1 00:00:06,424 --> 00:00:08,990 यह पाठ सिर्फ इंटरनेट के बारे मै है। 2 00:00:08,990 --> 00:00:13,755 इंटरनेट एक व्यस्त जगह है, इस व्यस्त रोड के जैसा। 3 00:00:13,978 --> 00:00:18,219 संदेश इन कारो की तरह तेजी से आते है, अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए। 4 00:00:18,661 --> 00:00:21,161 संदेश इंटरनेट के जरिये बहुत जल्दी अति-जाती रहती है। 5 00:00:21,582 --> 00:00:23,393 इंटरनेट के कम काज को अभिनय करने से 6 00:00:23,418 --> 00:00:26,158 यह आपको समझने मे मदद करेगा की क्या होता है जब आप इंटरनेट इस्तेमाल करते है। 7 00:00:26,822 --> 00:00:30,581 आप सीखेंगे की कैसे आपके कम्प्युटर से संदेश आपके पसंदीदा वैबसाइट तक पहुंचती है। 8 00:00:30,606 --> 00:00:33,226 या दोस्तो के ईमेल आपके इनबॉक्स तक कैसे आती है। 9 00:00:33,927 --> 00:00:38,812 जैसे, जब आप रोड और संकेतो को पहचानते है, तब व्यस्त सड़कों को नेविगेट करना आसान होता है । 10 00:00:39,040 --> 00:00:43,914 इंटरनेट मै सफर करना उतना मुसकिल नहीं है जब पर्दे के पीछे क्या चल रहा है यह आप जानते है। 11 00:00:43,939 --> 00:00:48,361 इंटरनेट मै संदेश भेजना कुछ हद तक डाक से पत्र भेजने जैसा है। 12 00:00:48,386 --> 00:00:50,061 मगर कुछ अंतरों के साथ। 13 00:00:50,372 --> 00:00:52,397 मै अभी Google.com मे हु 14 00:00:52,699 --> 00:00:56,044 इस वैबसाइट का IP address है, यह नंबर 64.233.160.0 15 00:00:56,338 --> 00:01:00,015 IP address को आप वापसी के पते के तौर पे समझ सकते है। 16 00:01:00,333 --> 00:01:03,249 तो कल्पना कीजिये की मै किसी को मेल के माध्यम से संदेश भेजना चाहती हु 17 00:01:03,281 --> 00:01:04,916 जो ऑफिस मे कही बैठा है। 18 00:01:05,099 --> 00:01:08,143 क्या आप को url और IP address उस दरवाजे पे दिखा रहा है? 19 00:01:08,457 --> 00:01:10,908 मैंने यह संदेश लिखा और सेंड बटन को दबा दिया। 20 00:01:10,945 --> 00:01:14,756 डाक सेवा के विपरीत पहली चीज जो होती है वह है की 21 00:01:14,781 --> 00:01:17,588 इंटरनेट संदेश को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देता है 22 00:01:17,653 --> 00:01:19,657 जिसे और भी आसानी से भेजा जा सके। 23 00:01:19,682 --> 00:01:22,169 और यह छोटे टुकड़ों को पैकेट कहते है। 24 00:01:22,377 --> 00:01:26,307 पैकेट को उसके गंतव्य स्थान तक एक समय मे एक, करके भेजा जाता है। 25 00:01:27,103 --> 00:01:32,040 इन पैकेटों को सही क्रम मे रखा जाता है जिससे कि रिसीवर संदेश को सही तरीके से पढ़ सके। 26 00:01:32,040 --> 00:01:36,116 बिलकुल, अभी भी इंटरनेट कैसे काम करता है इस विषय में और भी बहुत कुछ बाकी है। 27 00:01:36,141 --> 00:01:37,851 मगर यह एक बहुत अच्छी शुरुआत है। 28 00:01:38,061 --> 00:01:41,601 तो आप एक जानकार इंटरनेट उपभोक्ता बनने की राह में है। 29 00:01:41,784 --> 00:01:44,404 आपने क्या सीखा यह अपने परिवार और दोस्तों को बताना ना भूले। 30 00:01:46,141 --> 00:01:49,820 मेरा नाम अमांडा कैम्प है और मैं Google में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। 31 00:01:50,145 --> 00:01:51,544 मैं एक टीम मे काम करती हूं 32 00:01:51,569 --> 00:01:58,248 जो बैकएंड सर्वर पर काम करता है जो प्रोफाइल और कॉन्टैक्ट्स को स्टोर करता है। 33 00:01:58,523 --> 00:02:04,262 मेरे नौकरी मे हम बहुत सोचते हैं की कैसे कॉन्टेक्ट्स को दूसरे उपकरण 34 00:02:04,287 --> 00:02:05,582 जैसे कि आपके फोन तक भेजा जाए। 35 00:02:05,877 --> 00:02:11,596 ज्यादातर लोगों के पास बहुत सारे कांटेक्ट होते हैं, जैसे आपके पास हजार कॉन्टैक्ट्स हो सकते है। 36 00:02:11,671 --> 00:02:17,014 हम एक ही बार में उन सभी कांटेक्ट को आपके फोन में भेजना नहीं चाहते हैं। 37 00:02:17,039 --> 00:02:19,414 क्योंकि संदेश के रूप में यह बहुत ही बड़ा हो जाएगा 38 00:02:19,439 --> 00:02:23,791 इंटरनेट जैसे बड़े संदेश को छोटे टुकड़ों में बांट देता है, पैकेट मे 39 00:02:23,816 --> 00:02:25,932 हम एक कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल करते हैं जिसे पेजिंग कहा जाता है 40 00:02:25,957 --> 00:02:30,002 जहां हम आपके फोन में एक समय में 100 कांटेक्ट भेजेंगे। 41 00:02:30,027 --> 00:02:34,185 और आपके फोन को हमे उत्तर देना होगा, जहा वह अगले 100 की मांग करेगा। 42 00:02:34,820 --> 00:02:41,084 सॉफ्टवेयर के बारे में सबसे मजे की बात यह है कि यह सारी दुनिया को प्रभावित कर सकता है। 43 00:02:41,298 --> 00:02:44,487 जब मैं 19 साल की थी तब मैंने पहली बार प्रोग्रामिंग करना सिखा 44 00:02:44,512 --> 00:02:48,110 मुझे लगता है, मै कॉलेज में दूसरे वर्ष या पहले वर्ष मै थी 45 00:02:48,135 --> 00:02:54,688 सबसे पहला प्रोग्राम जो मुझे याद है, वो सेल्सियस से फारेनहाइट में परिवर्तन करता था। 46 00:02:54,713 --> 00:02:57,752 मुझे प्रोग्रामिंग अच्छा लगता है क्योंकि मुझे लोगों की मदद करना पसंद है 47 00:02:57,990 --> 00:03:02,035 मैं गूगल पे प्रोग्राम लिख सकती हु जिससे दुनियाभर में लोगों को मदद मिलती हो। 48 00:03:02,060 --> 00:03:04,710 और यह वास्तव में मजेदार और दिमाग चकराने वाला है।