1 00:00:15,316 --> 00:00:17,710 मैं एक ऐसी पृष्‍ठभूम‍ि से आता हूं 2 00:00:17,720 --> 00:00:20,851 जहां मैंने अपने किसी भी पुरूष पर‍िजन को 3 00:00:20,851 --> 00:00:22,061 रोते नहीं देखा। 4 00:00:28,938 --> 00:00:33,131 भावनाओं को क‍िसी भी स्‍तर पर जताने की 5 00:00:33,131 --> 00:00:35,839 असमर्थता के बारे में मैं प्रश्‍न करने लगा। 6 00:00:39,208 --> 00:00:42,225 इसमें दुर्बल और सुभेद्य होना वर्ज‍ित है। 7 00:00:46,845 --> 00:00:49,831 कला मेरे ल‍िए वह मार्ग बन गयी ज‍िसमें मैं 8 00:00:51,230 --> 00:00:54,860 इन दुर्बलताओं को अनुभव कर सकता था, 9 00:00:54,860 --> 00:00:56,767 उन्‍हें धारण कर सकता था और 10 00:00:56,767 --> 00:00:59,169 एक न‍िकटतम श्रोता के साथ साझा कर सकता था। 11 00:01:01,660 --> 00:01:04,473 [शॉन ल‍ियोनार्डो: संचरण की स्‍वतंत्रता] 12 00:01:05,628 --> 00:01:07,892 [ खेल उद्घोषक] क्‍वार्टरबैक न‍िकल गया, 13 00:01:07,912 --> 00:01:09,757 -एक पास फेंकता है जो 14 00:01:09,757 --> 00:01:12,789 शॉन ल‍ियोनार्डो ने लगभग दे मारा। 15 00:01:13,223 --> 00:01:15,440 मैंने दस वर्षों से अध‍िक फुटबॉल खेला है। 16 00:01:19,160 --> 00:01:21,613 मेरा सारा काम कलाकार और धावक के बीच की 17 00:01:21,613 --> 00:01:23,849 उसी दोहरी पहचान के अनुभव से उपजाा है। 18 00:01:25,038 --> 00:01:27,669 मुझे याद है, जैसे क‍ि यह कल ही की बात हो, 19 00:01:28,259 --> 00:01:30,630 मेरे प्र‍िय प्रश‍िक्षक ज‍िनसे 20 00:01:30,630 --> 00:01:32,490 मेरी प्‍यारी यादें जुड़ी हैं 21 00:01:34,310 --> 00:01:36,269 मुझमें आक्रोश भरने के ल‍िए कहते हैं, 22 00:01:37,799 --> 00:01:39,839 "मैं चाहता हूं क‍ि तुम इस तरह खेलो 23 00:01:39,839 --> 00:01:42,361 मानों तुम राइकर्स से अभी र‍िहा हुए हो।" 24 00:01:46,107 --> 00:01:49,125 मैं उस समय 21 वर्ष का एक युवक था। 25 00:01:49,761 --> 00:01:52,179 आपके पास इसे स्‍वस्‍थ ढंग से 26 00:01:52,179 --> 00:01:55,020 ग्रहण करने के साधन नहीं होते। 27 00:01:55,020 --> 00:01:56,560 और तब क्‍या होता है? 28 00:01:56,560 --> 00:01:58,079 यह काम कर जाता है। 29 00:01:58,079 --> 00:02:00,469 मैं सचमुच उस आक्रोश को बाहर ले आता हूं 30 00:02:00,469 --> 00:02:01,999 जो वह मुझमें खोज रहे हैं। 31 00:02:02,339 --> 00:02:04,716 [उद्घोषक] ल‍ियोनार्डो उसे भीतर धकेलने और 32 00:02:04,716 --> 00:02:06,664 संभालने में सक्षम है। शॉन ल‍ियोनार्डो 33 00:02:06,664 --> 00:02:08,634 द्वारा खेल के बचाव का बढ‍़‍िया प्रदर्शन। 34 00:02:09,995 --> 00:02:12,323 मैं अब 40 वर्ष का हूं और 35 00:02:12,593 --> 00:02:14,763 मैं अब भी उस क्षण के बारे में सोचता हूं। 36 00:02:15,898 --> 00:02:17,838 जब आपकाेे अपने अंतर से, अपने रंग से, 37 00:02:17,838 --> 00:02:20,088 अपनी कथित पहचान से चिन्‍ह‍ित क‍िया जाता है 38 00:02:21,928 --> 00:02:24,199 तो आप एक आसानी से द‍िखाई देने वाला 39 00:02:24,199 --> 00:02:25,709 लक्ष्‍य बन जाते हो। 40 00:02:27,781 --> 00:02:30,150 इस आसानी से द‍िखाई देने में 41 00:02:30,150 --> 00:02:32,245 आप वास्‍तव में अदृश्‍य हो जाते हो। 42 00:02:32,610 --> 00:02:34,854 क्‍यों‍क‍ि लोग आपके आर-पार देख सकते हैं। 43 00:02:34,854 --> 00:02:37,354 क्‍या तुम सब तैयार हो? - हां! 44 00:02:47,569 --> 00:02:49,400 कॉलेज के बाद 45 00:02:49,400 --> 00:02:51,300 मेरे फुटबॉल के कर‍ियर के बाद 46 00:02:51,639 --> 00:02:54,540 मैं मैक्‍स‍िकन कुश्‍ती मास्‍क में गया और 47 00:02:54,540 --> 00:02:56,705 एक अदृश्‍य व‍िरोधी से लड़ा 48 00:03:00,000 --> 00:03:01,256 [लड़ाई की घंटी बजती है] 49 00:03:02,602 --> 00:03:04,154 [दर्शक जोश बढ़ा रहे हैं] 50 00:03:04,853 --> 00:03:06,397 [एल कॉनक्‍व‍िस्‍टाडोर और 51 00:03:06,397 --> 00:03:07,887 अदृश्‍य व्‍यक्‍त‍ि, 2006] 52 00:03:08,731 --> 00:03:11,140 हर स्‍पर्धा के बाद यह महत्‍वपूर्ण था क‍ि 53 00:03:11,140 --> 00:03:14,667 दर्शक शॉन ल‍ियोनार्डो के साथ रहती थी। 54 00:03:15,769 --> 00:03:18,409 यह क‍ि वह चर‍ित्र अनावृत हो जाता था। 55 00:03:18,409 --> 00:03:20,539 और आप उस व्‍यक्‍त‍ि के साथ रह जाओ 56 00:03:20,539 --> 00:03:23,040 ज‍िसे इस संघर्ष से गुजरने की आवश्‍यकता 57 00:03:23,040 --> 00:03:25,465 स्‍वयं को देखने के ल‍िए महसूस हो रही है। 58 00:03:30,040 --> 00:03:31,847 क्‍या आप कल्‍पना कर सकते हो 59 00:03:31,847 --> 00:03:33,758 क‍ि मेरे सामने कोई नहीं है? 60 00:03:33,758 --> 00:03:35,968 और इसल‍िए एक घूंसे जैसी कोई छोटी चीज़ 61 00:03:35,968 --> 00:03:37,848 आप इसे ऐसे ही दर्ज‍ कर सकते हो । 62 00:03:39,668 --> 00:03:41,718 और यद‍ि आप दर्शकों में हो 63 00:03:41,718 --> 00:03:43,797 तो आपको वास्‍तव में क्‍या समझ आएगा? 64 00:03:44,479 --> 00:03:45,539 मुझे 65 00:03:45,539 --> 00:03:47,257 [खुली हथेली पर घूंसे की आवाज] 66 00:03:48,167 --> 00:03:50,465 मुझे इसे सचमुच इस तरह नाटकीय बनाना है 67 00:03:50,545 --> 00:03:52,225 क‍ि आप इसे होता देखो 68 00:03:52,225 --> 00:03:54,471 और तब आप इसे पूरा होते देखो। 69 00:03:58,530 --> 00:04:00,729 मैं ह‍िंसा का दृश्‍य कर रहा हूं 70 00:04:01,369 --> 00:04:04,400 और अत‍िपौरूषता और आक्रोश की उस 71 00:04:04,400 --> 00:04:07,568 पहचान को व्‍यक्‍त करता हूं ज‍िसकी अपेक्षा 72 00:04:07,781 --> 00:04:09,981 एक काले शरीर से अक्‍सर की जाती है। 73 00:04:13,175 --> 00:04:14,892 और यह धारणा क‍ि 74 00:04:16,082 --> 00:04:18,395 एक काले और भूरे शरीर के रूप में हम 75 00:04:18,395 --> 00:04:20,397 व‍िश्‍व में घूमते हैं और श्‍वेत लोगों के 76 00:04:20,402 --> 00:04:22,795 प्रत‍िब‍िंब के ल‍िए दर्पण से बन जाते हैं। 77 00:04:24,825 --> 00:04:26,837 [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं] 78 00:04:27,770 --> 00:04:28,706 एक! 79 00:04:28,706 --> 00:04:29,448 दो! 80 00:04:29,448 --> 00:04:30,253 तीन! 81 00:04:30,413 --> 00:04:32,126 [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं] 82 00:04:34,310 --> 00:04:36,076 [सेल्‍फ-पोट्रेट, 2010] 83 00:04:40,182 --> 00:04:42,669 और फ‍िर उस छव‍ि को तोड़ने के तरीके 84 00:04:42,669 --> 00:04:44,529 खोजना, सीखना और पाना 85 00:04:48,799 --> 00:04:50,788 अपने पूर्णतर स्‍व को गहराई से 86 00:04:50,788 --> 00:04:52,697 च‍ित्र‍ित और अनुभव करने के ल‍िए। 87 00:04:54,075 --> 00:04:56,621 जो क‍ि इन रुढ़ियों या 88 00:04:56,621 --> 00:04:58,481 इन प्रत‍िबिंबों में कैद नहीं है। 89 00:05:02,021 --> 00:05:04,127 यही मेरी अन‍िवार्यता है। 90 00:05:04,857 --> 00:05:06,947 यही वो वस्‍तु है जो मैं 91 00:05:07,332 --> 00:05:09,728 व‍िश्‍व को देना चाहता हूं। 92 00:05:12,725 --> 00:05:14,507 क्‍या कोई वर्णन कर सकता है क‍ि 93 00:05:14,507 --> 00:05:16,190 उनके शरीर में क्‍या हो रहा था? 94 00:05:17,492 --> 00:05:19,233 मेरे ल‍िए बहुत कष्‍टदायक था। 95 00:05:19,640 --> 00:05:21,774 मुझे ल‍गा जैसे मेरा शरीर गर्म हो गया है। 96 00:05:23,784 --> 00:05:25,783 मैं इस खोज में अध‍िक से अध‍िक 97 00:05:25,783 --> 00:05:28,363 लोगों को लगाना चाहता हूं। 98 00:05:28,653 --> 00:05:31,408 ताक‍ि यह स‍िर्फ मेरे वर्णन तक सीमि‍त न हो। 99 00:05:33,330 --> 00:05:35,914 शारीर‍िक न‍िरूपण की रणन‍ीत‍ि से ही मैं 100 00:05:36,050 --> 00:05:38,543 अध‍िक लोगों को इसमें शाम‍िल कर सका। 101 00:05:40,167 --> 00:05:42,514 मैं चाहता था क‍ि लोग इसे अनुभव करें और जो 102 00:05:43,169 --> 00:05:44,911 यह प्रस्‍तुत‍ि कहना चाहती थी उसे 103 00:05:45,001 --> 00:05:47,211 अपने शरीर को कहने दें। 104 00:05:48,731 --> 00:05:50,199 [प्र‍िम‍िटिव गेम्‍स 2018] 105 00:05:52,122 --> 00:05:53,535 [दर्शक ताली बजाते हैं] 106 00:05:56,885 --> 00:05:58,216 प्रत‍िभागि‍यों ! 107 00:05:58,906 --> 00:05:59,956 तैयार! 108 00:06:03,486 --> 00:06:04,606 उसे ले आओ! 109 00:06:06,110 --> 00:06:07,640 [गोल भवन के चारों ओर 110 00:06:07,805 --> 00:06:09,705 ड्रम बजने की आवाज गूंजती है] 111 00:06:17,430 --> 00:06:18,923 बांया हां; दाह‍िना नहीं 112 00:06:21,074 --> 00:06:23,090 क्‍या तुम अमेर‍िकी महसूस करते हो? 113 00:06:27,700 --> 00:06:31,417 मैं सचमुच देखना चाहता था क‍ि सामना करने 114 00:06:31,457 --> 00:06:34,669 और संघर्ष करने के अपने अनुभवों से गुजरकर 115 00:06:35,669 --> 00:06:38,401 क्‍या हम दूसरे व्‍यक्‍त‍ि के शरीर में 116 00:06:38,401 --> 00:06:41,209 क‍िसी तरह की सच्‍चाई का अनुभव कर सकते हैं 117 00:06:41,209 --> 00:06:43,353 और इसल‍िए हम अन्‍य व्‍यक्‍त‍ि को आरंभ में 118 00:06:43,353 --> 00:06:45,033 किस तरह जानते हैं इस बारे में 119 00:06:45,033 --> 00:06:46,774 अपनी धारणा पर प्रश्‍न करते हैं। 120 00:06:50,285 --> 00:06:52,105 ब्रास बैंड शवयात्रा की धुन बजाता है 121 00:06:52,975 --> 00:06:54,226 [शोकगीत 2017] 122 00:07:00,996 --> 00:07:03,283 आप मुझसे क्‍या जानना चाहते हो? 123 00:07:06,743 --> 00:07:09,317 वह ट्रेवॉन मार्ट‍िन था। [बैंड बजता है] 124 00:07:09,821 --> 00:07:11,169 और वह नि‍हत्‍था था 125 00:07:14,885 --> 00:07:19,079 जब मैंने समाचार में ट्रेवॉन मार्ट‍िन की 126 00:07:19,625 --> 00:07:22,655 तस्‍वीर देखी तो भय का मेरा अपना अनुभव और 127 00:07:22,655 --> 00:07:24,695 दुन‍िया में मेरे बारे में ज‍िस तरह 128 00:07:24,695 --> 00:07:26,935 सोचा जा रहा है, सब सतह पर उफनने लगा। 129 00:07:29,450 --> 00:07:32,272 बातें जो मैं क्‍वीन्‍स में पले-बड़े छोटे 130 00:07:32,272 --> 00:07:36,212 भूरे बच्‍चे के रूप में दफन कर चुका था। 131 00:07:36,482 --> 00:07:38,612 मैं उन छोटे भाइयों के बारे में सोचने लगा 132 00:07:38,612 --> 00:07:40,372 ज‍िन्‍हें मैं पीछे छोड़ जाऊंगा 133 00:07:42,112 --> 00:07:44,551 तब मैं अपने आप से पूछने लगा, 134 00:07:45,507 --> 00:07:47,216 मैं ही क्‍यों यह सब कर सका? 135 00:07:48,826 --> 00:07:50,699 अच्‍छे स्‍कूल जाना 136 00:07:50,909 --> 00:07:52,849 MFA की पढ़ाई 137 00:07:52,849 --> 00:07:54,468 अपनी चाह के अनुरूप जीना 138 00:07:57,098 --> 00:07:59,080 मुझे यह समझने में लंबा समय लगा क‍ि 139 00:07:59,080 --> 00:08:00,964 मैं स‍िर्फ चाहता हूं कि दुन‍िया में 140 00:08:00,994 --> 00:08:03,053 मेरी तरह द‍िखने वाले लोग और भी हों। 141 00:08:03,213 --> 00:08:04,844 जो दुन‍िया में उसी प्रकार की 142 00:08:04,864 --> 00:08:07,224 स्‍वतंत्रता के साथ व‍िचरण कर सकें। 143 00:08:09,764 --> 00:08:12,121 ठीक है हम स‍िर्फ चलेंगे 144 00:08:14,671 --> 00:08:16,802 स्‍वाभाव‍िक ढंग से चलो 145 00:08:18,542 --> 00:08:20,956 ज‍ितना हो सके उतनी जगह लो 146 00:08:21,866 --> 00:08:23,586 अपनी चाल चलो। 147 00:08:25,160 --> 00:08:27,030 [शॉन असेम्‍बली के सह संस्‍थापक हैं 148 00:08:27,030 --> 00:08:29,070 अलाभकारी संस्‍था जो अपराध न्‍याय है। 149 00:08:31,670 --> 00:08:33,740 [यहां दुर्व्यवहार, अपराध और हथि‍यार के 150 00:08:33,790 --> 00:08:35,713 आपराध‍िक संग्रहण में आरोप‍ित युवा 151 00:08:35,913 --> 00:08:38,043 वैकल्‍प‍िक सजा में भाग लेते हैं] 152 00:08:39,838 --> 00:08:42,090 हम ज‍िसे मैं दृश्‍य कथा पाठ्यक्रम कहता हूं 153 00:08:42,110 --> 00:08:44,280 वहां से गुजरते हैं। 154 00:08:46,530 --> 00:08:49,230 हम उस कहानी या स्‍मृत‍ि के 155 00:08:49,230 --> 00:08:50,836 दृश्‍य को गढ़ते हैं। 156 00:08:51,266 --> 00:08:53,366 इसल‍िए कथाकार को उसकी कहानी को ब‍िल्‍कुल 157 00:08:53,366 --> 00:08:55,727 अलग नजर‍िए से देखने द‍िया जाता है। 158 00:08:57,675 --> 00:08:59,970 उन्‍हें समझ आने लगता है क‍ि 159 00:08:59,970 --> 00:09:01,810 कैसे वह वर्णन एक व्‍यक्‍ति का है 160 00:09:03,010 --> 00:09:05,200 और आपराध‍िकता की 161 00:09:05,550 --> 00:09:07,160 पूर्वग्रह युक्‍त धारणा नहीं है। 162 00:09:07,880 --> 00:09:10,010 यद‍ि वह भागेगा तो हम सबको भागना है। 163 00:09:13,060 --> 00:09:15,665 मुझे सचमुच दार्शन‍िक संकट से जूझना पड़ा 164 00:09:16,435 --> 00:09:19,195 कि एक कला स्‍थान कार्यक्रम का न‍िर्माण 165 00:09:19,927 --> 00:09:22,121 क्‍या होता है, ज‍िसमें मैं मानता हूं कि 166 00:09:22,499 --> 00:09:25,754 केन्‍द्रीय मूल्‍य और लक्ष्‍य आजादी है। 167 00:09:25,917 --> 00:09:27,817 और फ‍िर भी वह काम करता है 168 00:09:28,627 --> 00:09:31,343 यह सचमुच एक अपराध न्‍याय का स्‍थान है। 169 00:09:35,164 --> 00:09:37,727 [मिरर, एको, ट‍िल्‍ट 2019 मेलेन‍ि क्रीन 170 00:09:37,727 --> 00:09:39,920 और सेबल एल‍िसी स्‍म‍िथ के सहयोग से] 171 00:09:40,056 --> 00:09:43,229 जो एक बात मुझे काम पर लगाए रखती है 172 00:09:44,619 --> 00:09:47,129 वह है व्‍यक्‍त‍िगत पर‍िवर्तन 173 00:09:47,129 --> 00:09:49,299 ज‍िसे मैं इन लोगों में अनुभव कर सकता हूं। 174 00:09:50,814 --> 00:09:53,394 इन युवाओं में ज‍िनके साथ मैं बड़ा हुआ हूं। 175 00:09:56,900 --> 00:09:59,210 मैं हमेशा उसी बात पर लौटता हूं। 176 00:10:00,715 --> 00:10:03,265 कला ही वह वस्‍तु है ज‍िसमें 177 00:10:03,265 --> 00:10:04,865 इस अंतर‍िक्ष में शक्‍त‍ि है 178 00:10:05,090 --> 00:10:06,590 क्‍योंकि वह अन‍िश्‍च‍ित है। 179 00:10:08,110 --> 00:10:10,520 उसे वास्‍तव में अपने शरीर में रहकर 180 00:10:11,220 --> 00:10:13,020 पर‍िभाष‍ित नहीं किया जा सकता है। 181 00:10:20,040 --> 00:10:22,020 और समझ‍िए क‍ि आपको एक अनुभव से 182 00:10:22,360 --> 00:10:24,429 पर‍िभाषित क‍िए जाने की आवश्‍यकता नहीं है। 183 00:10:25,807 --> 00:10:27,737 इस प्रसंग में गिरफ्तारी और कैद 184 00:10:30,017 --> 00:10:33,248 यह आपको आनन्‍द की थोड़ी और अनुभूत‍ि के साथ 185 00:10:33,368 --> 00:10:36,348 आगे बढ़ने देता है ज‍िसे 186 00:10:36,858 --> 00:10:40,108 टा-नाहीसी कोट्स एक "सुंदर संघर्ष" कहते हैं 187 00:10:41,838 --> 00:10:43,878 यह अपने संपूर्ण स्‍वत्‍व में रहकर होता है। 188 00:10:44,848 --> 00:10:47,678 और जीने का प्रयास करते हुए 189 00:10:48,178 --> 00:10:50,708 ज‍िसे कभी छीना नहीं जा सकता 190 00:10:52,038 --> 00:10:54,338 क‍िसी को अपने ल‍िए संभावनाओं की कल्‍पनाएं 191 00:10:54,338 --> 00:10:56,308 करने करने के ल‍िए पुन: तैयार करना 192 00:10:56,348 --> 00:10:57,898 यही है ज‍िसे पाने का प्रयास 193 00:10:57,898 --> 00:10:59,508 हम सबको करना चाह‍िए।