0:00:01.097,0:00:03.134 यह पिछले वर्ष अप्रैल की बात है। 0:00:03.714,0:00:05.461 मैं एक शाम मित्रों के साथ गयी थी 0:00:05.485,0:00:07.238 उनमे से एक का जन्मदिन मनाने। 0:00:07.677,0:00:10.070 हम लोग कुछ हफ़्तों से नहीं मिले थे; 0:00:10.094,0:00:12.490 वो एक अच्छी शाम थी,[br]क्योंकि सब एक बार फिर साथ थे। 0:00:13.220,0:00:14.473 शाम के अन्त पर, 0:00:14.497,0:00:18.182 मैंने लन्दन के उस पार जाने वाली[br]आख़िरी भूमिगत रेलगाड़ी पकड़ी। 0:00:18.663,0:00:20.455 मेरा सफर अच्छा था। 0:00:20.479,0:00:21.987 मैं अपने स्थानीय स्टेशन पहुँची 0:00:22.011,0:00:24.038 और मैंने घर की ओर १० मिनट चलना शुरू किया। 0:00:25.159,0:00:27.523 जैसे ही मैंने अपनी गली का मोड़ लिया, 0:00:27.547,0:00:29.063 मेरा घर मुझे सामने दिख रहा था, 0:00:29.596,0:00:30.980 मैंने पीछे क़दमों की आहट सुनी 0:00:31.004,0:00:33.167 जो पता नहीं कहाँ से आ गए 0:00:33.191,0:00:34.591 और जिनकी गति बढ़ती जा रही थी। 0:00:35.778,0:00:38.305 इससे पहले कि मैं यह समझ पाती[br]कि हो क्या रहा है, 0:00:38.329,0:00:41.460 एक हाथ ने मेरे मुह को भींच दिया[br]मैं साँस भी नहीं ले पा रही थी, 0:00:41.484,0:00:44.184 और मेरे पीछे खड़े युवक ने[br]मुझे ज़मीन की ओर घसीटा, 0:00:44.208,0:00:46.334 मेरे सर को बार-बार फुटपाथ पर मारा 0:00:46.358,0:00:48.340 जब तक मेरे चेहरे से खून नहीं निकलने लगा, 0:00:48.364,0:00:50.572 मेरी पीठ और गरदन पर लाथे मरते हुए 0:00:50.596,0:00:52.248 उसने मुझ पर हमला करना शुरू किया, 0:00:52.272,0:00:54.734 मेरे कपड़े फाड़ कर[br]मुँह बन्द रखने के लिए कहा, जब मैंने 0:00:54.758,0:00:56.417 मदद के लिए चीखने का संघर्ष किया। 0:00:57.423,0:00:59.819 मेरे सर की ठोस ज़मीन के साथ हुई हर टक्कर पर 0:00:59.843,0:01:02.773 एक प्रश्न मेरे दिमाग में गूँज रहा था[br]जो मुझे आज तक डराता है: 0:01:03.118,0:01:05.327 "क्या यही अन्त है?" 0:01:06.828,0:01:09.740 मुझे तो यह पता भी नहीं था,[br]कि मेरा पूरे रास्ते पीछा हुआ था 0:01:09.764,0:01:11.715 उस पल से जब मैं स्टेशन से निकली थी। 0:01:11.739,0:01:12.942 और घंटों बाद, 0:01:12.966,0:01:16.510 मैं निर्वस्त्र, पुलिस के सामने खड़ी थी, 0:01:16.534,0:01:19.306 मेरे निर्वस्त्र तन पर लगे घावों[br]की फोटो खींचवाते हुए 0:01:19.330,0:01:20.852 अदालती प्रमाण के लिये। 0:01:21.956,0:01:25.195 हाँ हैं कुछ शब्द उन गहरी भावनाओं[br]का वर्णन करने के लिए, 0:01:25.219,0:01:28.424 उस आलोचना, अपमान, अशान्ति और[br]अन्याय की, जिन में मैं डूबी हुई थी 0:01:28.448,0:01:30.504 उस क्षण में और आने वाले कई हफ़्तों में। 0:01:31.868,0:01:34.492 लेकिन इन भावनाओं को कम करने की चाह में, 0:01:34.516,0:01:36.838 ऐसी व्यवस्था में लाने के लिए[br]जिसमें मैं आगे बढ़ूँ, 0:01:36.862,0:01:38.997 मैंने वो करना तय किया[br]जो मुझे प्राकृतिक लगा 0:01:39.322,0:01:40.557 मैंने उसके बारे में लिखा। 0:01:41.149,0:01:43.582 यह एक शुद्धिकरण की तरह आरम्भ हुई। 0:01:43.606,0:01:46.664 मैंने अपने हमलावर को एक पत्र लिखा, 0:01:46.688,0:01:48.783 उसका मानवीकरण "तुम" से करते हुए, 0:01:48.807,0:01:51.684 उसको उसी समुदाय से उसकी पहचान देते हुए[br]जिसका वो हिस्सा था 0:01:51.708,0:01:53.856 जिसका उसने क्रूरता से[br]उस रात दुष्प्रयोग किया। 0:01:54.991,0:01:57.265 उसके कर्म से हुए[br]लहरदार प्रभाव पर ज़ोर डालते हुए, 0:01:57.289,0:01:58.505 मैंने लिखा: 0:01:58.920,0:02:01.250 क्या तुमने कभी अपने नज़दीकी[br]लोगों के बारे में सोचा? 0:02:01.841,0:02:04.178 मैं नहीं जानती[br]तुम्हारे जीवन में कौन लोग हैं। 0:02:04.202,0:02:06.159 मैं तुम्हारे बारे में कुछ भी नहीं जानती। 0:02:06.183,0:02:07.815 पर मैं इतना जानती हूँ: 0:02:07.839,0:02:09.920 उस रात तुमने केवल मुझ पर हमला नहीं किया। 0:02:10.323,0:02:11.836 मैं एक बेटी हूँ, एक मित्र हूँ, 0:02:11.860,0:02:13.545 एक बहिन हूँ, एक छात्र हूँ, 0:02:13.569,0:02:14.871 एक चचेरी बहिन, भान्जी हूँ, 0:02:14.895,0:02:16.062 एक पड़ोसी हूँ; 0:02:16.086,0:02:18.135 एक कर्मचारी हूँ[br]जिसने सबको कॉफ़ी परोसी है 0:02:18.159,0:02:19.712 रेल-मार्ग के नीचे वाले कैफ़े में। 0:02:20.362,0:02:22.848 और वो सब लोग[br]जो मुझसे यह रिश्ते बनाते हैं 0:02:22.872,0:02:24.525 उनसे मेरा समुदाय बनता है। 0:02:24.549,0:02:26.684 और तुमने उस हर एक व्यक्ति[br]पर हमला किया है। 0:02:27.418,0:02:30.254 तुमने उस सत्य का उल्लंघन किया[br]जिसकी लड़ाई मैं नहीं छोडूँगी 0:02:30.278,0:02:32.215 और जिसका यह सब लोग प्रतिनिधित्व करते हैं 0:02:32.239,0:02:35.509 कि विश्व में बुरे लोगो से[br]अनन्त रूप से ज़्यादा, अच्छे लोग हैं।" 0:02:36.790,0:02:39.789 पर यह एक हादसा मेरे विश्वास को न हिला पाए,[br]इस निश्चय के साथ, 0:02:39.813,0:02:42.526 मेरे समुदाय की एकजुटता में[br]या पूरी इन्सानियत में, 0:02:42.550,0:02:47.028 मैंने ७ जुलाई २००५ में लन्दन यातायात पर[br]हुए आतंकवादी बम विस्फोटों को याद किया, 0:02:47.052,0:02:50.452 और कैसे उस समय लन्दन के मेयर ने,[br]बल्कि मेरे खुद के माता-पिता ने, 0:02:50.476,0:02:53.323 आग्रह किया था कि हम सब अगले ही दिन[br]ट्यूब (रेल) से सफर करें, 0:02:53.347,0:02:55.110 ताकि हम उनके द्वारा परिभाषित ना हों 0:02:55.134,0:02:57.033 जिन्होंने हमें असुरक्षित मेहसूस कराया। 0:02:57.490,0:02:58.944 मैंने अपने हमलावर को बताया, 0:02:59.740,0:03:01.289 "तुमने अपना हमला पूरा कर लिया, 0:03:01.313,0:03:03.453 लेकिन अब मैं अपनी ट्यूब पर[br]वापस जा रही हूँ। 0:03:04.162,0:03:07.429 मेरा समुदाय अँधेरे में घर चल कर जाते हुए[br]असुरक्षित महसूस नहीं करेगा। 0:03:07.453,0:03:09.156 हम घर के लिए आखिरी ट्यूब लेंगे, 0:03:09.180,0:03:11.014 और हम अपनी गलियों में अकेले चलेंगे, 0:03:11.038,0:03:13.374 क्योंकि हम खुद को इस विचार[br]के आधीन नहीं होने देंगे 0:03:13.398,0:03:16.166 कि हम ऐसा कर के[br]खुद को खतरे में डाल रहे हैं। 0:03:16.190,0:03:18.790 हम एक सेना की तरह एक साथ रहेंगे, 0:03:18.814,0:03:21.761 जब भी हमारे समुदाय के[br]किसी सदस्य को धमकाया जयेगा। 0:03:21.785,0:03:23.895 और यह एक ऐसी लड़ाई है[br]जो तुम कभी नहीं जीतोगे।" 0:03:25.621,0:03:27.428 इस पत्र को लिखते समय -- 0:03:27.452,0:03:28.827 (वाहवाही) 0:03:28.851,0:03:29.996 धन्यवाद। 0:03:30.020,0:03:32.020 (वाहवाही) 0:03:32.717,0:03:34.437 इस पत्र को लिखते समय, 0:03:34.461,0:03:36.316 मैं ऑक्सफर्ड में परीक्षा[br]के लिए पढ़ती थी 0:03:36.340,0:03:38.724 और मैं वहाँ के स्थानीय[br]छात्र अख़बार पर काम करती थी। 0:03:38.748,0:03:42.048 इतनी भाग्यशाली होने के बाद भी,[br]कि मेरे मित्र और परिवार मेरे साथ थे, 0:03:42.072,0:03:43.280 यह एक अकेलेपन का समय था। 0:03:43.304,0:03:45.791 मैं किसी को नहीं जानती थी[br]जो ऐसी स्थिति से गुज़रा हो; 0:03:45.815,0:03:47.259 कम से कम मुझे ऐसा लगता था। 0:03:47.283,0:03:50.777 मैं खबरें पढ़ती थी, आँकड़े,[br]और यह जानती थी कि यौन उत्पीड़न कितना आम था, 0:03:50.801,0:03:52.858 फ़िर भी एक ऐसे व्यक्ति का[br]नाम नहीं बता पाती 0:03:52.882,0:03:55.965 जिसको मैंने इस तरह के अनुभव[br]के बारे में खुल के बोलते हुए सुना हो। 0:03:55.989,0:03:57.926 तो एक कुछ-कुछ सहेज निर्णय लेते हुए, 0:03:57.950,0:04:00.946 मैंने अपने पत्र को छात्र अख़बार में[br]प्रकाशित करने का फैसला किया, 0:04:00.970,0:04:02.878 ऑक्सफ़र्ड में औरों तक[br]पहुँचने की आशा में 0:04:02.902,0:04:06.273 जिनके साथ कोई समान घटना घटी हो[br]और उन को भी ऐसी ही अनुभूति हो रही हो। 0:04:06.297,0:04:07.523 पत्र के अन्त में, 0:04:07.547,0:04:09.913 मैंने औरों को उनके अनुभव[br]बारे में लिखने के लिए कहा 0:04:09.937,0:04:11.629 हैशटैग "#मैंदोषीनहीं" के साथ, 0:04:11.653,0:04:14.679 ज़ोर देने के लिए कि उत्पीडन[br]सहे हुए लोग खुद को अभिव्यक्त पाएं, 0:04:14.703,0:04:17.609 बिना शर्म या अपराध की भावना के[br]अपनी आपबीती बता सकते थे -- 0:04:17.633,0:04:20.209 दिखाते हुए कि हम सब[br]यौन उत्पीड़न के खिलाफ खड़े हो सकते है 0:04:20.233,0:04:23.065 मुझे इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था[br]कि लगभग रातों-रात, 0:04:23.089,0:04:25.007 यह प्रकाशित पत्र आग की तरह फैल जायेगा। 0:04:25.619,0:04:28.145 जल्द ही, हम को सैंकड़ों[br]कहानियाँ मिल रही थीं 0:04:28.169,0:04:29.952 दुनिया भर के स्त्रियों और पुरुषों से, 0:04:29.976,0:04:32.648 जिन्हें हम मेरी बनायी हुई[br]वेबसाइट पर प्रकाशित करने लगे। 0:04:32.672,0:04:34.730 और वह हैशटैग एक आन्दोलन बन गया। 0:04:35.652,0:04:39.342 एक ४० से ऊपर की उम्र वाली ऑस्ट्रेलियाई[br]माँ थीं जिन्होंने बताया कि कैसे एक शाम, 0:04:39.366,0:04:40.922 उन का स्नानघर की ओर पीछा किया 0:04:40.946,0:04:43.272 एक पुरुष ने जो बार बार[br]उनकी ऊसन्धि को पकड़ता रहा। 0:04:43.296,0:04:44.918 एक पुरुष था नीदरलैंड में 0:04:44.942,0:04:47.634 जिसने बताया कैसे लन्दन[br]यात्रा पर उसका भेंट-बलात्कार हुआ 0:04:47.658,0:04:50.540 और उसने जिसको भी यह घटना बताई,[br]किसी ने उसे सच नहीं माना। 0:04:50.564,0:04:53.998 मुझे भारत और दक्षिण अमेरिका से[br]लोगों के व्यक्तिगत फेसबुक सन्देश आये, 0:04:54.022,0:04:56.793 पूछते हुए कि इस आन्दोंलन का सन्देश[br]वहाँ कैसे ला सकते हैं? 0:04:56.817,0:04:59.971 हमें पहला योगदान एक "निक्की"[br]नाम की महिला से मिला, 0:04:59.995,0:05:02.812 जिसने बताया कि बचपन में उसके पिता ने ही[br]उसका यौन शोषण किया। 0:05:02.836,0:05:04.319 और मेरे मित्र मुझे बताने लगे 0:05:04.343,0:05:07.436 ऐसी घटनाओं के बारे में जो[br]उनके साथ पिछले सप्ताह से लेकर 0:05:07.460,0:05:10.587 वर्षों पहले हुई थीं,[br]जिनके बारे में मुझे कुछ पता ही नहीं था। 0:05:11.326,0:05:13.685 और जितने ज़्यादा हमें[br]ऐसे सन्देश मिलने लगे, 0:05:13.709,0:05:16.293 उतने ही ज़्यादा हमें[br]आशा भरे सन्देश भी मिले -- 0:05:16.317,0:05:18.792 लोग सशक्त महसूस कर रहे थे[br]इन आवाज़ों के समुदाय से जो 0:05:18.816,0:05:21.320 यौन शोषण व पीड़ित को[br]दोष देने के खिलाफ खड़ी हो रही थीं। 0:05:21.344,0:05:22.643 एक ओलिविया नाम की महिला ने, 0:05:22.667,0:05:24.452 यह बताने के बाद कि कैसे[br]उसका शोषण किया 0:05:24.476,0:05:27.302 एक ऐसे व्यक्ति ने जिसकी वह[br]बहुत समय से परवाह करती थी, 0:05:27.326,0:05:29.724 लिखा, "मैंने यहाँ लिखी[br]बहुत कहानियाँ पढ़ी हैं, 0:05:29.748,0:05:32.738 और मैं आशावान हूँ कि अगर[br]इतनी सारी स्त्रियाँ आगे बढ़ सकती हैं 0:05:32.762,0:05:33.944 तो मैं भी बढ़ सकती हूँ। 0:05:33.968,0:05:35.275 मुझे बहुतों से प्रेरणा मिली 0:05:35.299,0:05:37.492 और मुझे आशा है कि मैं भी[br]उनके जितनी सबल बनूँ। 0:05:37.516,0:05:38.670 मुझे यकीन है, बनूँगी।" 0:05:39.082,0:05:41.808 दुनिया भर के लोग इस हैशटैग[br]के साथ ट्वीट करने लगे, 0:05:41.832,0:05:44.909 और मेरा पत्र राष्ट्रीय अख़बार ने[br]प्रकाशित किया, 0:05:44.933,0:05:48.229 उसका दुनिया भर की अन्य कई भाषाओं में[br]अनुवाद भी किया जा रहा था। 0:05:48.642,0:05:51.016 पर मुझे मीडिया का दिया जा रहा[br]वह महत्व कुछ अलग लगा 0:05:51.040,0:05:52.651 जिसे यह पत्र आकर्षित कर रहा था। 0:05:52.675,0:05:54.753 किसी बात को मुख्य-पृष्ठ[br]समाचार बनने के लिए, 0:05:54.777,0:05:57.744 "समाचार" शब्द ही अपने आप में ऐसा है, 0:05:57.768,0:06:01.148 कि हम सोचते हैं कि कुछ नया[br]या कुछ अप्रत्याशित होगा। 0:06:01.172,0:06:03.398 और फ़िर भी यौन उत्पीड़न[br]कोई नयी बात नहीं है। 0:06:03.870,0:06:06.731 और कई प्रकार के अन्याय की तरह[br]यौन उत्पीड़न भी, 0:06:06.755,0:06:08.643 जनसंचार में हमेशा संवंदित होता है। 0:06:09.154,0:06:10.352 लेकिन आन्दोलन के ज़रिये, 0:06:10.376,0:06:12.983 इन अन्यायों को केवल खबर के[br]रूप में अँकित नहीं किया गया, 0:06:13.007,0:06:16.325 यह प्रत्यक्ष अनुभव थे जिन्होंने[br]वास्तविक लोगों को प्रभावित किया था, 0:06:16.349,0:06:18.699 जो दूसरों की सुदृढ़ता से[br]वो बना रहे थे, 0:06:18.723,0:06:20.814 जो चाहिए था लेकिन[br]पहले उनके पास नहीं था: 0:06:20.838,0:06:22.235 अपनी बात खुल कर कहने का मंच, 0:06:22.259,0:06:25.711 यह आश्वासन के वो अकेले नहीं थे[br]या जो उनके साथ हुआ उसका दोष देने के लिए 0:06:25.735,0:06:29.364 और खुल के ऐसी चर्चा करने के लिए, जो इस[br]समस्या के साथ जुड़े कलंक को कम कर सके। 0:06:29.388,0:06:33.056 इस संवाद में सबसे आगे उनकी आवाज़ें थीं[br]जिन पर ऐसी घटनाओं का सीधा प्रभाव पड़ा था- 0:06:33.080,0:06:36.306 सामाजिक जनसंचार के[br]पत्रकारों या समीक्षकों की नहीं। 0:06:36.733,0:06:39.116 और इसलिए यह एक समाचार बन गया था। 0:06:40.239,0:06:42.346 हम अविश्वसनीय रूप से[br]जुड़े विश्व में रहते हैं, 0:06:42.370,0:06:44.270 सोशियल मीडिया के[br]तेज़ी से बढ़ने के कारण, 0:06:44.294,0:06:47.927 जो बेशक सामाजिक बदलाव की आग[br]जलाने के लिए एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। 0:06:47.951,0:06:50.678 लेकिन इससे हम प्रतिक्रियाशील[br]भी होते जा रहे हैं, 0:06:50.702,0:06:54.089 छोटी-छोटी बातों से लेकर, जैसे,[br]"ओह, मेरी रेल देरी से जाएगी," 0:06:54.113,0:06:58.484 से लेकर बड़े-बड़े युद्ध, नरसंहार,[br]आतंकवादी हमले जैसे अन्यायों के लिए। 0:06:58.508,0:07:02.006 किसी भी कष्ट पर प्रतिक्रिया करने के लिए[br]हम सबसे पहले जल्द से जल्द 0:07:02.030,0:07:04.178 ट्वीट, फेसबुक, हैशटैग करते हैं-- 0:07:04.202,0:07:06.854 कुछ भी जिससे सबको पता चले[br]कि हमने भी प्रतिक्रिया दी है। 0:07:07.538,0:07:10.111 इस सामूहिक रूप से प्रतिक्रिया देने में [br]समस्या यह है 0:07:10.135,0:07:13.056 कि कभी-कभी इसका यह अर्थ भी हो सकता है[br]कि हम कोई जवाब दें ही न, 0:07:13.080,0:07:15.529 कम से कम उसके बारे में कुछ करने की[br]भावना से तो नहीं। 0:07:15.553,0:07:17.291 [br]इससे हमें तो अच्छा लग सकता है 0:07:17.315,0:07:19.866 कि हमने सामूहिक कष्ट[br]या ज़ुल्म के विरुद्ध योगदान दिया, 0:07:19.890,0:07:21.852 पर इससे असल में कुछ नहीं बदलता। 0:07:21.876,0:07:23.040 और तो और, 0:07:23.064,0:07:24.868 कभी-कभी यह उनकी ही[br]आवाज़ कुचल देता है 0:07:24.892,0:07:26.990 जिनके ऊपर उस अन्याय का[br]सीधा असर पड़ा है, 0:07:27.014,0:07:28.593 जिनकी ज़रूरतों को सुना जाना चाहिए। 0:07:29.780,0:07:33.633 चिन्ता की बात यह प्रवृत्ति भी है,[br]कि अन्याय के विरुद्ध कुछ प्रतिक्रियाएँ 0:07:33.657,0:07:35.254 और दीवारें खड़ी करने की होती हैं, 0:07:35.278,0:07:38.640 जो तुरन्त दूसरों को दोष देती हैं[br]जटिल समस्यायों के आसान उपाय देने की 0:07:38.664,0:07:39.857 आशा के साथ। 0:07:40.328,0:07:42.867 एक छोटे ब्रिटिश अख़बार ने [br]मेरे पत्र को प्रकाशित करके 0:07:42.891,0:07:44.420 ऐसा शीर्षक लिखा, 0:07:44.444,0:07:48.101 "ऑक्सफोर्ड छात्रा ने शुरू किया हमलावर को[br]शर्मिंदा करने का ऑनलाइन आन्दोलन।" 0:07:49.567,0:07:51.834 पर वो तो कभी किसी को[br]शर्मिंदा करने का था ही नहीं 0:07:52.237,0:07:55.384 वो तो लोगों को बोलने का और[br]दूसरों को सुनने का मौका देने के लिए था। 0:07:56.186,0:07:59.600 मतभेद पैदा करते ट्विटर ट्रोल[br]ने जल्दी से और भी ज़्यादा अन्याय पैदा किया, 0:07:59.624,0:08:02.574 मेरे हमलावर की जाती[br]और दर्जे पर टिप्पणी करके, 0:08:02.598,0:08:04.835 अपनी ही धारणाओं[br]से निमित्त लक्ष्यों के लिए। 0:08:05.381,0:08:08.842 और कुछ ने तो मुझे एक मनघडंत[br]कहानी रचने का भी दोष दिया 0:08:08.866,0:08:10.972 यह कहकर कि मैं इससे[br]पूरा करना चाहती हूँ मेरा, 0:08:10.996,0:08:14.810 "पुरुष-घृणा का नारीवादी लक्ष्य।" 0:08:14.834,0:08:15.896 (खिलखिलाहट) 0:08:15.920,0:08:17.080 सच में, है ना? 0:08:17.104,0:08:19.969 जैसे मैं कहूँगी,[br]"सुनो, मुझे माफ़ करना, मैं नहीं आ पाऊँगी, 0:08:19.993,0:08:22.358 मैं सारी नर जाती से[br]नफरत करने में व्यस्त हूँ, 0:08:22.382,0:08:23.767 अपने ३० साल के होने तक।" 0:08:23.791,0:08:24.929 (खिलखिलाहट) 0:08:24.953,0:08:27.001 अब, मुझे लगभग पूरा विश्वास है 0:08:27.025,0:08:29.997 कि यह लोग यह बातें[br]आमने-सामने नहीं बोलेंगे। 0:08:30.021,0:08:32.783 पर ऐसा लगता है जैसे क्योंकि[br]वो एक पर्दे के पीछे हैं, 0:08:32.807,0:08:34.366 अपने घर के आराम में, 0:08:34.390,0:08:35.541 जब सोशियल मीडिया पर हैं, 0:08:35.565,0:08:38.219 तो लोग भूल जाते हैं कि[br]वो एक सार्वजानिक काम कर रहे हैं, 0:08:38.243,0:08:41.019 कि अन्य लोग उसको पढ़ेंगे[br]और उससे प्रभावित होंगे। 0:08:41.043,0:08:43.772 मेरे रेल पर वापस जाने की[br]बात पर फिर से आते हुए, 0:08:44.640,0:08:47.473 मेरी दूसरी मुख्य चिन्ता[br]उस शोर के बारे में है, जो बढ़ता है 0:08:47.497,0:08:49.373 हमारे अन्याय के लिए[br]ऑनलाइन जवाबों से 0:08:49.397,0:08:52.872 कि यह बहुत ही आसानी से हमें प्रभावित[br]व्यक्ति की तरह चित्रित कर सकता है, 0:08:52.896,0:08:54.916 जिससे हमें हारने की भावना हो सकती है, 0:08:54.940,0:08:58.659 एक सकारात्मक या बदलाव के मौके को देखने[br]से रोकने वाले मानसिक अवरोध की तरह, 0:08:58.683,0:09:00.258 एक नकारात्मक घटना के बाद। 0:09:01.092,0:09:03.327 इस आन्दोलन के शुरू होने के कुछ माह पहले 0:09:03.351,0:09:04.792 या मेरे साथ यह सब होने से पहले 0:09:04.816,0:09:06.562 मैं ऑक्सफर्ड में[br]TEDx में गयी थी 0:09:06.586,0:09:08.521 वहाँ मैंने ज़ेल्डा ला ग्रान्जे को सुना, 0:09:08.545,0:09:10.806 जो नेल्सन मंडेला की[br]भूतपूर्व निजी सचिव थीं। 0:09:10.830,0:09:12.975 एक बात उन्होंने बोली[br]जो मेरे साथ रह गयी। 0:09:13.755,0:09:15.824 उन्होंने मंडेला को अदालत[br]ले जाने का बताया 0:09:15.848,0:09:17.438 दक्षिणी अफ्रीका रग्बी संघ द्वारा, 0:09:17.462,0:09:20.013 उनके खेल जगत की जाँच[br]के आदेश देने के बाद। 0:09:20.037,0:09:21.188 अदालत में, 0:09:21.212,0:09:24.203 वो दक्षिणी अफ्रीकन रग्बी संघ के [br]वकीलों के पास गए, 0:09:24.227,0:09:25.387 उनसे हाथ मिलाया 0:09:25.411,0:09:27.854 और हर एक से उसकी[br]अपनी भाषा में बात की। 0:09:27.878,0:09:29.218 ज़ेल्डा विरोध करना चाहती थीं, 0:09:29.242,0:09:31.149 कह कर कि वो उनके[br]आदर के अधिकारी नहीं थे 0:09:31.173,0:09:33.448 उनके साथ ऐसा अन्याय करने के बाद। 0:09:33.837,0:09:35.549 वह उनकी तरफ मुड़े और बोले, 0:09:36.324,0:09:40.453 "तुम्हें कभी शत्रु को युद्ध का मैदान[br]तय करने की अनुमति नहीं देनी चाहिये।" 0:09:41.900,0:09:43.610 यह शब्द सुनने के समय 0:09:43.634,0:09:45.902 मुझे अंदाज़ा नहीं था[br]कि क्यों इनका इतना महत्व था, 0:09:45.926,0:09:49.287 पर मुझे लगा कि थे, और मैंने उन्हें[br]अपने पास एक पुस्तक में लिख लिया। 0:09:49.311,0:09:51.808 पर मैंने इस कथन के बारे में[br]तब से बहुत सोचा है। 0:09:52.198,0:09:54.715 बदला, या नफरत की अभिव्यक्ति 0:09:54.739,0:09:56.675 उनकी तरफ जिन्होंने[br]हमारे साथ अन्याय किया, 0:09:56.699,0:09:59.713 उस गलत के विरुद्ध मानवीय प्रवृत्ति[br]की तरह लग सकती है, 0:09:59.737,0:10:01.651 पर हमें इस चक्र से बाहर निकलना पड़ेगा 0:10:01.675,0:10:04.783 अगर हम अन्याय की नकारात्मक[br]घटनाओं को बदलना चाहते हैं 0:10:04.807,0:10:06.510 सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन में। 0:10:06.906,0:10:08.079 अन्यथा करना, 0:10:08.103,0:10:11.382 शत्रु को युद्ध का मैदान[br]निर्धारित करते रहने देता है, 0:10:11.406,0:10:12.592 एक दोहरा प्रभाव बनाता है 0:10:12.616,0:10:15.120 जहाँ जिन्होंने अन्याय सहा,[br]वही प्रभावित बन जाते हैं 0:10:15.144,0:10:17.524 अपराधी के विरुद्ध खड़े हुए। 0:10:18.143,0:10:20.013 और जिस तरह हम अपनी रेल पर वापस चले गए, 0:10:20.037,0:10:23.073 उसी तरह हम अपने सम्बन्धों और[br]समुदायों के माध्यमों को 0:10:23.097,0:10:25.169 हम हार मान जाने वाली[br]जगह नहीं बनने दे सकते। 0:10:27.072,0:10:30.588 पर मैं सोशियल मीडिया पर प्रतिक्रिया[br]को हतोत्साहित भी नहीं करना चाहती, 0:10:30.612,0:10:33.279 क्योंकि मैं #मैंदोषीनहीं[br]आन्दोलन के विकास के लिए, ऋणी हूँ 0:10:33.303,0:10:34.847 लगभग पूरी तरह[br]सोशियल मीडिया की । 0:10:34.871,0:10:37.396 पर मैं ज़्यादा संवेदनशील[br]तरीके को बढ़ावा देना चाहती हूँ 0:10:37.420,0:10:39.543 जिसका प्रयोग अन्याय पर[br]प्रतिक्रिया के लिए हो। 0:10:39.567,0:10:42.018 शुरुवात के लिए, हमें खुद से[br]दो बातें पूछनी चाहियें। 0:10:42.042,0:10:44.574 पहली: मुझे इस अन्याय[br]की भावना क्यों होती है? 0:10:44.598,0:10:46.904 मेरे लिये इसके कई उत्तर थे। 0:10:46.928,0:10:49.161 किसीने मुझे व मेरे[br]नज़दीकी लोगों को दुख दिया था, 0:10:49.185,0:10:52.085 इस धारणा के साथ कि उनको[br]उसका उत्तरदायी नहीं माना जायेगा, 0:10:52.109,0:10:54.022 या जो क्षति की[br]उसे पहचाना नहीं जायेगा। 0:10:54.046,0:10:56.954 यही नहीं, हज़ारों स्त्री और पुरुष[br]हर रोज़ क्षतिग्रस्त होते हैं 0:10:56.978,0:10:58.696 यौन उत्पीड़न से, ज़्यादातर चुपचाप। 0:10:58.720,0:11:02.272 फिर भी, यह आज भी एक ऐसी समस्या है[br]जिसकी हम बाकियों जितनी चर्चा नहीं करते। 0:11:02.296,0:11:04.816 यह आज भी ऐसी समस्या है[br]जिसका दोष लोग पीड़ित को देते है। 0:11:04.840,0:11:08.122 दूसरा, खुद को पूछिये:[br]इन कारणों से पहचान करके 0:11:08.146,0:11:09.822 मैं इन्हें समाप्त कैसे करूँ? 0:11:10.183,0:11:13.771 हमारे लिए, यह मेरे हमलावर, और कई[br]औरों को उत्तरदायी बनाने से था। 0:11:13.795,0:11:16.401 जो असर उनके कर्म से हुआ,[br]उसके लिए ज़िम्मेदार ठहराने में। 0:11:16.425,0:11:19.159 यौन शोषण की समस्या पर[br]खुल कर बातचीत का मौका देने में था, 0:11:19.183,0:11:22.544 मित्रों, परिवारों, जनसंचार में[br]उस चर्चा को शुरू करने में था, 0:11:22.568,0:11:24.209 जो बहुत ज़्यादा समय से बन्द थी, 0:11:24.233,0:11:26.590 ज़ोर देते हुए कि पीड़ित[br]दोष देने में बुरा न माने, 0:11:26.614,0:11:27.885 जो उनके साथ हुआ उसके लिए। 0:11:27.909,0:11:31.227 शायद इस समस्या को सुलझाने के लिए[br]अभी बहुत कुछ करना बाकी है। 0:11:31.251,0:11:32.402 लेकिन इस तरह से, 0:11:32.426,0:11:35.737 हम सोशियल मीडिया का प्रयोग सामाजिक[br]न्याय के साधन जैसे शुरू कर सकते है, 0:11:35.761,0:11:37.859 शिक्षा के साधन की तरह,[br]संवाद प्रेरित करने के, 0:11:37.883,0:11:40.568 आधिकारिक लोगों को[br]समस्याओं से अवगत कराने के 0:11:40.592,0:11:43.113 उन लोगों के माध्यम से[br]जो उससे सीधा प्रभावित हुए हैं। 0:11:44.112,0:11:48.582 क्योंकि कभी-कभी इन प्रश्नों[br]के उत्तर आसान नहीं होते। 0:11:48.606,0:11:50.272 बल्कि, बहुत ही कम होते हैं। 0:11:50.715,0:11:53.979 पर इसका अर्थ फ़िर भी यह नहीं है कि हम[br]इनको संवेदनशील उत्तर न दे सकें। 0:11:54.370,0:11:56.574 ऐसी स्थितियों में जब[br]आप ये नहीं सोच पा रहे 0:11:56.598,0:11:58.693 कि आप इस अन्याय के[br]एहसास का अन्त कैसे करें, 0:11:58.717,0:12:01.371 आप ऐसा ज़रूर सोच सकते हैं,[br]शायद ये नहीं कि आप क्या करें, 0:12:01.395,0:12:02.944 पर ये कि आप क्या नहीं करें। 0:12:03.681,0:12:07.373 आप और ज़्यादा दीवारें खड़ी नहीं कर सकते,[br]और ज़्यादा पक्षपात, और नफरत द्वारा 0:12:07.397,0:12:08.559 अन्याय से लड़ के। 0:12:08.894,0:12:12.736 आवाज़ उनसे ऊँची नहीं कर सकते[br]जो उस अन्याय से सीधा प्रभावित हुए हैं। 0:12:13.121,0:12:17.100 और आप अन्याय पर प्रतिक्रिया नहीं कर सकते[br]अगर आप उसे अगले दिन भूल जायेंगे, 0:12:17.124,0:12:19.432 इसलिए क्योंकि ट्विटर पर बाकी सब[br]आगे बढ़ चुके हैं। 0:12:20.078,0:12:24.265 कभी-कभी एकदम प्रतिक्रिया न करना ही, 0:12:24.289,0:12:26.683 सबसे अच्छा कदम है जो हम उठा सकते हैं। 0:12:27.919,0:12:31.729 क्योंकि हम अन्याय से क्रोधित,[br]दुःखी और उत्तेजित हो सकते हैं, 0:12:32.219,0:12:34.522 लेकिन सोच-समझ कर[br]प्रतिक्रिया करना ज़रूरी है। 0:12:35.413,0:12:38.649 हमें लोगों को उत्तरदायी बनाना है,[br]बिना एक ऐसी संस्कृति बनाकर 0:12:38.673,0:12:41.459 खुद के साथ अन्याय करे जो औरों[br]को शर्मिंदा करने पर जीती हो। 0:12:42.345,0:12:43.992 हमें यह अन्तर याद रखना है, 0:12:44.016,0:12:46.214 जो इन्टरनेट पर लोग अकसर भूल जाते हैं, 0:12:46.238,0:12:48.678 आलोचना और अपमान के बीच का। 0:12:49.330,0:12:51.346 हम बोलने से पहले सोचना नहीं भूलना है, 0:12:51.370,0:12:53.787 सिर्फ इसलिए के हमारे[br]सामने एक पर्दा हो सकता है। 0:12:53.811,0:12:55.782 और जब हम सोशियल मीडिया पर शोर मचाएँ, 0:12:55.806,0:12:58.124 वो प्रभावित लोगों की ही[br]ज़रूरतों को ना डुबा दे, 0:12:58.148,0:13:00.589 बल्कि उनकी आवाज़ों को और बढ़ाये, 0:13:00.613,0:13:03.555 ताकि इन्टरनेट एक ऐसी जगह बने[br]जहाँ आप इसलिए अपवाद न हों, 0:13:03.579,0:13:06.747 अगर आप किसी ऐसी घटना की बात[br]करते हैं जो आपके साथ सच में हुई हो। 0:13:06.771,0:13:08.824 यह सब अन्याय से लड़ने[br]के लिए संवेदनशील तरीके 0:13:08.848,0:13:11.544 वही सिद्धान्त जागृत करते हैं[br]जिन पर इन्टरनेट बना था 0:13:12.317,0:13:14.572 संपर्क के लिये, सिग्नल[br]के लिये, जुड़ने के लिये 0:13:14.596,0:13:17.088 यह सारे शब्द जिनका अर्थ[br]लोगों को साथ लाना है, 0:13:17.112,0:13:18.335 उनको दूर करना नहीं। 0:13:19.443,0:13:23.165 क्योंकि अगर आप "अन्याय" शब्द[br]को शब्दकोश में खोजेंगे, 0:13:23.977,0:13:25.243 सज़ा मिलने से पहले, 0:13:25.267,0:13:28.543 कानून या अदालत के सामने, 0:13:29.529,0:13:30.775 तो आप यह पाएंगे: 0:13:30.799,0:13:32.911 "जो सही है उसका संरक्षण।" 0:13:33.794,0:13:37.560 और मुझे लगता है कि दुनिया में थोड़ी ही[br]चीज़ें है जो ज़्यादा "सही" हैं, 0:13:37.584,0:13:39.320 लोगों को साथ लाने से, 0:13:39.344,0:13:40.646 संघो से। 0:13:41.395,0:13:43.892 और अगर हम सोशियल मीडिया[br]को ऐसा करने दें, 0:13:43.916,0:13:47.854 तो वह निस्संदेह, न्याय का एक बहुत ही[br]शक्तिशाली रूप प्रदान कर सकता है। 0:13:48.477,0:13:49.706 आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 0:13:49.730,0:13:56.615 (वाहवाही)