किसी प्रमाणित वैज्ञानिक सिद्धांत
के बारे मे मित्र से बात करे.
वह कहेगी "जाने दो वो तो एक
सिद्धांत है बस "
अगर वार्तालाप किसी वैज्ञानिक नियम पर हो.
तो उसका अंत बहुत ही कम होगा कि
"आखिर यह तो सिर्फ एक नियम है"
ऐंसा क्यो है?
सिद्धांत और नियम में
क्या अंतर हैं,
कौन सा अच्छा है?
दोनो के काम अलग अलग है.
वैज्ञानिक नियम किसी स्थिती के बारे मे
बताता है.
यह बता सकता है आपके न जन्मे हुये
बच्चे के बाल का रंग क्या हो सकता है.
किसी कोण से फेके गये बेसबाल कैसे
हवा में जायेगा.
इसके विपरीत सिद्धांत एक प्रकार का तार्किक
विवेचन करता है.
कैसी घटनाये घटती है .
जैसे कि जीन के बारे मे बताता है
वर्चस्वी जीन तथा ग्राहक जीन
भूरे बालो वाले मातापिता के बच्चें
लाल बालो वाले कैसे होते है .
बेस बाल का पराबोलिक मार्ग गुरुत्वाकर्षण
से कैसा काम करता है इसपर रोशनी डालता है.
सीधे शब्दो मे,
नियम क्या हुआ यह बताता है सिद्धांत ऐसा
क्यो होता है इसपर रोशनी डालता है.
सिद्धांत का रुपांतर नियम मे
कभी नही होता.
लेकिन एक का विकास
दुसरे का विकास बढाता है.
१७वी शताब्दी में जोहान्स केपलर ने
वैश्विक संगीत सुरो का सिद्धांत
ग्रहों की परीक्रमा के बारे मे उजागर किया
उसने बहुत ही बुद्धिमानी से ग्रहों की
गति के तीन महत्वपूर्ण सिद्धांत दिये
जब वह खगोलीय सटीक जानकारीयों का
कई दशको से अध्धयन करता था
अपने सिद्धांत की पुष्टी करने के लिए .
उसके तीनो नियम आज भी हमे मान्य है.
गुरुत्वाकर्षण ने उसके इस सिद्धांत को
विस्थापित किया ग्रहों की गति समझाने के लिए
केप्लार से यह गलती कैसे रह गयी ?
हमे विश्व के बारे मे जानकारी का कोई
नियम पुस्तिका नहीं मिला था.
लेकिन फिर भी हमने समाज के लिये
इसमे संशोधन किये बदलाव किये .
जैसे जैसे हमारी वैज्ञानिक समझ बढती गयी .
नियम हमेशा बदलाव का प्रतिरोध करते हैं .
क्योंकि, वे जानकारी की कसौटी पर परख कर
मान लिये जाते है .
लेकिन फिर भी हम समय समय पर
उनमे बदलाव करते रहे.
सिद्धांत का स्वीकार एक प्रकार का
युद्ध होता है.
अनेक सिद्धांत आगे आते है .
एक शोध के लिये
उसपर अधिक संशोधन करने पश्चात
वैज्ञानिक ऐसा सिद्धांत अपनाते है
जो उनके पास की जानकारी की पुष्टी करे.
हालाँकि हमारी समझ मे कई खामिया रह जाती है.
वैज्ञानिको यह भाता है जब नया सिद्धांत
पुष्टी करता है.
पहले कभी न देखे गयी घटना के बारे मे
जैसे कि आवर्त सारणी के बारे मे
दिमित्री मेंडेलीव्ह का सिद्धांत.
जिसने न खोजे गये तत्वों बारे मे भविष्यवाणी की .
सिद्धांत का पैमाना बडा होता है .
कुछ सिद्धांत नये होते है
उनके साथ जुडा होता है प्रायोगिक अनुभव
जिसे वैज्ञानिक संदेह से देखते है .
या उसका मजाक उडाते है .
दुसरे सिद्धांत
जैसे कि बिग बैग, क्रमिक विकास तथा
पर्यावरण बदलाव के साथ
जुडा है बहुत वर्षो का प्रायोगिक अनुसंधान
जो वैज्ञानिको के समूह ने किया
जिसके पश्चात उसे स्वीकारा गया .
आपको यह जानना जरुरी है किसी खास
स्पष्टीकरण के बारे मे
उसंके पूर्व आपको वैज्ञानिक उसे कैसे
स्वीकार करते है जानना पडेगा.
सिद्धांत यह एक शब्द आपको
पुरी जानकारी नही देता.
गलत सिधान्तो को वैज्ञानिको ने
उजागर किया है.
जैसे किमयागार
पृथ्वी केंद्रित ग्रहमाला
जीवो का उत्स्फूर्त जन्म .
अवकाश मे इथर का होना.
यह कुछ सिद्धांत है जिन्हे दुसरे सिद्धांत
अच्छे होने पर नकारा गया.
याद रहे, गलत सिधान्तो का भी
योगदान होता है.
किमयागार सिद्धांत गलत होने पर भी
उसने आधुनिक रसायन विज्ञान की नीव रखी.
दवाई की बडी प्रगती हुई.
जीवाणू तथा विषाणू के बारे मे
हमे जानकारी होने से पूर्व.
अच्छा सिद्धांत नयी खोज का रास्ता दिखाता है
जो बिलकुल भिन्न होता है अपने पुराने
विचारो से.
आज के अपने सिद्धांत
भविष्य में परखे जायेंगे.
किसी एक अवांछित परिणाम भी
हमारी धारणा बदल सकता है.
लेकिन उससे
आज के सिद्धांत की शक्ति कम नहीं हो जाती
क्योंकि वह किसी धार्मिक बेमतलब फतवो से
हमारा संरक्षण भी करता है.
एक अच्छा नियम एक अच्छी मशीन की तरह
कार्य करता है.
जो अपना काम बखुबी करता है.
लेकिन अंजान होता है
कि उसका कार्य कैसे होता है.
एक अच्छा सिद्धांत जख्मी न झुकनेवाले
योद्धा के समान होती है .
जो तैयार रहती है पराजय के लिए
दोनो भिन्न होने पर भी
नियम और सिद्धांत से वैज्ञानिक
किसी घटना के बारे मे अच्छी जानकारी पाते है.
अगर आपसे कोई कहे
"ये तो बस सिद्धांत है "
तब उसे बाध्य करे नौ बार
चर्चा करने के लिए .
और देखे कि क्या उन्होंने बेहतर किया|