[स्त्री वक्ता] मैं अंतर्मुखी की हूं ...और मुझे यह पसंद है। और मैं अकेली नहीं हूं। अंतर्मुखी लोग हर जगह हैं और जीवन को शांत‍ि से जीने, और एकांत में समय व्‍यतीत करने की हमारी आवश्‍यकता कोई कमी नहीं है बल्कि यह एक उपहार है। पर एक अंर्तमुखी होकर यह समझना हमेशा आसान नहीं होता कि आप कितने अद्भुत हैं ऐसा लगता है जैसे संसार बहिर्मुखी लोगों को पुरस्‍कृत करता है जहां ऊंचा बोलने वाले को गलती से आत्‍मविश्‍वासी और प्रसन्‍न समझ लिया जाता है जहां हर कोई बोलना चाहता है, पर, सुनता कोई नहीं। दुनिया, जहां "ओपन ऑफिस", मेलजोल की पार्टियां, और बड़ी हस्तियां हैं, वहां मृदु भाषी को अनसुना और अकेला महसूस होता है। जब मैं छोटी बच्ची थी, तब मैं दूर बैठ जाती थी। कई लोग सोचते थे कि, मुझे कुछ ज्यादा कहने को नहीं है या फिर मैं उन्हें पसंद नहीं करती। लेकिन वह सच नहीं था। लोग अक्सर सोचते हैं कि शांत-स्वभाव वाले शर्मीले या असामाजिक हैं, लेकिन यह गलतफहमी है। शांत-स्वभाव वालों को, हर किसी की तरह, मेलजोल पसंद है।