मैं एमी वॉकर हूँ और मैं विश्वास-लती हूँ (दर्शक) हेलो ,एमी धन्यवाद मैं मानती हूँ अगर आप ठान लें तो कुछ भी कर सकते हैं जब लोग मुझसे एक नया हुनर सीखाने का अनुग्रह करते हैं वो असल में चाहते हैं, मैं उनकी क़ाबिलीयत पर विश्वास करूँ. वो करना चाहते हैं. बस अभी कर सकते हैं या नहीं, यह नहीं जानते और मैं उन्हें विश्वास दिलाती हूँ, बार-बार, कि यह मुमकिन है धीरे धीरे, मैं उन्हें मदद करती हूँ, उनकी शख़्सियत को बढ़ाने की चाहे वो शुरुआत में कहें, "मैं तो अभी बस सीख रहा हूँ" लेकिन जल्द ही वो अपनी शख़्सियत को बढ़ाईंगे और कहेंगे "मैं गायक हूँ ", "मैं नायक हूँ", आदी मैंने ऐसे शुरुआत नहीं की थी १४ साल की मासूम उम्र में मैं एक सामान्य शिष्या थी, लेकिन बहुत कम आत्मविश्वास निराश, क्षमायाचक, ना-लोकप्रिय मिडिल स्कूल के अंत तक कुछ नहीं बदला था, फिर ... (ठहाका) आठवीं कक्षा के एक डान्स प्रोग्राम में सब कुछ बदलना शुरू हुआ मैंने किसी तरह लोकप्रिय साथियों के ना घुस पाने वाले संघ में अपनी जगह बनायी एक दम साफ़ दिख रहा था मैंने वही किया जो मैं हमेशा करती आयी थी, और ढूँढने लगी अगर किसी ने मुझे नक़ल किया? जैसे जैसे मैंने उन चेहरों को देखा, जो अत्यधिक मेकअप से ढके थे मैंने जाना कि ये लोकप्रिय लोग जो, हमेशा जानते हें कि वो क्या कर रहे हैं, हमेशा ढूँढते हैं किसी को जो उन्हें नक़ल करे मैंने अपनी आँखें बंद करी और ख़ुद से कहा, "एमी फ़्रैन्सेस वॉकर, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता वो क्या सोचते हैं, संगीत तुम्हारे ख़ून में है। तुम बचपन से गायिका हो तुम ज़रूर नाच सकती हो तुम्हें बस अभी विश्वास नहीं है तो तुम अपने दिल में झाँको, और महसूस करो उस संगीत को और संगीत की लहरियों को अपने शरीर को नाच की शैललय में उतारने दो जैसे ही मैंने अपनी आँखें खोली, मैंने देखा सब मुझे नक़ल कर रहे थे अचानक, मैं बन गयी, "वो लड़की जिसे मालूम है समूह के सामने कैसे सभ्यता से नाचना है" (ठहाका) एक १४ वर्शिए लड़की के लिए, उस ज़माने में यह एक बहुत बड़ी बात थी (ठहाका) ऐसे ही हम दो-राहें पर आ जाते हैं कुछ बन दिखाने का मौक़ा या ना बन दिखाने का कुछ ऐसा जो हम बहुत समय से करना चाहते थे मैं जब भी किसी सुंदर महिला को देखती थी, तो यही सोचती, "यह कितनी ख़ूबसूरत है, मैं ऐसी कभी नहीं लग सकती" बिलकुल, जैसा कि हम सब जानते हैं पूरी दुनिया को कुल २००० पोइंट्स मिल सकते हें ख़ूबसूरती के, (ठहाका) और क्यूँकि ९०० पोइंट्स तो केवल बीयॉन्से और जूलीएट प्रत्येक को ही मिलते हें मुझे तो केवल शुनय शुनय २ या कुछ ऐसा ही मिल सकता है, सही? लेकिन अगर मुझे पतझड़ के पत्ते में सुंदरता दिख सकती है तो अवश्य ही सुंदरता कोई चीज़ नहीं है यह कोई वस्तु नहीं है जिससे सिर्फ़ कुछ ही चीज़ें बन सकती हैं कुछ चीज़ें जैसे कि: "गुलाब पर ओस की बूँद और बिल्ली की सुंदर मूँछ और जुली ऐंड्रूज़ जिनसे हम सभी प्यार करते हैं सुंदरता तो सभी चीज़ों में पायी जा सकती है सुंदरता वो तरीक़ा है जिस ढंग से आप गाते हैं (तालियाँ) मैंने अपने आस पास हर चीज़ मैं ख़ूबसूरती देखने का अभ्यास करना शुरू किया जितना ज़्यादा मैंने हर चीज़ मैं सुंदरता का संगीत देखा उतना ही मुझे ख़ुद में वही सुंदरता दिखने लगी मैंने बदलना शुरू किया, जो इतने समय से अपने लिए उपाधियां ले कर चल रही थी उतनी पतली नहीं,उतनी सुंदर नहीं, उतनी गुण वान नहीं, उतनी अछी नहीं मुश्किल होता है पुरानी आदत को बदलना ख़ुद को इतने समय से ऐसे तोलना और बहुत बार बिना जाने यह बहुत डरावना भी हो सकता है मुझे अपनी इस सुखद आदत को छोड़ना पड़ा की मैं क्या सोचती हूँ की मैं क्या हूँ इस सम्भावना के लिए कि मैं क्या हो सकती हूँ बहुत मुश्किल है बहुत सहास चाहिए, आप जानते ही हैं लेकिन जैसा कि एक समझदार मछली ने कहा है, (ठहाका) "बस तैरते रहो। तैरना तैरना, हम और क्या करते हैं? हम तैरते हैं, (हँसना) ध्यंवाद, ऐलन और पिक्सार " (ठहाका) (तालियाँ) डोरी डार का ना होना सहास नहीं है सहास है जब आप तैरते रहें और डर और शंका की आवाज़ से उँचा गा सकें और आज जब आप इन सब वक्ताओं को सुन रहे हें मैं आप सबको निमंत्रित करती हूँ की आप अभ्यास करें इन में से हर किसी के सामर्थ्य और सुंदरता को देखने की और उससे भी ज़्यादा ऊपर और आगे देखने की जब आप उन्हें आगे बढ़ने का मौक़ा व प्रोत्साहन देंगे आप देखेंगे उसी शक्ति का प्रतिबिम्ब आप को मिलता है क्यूँकि यह सब यहाँ अपना अनुभव बाँटने आए हैं जो आप सब एक अलग नयी ऊँचायी पर ले जा सकते हें अपने अलग ढंग से धन्यवाद (तालियाँ)