हम ने यह बुरी आदत बना ली है की जब तक पास में फ़ोन या फिर कम्प्यूटर है हम उस में ही डूबे रहेंगे। अगर आप फ़ोन या कम्प्यूटर उसे कर सके है तो बस आप बिलकुल वो उसे करना पसंद करेंगे हर रोज़, मेरा बहुत सारा काम कम्प्यूटर। मगर मेरा काम हमेशा स्टूडियो में ही करना पड़ता है हमारे स्टूडियो में इंटरनेट नहीं है। हम अपने फ़ोन पे बस म्यूज़िक बजा टें है। अपना फ़ोन हमेशा पकड़ नहीं सकते क्यूँकि हाट काम करने से गंदे हो जाते है मुझे ऐसे बहुत सुकून मिलता है, जैसे योगा कर रही हूँ अगर आपका शरीर भी थका है आपकी आत्मा बिलकुल सुकून में है कोई भी अपने जमाने से बच नहीं सकता वो बाई चीन में जाह बहुत लोग हमारे समाज और राजनीति में दिलजस्पी रखते है सबको राजनीति के बार में बात करना बहुत पसंद है और बहुत लोगों को ऐसा कला देखना पसंद करते है जिसका सामाजिक मतलब ho उन्हें लगता है कि ऐसे काम ज़्यादा मेहेट्रोपोन है। मगर वो भूल जाते है की यह बस एक टाइप की कला है मैं बस पूरबी ग़ल्लेरियों और पूरबी कलाकारों की बात नहीं कर रही हूँ मगर यह कि लोकल कलाकारों और ग़ल्लेरियों के बारे में बोल रही हूँ। पिछले पीढ़ी की कलाकारों की लिए बहुत मुश्किल है समाज और राजनीति की बारे में बिना सोचे हुए कुछ बनाना वो यह नहीं बोल सकते की उनको बस चुप चाप वो बनाना है जो उनकी मर्ज़ी है इस पीढ़ी के कलाकारों की लिए सच में बहुत मुश्किल है यह काम करना और इस काम से कमाना। मुझे लगता है मेरे जैसे कलाकारों जो १९८० के बाद पैदा हुए हम यह बोल सकते है ki "ठीक है, तुम बस एक चित्रकार बनो, और ऐसे ही कमायी कार्लो मुझे लगता है यह बहुत अच्छा है। रुको! लिफ़्ट। धीरे अपना हाट निकलो, अच्छा। मुझे आशा है की चीन में और ऐसी कला बन सके जो अलग है हर कलाकार अपने आज़ादी से कला बनता है अपने सोच के डेरों से बाहर उत्तरने के liye यह सच में राजनीतिक होता है