:44.760 मैं उनसे बात कर पाती थी और वे वास्तव में अच्छीं थीं 00:20:44.760 --> 00:20:48.980 उन्होनें मुझे सामान्य महसूस कराने की कोशिश की। 00:20:48.980 --> 00:20:53.860 ख़ैर.. तो एक सप्ताह घर में और एक सप्ताह अस्पताल में, 00:20:53.860 --> 00:20:59.360 और मुझे फिर से वापस जेल में डाल दिया। 00:20:59.360 --> 00:21:03.460 तो कुल मिलाकर तीन साल और चार महीने मैंने कैद में बिताए। 00:21:03.560 --> 00:21:08.500 और मैं नहीं जानती थी कि कब तक मैं वहाँ रहूँगी। 00:21:08.500 --> 00:21:14.480 मुझे सिर्फ इतना बताया गया कि तुम्हारे पिता ने कहा है इसे तब तक पीटो जब तक इसमें जान ना बचे। बस 00:21:14.480 --> 00:21:20.820 वे मुझे ख़त्म नहीं कर पाए। 00:21:20.840 --> 00:21:24.340 वे चाहते थे, लेकिन नहीं कर पाए। 00:21:24.340 --> 00:21:31.440 तो जब मैं दूसरी बार कैद से बाहर आई.. 00:21:31.440 --> 00:21:34.779 तो मैं .. 00:21:34.779 --> 00:21:36.869 मैं तो बस.. 00:21:36.869 --> 00:21:38.019 मुझे हर किसी से नफ़रत थी। 00:21:38.019 --> 00:21:39.980 मुझे किसी पर भरोसा नहीं था .. 00:21:39.980 --> 00:21:41.764 मेरे लिए जैसे सभी लोग बुरे थे 00:21:41.764 --> 00:21:43.640 किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता था, 00:21:43.640 --> 00:21:45.360 जैसे सभी लोगों आपके खिलाफ हों, 00:21:45.360 --> 00:21:47.700 मुझे ऐसा लगता था। 00:21:47.700 --> 00:21:50.460 इसलिए मैं जानवरों के साथ बहुत समय बिताती थी 00:21:50.460 --> 00:21:54.100 घोड़ों, कुत्तों, बिल्लियों के साथ पक्षियों के साथ 00:21:54.100 --> 00:21:56.019 अलग अलग जानवरों के साथ। 00:21:56.019 --> 00:21:58.300 मैं पने दिन जानवरों के बिताती थी 00:21:58.300 --> 00:22:02.100 और फिर मैं अपने कमरे में जाकर कोई फिल्म वगैरह देख लेती थी 00:22:02.100 --> 00:22:04.520 लेकिन मैं लोगों के साथ बातचीत नहीं करती थी। 00:22:04.520 --> 00:22:06.780 कोई नहीं था जिस पर मुझे भरोसा हो। 00:22:09.180 --> 00:22:17.780 और फिर मैं .. हाँ, तो मुझे.. 00:22:17.780 --> 00:22:18.700 मुझे नहीं पता.. 00:22:18.700 --> 00:22:22.620 मुझे नहीं पता जेल से बाहर आने के बाद मुझे कितने साल लगे 00:22:22.620 --> 00:22:26.140 पूरी तरह से उस अनुभव से उबरने में। 00:22:30.620 --> 00:22:31.440 मुझे नहीं पता। 00:22:31.440 --> 00:22:33.179 मुझे नहीं पता कब मैं सामान्य हो पायी। 00:22:33.179 --> 00:22:34.580 मैं नहीं जानती कि मैं अब भी सामान्य हूँ या नहीं। 00:22:34.580 --> 00:22:36.360 मेरा मतलब है यह कुछ ऐसा है कि 00:22:36.360 --> 00:22:37.860 आपको बदल देता है, 00:22:37.860 --> 00:22:41.160 आप लोगों में विश्वास खो देते हैं। 00:22:41.160 --> 00:22:45.280 2017 की गर्मियों में ऐसा बहुत कुछ हुआ, 00:22:45.280 --> 00:22:48.000 जिसने मुझ पर दबाव डाला .. 00:22:49.140 --> 00:22:55.220 कि अब और नहीं रुका जा सकता, मैं शम्सा के ठीक होने का अब इंतजार नहीं कर सकती ताकि उसे अपने साथ ले चलूँ। 00:22:55.220 --> 00:23:00.739 मुझे एहसास हुआ, यह समझने में मुझे लगभग दस साल लगे 00:23:00.739 --> 00:23:04.899 कि यहाँ रह कर उसकी कोई मदद नहीं हो रही है। 00:23:04.899 --> 00:23:05.929 मैं उसकी यहाँ मदद नहीं कर सकती। 00:23:05.929 --> 00:23:06.929 मुझे जाना होगा। 00:23:06.929 --> 00:23:09.619 यह एक ही रास्ता है जिससे मैं उसकी मदद कर सकती हूँ। 00:23:09.619 --> 00:23:10.879 अपनी मदद कर सकती हूँ। 00:23:10.880 --> 00:23:11.600 उसकी मदद कर सकती हूँ। 00:23:11.600 --> 00:23:14.760 मैं बहुत से लोगों की मदद कर सकती हूँ, बस निकलना होगा। यहाँ रहकर .. 00:23:14.760 --> 00:23:17.680 मैं उसकी बिल्कुल भी मदद नहीं कर सकती। 00:23:17.680 --> 00:23:22.200 तो .. और 2017 की, 00:23:22.200 --> 00:23:25.560 गर्मियों में मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया है 00:23:25.560 --> 00:23:31.009 और मुझे एहसास हुआ कि जीवन कितना छोटा है। 00:23:31.009 --> 00:23:32.990 इसकी कोई गारंटी नहीं है। 00:23:32.990 --> 00:23:38.960 किसी के परिवर्तन लाने का बैठकर इंतज़ार करने का कोई फ़ायदा नहीं 00:23:38.960 --> 00:23:39.970 या किसी के तैयार होने का। 00:23:39.970 --> 00:23:43.590 इंतज़ार करने की कोई वजह नहीं, बस एक बड़ा कदम लेना होगा। 00:23:43.590 --> 00:23:48.280 शम्सा को कुछ नहीं होगा और एक बार बाहर आ जाओ तो तुम उसकी मदद कर सकती हो। 00:23:48.280 --> 00:23:51.980 इसलिए इस वीडियो को बनाने की जरूरत है। 00:23:51.980 --> 00:23:55.340 अगर मैं कामयाब ना हो पाऊँ तो। 00:23:55.340 --> 00:24:03.260 यह सब व्यर्थ नहीं जाएगा, किसी के पास कुछ फ़ुटेज तो रहेगी। 00:24:03.260 --> 00:24:04.440 मुझे .. 00:24:04.440 --> 00:24:07.740 मुझे सब कुछ याद करना होगा ये मेरा आख़िरी वीडियो हो सकता है। 00:24:07.740 --> 00:24:10.139 मैं और क्या कहूँ पता नहीं। 00:24:10.140 --> 00:24:13.429 मैं और क्या कहूँ पता नहीं। 00:24:15.300 --> 00:24:21.700 वे निश्चित रूप से इस विडियो को बदनाम करने की कोशिश करेंगे, कहेंगे कि यह एक झूठ है या यह एक अभिनेत्री है 00:24:21.700 --> 00:24:24.260 ऐसा ही कुछ। 00:24:26.420 --> 00:24:28.760 मैं नहीं जानती और क्या अपने बारे में कहूँ। 00:24:28.860 --> 00:24:32.280 तो मैं बस अपने बारे में और अधिक जानकारी देती हूँ। 00:24:32.289 --> 00:24:35.480 जब मैं छोटी थी तब दुबई इंग्लिश स्पीकिंग स्कूल जाती थी 00:24:35.480 --> 00:24:38.480 और फिर मैं इंटरनेशनल स्कूल ऑफ़ शूएफ़ात गयी 00:24:38.480 --> 00:24:41.920 और उसके बाद एक साल के लिए मैं लतीफ़ा स्कूल फॉर गर्ल्स गयी। 00:24:41.920 --> 00:24:45.739 और फिर, हाँ, जब मैं जेल से बाहर आई तो ज़बील अस्तबल में घुड़सवारी करती थी। 00:24:45.739 --> 00:24:51.460 और फिर फ़ुजैरा में स्कूबा डाइविंग और बाद में स्काईडाइव दुबई में स्काइडाइविंग शुरू की। 00:24:51.460 --> 00:24:56.570 तो ऐसे बहुत से लोग हैं जो मुझे जानते पहचानते हैं। 00:24:56.570 --> 00:24:58.260 वे मेरे चेहरे को जानते हैं। उन्हें मेरे बात करने का अंदाज़ पता है। 00:24:58.260 --> 00:24:59.040 वो मुझे जानते हैं। 00:24:59.260 --> 00:25:02.260 तो भले ही वे कोशिश करें मुझे बदनाम करने की, मुझे आशा है कि 00:25:02.260 --> 00:25:04.679 मेरे कुछ दोस्त कहेंगे कि 00:25:04.679 --> 00:25:07.760 'मैं लतीफ़ा को जानता हूँ और ये वास्तव में वही है' 00:25:07.760 --> 00:25:11.169 वैसे भी मैं अपनी बहन मेथा की तरह दिखतीं हूँ। 00:25:11.169 --> 00:25:15.049 मैं अपने भाई माजिद की तरह दिखतीं हूँ और वे दोनों मशहूर लोग हैं। 00:25:15.049 --> 00:25:20.040 इसलिए भले ही वे मुझे बदनाम करने की कोशिश करें, मैं मेरे भाई बहन की तरह दिखतीं हूँ। 00:25:20.040 --> 00:25:21.480 तो.. 00:25:21.640 --> 00:25:27.160 और मैंने अपने पासपोर्ट की प्रतियां भी दी हैं और मेरे प्रमाण पत्र वगैरह 00:25:27.169 --> 00:25:28.350 और हाँ .. 00:25:28.350 --> 00:25:32.249 मेरा पासपोर्ट मेरे पास नहीं रहता, वो मुझे मेरा पासपोर्ट नहीं देते। 00:25:32.249 --> 00:25:35.090 मेरा संयुक्त अरब अमीरात पासपोर्ट कभी मेरे पास नहीं रहता। 00:25:35.090 --> 00:25:38.060 मुझे तो उसकी बस एक कॉपी मिली थी .. 00:25:39.100 --> 00:25:40.440 अरे मेरा.. 00:25:41.080 --> 00:25:44.399 जब मैंने अपनी जीसीएसई परीक्षा दी थी 00:25:44.399 --> 00:25:47.639 जेल से छूटने के बाद, मैंने कुछ परीक्षाएँ दी थीं और उनके लिए पासपोर्ट प्रतियों की ज़रूरत थी। 00:25:47.639 --> 00:25:50.720 तब मैंने पासपोर्ट की तस्वीर ली थी 00:25:50.720 --> 00:25:56.000 और जब मैंने स्काइडाइविंग टैंडम रेटिंग ली थी 00:25:57.860 --> 00:26:01.380 एफएआई? शायद यह कहा जाता है..उन्हें चिकित्सीय मंजूरी की ज़रूरत होती है 00:26:01.380 --> 00:26:03.580 और उसके लिए पासपोर्ट की एक प्रति की ज़रूरत होती है 00:26:03.580 --> 00:26:05.460 तो मैंने अपने पासपोर्ट प्रति की कॉपी बना ली। 00:26:05.460 --> 00:26:10.060 वे मुझे मेरा पासपोर्ट नहीं देते, लेकिन उन्होंने मुझे मेरे पासपोर्ट की एक प्रति दी थी। 00:26:10.060 --> 00:26:11.700 तो.. मुझे ड्राइव करने की इजाज़त नहीं है। 00:26:11.710 --> 00:26:15.129 मैं ना कहीं जा सकती हूँ या दुबई छोड़ सकती हूँ 00:26:15.129 --> 00:26:17.680 मैं साल 2000 के बाद से देश से बाहर नहीं गयी। 00:26:18.960 --> 00:26:23.440 मैंने बहुत कोशिश की पढ़ने या कुछ भी सामान्य करने की इजाज़त मिले। 00:26:23.440 --> 00:26:25.859 पर नहीं। 00:26:25.859 --> 00:26:26.860 मुझे .. 00:26:26.860 --> 00:26:28.669 मैं कब बाहर जाती हूँ कब वापस लौटती हूँ .. 00:26:28.669 --> 00:26:30.880 सब निश्चित समय पर करना होता है। 00:26:30.880 --> 00:26:35.220 वे .. मेरी माँ को हमेशा यह जानना होता है कि मैं कहाँ हूँ। 00:26:35.229 --> 00:26:39.929 ड्राइवर मेरे पिता को रिपोर्ट देते हैं, मैं कहाँ जाती हूँ वगैरह। 00:26:39.929 --> 00:26:41.840 हमारे ड्राइवर चुने हुए होते हैं। 00:26:41.840 --> 00:26:43.739 ऐसे ही किसी की भी कार में नहीं जा सकते। 00:26:43.739 --> 00:26:44.889 मुझे ड्राइवर के साथ जाना होता है। 00:26:44.889 --> 00:26:47.470 ड्राइवर को हमेशा पता रहता है कि मैं कहाँ हूँ। 00:26:47.470 --> 00:26:50.700 हाँ, तो यही है मेरी ज़िंदगी। 00:26:50.700 --> 00:26:51.940 बहुत ही प्रतिबंधित। 00:26:51.940 --> 00:26:52.940 मैं .. 00:26:52.940 --> 00:26:55.280 मैं भी बिना इजाज़त किसी दूसरे अमीरात तक नहीं जा सकती। 00:26:55.280 --> 00:26:56.260 नहीं। 00:26:56.260 --> 00:26:58.780 इसलिए मुझे दुबई में रहना पड़ता है। 00:27:01.160 --> 00:27:02.080 हाँ। 00:27:02.120 --> 00:27:04.040 तो हाँ, भले ही वो मुझे बदनाम करने की कोशिश करें, 00:27:04.040 --> 00:27:10.540 मेरे पास ऐसी बहुत जानकारी है की वो मुझे ख़ारिज नहीं कर सकते। 00:27:10.549 --> 00:27:17.840 खैर, वे कोशिश करेंगे और फिर खुद ही ख़ारिज कर दिए जाएंगे। 00:27:17.840 --> 00:27:20.460 तो हाँ, यह मेरा आखिरी वीडियो हो सकता है। 00:27:20.540 --> 00:27:21.640 मुझे आशा है कि ऐसा नहीं होगा .. 00:27:21.640 --> 00:27:23.620 मुझे आशा है कि इस वीडियो की मुझे जरूरत ना पड़े। 00:27:24.300 --> 00:27:30.740 मुझे आशा है कि यह वीडियो सिर्फ नष्ट कर दिया जाए और हम सब ठीकठाक रहें 00:27:33.000 --> 00:27:34.880 लेकिन इस वीडियो को बनाने की ज़रूरत थी। 00:27:36.540 --> 00:27:39.080 नहीं पता और क्या कहूँ। 00:27:42.100 --> 00:27:45.760 तो बाहर आने के बाद मैं आशा करती हूँ कि 00:27:47.100 --> 00:27:47.860 कि 00:27:49.420 --> 00:27:51.240 मेरे पास पासपोर्ट हो 00:27:52.040 --> 00:27:54.760 और मेरे जीवन में निर्णय लेने की आज़ादी हो 00:27:54.760 --> 00:27:58.600 और मैं जहाँ भी रहूँ शम्सा की मदद कर पाऊँ। 00:27:58.600 --> 00:28:02.340 मैं कह सकूंगी कि उसे भी उसका पासपोर्ट दो। 00:28:02.340 --> 00:28:03.300 उसे भी बाहर घूमने दो। 00:28:03.300 --> 00:28:04.680 मुझसे मिलने दो। 00:28:04.680 --> 00:28:05.420 और 00:28:06.600 --> 00:28:10.200 मुझे लगता है कि अपनी और किसी दूसरे की मदद का यही एक रास्ता है। 00:28:14.580 --> 00:28:16.599 और क्या कहूँ पता नहीं। 00:28:16.600 --> 00:28:20.500 मैं अपने जीवन में देखी कई चीज़ों के बारे में बता सकती हूँ। 00:28:23.240 --> 00:28:31.840 जब मैं छः महीने की थी, मेरे पिता की बहन मुझे चाहती थी। 00:28:32.480 --> 00:28:34.400 तो वह मुझे मेरी माँ से दूर ले गईं। 00:28:36.580 --> 00:28:39.560 तो ज़िंदगी के पहले दस साल मैंने महल में गुज़ारे 00:28:39.560 --> 00:28:42.000 यह सोचते हुए कि मेरी चाची ही मेरी माँ हैं 00:28:42.000 --> 00:28:45.409 और मैं साल में सिर्फ़ एक बार अपनी असली माँ से मिलने जाती थी। 00:28:45.409 --> 00:28:46.570 मैं वहाँ कभी रात तक नहीं ठहरती थी। 00:28:46.570 --> 00:28:49.080 सिर्फ़ दिन बिताकर, रात में महल चले जाते थे। 00:28:50.980 --> 00:28:54.080 और जब मेरा छोटा भाई, तीन महीने का था 00:28:54.080 --> 00:28:57.500 मेरी माँ ने उसे भी सौंप दिया। 00:28:58.860 --> 00:29:02.940 खैर, यह स्वैच्छिक था क्योंकि वो मुझे अकेले रहने देना नहीं चाहती थीं, 00:29:02.940 --> 00:29:07.140 तो उन्होनें मेरे भाई को मुझे सौंप दिया, ताकि हम दोनों साथ रहें। 00:29:08.240 --> 00:29:10.940 तो हाँ, ज़िंदगी के पहले दस साल मैं एक झूठ जी रही थी 00:29:10.940 --> 00:29:14.160 बाद में मुझे पता चला कि मैं कौन हूँ और फिर मैं अपनी माँ के साथ रहने चली गयी 00:29:14.160 --> 00:29:15.419 और मैं अपनी माँ के साथ रहने के लिए झगड़ती थी 00:29:15.419 --> 00:29:19.759 शम्सा हमारे उसके साथ रहने के लिए लड़ती थी। 00:29:19.760 --> 00:29:22.880 इसलिए मैंने हमेशा शम्सा को उस व्यक्ति की तरह देखा जिसने मुझे बचाया। 00:29:24.120 --> 00:29:26.860 इसलिए मैं उसे बचाने की कोशिश कर रही थी, तो .. 00:29:26.860 --> 00:29:30.320 लेकिन मैं अब तक सफल नहीं हो पायी। 00:29:34.240 --> 00:29:36.660 ओह! वे शायद ऐसा भी कर सकते हैं। 00:29:36.669 --> 00:29:43.799 वे शायद शम्सा को विडियो बनाने के लिए मजबूर करें कहलवाएँ कि मैं झूठी हूँ या 00:29:43.799 --> 00:29:45.580 मुझे बदनाम करने के लिए ऐसा ही कुछ। 00:29:45.580 --> 00:29:47.620 यकीनन वे ऐसा करने की कोशिश करेंगे .. 00:29:47.620 --> 00:29:48.960 मैं उन्हें जानती हूँ। 00:29:48.960 --> 00:29:50.099 बेशक। 00:29:50.099 --> 00:29:51.450 उसके पास किसी तरह की आज़ादी नहीं है। 00:29:51.450 --> 00:29:52.840 वह कुछ भी नहीं कर सकती। 00:29:52.840 --> 00:29:56.760 वह .. अभी वह .. 00:29:56.760 --> 00:29:58.460 उसके साथ एक मनोचिकित्सक रहता है 00:29:58.460 --> 00:30:00.660 और वह नर्सों से घिरी रहती है। 00:30:01.560 --> 00:30:03.760 वे उसके साथ कमरे में रहते हैं जब वह सोती है। 00:30:03.760 --> 00:30:05.780 और जब जागती है तो नोट्स लेते हैं, 00:30:05.780 --> 00:30:08.379 कि वो कब सोती है, कब खाना खाती है, क्या खाती है, 00:30:08.379 --> 00:30:10.140 क्या कहती है, क्या बातचीत करती है, 00:30:10.140 --> 00:30:11.620 उसे अपने सामने गोलियाँ खिलाते हैं, 00:30:11.620 --> 00:30:13.560 पक्का करने के लिए कि उसने सारी गोलियाँ ली हैं, 00:30:14.360 --> 00:30:16.220 दवाएँ उसके दिमाग को क़ाबू करने के लिए, 00:30:16.280 --> 00:30:17.400 मुझे नहीं पता वो क्या हैं। 00:30:18.120 --> 00:30:20.920 तो इस तरह उसकी ज़िंदगी को पूरी तरह से नियंत्रित किया जाता है। 00:30:20.929 --> 00:30:23.800 और हाँ गर्मियों में एक और बात हुई जो 00:30:23.800 --> 00:30:26.260 मुझे कहनी चाहिए थी कि 00:30:28.660 --> 00:30:32.780 शम्सा के पास से कुछ मोबाइल फ़ोन बरामद हुए इसलिए.. 00:30:35.500 --> 00:30:38.320 मेरी माँ और मेरी दूसरी बहन बहुत घबरा गए 00:30:38.320 --> 00:30:41.160 कि वह फिर से इंग्लैंड में पत्रकारों से संपर्क करने की कोशिश करेगी 00:30:41.160 --> 00:30:43.900 अपनी परिस्थिति या किसी और बारे में उनसे बात करने के लिए, 00:30:43.900 --> 00:30:47.399 मेरे पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश में। 00:30:47.399 --> 00:30:48.889 उन्हें इस बात का डर था। 00:30:48.889 --> 00:30:51.980 तो इसके बाद उसकी स्थिति और ज़्यादा नियंत्रित हो गयी है। 00:30:51.980 --> 00:30:55.009 यही कारण है कि अब एक मनोचिकित्सक रखा गया है हमेशा उसके पास रहने के लिए। 00:30:55.009 --> 00:30:58.749 पहले भी मनोचिकित्सक था लेकिन वह हमेशा उसके साथ नहीं रहता था 00:30:58.749 --> 00:31:00.740 जैसा अब हो रहा है 00:31:01.960 --> 00:31:04.460 और चौबीस घंटे उसके साथ रहने वाली नर्सें। 00:31:04.460 --> 00:31:08.280 ऐसा है जैसे जहाँ वो जाती है एक पिंजड़ा उसके साथ-साथ पीछे चलता है, 00:31:08.280 --> 00:31:10.280 तो उसके पास कोई .. कोई आज़ादी नहीं है। 00:31:10.280 --> 00:31:11.280 तो, हाँ मुझे लगता है कि .. 00:31:11.280 --> 00:31:14.019 वो मुझे लगता है कि उसका इस्तेमाल मुझे ख़ारिज करने के लिए कर सकते हैं। 00:31:14.020 --> 00:31:15.240 ऐसा हुआ तो देखने लायक होगा 00:31:16.180 --> 00:31:17.760 क्योंकि.. 00:31:18.520 --> 00:31:21.220 हाँ तो वे उसका इस्तेमाल मुझे ख़ारिज करने के लिए कर सकते हैं। 00:31:21.220 --> 00:31:24.600 लेकिन वे कभी मुझसे अपने आपको ख़ारिज नहीं करावा पाएंगे क्योंकि 00:31:25.360 --> 00:31:27.000 वो.. 00:31:27.720 --> 00:31:30.100 मैं ज़िंदा उनके हाथ नहीं लगने वाली 00:31:31.880 --> 00:31:33.820 ऐसा बिलकुल नहीं होगा। 00:31:35.820 --> 00:31:37.720 और क्या कहूँ पता नहीं। 00:31:38.720 --> 00:31:44.920 मेरा मतलब है कि साल 2000 से यानी लगभग दो दशक हो चुके हैं, इस पागलपन को शुरु हुए। 00:31:45.900 --> 00:31:49.500 अब हम 2018 में हैं, यह सब वाकई सिर घूमा देने वाला था। 00:31:49.500 --> 00:31:50.660 बहुत से लोग.. 00:31:51.160 --> 00:31:54.540 बहुत से लोगों की ज़िंदगी को चोट पहुंची है, 00:31:54.540 --> 00:31:57.320 बहुत से लोगों को प्रताड़ित किया गया है, 00:31:57.320 --> 00:31:59.560 बहुत से लोगों ने जानें गवाईं हैं 00:31:59.560 --> 00:32:01.220 बहुत कुछ हुआ है... 00:32:01.500 --> 00:32:03.780 उसने बहुत से कत्लों पर पर्दा डलवाया है 00:32:03.780 --> 00:32:05.880 मेरे पिता को किसी का डर नहीं। 00:32:07.400 --> 00:32:12.420 इससे बड़े अपराधी की आप कल्पना नहीं कर सकते हैं। 00:32:12.420 --> 00:32:15.700 और उनकी छवि एक आधुनिकतावादी की बनाई गयी है 00:32:15.700 --> 00:32:18.719 यह सब बकवास है। 00:32:18.720 --> 00:32:21.040 मेरे तीस भाई और बहनें हैं। 00:32:21.040 --> 00:32:21.820 लेकिन.. 00:32:21.820 --> 00:32:27.591 उनकी सिर्फ ऐसी तस्वीरें डाली जाती हैं और ऐसी सार्वजनिक छवि दिखाई जाती है जैसे वह एक परिवारिक व्यक्ति हो, 00:32:27.591 --> 00:32:29.539 यह .. सब बकवास है। 00:32:29.540 --> 00:32:30.640 वो ऐसा नहीं है। 00:32:30.640 --> 00:32:32.360 यह सिर्फ पी॰आर॰ है। 00:32:34.060 --> 00:32:36.980 उसका लेबनान में एक बेटा है जिसकी वो कभी सुध नहीं लेता। 00:32:36.990 --> 00:32:40.200 उसने.. वह उससे शायद एक या दो बार मिला है और तब भी हाथ भर मिलाया था .. 00:32:40.200 --> 00:32:43.129 जब वह बेटा दुबई आया था। 00:32:43.129 --> 00:32:47.020 वह .. उपेक्षित रहा है इतनी सारी दूसरी संतानों की तरह। 00:32:47.020 --> 00:32:48.580 .. वह एक पिता नहीं है। 00:32:49.240 --> 00:32:51.180 वह सच में, बहुत ही घृणित , 00:32:51.180 --> 00:32:53.360 बहुत ही घृणित इंसान है। 00:32:59.820 --> 00:33:00.620 हाँ, 00:33:01.900 --> 00:33:06.560 जिस तरह से उसने अपनी ज़िंदगी गुज़ारी है और दूसरों से उसका व्यवहार रहा है 00:33:09.540 --> 00:33:15.740 वह वैसा नहीं है जैसा मीडिया दिखाता है, उसका खुदका मीडिया। 00:33:15.760 --> 00:33:17.840 दुबई में याद रखें, मीडिया पूरी तरह नियंत्रित किया जाता है 00:33:20.000 --> 00:33:22.240 और लगभग पूरे मध्यपूर्व में भी। 00:33:25.540 --> 00:33:27.220 और समझ नहीं आता कि क्या कहूँ। 00:33:29.020 --> 00:33:31.800 मुझे लगता है कि अगर इस कोशिश में मेरी जान जाती है 00:33:31.800 --> 00:33:33.909 या अगर मैं जीवित बाहर नहीं आ पाती तो कम से कम एक वीडियो तो रहेगा। 00:33:33.909 --> 00:33:41.420 यह दुख़ की बात है कि सब इस हद तक आ चुका है की मुझे एक वीडियो बनाना पड़ा, लेकिन यह ज़रूरी है। 00:33:42.500 --> 00:33:44.140 और क्या कहूँ पता नहीं। 00:33:45.260 --> 00:33:47.920 सोचने की कोशिश कर रही हूँ, 00:33:48.740 --> 00:33:52.540 और क्या मैं अपने जीवन के बारे में बता सकती हूँ। 00:33:57.400 --> 00:34:01.180 पता नहीं और क्या कहूँ । 00:34:02.700 --> 00:34:08.760 मुझे आशा है कि इस विडियो की मुझे ज़रूरत ना पड़े। 00:34:08.760 --> 00:34:14.120 और लग रहा है मुझे इसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी। 00:34:14.129 --> 00:34:17.760 मैं भविष्य के बारे में सकारात्मक महसूस कर रहीं हूँ 00:34:17.760 --> 00:34:22.679 और मैं महसूस कर रही हूँ जैसे कि यह एक नयी शुरुआत है। 00:34:22.679 --> 00:34:29.539 यह शुरुआत है मेरे द्वारा अपने जीवन का जिम्मा लेने की .. मेरी स्वतंत्रता, निर्णय की स्वतंत्रता। 00:34:29.539 --> 00:34:33.219 मुझे इसके इतना आसान होने की उम्मीद नहीं है, कुछ भी आसान नहीं होता है, 00:34:33.219 --> 00:34:37.620 लेकिन मुझे आशा है यह मेरे जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत होगी 00:34:38.060 --> 00:34:42.340 जिसमें मेरी आवाज़ का कोई महत्व होगा 00:34:42.340 --> 00:34:46.079 जहाँ मुझे खामोश नहीं किया जा सकेगा 00:34:46.079 --> 00:34:48.980 और मैं अपने बारे बात कर सकूँगी, और शम्सा के बारे में बात कर पाऊँगी। 00:34:48.980 --> 00:34:51.920 बता पाऊंगी की हमारे साथ क्या कुछ हुआ। 00:34:56.460 --> 00:35:01.180 हाँ, मैं उस कल की राह देख रही हूँ। 00:35:04.300 --> 00:35:05.700 हाँ, मैं नहीं जानती, 00:35:06.920 --> 00:35:12.800 मुझे नहीं पता की वो सुबह कैसी होगी 00:35:12.800 --> 00:35:13.800 जब मैं जागकर सोच सकूँगी.. 00:35:13.809 --> 00:35:15.230 कि मैं जो चाहूँ आज कर सकती हूँ। 00:35:15.230 --> 00:35:16.900 जहाँ चाहूँ जा सकती हूँ। 00:35:16.900 --> 00:35:20.500 मेरे पास दुनिया के वे सभी विकल्प हैं जो दूसरों के पास हैं। 00:35:21.600 --> 00:35:24.079 कितना अलग और नया अनुभव होगा। 00:35:25.440 --> 00:35:26.640 वह अद्भुत होगा। 00:35:26.640 --> 00:35:28.480 मैं इसके लिए तत्पर हूँ। 00:35:30.840 --> 00:35:33.036 एक देश में फंसे होकर आप एक हद तक ही कुछ कर सकते हैं 00:35:33.040 --> 00:35:34.640 और वो भी इन बंधनों के साथ। 00:35:34.640 --> 00:35:37.119 एक आम इंसान क्या कर सकता है उसकी कुछ सीमाएँ हैं। 00:35:37.119 --> 00:35:43.770 मैं आशावान हूँ आने वाले समय के लिए, शम्सा के अच्छे जीवन लिए। 00:35:43.770 --> 00:35:47.100 ऐसा बहुत कुछ है जिसके लिए मैं आशावान हूँ। 00:35:50.560 --> 00:35:59.320 हाँ, मुझे वाकई लगता है कि यह मेरे जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत है। 00:35:59.320 --> 00:36:05.550 मेरे दुबई में रहने की कोई वजह नहीं बची है। 00:36:05.550 --> 00:36:07.820 मेरे यहाँ वापस आने की कोई वजह नहीं बची है। 00:36:07.820 --> 00:36:10.839 मेरे आसपास ऐसे लोग हैं जिन्हें में मैं प्यार करती हूँ, लेकिन वे मुझसे मिलने आ सकते हैं। 00:36:10.840 --> 00:36:15.620 जैसे मेरे परिवार में कुछ लोग हैं, दोस्त हैं जिनकी मुझे परवाह है, 00:36:15.620 --> 00:36:18.040 मैं जहाँ भी रहूँ वे मुझसे मिलने आ सकते हैं। 00:36:18.040 --> 00:36:20.900 और एक मुश्किल यह भी है कि मैं कल कहाँ जाऊँगी इसका भी पता नहीं। 00:36:20.900 --> 00:36:21.600 मुझे.. 00:36:22.980 --> 00:36:25.300 मुझे नहीं पता मैं कहाँ रहूँगी। 00:36:25.300 --> 00:36:28.360 नहीं पता .. मैं कहाँ रह सकती हूँ। 00:36:28.360 --> 00:36:30.380 मुझे कुछ भी पता नहीं है। 00:36:30.400 --> 00:36:31.860 मैं नहीं जानती मैं कहाँ जा रही हूँ। 00:36:31.860 --> 00:36:33.180 हम नहीं जानते। 00:36:33.180 --> 00:36:35.600 मैं जानती हूँ मैं कहाँ ठहरूँगी। 00:36:35.600 --> 00:36:41.400 जानती हूँ कहाँ थोड़ी देर के लिए ठहरना होगा, लेकिन आख़िर में मैं कहाँ पहुँचूँगी इसका नहीं पता। 00:36:41.410 --> 00:36:44.309 एक तरह से अच्छा ही है। 00:36:44.309 --> 00:36:48.980 सभी विकल्प जो मेरे पास होंगे। 00:36:49.120 --> 00:36:55.500 हाँ .. क्या मैं कहीं कुछ भूल तो नहीं गयी? 00:36:56.560 --> 00:36:58.380 और किस बारे में बात करूँ? 00:36:58.380 --> 00:36:59.680 क्या उन सभी हत्याओं के बारे में बात करूँ? 00:36:59.680 --> 00:37:02.120 या उन अत्याचारों के बारे में जो मैंने देखे हैं? 00:37:02.160 --> 00:37:05.120 किस बारे में बात करूँ? 00:37:09.300 --> 00:37:12.140 मैं और क्या बताऊँ नहीं जानती 00:37:12.140 --> 00:37:16.560 क्योंकि वो एक बहुत ही लंबी कहानी होगी। 00:37:19.340 --> 00:37:22.900 मुझे नहीं पता। 00:37:23.360 --> 00:37:29.280 पता होना चाहिए मुझे, हैं ना? 00:37:34.820 --> 00:37:38.720 वो कई जानों के जाने के लिए ज़िम्मेदार है। 00:37:39.900 --> 00:37:44.200 वो एक बहुत बड़ा अपराधी है। 00:37:44.200 --> 00:37:46.220 यहाँ कोई न्याय नहीं है। 00:37:46.220 --> 00:37:51.980 उन्हें कोई परवाह नहीं है, खासकर यदि आप एक महिला हैं, आपके जीवन के कोई मायने नहीं। 00:37:51.980 --> 00:37:53.640 उन्हें कोई परवाह नहीं है। 00:37:58.200 --> 00:38:01.660 यहाँ तक कि उसने सबूत छिपाने के लिए घरों तक को जला दिया है। 00:38:01.660 --> 00:38:03.560 घरों को जलाकर राख़ कर दिया। 00:38:05.300 --> 00:38:06.840 वह पागल इंसान है। 00:38:09.860 --> 00:38:16.480 मुझे लगता है कि समय आ गया है कि वह अपने किए का अंजाम भुगते। 00:38:16.480 --> 00:38:18.220 ऐसा होगा। 00:38:18.220 --> 00:38:20.800 उसे अंजामों का सामना करना ही होगा। 00:38:20.800 --> 00:38:25.220 मेरे साथ वो क्या करता है, यातनाएँ .. सब कुछ, मैं उससे नहीं डरती। 00:38:25.220 --> 00:38:26.360 मुझे उससे कोई डर नहीं। 00:38:26.360 --> 00:38:27.400 वह दयनीय है 00:38:27.400 --> 00:38:30.980 दयनीय इंसान। 00:38:30.980 --> 00:38:33.536 और वह अपने किए का अंजाम भुगत कर रहेगा, उसने जो कुछ किया है 00:38:33.536 --> 00:38:35.470 न सिर्फ मेरे साथ, लेकिन हर किसी के साथ। 00:38:35.470 --> 00:38:37.680 उसे परिणामों का सामना करना पड़ेगा। 00:38:38.120 --> 00:38:40.200 हाँ। 00:38:43.200 --> 00:38:51.460 तो, मुझे नहीं लगता मेरे पास अब कहने के लिए ज़्यादा कुछ है। 00:38:52.940 --> 00:38:55.080 उम्मीद है, मुझे इस वीडियो की जरूरत नहीं होगी। 00:38:58.560 --> 00:39:00.420 और कोई अंतिम शब्द .. 00:39:02.440 --> 00:39:05.140 कोई आख़िरी अल्फ़ाज़ .. 00:39:09.700 --> 00:39:14.580 मेरे सभी दोस्तों को मेरा आभार, और उन लोगों का जिन्होनें मेरी परवाह की 00:39:14.580 --> 00:39:16.960 और मेरे .. परिवार के उन सदस्यों को जिन्हें मेरी परवाह रही, 00:39:16.960 --> 00:39:18.060 आपको पता है कि आप कौन हैं, 00:39:18.060 --> 00:39:20.960 तुम सबने भले ही मेरी परवाह ना की हो, लेकिन आप में से कुछ ने की। 00:39:21.560 --> 00:39:23.040 उन लोगों को मेरा धन्यवाद। 00:39:23.880 --> 00:39:26.680 और अगर मैं यहाँ से बाहर नहीं निकल पाती, 00:39:27.980 --> 00:39:32.180 मुझे आशा है कि इस सबसे एक अच्छा बदलाव आ पाएगा। 00:39:32.920 --> 00:39:34.960 ठीक है।