1 00:00:08,121 --> 00:00:11,452 किसी प्रमाणित वैज्ञानिक सिद्धांत के बारे मे मित्र से बात करे. 2 00:00:11,452 --> 00:00:15,690 वह कहेगी "जाने दो वो तो एक सिद्धांत है बस " 3 00:00:15,690 --> 00:00:18,997 अगर वार्तालाप किसी वैज्ञानिक नियम पर हो. 4 00:00:18,997 --> 00:00:22,994 तो उसका अंत बहुत ही कम होगा कि "आखिर यह तो सिर्फ एक नियम है" 5 00:00:22,994 --> 00:00:24,346 ऐंसा क्यो है? 6 00:00:24,346 --> 00:00:27,499 सिद्धांत और नियम में क्या अंतर हैं, 7 00:00:27,499 --> 00:00:29,721 कौन सा अच्छा है? 8 00:00:29,721 --> 00:00:32,919 दोनो के काम अलग अलग है. 9 00:00:32,919 --> 00:00:37,191 वैज्ञानिक नियम किसी स्थिती के बारे मे बताता है. 10 00:00:37,191 --> 00:00:40,917 यह बता सकता है आपके न जन्मे हुये बच्चे के बाल का रंग क्या हो सकता है. 11 00:00:40,917 --> 00:00:45,888 किसी कोण से फेके गये बेसबाल कैसे हवा में जायेगा. 12 00:00:45,888 --> 00:00:50,421 इसके विपरीत सिद्धांत एक प्रकार का तार्किक विवेचन करता है. 13 00:00:50,421 --> 00:00:53,695 कैसी घटनाये घटती है . 14 00:00:53,695 --> 00:00:56,746 जैसे कि जीन के बारे मे बताता है वर्चस्वी जीन तथा ग्राहक जीन 15 00:00:56,746 --> 00:01:01,722 भूरे बालो वाले मातापिता के बच्चें लाल बालो वाले कैसे होते है . 16 00:01:01,722 --> 00:01:07,075 बेस बाल का पराबोलिक मार्ग गुरुत्वाकर्षण से कैसा काम करता है इसपर रोशनी डालता है. 17 00:01:07,075 --> 00:01:08,273 सीधे शब्दो मे, 18 00:01:08,273 --> 00:01:13,378 नियम क्या हुआ यह बताता है सिद्धांत ऐसा क्यो होता है इसपर रोशनी डालता है. 19 00:01:13,378 --> 00:01:16,328 सिद्धांत का रुपांतर नियम मे कभी नही होता. 20 00:01:16,328 --> 00:01:20,413 लेकिन एक का विकास दुसरे का विकास बढाता है. 21 00:01:20,413 --> 00:01:25,736 १७वी शताब्दी में जोहान्स केपलर ने वैश्विक संगीत सुरो का सिद्धांत 22 00:01:25,736 --> 00:01:29,459 ग्रहों की परीक्रमा के बारे मे उजागर किया 23 00:01:29,459 --> 00:01:33,183 उसने बहुत ही बुद्धिमानी से ग्रहों की गति के तीन महत्वपूर्ण सिद्धांत दिये 24 00:01:33,183 --> 00:01:36,874 जब वह खगोलीय सटीक जानकारीयों का कई दशको से अध्धयन करता था 25 00:01:36,874 --> 00:01:40,756 अपने सिद्धांत की पुष्टी करने के लिए . 26 00:01:40,756 --> 00:01:43,488 उसके तीनो नियम आज भी हमे मान्य है. 27 00:01:43,488 --> 00:01:48,915 गुरुत्वाकर्षण ने उसके इस सिद्धांत को विस्थापित किया ग्रहों की गति समझाने के लिए 28 00:01:48,915 --> 00:01:51,167 केप्लार से यह गलती कैसे रह गयी ? 29 00:01:51,167 --> 00:01:54,569 हमे विश्व के बारे मे जानकारी का कोई नियम पुस्तिका नहीं मिला था. 30 00:01:54,569 --> 00:01:59,623 लेकिन फिर भी हमने समाज के लिये इसमे संशोधन किये बदलाव किये . 31 00:01:59,623 --> 00:02:03,563 जैसे जैसे हमारी वैज्ञानिक समझ बढती गयी . 32 00:02:03,563 --> 00:02:05,493 नियम हमेशा बदलाव का प्रतिरोध करते हैं . 33 00:02:05,493 --> 00:02:09,152 क्योंकि, वे जानकारी की कसौटी पर परख कर मान लिये जाते है . 34 00:02:09,152 --> 00:02:14,767 लेकिन फिर भी हम समय समय पर उनमे बदलाव करते रहे. 35 00:02:14,767 --> 00:02:18,842 सिद्धांत का स्वीकार एक प्रकार का युद्ध होता है. 36 00:02:18,842 --> 00:02:22,599 अनेक सिद्धांत आगे आते है . 37 00:02:22,599 --> 00:02:24,978 एक शोध के लिये 38 00:02:24,978 --> 00:02:26,390 उसपर अधिक संशोधन करने पश्चात 39 00:02:26,390 --> 00:02:31,350 वैज्ञानिक ऐसा सिद्धांत अपनाते है जो उनके पास की जानकारी की पुष्टी करे. 40 00:02:31,350 --> 00:02:34,522 हालाँकि हमारी समझ मे कई खामिया रह जाती है. 41 00:02:34,522 --> 00:02:37,963 वैज्ञानिको यह भाता है जब नया सिद्धांत पुष्टी करता है. 42 00:02:37,963 --> 00:02:40,834 पहले कभी न देखे गयी घटना के बारे मे 43 00:02:40,834 --> 00:02:44,543 जैसे कि आवर्त सारणी के बारे मे दिमित्री मेंडेलीव्ह का सिद्धांत. 44 00:02:44,543 --> 00:02:48,040 जिसने न खोजे गये तत्वों बारे मे भविष्यवाणी की . 45 00:02:48,040 --> 00:02:51,220 सिद्धांत का पैमाना बडा होता है . 46 00:02:51,220 --> 00:02:55,363 कुछ सिद्धांत नये होते है उनके साथ जुडा होता है प्रायोगिक अनुभव 47 00:02:55,363 --> 00:02:58,000 जिसे वैज्ञानिक संदेह से देखते है . 48 00:02:58,000 --> 00:02:59,666 या उसका मजाक उडाते है . 49 00:02:59,666 --> 00:03:00,976 दुसरे सिद्धांत 50 00:03:00,976 --> 00:03:04,860 जैसे कि बिग बैग, क्रमिक विकास तथा पर्यावरण बदलाव के साथ 51 00:03:04,860 --> 00:03:08,156 जुडा है बहुत वर्षो का प्रायोगिक अनुसंधान 52 00:03:08,156 --> 00:03:13,136 जो वैज्ञानिको के समूह ने किया जिसके पश्चात उसे स्वीकारा गया . 53 00:03:13,136 --> 00:03:16,374 आपको यह जानना जरुरी है किसी खास स्पष्टीकरण के बारे मे 54 00:03:16,374 --> 00:03:19,934 उसंके पूर्व आपको वैज्ञानिक उसे कैसे स्वीकार करते है जानना पडेगा. 55 00:03:19,934 --> 00:03:23,686 सिद्धांत यह एक शब्द आपको 56 00:03:23,686 --> 00:03:24,842 पुरी जानकारी नही देता. 57 00:03:24,842 --> 00:03:28,339 गलत सिधान्तो को वैज्ञानिको ने उजागर किया है. 58 00:03:28,339 --> 00:03:29,244 जैसे किमयागार 59 00:03:29,244 --> 00:03:30,786 पृथ्वी केंद्रित ग्रहमाला 60 00:03:30,786 --> 00:03:32,478 जीवो का उत्स्फूर्त जन्म . 61 00:03:32,478 --> 00:03:34,143 अवकाश मे इथर का होना. 62 00:03:34,143 --> 00:03:39,414 यह कुछ सिद्धांत है जिन्हे दुसरे सिद्धांत अच्छे होने पर नकारा गया. 63 00:03:39,414 --> 00:03:42,118 याद रहे, गलत सिधान्तो का भी योगदान होता है. 64 00:03:42,118 --> 00:03:46,411 किमयागार सिद्धांत गलत होने पर भी उसने आधुनिक रसायन विज्ञान की नीव रखी. 65 00:03:46,411 --> 00:03:48,078 दवाई की बडी प्रगती हुई. 66 00:03:48,078 --> 00:03:53,184 जीवाणू तथा विषाणू के बारे मे हमे जानकारी होने से पूर्व. 67 00:03:53,184 --> 00:03:57,379 अच्छा सिद्धांत नयी खोज का रास्ता दिखाता है 68 00:03:57,379 --> 00:04:01,343 जो बिलकुल भिन्न होता है अपने पुराने विचारो से. 69 00:04:01,343 --> 00:04:04,262 आज के अपने सिद्धांत 70 00:04:04,262 --> 00:04:06,596 भविष्य में परखे जायेंगे. 71 00:04:06,596 --> 00:04:11,052 किसी एक अवांछित परिणाम भी हमारी धारणा बदल सकता है. 72 00:04:11,052 --> 00:04:14,962 लेकिन उससे 73 00:04:14,962 --> 00:04:18,236 आज के सिद्धांत की शक्ति कम नहीं हो जाती 74 00:04:18,236 --> 00:04:23,119 क्योंकि वह किसी धार्मिक बेमतलब फतवो से हमारा संरक्षण भी करता है. 75 00:04:23,119 --> 00:04:26,744 एक अच्छा नियम एक अच्छी मशीन की तरह कार्य करता है. 76 00:04:26,744 --> 00:04:28,763 जो अपना काम बखुबी करता है. 77 00:04:28,763 --> 00:04:31,749 लेकिन अंजान होता है कि उसका कार्य कैसे होता है. 78 00:04:31,749 --> 00:04:36,565 एक अच्छा सिद्धांत जख्मी न झुकनेवाले योद्धा के समान होती है . 79 00:04:36,565 --> 00:04:41,808 जो तैयार रहती है पराजय के लिए 80 00:04:41,808 --> 00:04:43,061 दोनो भिन्न होने पर भी 81 00:04:43,061 --> 00:04:47,854 नियम और सिद्धांत से वैज्ञानिक किसी घटना के बारे मे अच्छी जानकारी पाते है. 82 00:04:47,854 --> 00:04:51,086 अगर आपसे कोई कहे "ये तो बस सिद्धांत है " 83 00:04:51,086 --> 00:04:53,948 तब उसे बाध्य करे नौ बार चर्चा करने के लिए . 84 00:04:53,948 --> 00:04:55,891 और देखे कि क्या उन्होंने बेहतर किया|