सामान्य ग़लत धारणा है कि यदि हम सारे ग़रीब बच्चो को मरने से बचा लेंगे, तो विश्व की जनसंख्या बढ जाएगी! यह सीधे देखने में तो सही लग सकता है, किंतु है ग़लत। सच, ठीक इसका उलटा है! जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए ग़रीब बच्चो को बचाना अत्यावश्यक है। चलिए संयुक्त राष्ट्र की संख्याओं पर नज़र डालते है। ग़रीब अभिभावक औसतन ५ बच्चे पैदा करते है। और उनमें से एक नहीं रहता(मर जाता है)। मतलब आने वाली पीढ़ी में दो अभिभावक चार बच्चों से विस्थापित होते है। इसका मतलब है की जनसंख्या अत्यधिक ग़रीबों में सर्वाधिक तेज़ी से बाढ़ रही है। यह कांगो या अफगानिस्तान के एक औसत परिवार की बात है। आज जहाँ बच्चों के मरने की दर सर्वाधिक है, वहीं पर जनसंख्या वृद्धि अन्य जगहों से कहीं ज़्यादा है। कुल कितने लोग ऐसे रहते है? विश्व में सात बिलीयन लोग है, मन लो हर ब्लाक एक बिलीयन। अत्यधिक ग़रीब दो बिल्यन॰॰॰ ॰॰ऐसे रहते है। अन्य ५ बिल्यन ॰॰ ॰॰ इनका ये औसत परिवार है, २ अभिभावक उनके २ बच्चे और बच्चों की मृत्यु दर न्यूनतम। यह विश्व की आबादी का बहुमत है, न केवल यूरोप और अमेरिका का । यह सारे धर्मों और संस्कृतियों में है: चीन, ईरान, मैक्सिको, अफ्रीका के बड़े शहर । आजकल अधिकांश आबादियों में बच्चे बस अपने माता पिता की जगह लेते हैं । और पीढ़ियों के आकार अब और नहीं बढ़ रहे हैं। इसका मतलब है: जनसंख्या बढ़ने से रुकने वाली है । आखिर, इतने सारे लोगों ने छोटे परिवार करने का निश्चय कैसे लिया? पहली बात, बाल मृत्यु दर कम होने लगा। जैसे-जैसे वे अत्यधिक गरीबी छोड़ते और लड़कियों को शिक्षा मिलती है: वैसे वैसे ज़्यादा बच्चे पैदा करके बाल मृत्यु की कमी पूरी करने की ज़रुरत उनके माता पिताओं को अब नहीं सताती। और बड़ा परिवार अब ना तो आर्थिक आवश्यकता और न सामाजिक स्थिति का चिह्न रहा। आधुनिक गर्भ निरोधकों के साथ: दुनिया भर, अधिकतम माता पिताओं ने छोटे परिवार करने का निश्चय किया। तो गरीब बच्चों के जीवन को बचाने और दुनिया के दो बिलियन सबसे गरीब बच्चों की मदद करने का फल: ये माता पिता भी छोटे परिवार करने का फैसला करेंगे। और भी कम। अंततः ... ... वह भी दो बच्चों वाले परिवार हो जायेंगे। इससे इस शताब्दी के अंत तक संयुक्त राष्ट्र के अनुसार परिवार के आकार का अनुमान दिखाया था। इसके बाद दुनिया की आबादी की वृद्धि के रुकने की उम्मीद है। पर इससे पहले: दुनिया की आबादी और चार बिलियन से बढ़ने की अपेक्षा है। और चार बिलियन. यह वास्तव में बड़ा आंकड़ा है ! पर जब तक यह बदलाव नहीं होता और गरीब बच्चों की जानें जाती रहेंगी इस आंकड़े में और बिलियन जुटते रहेंगे। इस कारण आबादी की वृद्धि को रोकने का जरिया है गरीब बच्चों की जानें बचाना।