1 00:00:08,275 --> 00:00:11,356 मैं एमी वॉकर हूँ और मैं विश्वास-लती हूँ 2 00:00:11,356 --> 00:00:13,672 (दर्शक) हेलो ,एमी 3 00:00:13,672 --> 00:00:15,006 धन्यवाद 4 00:00:15,386 --> 00:00:19,527 मैं मानती हूँ अगर आप ठान लें तो कुछ भी कर सकते हैं 5 00:00:20,177 --> 00:00:22,304 जब लोग मुझसे एक नया हुनर सीखाने का अनुग्रह करते हैं 6 00:00:22,304 --> 00:00:25,762 वो असल में चाहते हैं, मैं उनकी क़ाबिलीयत पर विश्वास करूँ. 7 00:00:25,762 --> 00:00:26,937 वो करना चाहते हैं. 8 00:00:26,937 --> 00:00:29,863 बस अभी कर सकते हैं या नहीं, यह नहीं जानते 9 00:00:30,293 --> 00:00:34,617 और मैं उन्हें विश्वास दिलाती हूँ, बार-बार, कि यह मुमकिन है 10 00:00:36,577 --> 00:00:40,119 धीरे धीरे, मैं उन्हें मदद करती हूँ, उनकी शख़्सियत को बढ़ाने की 11 00:00:40,119 --> 00:00:42,318 चाहे वो शुरुआत में कहें, 12 00:00:42,318 --> 00:00:44,722 "मैं तो अभी बस सीख रहा हूँ" 13 00:00:45,572 --> 00:00:47,539 लेकिन जल्द ही वो अपनी शख़्सियत को बढ़ाईंगे 14 00:00:47,539 --> 00:00:53,145 और कहेंगे "मैं गायक हूँ ", "मैं नायक हूँ", आदी 15 00:00:53,875 --> 00:00:55,716 मैंने ऐसे शुरुआत नहीं की थी 16 00:00:57,196 --> 00:00:59,217 १४ साल की मासूम उम्र में 17 00:00:59,217 --> 00:01:03,086 मैं एक सामान्य शिष्या थी, लेकिन बहुत कम आत्मविश्वास 18 00:01:03,616 --> 00:01:07,645 निराश, क्षमायाचक, ना-लोकप्रिय 19 00:01:08,185 --> 00:01:11,845 मिडिल स्कूल के अंत तक कुछ नहीं बदला था, फिर ... 20 00:01:11,845 --> 00:01:13,126 (ठहाका) 21 00:01:13,126 --> 00:01:14,945 आठवीं कक्षा के एक डान्स प्रोग्राम में 22 00:01:15,485 --> 00:01:17,504 सब कुछ बदलना शुरू हुआ 23 00:01:18,154 --> 00:01:20,185 मैंने किसी तरह 24 00:01:20,185 --> 00:01:23,246 लोकप्रिय साथियों के ना घुस पाने वाले संघ में अपनी जगह बनायी 25 00:01:23,846 --> 00:01:25,620 एक दम साफ़ दिख रहा था 26 00:01:25,620 --> 00:01:29,642 मैंने वही किया जो मैं हमेशा करती आयी थी, और ढूँढने लगी अगर किसी ने मुझे नक़ल किया? 27 00:01:30,952 --> 00:01:34,836 जैसे जैसे मैंने उन चेहरों को देखा, जो अत्यधिक मेकअप से ढके थे 28 00:01:36,146 --> 00:01:40,369 मैंने जाना कि ये लोकप्रिय लोग जो, हमेशा जानते हें कि वो क्या कर रहे हैं, 29 00:01:40,599 --> 00:01:43,098 हमेशा ढूँढते हैं किसी को जो उन्हें नक़ल करे 30 00:01:43,918 --> 00:01:47,490 मैंने अपनी आँखें बंद करी और ख़ुद से कहा, 31 00:01:47,730 --> 00:01:52,467 "एमी फ़्रैन्सेस वॉकर, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता वो क्या सोचते हैं, 32 00:01:52,467 --> 00:01:56,821 संगीत तुम्हारे ख़ून में है। तुम बचपन से गायिका हो 33 00:01:57,601 --> 00:01:59,629 तुम ज़रूर नाच सकती हो 34 00:01:59,629 --> 00:02:01,601 तुम्हें बस अभी विश्वास नहीं है 35 00:02:01,991 --> 00:02:06,828 तो तुम अपने दिल में झाँको, और महसूस करो उस संगीत को 36 00:02:06,828 --> 00:02:10,572 और संगीत की लहरियों को अपने शरीर को नाच की शैललय में उतारने दो 37 00:02:17,882 --> 00:02:22,747 जैसे ही मैंने अपनी आँखें खोली, मैंने देखा सब मुझे नक़ल कर रहे थे 38 00:02:23,737 --> 00:02:26,159 अचानक, मैं बन गयी, 39 00:02:26,399 --> 00:02:29,588 "वो लड़की जिसे मालूम है समूह के सामने कैसे सभ्यता से नाचना है" 40 00:02:29,588 --> 00:02:31,020 (ठहाका) 41 00:02:31,020 --> 00:02:35,676 एक १४ वर्शिए लड़की के लिए, उस ज़माने में यह एक बहुत बड़ी बात थी 42 00:02:35,676 --> 00:02:37,501 (ठहाका) 43 00:02:37,501 --> 00:02:40,180 ऐसे ही हम दो-राहें पर आ जाते हैं 44 00:02:40,390 --> 00:02:42,547 कुछ बन दिखाने का मौक़ा 45 00:02:42,907 --> 00:02:44,523 या ना बन दिखाने का 46 00:02:45,033 --> 00:02:47,674 कुछ ऐसा जो हम बहुत समय से करना चाहते थे 47 00:02:48,824 --> 00:02:51,198 मैं जब भी किसी सुंदर महिला को देखती थी, तो यही सोचती, 48 00:02:51,368 --> 00:02:54,131 "यह कितनी ख़ूबसूरत है, मैं ऐसी कभी नहीं लग सकती" 49 00:02:54,451 --> 00:02:56,176 बिलकुल, जैसा कि हम सब जानते हैं 50 00:02:56,176 --> 00:03:00,908 पूरी दुनिया को कुल २००० पोइंट्स मिल सकते हें ख़ूबसूरती के, 51 00:03:00,908 --> 00:03:02,517 (ठहाका) 52 00:03:02,517 --> 00:03:07,403 और क्यूँकि ९०० पोइंट्स तो केवल बीयॉन्से और जूलीएट प्रत्येक को ही मिलते हें 53 00:03:08,063 --> 00:03:12,044 मुझे तो केवल शुनय शुनय २ या कुछ ऐसा ही मिल सकता है, सही? 54 00:03:13,454 --> 00:03:18,794 लेकिन अगर मुझे पतझड़ के पत्ते में सुंदरता दिख सकती है 55 00:03:19,264 --> 00:03:22,288 तो अवश्य ही सुंदरता कोई चीज़ नहीं है 56 00:03:22,618 --> 00:03:26,338 यह कोई वस्तु नहीं है जिससे सिर्फ़ कुछ ही चीज़ें बन सकती हैं 57 00:03:26,338 --> 00:03:27,579 कुछ चीज़ें जैसे कि: 58 00:03:27,579 --> 00:03:31,191 "गुलाब पर ओस की बूँद और बिल्ली की सुंदर मूँछ 59 00:03:31,191 --> 00:03:34,771 और जुली ऐंड्रूज़ जिनसे हम सभी प्यार करते हैं 60 00:03:34,771 --> 00:03:37,983 सुंदरता तो सभी चीज़ों में पायी जा सकती है 61 00:03:37,983 --> 00:03:44,008 सुंदरता वो तरीक़ा है जिस ढंग से आप गाते हैं 62 00:03:45,632 --> 00:03:47,985 (तालियाँ) 63 00:03:49,965 --> 00:03:54,459 मैंने अपने आस पास हर चीज़ मैं ख़ूबसूरती देखने का अभ्यास करना शुरू किया 64 00:03:55,509 --> 00:04:00,008 जितना ज़्यादा मैंने हर चीज़ मैं सुंदरता का संगीत देखा 65 00:04:00,458 --> 00:04:02,709 उतना ही मुझे ख़ुद में वही सुंदरता दिखने लगी 66 00:04:03,439 --> 00:04:07,854 मैंने बदलना शुरू किया, जो इतने समय से अपने लिए उपाधियां ले कर चल रही थी 67 00:04:07,854 --> 00:04:12,891 उतनी पतली नहीं,उतनी सुंदर नहीं, उतनी गुण वान नहीं, उतनी अछी नहीं 68 00:04:13,811 --> 00:04:16,654 मुश्किल होता है पुरानी आदत को बदलना 69 00:04:16,654 --> 00:04:19,305 ख़ुद को इतने समय से ऐसे तोलना 70 00:04:19,305 --> 00:04:21,839 और बहुत बार बिना जाने 71 00:04:22,209 --> 00:04:23,738 यह बहुत डरावना भी हो सकता है 72 00:04:24,138 --> 00:04:26,143 मुझे अपनी इस सुखद आदत को छोड़ना पड़ा 73 00:04:26,143 --> 00:04:28,030 की मैं क्या सोचती हूँ की मैं क्या हूँ 74 00:04:28,030 --> 00:04:30,677 इस सम्भावना के लिए कि मैं क्या हो सकती हूँ 75 00:04:33,907 --> 00:04:35,366 बहुत मुश्किल है 76 00:04:35,776 --> 00:04:38,762 बहुत सहास चाहिए, आप जानते ही हैं 77 00:04:38,762 --> 00:04:41,142 लेकिन जैसा कि एक समझदार मछली ने कहा है, 78 00:04:41,142 --> 00:04:42,438 (ठहाका) 79 00:04:42,438 --> 00:04:43,657 "बस तैरते रहो। 80 00:04:43,657 --> 00:04:46,017 तैरना तैरना, हम और क्या करते हैं? 81 00:04:46,017 --> 00:04:51,705 हम तैरते हैं, (हँसना) ध्यंवाद, ऐलन और पिक्सार " 82 00:04:51,705 --> 00:04:54,429 (ठहाका) (तालियाँ) 83 00:04:55,299 --> 00:04:56,547 डोरी 84 00:05:00,277 --> 00:05:04,188 डार का ना होना सहास नहीं है 85 00:05:04,648 --> 00:05:09,384 सहास है जब आप तैरते रहें और डर और शंका की आवाज़ से उँचा गा सकें 86 00:05:10,204 --> 00:05:12,239 और आज जब आप इन सब वक्ताओं को सुन रहे हें 87 00:05:12,239 --> 00:05:13,721 मैं आप सबको निमंत्रित करती हूँ की आप अभ्यास करें 88 00:05:13,721 --> 00:05:16,491 इन में से हर किसी के सामर्थ्य और सुंदरता को देखने की 89 00:05:16,491 --> 00:05:19,168 और उससे भी ज़्यादा ऊपर और आगे देखने की 90 00:05:19,808 --> 00:05:22,007 जब आप उन्हें आगे बढ़ने का मौक़ा व प्रोत्साहन देंगे 91 00:05:22,007 --> 00:05:25,019 आप देखेंगे उसी शक्ति का प्रतिबिम्ब आप को मिलता है 92 00:05:25,019 --> 00:05:27,540 क्यूँकि यह सब यहाँ अपना अनुभव बाँटने आए हैं 93 00:05:27,540 --> 00:05:30,608 जो आप सब एक अलग नयी ऊँचायी पर ले जा सकते हें अपने अलग ढंग से 94 00:05:30,838 --> 00:05:32,051 धन्यवाद 95 00:05:32,051 --> 00:05:34,172 (तालियाँ)