WEBVTT 00:00:00.114 --> 00:00:01.895 [स्त्री वक्ता] मैं एक अंतर्मुखी हूं 00:00:01.895 --> 00:00:03.365 और मुझे यह पसंद है। 00:00:03.365 --> 00:00:05.084 और मैं अकेली नहीं हूं। 00:00:05.084 --> 00:00:07.048 अंतर्मुखी लोग हर जगह हैं 00:00:07.048 --> 00:00:09.504 और जीवन को शांत‍ि से जीने, और 00:00:09.504 --> 00:00:12.686 एकांत में समय व्‍यतीत करने की 00:00:12.686 --> 00:00:15.238 हमारी आवश्‍यकता कोई कमी नहीं है 00:00:15.238 --> 00:00:18.695 बल्कि यह एक उपहार है। 00:00:18.695 --> 00:00:21.091 पर एक अंर्तमुखी होकर यह समझना हमेशा 00:00:21.091 --> 00:00:23.361 आसान नहीं होता कि आप कितने अद्भुत हैं 00:00:23.361 --> 00:00:24.898 ऐसा लगता है जैसे संसार 00:00:24.898 --> 00:00:26.998 बहिर्मुखी लोगों को पुरस्‍कृत करता है 00:00:26.998 --> 00:00:28.872 जहां ऊंचा बोलने वाले को गलती से 00:00:28.872 --> 00:00:31.152 आत्‍मविश्‍वासी व प्रसन्‍न समझ लिया जाता है 00:00:31.152 --> 00:00:33.377 जहां सबके पास कहने के लिए कुछ है 00:00:34.087 --> 00:00:35.927 पर कोई सुनता नहीं है 00:00:35.927 --> 00:00:39.175 एक ओपन प्‍लान ऑफिस, मेलजोल की पार्टियों 00:00:39.185 --> 00:00:40.785 और बड़े लोगों की दुनिया 00:00:40.785 --> 00:00:42.625 जो मृदुभाषी हैं वे बड़ी आसानी से 00:00:42.625 --> 00:00:44.605 स्‍वयं को कटा हुआ महसूस करते हैं 00:00:44.895 --> 00:00:46.899 जब मैं बच्ची थी तब मैं 00:00:46.899 --> 00:00:48.699 पृष्‍ठभूमि में खो जाती थी 00:00:48.699 --> 00:00:50.642 कई लोग सोचते थे कि 00:00:50.642 --> 00:00:52.382 मेरे पास कहने को कुछ नहीं है 00:00:52.382 --> 00:00:54.202 या मैं दूसरों को पसंद ही नहीं करती 00:00:54.202 --> 00:00:55.783 लेकिन वह सच नहीं था। 00:00:58.018 --> 00:01:01.036 लोग अक्सर सोचते हैं कि अंर्तमुखी लोग 00:01:01.036 --> 00:01:02.566 संकोची या असामाजिक हैं, 00:01:02.566 --> 00:01:04.598 लेकिन यह गलत धारणाएं हैं 00:01:04.598 --> 00:01:06.760 हर क‍िसी की तरह अंर्तमुखी लोगों को भी 00:01:06.760 --> 00:01:08.611 मिलना-जुलना मजेदार लग सकता है 00:01:08.611 --> 00:01:11.331 लेक‍िन जहां पार्टियां बहिर्मुखी लोगों में 00:01:11.661 --> 00:01:13.819 ऊर्जा भर देती है, वहीं कुछ समय बाद 00:01:13.829 --> 00:01:15.400 अंर्तमुखी लोगों को सबसे दूर 00:01:15.400 --> 00:01:17.121 स्‍वयं में फिर से ऊर्जा भरने की 00:01:17.121 --> 00:01:18.715 आवश्‍यकता महसूस होती है 00:01:18.715 --> 00:01:21.251 इसके पीछे एक वैज्ञानिक सिद्धांत है 00:01:21.291 --> 00:01:23.295 हमारे मस्तिष्‍क में दो महत्‍वपूर्ण रसायन 00:01:23.295 --> 00:01:24.326 पाये जाते हैं 00:01:24.326 --> 00:01:26.242 डोपामीन और एसिटाइलकोलाइन 00:01:26.302 --> 00:01:28.692 डोपामीन ऊर्जा पैदा करता है जब हम जोखि़म 00:01:28.692 --> 00:01:30.522 उ‍ठाते हैं या नये लोगों से म‍िलते हैं 00:01:30.522 --> 00:01:32.380 और बर्हिमुखी लोगों को इससे 00:01:32.380 --> 00:01:34.170 अच्‍छा महसूस होता है 00:01:34.210 --> 00:01:36.462 पर अंर्तमुखी लोग डोपामीन के प्रति 00:01:36.516 --> 00:01:38.636 अधि‍क संवेदनशील होते हैं 00:01:40.586 --> 00:01:42.932 और जल्‍द ही अधिक उत्‍तेजित हो जाते हैं 00:01:42.936 --> 00:01:45.126 इसलिए हमें अच्‍छी लगती है 00:01:45.126 --> 00:01:46.376 जब हमारा मस्तिष्‍क 00:01:46.376 --> 00:01:48.513 एसिटाइलकोलाइन प्रवाहित करता है 00:01:48.513 --> 00:01:50.671 यह तब होता है जब हम एकाग्र होते हैं 00:01:50.671 --> 00:01:52.631 पढ़ते हैं या अपना मन केंद्रित करते हैं 00:01:52.631 --> 00:01:54.484 यह हम अंर्तमुखी लोगों को 00:01:54.484 --> 00:01:56.754 तनावमुक्‍त सचेत और संतुष्‍ट बनाता है 00:02:06.374 --> 00:02:07.914 पर बर्हिमुखी लोगों में 00:02:07.914 --> 00:02:10.094 यह कम ही सक्रिय होता है 00:02:10.094 --> 00:02:13.136 ब‍िल्‍कुल जैसे यह एक विसर्पी पैमाना है 00:02:13.136 --> 00:02:15.736 आप एक ओर या दूसरी ओर या जरा जरा दोनों ओर 00:02:15.736 --> 00:02:17.926 झुक सकते हैं जिन्‍हें उभयमुखी कहते हैं 00:02:17.926 --> 00:02:20.358 अब मैं स्‍वयं को बेहतर ढंग से समझ सकती हूं 00:02:20.358 --> 00:02:22.349 मैं जैसी हूं उसके लिए 00:02:22.349 --> 00:02:24.509 तहे दिल से शुक्रगुजार हूं 00:02:24.509 --> 00:02:26.730 छोटे वार्तालाप से खालीपन भरने के बजाय 00:02:26.730 --> 00:02:28.753 मैं धैर्यपूर्वक सुनती हूं और 00:02:28.753 --> 00:02:30.823 अपनी बात का महत्‍व रखती हूँ 00:02:30.823 --> 00:02:32.880 मेरे कम मित्र हैं किंतु 00:02:33.980 --> 00:02:36.250 हमारा संबंध गहरा है 00:02:36.250 --> 00:02:38.691 मुझे अकेले समय व्‍यतीत करना पसंद है 00:02:38.691 --> 00:02:41.203 एक लंबे दिन की हलचल यहां आकर थम जाती है 00:02:41.877 --> 00:02:44.470 मैं अपने विचारों को प्रकट कर सकती हूं 00:02:44.470 --> 00:02:45.470 सुन सकती हूं 00:02:45.470 --> 00:02:48.088 और अंतत: स्‍वयं से पुन: जुड़ सकतीी हूं 00:02:48.088 --> 00:02:50.263 तभी जाकर मैं संसार से अपनी भावनाएं 00:02:52.163 --> 00:02:54.093 साझा करने के लिए उद्यत होतीी हूं 00:02:54.093 --> 00:02:56.052 मैंने हमारे कोलाहल युक्‍त संसार में 00:02:58.677 --> 00:03:00.647 सुकून ढूंढने की रणनीतियां सीख ली हैं 00:03:00.647 --> 00:03:03.205 संगीत से शांत‍ि के बुलबुले बनाने से लेकर 00:03:03.205 --> 00:03:05.307 दोपहर के खाने के समय बचकर 00:03:05.322 --> 00:03:07.082 एक शांत उद्यान में जाने तक 00:03:07.082 --> 00:03:08.091 मुझे संसार का 00:03:08.091 --> 00:03:10.422 तीव्रता और हलचल युक्‍त सौंदर्य पसंद है 00:03:11.731 --> 00:03:13.307 पर शांत जगहों पर ही मुझे 00:03:13.307 --> 00:03:15.907 सचमुच घर में होने का एहसास होता है 00:03:15.907 --> 00:03:19.013 यदि अंर्तमुखता को समाज में 00:03:19.023 --> 00:03:20.779 अधिक महत्‍व मि‍ले तो 00:03:20.779 --> 00:03:22.679 यह हमारे सामूहिक भविष्‍य में 00:03:22.679 --> 00:03:25.279 बड़ा परिवर्तन ला सकती है 00:03:25.279 --> 00:03:27.594 अंर्तमुखी लोगों के अद्वितीय गुण 00:03:27.629 --> 00:03:29.495 वास्‍तव में एक गहरी शांत शक्ति हैं 00:03:29.505 --> 00:03:31.606 जैसा कि गांधी ने कहा क‍ि व‍िनम्र तरीके से 00:03:31.606 --> 00:03:33.630 आप संसार को हिला सकते हो 00:03:33.630 --> 00:03:35.390 पुरुष वक्‍ता देखने के लिए धन्‍यवाद 00:03:35.390 --> 00:03:36.830 सदस्‍यता लेना न भूलें 00:03:36.830 --> 00:03:38.770 और नए दृश्‍यालेख की सूचना के लिए 00:03:38.770 --> 00:03:40.100 घंटी पर क्‍लिक करें 00:03:40.100 --> 00:03:41.404 जल्‍द फिर मिलेंगे