[स्त्री वक्ता] मैं अंतर्मुखी की हूं
...और मुझे यह पसंद है।
और मैं अकेली नहीं हूं।
अंतर्मुखी के हर जगह हैं।
और शांत-स्वभाव का जीवन,
हमारा अकेले में रहना कोई गलत बात नहीं है।
यह हमारे लिए उपहार है।
लेकिन आपको आसानी से पता नहीं चलता कि
अंतर्मुखी का होना कितना अद्भुत है।
दुनिया ऐसी महसूस होती है
जो बहिर्मुखी की प्रशंसा करे।
जहां ऊंचे स्वर वाले को आत्मविश्वासी
और खुश के नजरिए से देखते हैं।
जहां हर कोई बोलना चाहता है,
पर, सुनता कोई नहीं।
दुनिया, जहां "ओपन ऑफिस",
मेलजोल की पार्टियां, और बड़ी हस्तियां हैं,
वहां मृदु भाषी को अनसुना
और अकेला महसूस होता है।
जब मैं छोटी बच्ची थी,
तब मैं दूर बैठ जाती थी।
कई लोग सोचते थे कि, मुझे कुछ ज्यादा कहने को नहीं है
या फिर मैं उन्हें पसंद नहीं करती।
लेकिन वह सच नहीं था।
लोग अक्सर सोचते हैं कि शांत-स्वभाव वाले शर्मीले या असामाजिक हैं,
लेकिन यह गलतफहमी है।
शांत-स्वभाव वालों को, हर किसी की तरह, मेलजोल पसंद है।