1 00:00:00,205 --> 00:00:03,524 आप क्या कहेंगे अगर हम आपसे कहें की वर्तमान में मानवता 2 00:00:03,524 --> 00:00:06,836 मिलकर एक उत्तम 'सुपरबग' बनाने का प्रयास कर रही है? 3 00:00:07,356 --> 00:00:10,168 एक ऐसा 'बग' जो कि सैकड़ों-लाखों लोगों को मार सकता है? 4 00:00:10,628 --> 00:00:13,021 खैर, यही अभी हो रहा है। 5 00:00:13,621 --> 00:00:16,725 हम एक 'सुपर बैक्टीरियम' पैदा करने की प्रक्रिया में हैं। 6 00:00:26,207 --> 00:00:29,213 जीवाणु (बैक्टीरिया) इस ग्रह पर सबसे पुरानी जीवित चीज़ों में से एक हैं। 7 00:00:29,613 --> 00:00:33,205 वो सबसे छोटी चीज़ जिसे हम अभी भी जीवन मानते हैं, वे जीवित रहने माहिर हैं 8 00:00:33,205 --> 00:00:34,924 और हर जगह मिल सकते हैं। 9 00:00:35,674 --> 00:00:37,852 अधिकांश जीवाणु हमारे लिए नुकसानदायक नहीं होतें हैं। 10 00:00:37,852 --> 00:00:41,298 ये आपके शरीर में अरबों की संख्या में रहतें हैं और वे आपको जीवित रहने में मदद करतें हैं । 11 00:00:41,808 --> 00:00:45,080 लेकिन बाकी जीवाणु आपके शरीर पर हमला कर, तेज़ी से फैल कर आपकी जान भी ले सकते हैं। 12 00:00:45,770 --> 00:00:49,146 पहले जीवाणु संक्रमण के कारण लाखों लोग मर जाया करते थे। 13 00:00:49,316 --> 00:00:52,490 फिर हमने एक ज़बरदस्त हथियार का विकास किया - एंटीबायोटिक्स (प्रतिजीवी दवाएँ)। 14 00:00:53,050 --> 00:00:56,352 टीकाकरण के साथ मिलकर, एंटीबायोटिक दवाओं ने चिकित्सा में क्रान्ति लाई 15 00:00:56,352 --> 00:00:58,244 और लाखों लोगों की जान बचाई हैं। 16 00:00:58,774 --> 00:01:02,856 एंटीबायोटिक दवाएँ काफी तेजी से ज़्यादातर अतिसंवेदनशील जीवाणुओं को मार देती है, 17 00:01:02,856 --> 00:01:04,757 केवल छोटे से जीवित बचे समूह को छोड़कर 18 00:01:04,757 --> 00:01:07,078 जिन्हें हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली आसानी से निपट सकती है। 19 00:01:07,668 --> 00:01:09,538 एंटीबायोटिक दवाएँ ऐसा कैसे करतीं हैं? 20 00:01:09,958 --> 00:01:12,548 कल्पना कीजिए की जीवाणु एक बहुत ही जटिल मशीन है 21 00:01:12,548 --> 00:01:16,725 हजारों जटिल प्रक्रियाओं के साथ जो उसे जीवित और सक्रिय रखती हैं। 22 00:01:17,365 --> 00:01:19,852 एंटीबायोटिक दवाएँ उनकी इस जटिल मशीनरी को बाधित करती हैं, 23 00:01:19,852 --> 00:01:22,487 उदाहरण के लिए, उसके मेटाबोलिज्म (चयापचय) से हस्तक्षेप कर, 24 00:01:22,487 --> 00:01:26,055 उनका विकास को काफी धीमा कर देती है, ताकि उनसे खतरा काम हो जाये। 25 00:01:26,695 --> 00:01:30,276 अन्य एंटीबायोटिक दवाएँ डीएनए पर हमला करती हैं और उसे वंश-वृद्धि से रोकती है, 26 00:01:30,276 --> 00:01:33,434 जिससे जीवाणु बढ़ नहीं पाते, और अंततः वे मर जाते हैं। 27 00:01:34,084 --> 00:01:37,383 या जीवाणुओं की बाहरी परत को फाड़ देती हैं , 28 00:01:37,383 --> 00:01:40,050 ताकि जीवाणु के अंदरूनी अंग बाहर आ जायें और वो जल्दी से मर जाये। 29 00:01:40,690 --> 00:01:43,232 और ये सब शरीर की कोशिकाओं को बिना नुकसान पहुंचाये। 30 00:01:43,942 --> 00:01:47,546 लेकिन अब, इवोल्यूशन (क्रम-विकास) चीजों को और अधिक जटिल बना रहा है। 31 00:01:48,076 --> 00:01:52,453 महज़ संयोग से, शायद आपके शरीर पर हमला कर रहे जीवाणुओं के बहुत ही छोटे से हिस्से ने 32 00:01:52,453 --> 00:01:55,214 अपने आप को बचने का रास्ते विकसित कर लियें हैं। 33 00:01:55,534 --> 00:01:57,791 उदाहरण के लिए, एंटीबायोटिक दवाओं को बेंधकर 34 00:01:57,791 --> 00:02:00,305 और उनके आणुओं को बदलकर ताकि वे हानिरहित हो जायें। 35 00:02:00,875 --> 00:02:04,417 या ऐसे पंपों में आपनी उर्जा को निवेश करके जो एंटीबायोटिक दवाओं के 36 00:02:04,417 --> 00:02:06,001 नुकसान पहुँचाने के पहले ही बेदखल कर दें। 37 00:02:06,691 --> 00:02:09,080 कुछ इम्यून (प्रतिरक्षित) बैक्टीरिया कोई उतनी बड़ी बात नहीं हैं, 38 00:02:09,080 --> 00:02:11,487 क्योंकि हमारा इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) उससे निपट सकता है। 39 00:02:11,987 --> 00:02:14,923 लेकिन अगर वे बच निकले तो वे आपनी इम्युनिटी (प्रतिरक्षा) फैला सकते हैं 40 00:02:15,793 --> 00:02:17,587 कैसे जीवाणु अपनी इम्युनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) फैला सकता है? 41 00:02:18,247 --> 00:02:21,000 सबसे पहले, जीवाणुओं के डीएनए दो प्रकार के होते हैं: 42 00:02:21,000 --> 00:02:24,680 क्रोमोजोम (गुणसूत्र) और छोटे-छोटे स्वतन्त्र रूप से विचरण करने वाले प्लास्मिड्स (Plasmids)। 43 00:02:25,370 --> 00:02:28,244 वे एक दूसरे से गले लग सकते हैं और उपयोगी क्षमताओं वाले प्लास्मिड्स का आदान-प्रदान कर 44 00:02:28,244 --> 00:02:30,246 ज़रूरी क्षमताओं का भी आदान-प्रदान कर सकते हैं। 45 00:02:30,816 --> 00:02:33,985 इस तरह, इम्युनिटी को जल्दी से पूरी आबादी के बीच फैलाया सकता है। 46 00:02:34,395 --> 00:02:38,264 या ट्रांसफॉर्मेशन की प्रक्रिया के द्वारा जीवाणु मृत जीवाणुओं के टुकड़ों का इस्तेमाल कर 47 00:02:38,264 --> 00:02:40,016 उनसे डीएनए को इकठ्ठा का सकते हैं। 48 00:02:40,586 --> 00:02:43,121 यह विभिन्न प्रजातियों के जीवाणु के बीच भी काम करता है 49 00:02:43,121 --> 00:02:48,204 और इससे कई एंटीबायोटिक दवाओं से इम्यून जीवाणु यानि 'सुपरबग' भी बन सकता है। 50 00:02:48,954 --> 00:02:51,863 कई किस्म के 'सुपरबग' पहले से ही दुनिया में मौजूद हैं। 51 00:02:52,243 --> 00:02:55,261 खास तौर पर अस्पताल उनके पनपने की बेहतरीन जगह हैं। 52 00:02:55,841 --> 00:02:57,725 मनुष्य बहुत कम समय तक याद रखतें हैं। 53 00:02:58,235 --> 00:03:01,341 वो एंटीबायोटिक के पहले के समय की भयावहता को भूल गया है। 54 00:03:01,731 --> 00:03:04,652 आज, हम इस शक्तिशाली दवा को एक सामान्य वस्तु के रूप में देखते हैं 55 00:03:04,652 --> 00:03:08,483 बजाय इसके की ये विज्ञान की एक ऐसी उपलब्धि है जिसने ज़बरदस्त बदलाव लाया है। 56 00:03:09,103 --> 00:03:11,058 इस बात ने एक अजीब स्थति उत्पन्न की है: 57 00:03:11,058 --> 00:03:13,673 विकासशील देशों के लाखों-करोड़ों लोगों के पास अभी भी 58 00:03:13,673 --> 00:03:15,789 एंटीबायोटिक दवाओं उपलब्ध नहीं हैं, 59 00:03:15,789 --> 00:03:19,680 वहीँ दुनिया के दूसरे भाग में एंटीबायोटिक दवाएं कुछ ज्यादा ही छूट के साथ 60 00:03:19,680 --> 00:03:21,228 और बिना देखभाल के दीं जा रहीं हैं। 61 00:03:21,888 --> 00:03:24,267 एंटीबायोटिक दवाएं इलाज का आखरी उपाय होना चाहिए, 62 00:03:24,267 --> 00:03:27,013 ना की सामान्य से जुकाम से परेशान हो कर लेने वाली दवा। 63 00:03:27,713 --> 00:03:31,704 एक दूसरी गंभीर समस्या मांस उत्पादन में एंटीबायोटिक का प्रयोग है। 64 00:03:32,204 --> 00:03:34,764 किसी भी समय मनुष्य करीब 65 00:03:34,764 --> 00:03:37,930 20 - 30 अरब जानवरों को पशुधन के रूप में रखता है। 66 00:03:38,420 --> 00:03:41,933 मांस को सस्ता बनाने के लिए, कई जानवरों को भयानक परिस्थितियों में रखा जाता है, 67 00:03:41,933 --> 00:03:45,307 जहाँ बहुत ही तंग जगहें और बहुत ही गंदे हालत होतें हैं, 68 00:03:45,307 --> 00:03:47,592 जो की बिमारियों के पनपने के लिए बढ़िया जगह होतीं हैं। 69 00:03:49,062 --> 00:03:52,933 इसलिए ज्यादातर जानवरों में ज़्यादा से ज़्यादा जीवाणुओं को मारकर बीमार होने से 70 00:03:52,933 --> 00:03:54,759 बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती है। 71 00:03:54,939 --> 00:03:56,961 क्योंकि एक चीज़बर्गर की कीमत तो एक डॉलर ही हो सकती है ना। 72 00:03:57,611 --> 00:03:59,929 बिना हैरानगी के, इसके परिणामस्वरूप, 73 00:03:59,929 --> 00:04:02,117 हमने ज्यादा से ज्यादा ऐसे जीवाणु बना लिए हैं 74 00:04:02,117 --> 00:04:04,305 जिनपर एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं होता। 75 00:04:04,805 --> 00:04:07,232 इसकी रोकथाम के लिए, हम दूसरे एंटीबायोटिक्स का प्रयोग करते हैं 76 00:04:07,232 --> 00:04:11,708 और हमारे पास एक गुप्त हथियार भी है: कई खास एंटीबायोटिक्स हैं 77 00:04:11,708 --> 00:04:14,674 जो उन जीवाणुओं पर असर करतें हैं जिन्होंने प्रतिरोध विकसित कर लिया है 78 00:04:15,084 --> 00:04:19,734 इन्हें ही इस्तेमाल करने के सख्त नियम हैं ताकि 'सुपर बैक्टीरियम' ना बन पाये 79 00:04:20,214 --> 00:04:21,881 ख़ैर हमने तो ऐसा ही सोचा था। 80 00:04:22,261 --> 00:04:25,580 लेकिन 2015 के आखिर में, चीन से एक डरावनी ख़बर आई। 81 00:04:26,010 --> 00:04:29,152 कॉलिस्टिन (Colistin) जो की एक आखिर में इस्तेमाल करने वाली एंटीबायोटिक दवा है, 82 00:04:29,152 --> 00:04:30,211 उसके प्रति भी प्रतिरोध खोजा गया है। 83 00:04:30,621 --> 00:04:34,350 कॉलिस्टिन एक पुरानी दवा है और इसका इस्तेमाल कम किया जाता है क्योंकि इससे लिवर पर बुरा असर पड़ता है। 84 00:04:34,720 --> 00:04:37,889 इसलिए इसके खिलाफ प्रतिरोध कम है, यही बात इसे अस्पतालों में होने वाले 85 00:04:37,889 --> 00:04:42,454 जटिल संक्रमणों में आखिर में इस्तेमाल की जाने वाली ख़ास एंटीबायोटिक बनाती है, 86 00:04:42,454 --> 00:04:46,061 उन जीवाणुओं से लड़ने के लिए जिन्होनें बाकी की दवाओं के लिए प्रतिरोध विकसित कर लिया है। 87 00:04:46,651 --> 00:04:50,434 जीवाणुओं का कॉलिस्टिन के लिए प्रतिरोध बहुत ही बुरी ख़बर है। 88 00:04:50,824 --> 00:04:54,993 इससे हमारी अंतिम रक्षा पंक्ति खत्म हो सकती है जिससे और भी ज्यादा जानें जा सकती है। 89 00:04:55,683 --> 00:04:56,701 आखिर यह हुआ कैसे? 90 00:04:57,251 --> 00:05:01,055 चीन में लाखों सुअरों को कई सालों से कॉलिस्टिन दिया जा रहा है। 91 00:05:01,125 --> 00:05:04,352 जिससे प्रतिरोधी जीवाणु विकसित हुआ, और उसका संक्रमण पहले जानवरों के बीच, 92 00:05:04,352 --> 00:05:06,650 और फिर यह बिना किसी की नज़र में आये इंसानों में फैला गया। 93 00:05:07,260 --> 00:05:10,968 किसी सामान्य दिन में धरती पर 1,00,000 से भी ज्यादा हवाई उड़ानें भरी जातीं हैं, 94 00:05:10,968 --> 00:05:13,074 एक तरह से हर-एक इंसान को जोडती हुई। 95 00:05:14,024 --> 00:05:17,497 आधुनिक विश्व का निर्माण कर हमने एक खतरनाक विश्वव्यापी महामारी के 96 00:05:17,497 --> 00:05:19,231 बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया है। 97 00:05:19,791 --> 00:05:21,983 फिर भी, हमें अभी घबराने की जरूरत नहीं है। 98 00:05:22,253 --> 00:05:26,799 जीवाणु विकसित होतें हैं, मनुष्य अनुसंधान करतें हैं, पुरानी एंटीबायोटिक्स अप्रचलित होतीं जा रहीं हैं, 99 00:05:26,799 --> 00:05:30,767 तो उनकी जगह नयी एंटीबायोटिक्स विकसित की जा रहीं हैं, टेक्नोलॉजी हर दिन आगे बढ़ती जा रही है। 100 00:05:31,327 --> 00:05:34,683 समस्या वास्तविक और गंभीर है, लेकिन लड़ाई खत्म होने से काफी दूर है। 101 00:05:35,163 --> 00:05:38,839 अगर इंसानियत अपनी चालें सही चले तो 'सुपरबग' 102 00:05:38,839 --> 00:05:40,872 उतने सुपर साबित नहीं हो पाएंगे। 103 00:05:42,662 --> 00:05:46,021 यह विडियो दर्शकों के Patreon.com पर सहयोग से 104 00:05:46,021 --> 00:05:48,377 और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के अनुदान से संभव हो सका। 105 00:05:48,817 --> 00:05:50,716 अगर आप हमें विडियो बनाने में सहयोग करना चाहते हैं तो, 106 00:05:50,716 --> 00:05:54,279 आप Kurzgesagt का पोस्टर या मग खरीदकर या Patreon.com पर दान दे कर सकते हैं। 107 00:05:54,499 --> 00:05:56,162 आपकी मदद के लिए धन्यवाद!