1 00:00:00,114 --> 00:00:03,365 [स्त्री वक्ता] मैं एक अंतर्मुखी हूं ...और मुझे यह पसंद है। 2 00:00:03,365 --> 00:00:05,224 और मैं अकेली नहीं हूं। 3 00:00:05,224 --> 00:00:07,238 अंतर्मुखी लोग हर जगह हैं 4 00:00:07,238 --> 00:00:09,504 और जीवन को शांत‍ि से जीने, और 5 00:00:11,686 --> 00:00:12,686 एकांत में समय व्‍यतीत करने की 6 00:00:14,868 --> 00:00:15,868 हमारी आवश्‍यकता कोई कमी नहीं है 7 00:00:16,123 --> 00:00:21,595 बल्कि यह एक उपहार है। 8 00:00:21,595 --> 00:00:26,021 पर एक अंर्तमुखी होकर यह समझना हमेशा आसान नहीं होता कि आप कितने अद्भुत हैं 9 00:00:26,171 --> 00:00:30,918 ऐसा लगता है जैसे संसार बहिर्मुखी लोगों को पुरस्‍कृत करता है 10 00:00:30,918 --> 00:00:35,712 जहां ऊंचा बोलने वाले को गलती से आत्‍मविश्‍वासी और प्रसन्‍न समझ लिया जाता है 11 00:00:35,712 --> 00:00:41,307 जहां सबके पास कहने के लिए कुछ है पर कोई सुनता नहीं है 12 00:00:41,307 --> 00:00:45,555 दुनिया, जहां "ओपन ऑफिस", मेलजोल की पार्टियां, और बड़ी हस्तियां हैं, 13 00:00:45,555 --> 00:00:46,555 जो मृदुभाषी हैं वे बड़ी आसानी से स्‍वयं को कटा हुआ महसूस करते हैं 14 00:00:46,555 --> 00:00:49,559 जब मैं बच्ची थी तब मैं पृष्‍ठभूमि में खो जाती थी 15 00:00:49,559 --> 00:00:54,052 कई लोग सोचते थे कि मेरे पास कहने को कुछ नहीं है या मैं दूसरों को पसंद नहीं करती। 16 00:00:54,052 --> 00:00:56,523 लेकिन वह सच नहीं था। 17 00:00:58,018 --> 00:01:02,036 लोग अक्सर सोचते हैं कि अंर्तमुखी लोग संकोची या असामाजिक हैं, 18 00:01:02,036 --> 00:01:04,598 लेकिन यह गलत धारणाएं हैं 19 00:01:04,598 --> 00:01:07,960 हर क‍िसी की तरह अंर्तमुखी लोगों को भी 20 00:01:07,960 --> 00:01:11,941 मिलना-जुलना मजेदार लग सकता है 21 00:01:11,941 --> 00:01:16,601 लेक‍िन जहां पार्टियां बहिर्मुखी लोगों में 22 00:01:17,191 --> 00:01:19,849 ऊर्जा भर देती है, वहीं कुछ समय बाद 23 00:01:19,849 --> 00:01:23,320 अंर्तमुखी लोगों को सबसे दूर 24 00:01:23,320 --> 00:01:26,251 स्‍वयं में फिर से ऊर्जा भरने की 25 00:01:26,251 --> 00:01:31,935 आवश्‍यकता महसूस होती है 26 00:01:31,935 --> 00:01:34,471 इसके पीछे एक वैज्ञानिक सिद्धांत है 27 00:01:34,471 --> 00:01:37,365 हमारे मस्तिष्‍क में दो महत्‍वपूर्ण रसायन 28 00:01:37,365 --> 00:01:39,566 पाये जाते हैं 29 00:01:40,386 --> 00:01:44,162 डोपामीन और एसिटाइलकोलाइन 30 00:01:44,162 --> 00:01:47,552 डोपामीन ऊर्जा उत्‍पन्‍न करता है जब हम जोखि़म उ‍ठाते हैं या नये लोगों से म‍िलते हैं 31 00:01:47,552 --> 00:01:52,330 और बर्हिमुखी लोगों को इससे अच्‍छा महसूस होता है 32 00:01:52,330 --> 00:01:57,642 पर अंर्तमुखी लोग डोपामीन के प्रति अधि‍क संवेदनशील होते हैं 33 00:01:58,710 --> 00:02:01,666 और जल्‍द ही अधिक उत्‍तेजित हो जाते हैं 34 00:02:01,666 --> 00:02:04,856 इसलिए हमें अच्‍छी लगती है जब हमारा मस्तिष्‍क 35 00:02:04,856 --> 00:02:08,383 एसिटाइलकोलाइन प्रवाहित करता है 36 00:02:08,383 --> 00:02:10,941 यह तब होता है जब हम एकाग्र होते हैं पढ़ते हैं या अपना मन केंद्रित करते हैं 37 00:02:10,941 --> 00:02:13,794 यह हम अंर्तमुखी लोगों को तनावमुक्‍त सचेत और संतुष्‍ट बनाता है 38 00:02:13,794 --> 00:02:17,184 पर बर्हिमुखी लोगों में यह कम ही सक्रिय होता है 39 00:02:17,184 --> 00:02:20,226 ब‍िल्‍कुल जैसे यह एक विसर्पी पैमाना है 40 00:02:20,226 --> 00:02:24,366 आप एक ओर या दूसरी ओर या जरा जरा दोनों ओर झुक सकते हैं जिन्‍हें उभयमुखी कहते हैं 41 00:02:24,366 --> 00:02:28,388 अब मैं स्‍वयं को बेहतर ढंग से समझ सकती हूं 42 00:02:28,738 --> 00:02:31,289 मैं जैसी हूं उसके लिए तहे दिल से शुक्रगुजार हूं 43 00:02:31,729 --> 00:02:36,010 छोटे वार्तालाप से खालीपन भरने के बजाय 44 00:02:36,010 --> 00:02:39,033 मैं धैर्यपूर्वक सुनती हूं और अपनी बात का महत्‍व रखती हूँ 45 00:02:39,033 --> 00:02:42,090 मेरे कम मित्र हैं किंतु हमारा संबंध गहरा है 46 00:02:42,090 --> 00:02:45,701 मुझे अकेले समय व्‍यतीत करना पसंद है 47 00:02:46,435 --> 00:02:51,307 एक लंबे दिन की हलचल यहां आकर थम जाती है 48 00:02:51,307 --> 00:02:54,900 मैं अपने विचारों को प्रकट कर सकता हूं सुन सकता हूं 49 00:02:54,900 --> 00:02:58,358 और अंतत: स्‍वयं से पुन: जुड़ सकता हूं 50 00:02:59,008 --> 00:03:03,903 तभी जाकर मैं संसार से अपनी भावनाएं साझा करने के लिए उद्यत होता हूं 51 00:03:03,903 --> 00:03:08,462 मैंने हमारे कोलाहल युक्‍त संसार में सुकून ढूंढने की रणनीतियां सीख ली हैं 52 00:03:09,492 --> 00:03:13,240 संगीत से शांत‍ि के बुलबुले बनाने से लेकर 53 00:03:13,240 --> 00:03:17,332 दोपहर के खाने के समय बचकर एक शांत उद्यान में जाने तक 54 00:03:17,882 --> 00:03:24,331 मुझे संसार का तीव्रता और हलचल युक्‍त सौंदर्य पसंद है 55 00:03:24,791 --> 00:03:31,087 पर शांत जगहों पर ही मुझे सचमुच घर में होने का एहसास होता है 56 00:03:33,597 --> 00:03:35,049 यदि अंर्तमुखता को समाज में अधिक महत्‍व मि‍ले तो 57 00:03:35,049 --> 00:03:37,429 यह हमारे सामूहिक भविष्‍य में बड़ा परिवर्तन ला सकती है 58 00:03:37,429 --> 00:03:39,180 59 00:03:39,180 --> 00:03:41,021